Moving Average Convergence Divergence (MACD) क्या है?

मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (एमएसीडी) क्या है? [What is Moving Average Convergence Divergence (MACD)? In Hindi]

मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस (एमएसीडी) एक ट्रेंड-फॉलोइंग मोमेंटम इंडिकेटर है जो एक सिक्योरिटी की कीमत के दो मूविंग एवरेज के बीच संबंध को दर्शाता है। एमएसीडी की गणना 12-अवधि के ईएमए से 26-अवधि के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (ईएमए) को घटाकर की जाती है।

उस गणना का परिणाम एमएसीडी लाइन है। एमएसीडी के नौ-दिवसीय ईएमए को "सिग्नल लाइन" कहा जाता है, फिर एमएसीडी लाइन के शीर्ष पर प्लॉट किया जाता है, जो सिग्नल खरीदने और बेचने के लिए ट्रिगर के रूप में कार्य कर सकता है। व्यापारी सुरक्षा खरीद सकते हैं जब एमएसीडी अपनी सिग्नल लाइन से ऊपर हो जाता है और जब एमएसीडी सिग्नल लाइन से नीचे हो जाता है तो सुरक्षा (Security) को बेचता है या कम एमएसीडी रणनीति क्या है करता है। मूविंग एवरेज कन्वर्जेन्स डाइवर्जेंस (एमएसीडी) संकेतकों की कई तरह से व्याख्या की जा सकती है, लेकिन अधिक सामान्य तरीके क्रॉसओवर, डाइवर्जेंस और तेजी से बढ़ते / गिरते हैं।

'मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस' की परिभाषा [Definition of 'moving average convergence divergence' In Hindi]

मूविंग एवरेज कन्वर्जेन्स डाइवर्जेंस, या एमएसीडी, तकनीकी विश्लेषण में उपयोग किए जाने वाले सबसे लोकप्रिय उपकरण या गति संकेतकों में से एक है। इसे 1970 के दशक के अंत में गेराल्ड एपेल द्वारा विकसित किया गया था। इस सूचक का उपयोग दो समय अवधि अंतरालों के बीच अंतर की गणना करके गति और इसकी दिशात्मक ताकत को समझने के लिए किया जाता है, जो ऐतिहासिक समय श्रृंखला का संग्रह है। एमएसीडी में, दो अलग-अलग समय अंतरालों के 'मूविंग एवरेज' का उपयोग किया जाता है (अक्सर एक सुरक्षा के ऐतिहासिक समापन मूल्यों पर किया जाता है), और दो मूविंग एमएसीडी रणनीति क्या है एवरेज के अंतर को लेकर एक मोमेंटम ऑसिलेटर लाइन प्राप्त की जाती है, जिसे इस रूप में भी दर्शाया जाता है। 'भिन्नता'। दो चलती औसत लेने का सरल नियम यह है कि एक छोटी समय अवधि और दूसरी लंबी अवधि की होनी चाहिए। आम तौर पर, इस उद्देश्य के लिए एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (ईएमए) पर विचार किया जाता है।

Moving Average Convergence Divergence (MACD) क्या है?

कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिंदु [Some other important points]:

  • एमएसीडी संकेतक का उपयोग उचित प्रवृत्ति होने पर किया जाना चाहिए। यह एक सीमाबद्ध बाजार में काम नहीं करता है।
  • हिस्टोग्राम में लंबी पट्टियाँ विचलन दिखाती हैं जबकि छोटी पट्टियाँ चलती औसत का अभिसरण दिखाती हैं
  • जब छोटी ईएमए लंबी ईएमए से ऊपर जाती है, तो एमएसीडी में सकारात्मक गति होती है, लेकिन जब यह लंबी ईएमए से नीचे जाती है, तो यह नकारात्मक गति का संकेत देता है।
  • जब एमएसीडी काफी बढ़ जाता है और छोटी ईएमए लंबे समय से खींचती है, तो यह एक अधिक खरीद की स्थिति का संकेत देता है
  • एमएसीडी से भी नकली संकेत मिल सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक बुलिश सिग्नल लाइन क्रॉसओवर हो सकता है लेकिन एक सुरक्षा की कीमत में भारी गिरावट हो सकती है।

इसी तरह, एक नकारात्मक क्रॉसओवर हो सकता है लेकिन अंतर्निहित की कीमत में तेज वृद्धि हो सकती है। तो पुष्टि के लिए एक घटना को लंबी अवधि के लिए देखा जाना चाहिए।

क्या एमएसीडी एक अग्रणी संकेतक है, या एक पिछड़ा हुआ संकेतक है? [Is MACD a leading indicator, or a lagging indicator?]

एमएसीडी एक Lagging Indicator है। आखिरकार, एमएसीडी में उपयोग किए जाने वाले सभी डेटा स्टॉक के ऐतिहासिक मूल्य व्यवहार पर आधारित होते हैं। चूंकि यह ऐतिहासिक डेटा पर आधारित है, इसलिए इसे अनिवार्य रूप से कीमत को "अंतराल" करना चाहिए। हालांकि, कुछ व्यापारी एमएसीडी हिस्टोग्राम का उपयोग यह अनुमान लगाने के लिए करते हैं कि प्रवृत्ति में बदलाव कब होगा। इन व्यापारियों के लिए, एमएसीडी के इस एमएसीडी रणनीति क्या है पहलू को भविष्य की प्रवृत्ति में बदलाव के प्रमुख संकेतक के रूप में देखा जा सकता है। Margin Trading क्या है? हिंदी में

एमएसीडी सकारात्मक विचलन क्या है? [What is MACD Positive Divergence? In Hindi]

एक एमएसीडी सकारात्मक विचलन एक ऐसी स्थिति है जिसमें एमएसीडी एक नए निम्न स्तर तक नहीं पहुंचता है, इस तथ्य के बावजूद कि स्टॉक की कीमत एक नए निम्न स्तर पर पहुंच गई है। इसे एक बुलिश ट्रेडिंग सिग्नल के रूप में देखा जाता है - इसलिए, "पॉजिटिव डाइवर्जेंस" शब्द। यदि विपरीत परिदृश्य होता है - स्टॉक की कीमत एक नई ऊंचाई पर पहुंच जाती है, लेकिन एमएसीडी ऐसा करने में विफल रहता है - इसे एक मंदी के संकेतक के रूप में देखा जाएगा और इसे नकारात्मक विचलन के रूप में संदर्भित किया जाएगा।

AAP के साथ भाजपा-कांग्रेस के लिए भी बेहद अहम MCD, परिणाम तय करेगा आगे की राजनीति

दिल्ली एमसीडी का चुनाव परिणाम ना केवल आम आदमी पार्टी के लिए अहम है बल्कि भाजपा और कांग्रेस के लिए भी बहुत मायने रखता है। यह परिणाम आगे की राजनीति कि दशा और दिशा तय करने वाला है।

AAP के साथ भाजपा-कांग्रेस के लिए भी बेहद अहम MCD, परिणाम तय करेगा आगे की राजनीति

दिल्ली महानगर पालिका (MCD) का चुनाव इस बार आगे की राजनीति की दिशा और दशा तय करने वाला है। इस चुनाव के परिणाम ना केवल आम आदमी पार्टी बल्कि भाजपा और कांग्रेस के लिए भी बहुत मायने रखते हैं। बुधवार को एमसीडी चुनाव के परिणामों का ऐलान होगा। बता दें कि पिछले 15 साल से दिल्ली की सिविक बॉडी पर भाजपा का ही राज है। चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी में ही था।

यह चुनाव ज्यादा अहम इसलिए हो जाता है क्योंकि अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं और आम आदमी पार्टी विजयी होती है तो जाहिर सी बात है पूरे देश की राजनीति में आप का प्रभाव बढ़ेगा। 2024 के चुनाव के लिए भी आम आदमी पार्टी की अच्छी भूमिका बन जाएगी। वहीं भाजपा और कांग्रेस के लिए भी यह चुनाव मायने रखता है ताकि देश की राजधानी में उनका अस्तित्व प्रासंगिक रहे।

बात करें कांग्रेस की तो दित्ली विधानसभा में 2013 से ही कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई नहीं है। दिल्ली में कांग्रेस का एक भी संसद नहीं है। एमसीडी में आम आदमी पार्टी 2017 में ही कांग्रेस से विपक्ष का भी दर्जा छीन चुकी है। अब कांग्रेस के अस्तित्व को दिल्ली में खतरा ही नजर आ रहा है।

क्या कहते हैं एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल की बात करें तो ज्यादातर सर्वे आम आदमी पार्टी के ही पक्ष में हैं। एमसीडी दिल्ली शहर के 95 फीसदी सिविक सेवाओं के लिए जिम्मेदार है। इंडिया टुडे ऐक्सिस माइ इंडिया के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 149 से 171 कैे बीच सीटें दीगई हैं। वहीं पिछली बार 181 सीट जीतने वाली भाजपा को 69 से 91 के बीच सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। इसके अलावा कांग्रेस के लिए अनुमान है कि पार्टी सिंगल डिजिट में ही रह जाएग। न्यूज-एक्स जन की बात एग्जिट पोल की बात करें तो आम आदमी पार्टी को 150 से 175 के बीच सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं भाजपा 72 से 92 के बीच सीटें जीत सकती है।

इस साल एमसीडी में यूनिफिकेशन किया गया था जिसके बाद सीटें 272 से घटकर 250 हो गई थीं। इस चुनाव में कुल 50.48 फीसदी मतदान हुआ था। यह पिछली बार के चुनाव से लगभग चार फीसदी कम था। कई पॉश इलाकों में केवलल 40 फीसदी ही वोटिंग हुई, जबकि ग्रामीण और दंगा प्रभावित हुई नॉर्थईस्ट दिल्ली में वोटिंग पर्सेंटेज 60 फीसदी के करीब रहा। दक्षिण दिल्ली के एंड्रयूज गंज में सबसे कम वोटिंग हुई

राजनीतिक दलों का क्या है दांव पर?
2017 के एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी पहली बार किस्मत आजमा रही थी। उसके बाद से लगातार पार्टी भाजपा के खिलाफ एमसीडी में भूमिका बना रही है। उसने भाजपा पर वित्तीय प्रबंधन को लेकर और सफाई को लेकर लगातार निशाना साधा। एग्जिट पोल में यही बताया जा रहा है कि अब एमसीडी पर पूरी तरह से आम आदमी पार्टी का नियंत्रण होगा। आम आदमी पार्टी को अस्तित्व में आए एक दशक पूरा हो चुका है। एमसीडी चुनाव में सफलता मिला उसके लिए बड़ी बात होगी क्योंकि उसकी गिनती भाजपा के मुख्य प्रतिद्वंद्वियों में होने लगेगी। अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं तो एक साल के अंदर यह आम आदमी पार्टी की दूसरी बड़ी जीत होगी। इससे पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी चुनाव में बड़ी ज जीत दर्ज कर चुकी है।

2017 के चुनाव में क्या हुआ था
2017 के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने सफलता हासिल की थी। उसने 48 सीटें जीतकर कांग्रेस से विपक्ष का भी दर्जा छीन लिया था। अगर भाजपा को इस बार जीत नहीं मिलती है तो दिल्ली की राजनीति में उसके अस्तित्व पर संकट आ जाएगा। 1998 के बाद से भाजपा को दिल्ली की सत्ता नहीं मिली है। वर्तमान में दिल्ली विधानसभा में भाजपा के केवल आठ विधायक हैं। हालांकि सांसदों की बात करें तो दिल्ली में सारे सांसद भाजपा के ही हैं।

MCD इलेक्शन रिजल्ट एमएसीडी रणनीति क्या है 2022: जीत के बाद बोले केजरीवाल- हो गई राजनीति, सबका साथ-PM का आशीर्वाद चाहिए

Delhi Municipal Corporation Election Result 2022 Live Counting Updates: आम आदमी पार्टी ने 15 सालों तक एमसीडी की सत्ता पर बैठी बीजेपी को हरा दिया है. चुनाव में कांग्रेस फिसड्डी साबित हुई.

MCD इलेक्शन रिजल्ट 2022: जीत के बाद बोले केजरीवाल- हो गई राजनीति, सबका साथ-PM का आशीर्वाद चाहिए

Delhi MCD Election Result News: दिल्ली में नगर निगम चुनाव (MCD Elections) के नतीजे घोषित हो गए हैं. आज 1349 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हुआ. आम आदमी पार्टी का एमसीडी पर कब्जा हो गया है, वहीं 15 साल बाद बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई है. आप को 134, बीजेपी को 104, कांग्रेस को 9 और अन्य को 3 वार्ड पर जीत मिली. दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों में 4 दिसंबर को वोटिंग हुई थी और सिर्फ 50 फीसदी वोटरों ने मतदान किया था. इससे पहले टीवी 9 भारतवर्ष ने एग्जिट पोल किया था और इस एग्जिट पोल में भी आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलता दिख रहा था.

एमसीडी चुनाव मतगणना के नतीजों में आम आदमी पार्टी को सफलता मिलने के साथ ही पार्टी दफ्तर पर जश्न शुरू हो गया. आप के दफ्तर पर जुटे कार्यकर्ताओं-समर्थकों ने पार्टी के झंडे लहराए और ढोल-नंगाड़ों की थाप पर डांस किया. इस दौरान मिठाई भी बांटी गई.

MCD में लूटपाट और लैंटर से वसूली बंद करेंगे: दिल्ली CM

जीत पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली के लोगों के बहुत बधाई देना चाहता हूं. इतनी बड़ी और शानदार जीत के लिए, इतने बड़े बदलाव के लिए मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देना चाहता हूं.दिल्ली के लोगों ने मुझे दिल्ली की सफाई, भ्रष्टाचार को दूर करने, पार्क को ठीक करने के साथ कई सारी जिम्मेदारियां दी हैं. मैं दिन रात मेहनत करके कोशिश करूंगा की आपके इस भरोसे को कायम रखूं. हमने दिल्ली सरकार में भ्रष्टाचार खत्म किया, वैसे ही MCD में लूटपाट और लैंटर से वसूली बंद करेंगे. कई बड़े नेता कहते थे कि स्कूल-हॉस्पिटल से वोट नहीं मिलते. दिल्ली की जनता ने देश को संदेश दे दिया है कि स्कूल-अस्पताल से भी वोट मिलते हैं.

प्रधानमंत्री जी का आशीर्वाद चाहिए: केजरीवाल

अहंकार करने से बड़ी-बड़ी सत्ता गिर गई है. AAP के सभी मंत्री, MLAs, पार्षद कभी भी अहंकार मत करना. जिस दिन आपने अहंकार किया, उस दिन आपका पतन पक्का है. आपको ऊपर वाला कभी माफ नहीं करेगा. जितने जीते सबको बधाई, बीजेपी-कांग्रेस वालों को भी बधाई. जो हारे मायूस मत होना, दिल्ली की सफाई में आपका भी योगदान होगा. बस, राजनीति हो गई. अब सभी को मिलकर काम करना है. प्रधानमंत्री जी का आशीर्वाद और केंद्र का सहयोग भी चाहिए.

Gujarat Election: दिल्ली MCD और गुजरात में एक साथ चुनाव कराने का असर केजरीवाल के कार्यक्रमों पर पड़ेगा?

दिल्ली में नगर निगम चुनावों के लिए मतदान 4 दिसंबर को होगा, जबकि मतगणना 7 दिसंबर को कराई जाएगी. वहीं, गुजरात में दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को मतदान होंगे.

Delhi Politics: केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा का प्रस्ताव खारिज

Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा के साथ-साथ दिल्ली MCD के लिए चुनाव भी दिसंबर महीने में हो रहे हैं. दिल्ली में नगर निगम चुनावों के लिए मतदान 4 दिसंबर को होगा, जबकि मतगणना 7 दिसंबर को कराई जाएगी. वहीं, गुजरात में दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को मतदान होंगे और नतीजे 8 दिसंबर को सामने आएंगे. ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा जोर पकड़ रही है कि दिल्ली नगर निगम और गुजरात विधानसभा के लिए एक साथ चुनाव कराने का असर अरविंद केजरीवाल के कार्यक्रमों पर भी पड़ेगा.

क्या एमएसीडी रणनीति क्या है गुजरात और दिल्ली एमसीडी चुनाव में केजरीवाल चला पाएंगे जादू?

दरअसल, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी तक सिर्फ गुजरात में चुनाव प्रचार कर रहे थे. हालांकि, अब उन्हें दिल्ली पर भी ध्यान देना होगा. दिल्ली और पंजाब की सत्ता पर काबिज होने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए अब गुजरात और एमसीडी दोनों चुनावों में बड़ा दांव लगा है. इसी के मद्देनजर, सवाल उठाए जा रहे है कि क्या दिल्ली एमसीडी और गुजरात में एमएसीडी रणनीति क्या है एक साथ चुनाव कराने का सबसे बड़ा असर अरविंद केजरीवाल के कार्यक्रमों पर पड़ेगा.

केजरीवाल के लिए क्या है चुनौती

गुजरात की सत्ता पर काबिज बीजेपी और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के खिलाफ राज्य में पहली बार चुनावी रण में उतरी आम आदमी पार्टी ने लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पार्टी का अहम चेहरा अरविंद केजरीवाल अभी तक सिर्फ गुजरात में प्रचार कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें दिल्ली पर भी ध्यान देना होगा. बताते चलें कि 2015 में दिल्ली विधानसभा में 67 जीतने के बावजूद पार्टी 2017 में एमसीडी चुनाव जीतने में विफल रही थी. जिससे बीजेपी के लिए हैट्रिक बनाने का रास्ता साफ हुआ.

चुनौती से निपटने के लिए AAP ने बनाई ये योजना

इस समस्या को सुलझाने के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने संसाधनों का बुद्धिमानी से इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है. बताया जा रहा है कि AAP ने अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव किया है और अपने स्टार प्रचारकों भगवंत मान, संजय सिंह और राघव चड्ढा को दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए उतार दिया है. इसके अलावा, दिल्ली के संयोजक और मंत्री गोपाल राय तथा दिल्ली के सह-प्रभारी विधायक दुर्गेश पाठक एमसीडी चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. साथ ही विधायक सौरभ भारद्वाज, आतिशी और एपीएमसी अध्यक्ष आदिल अहमद खान को मिलाकर एक दूसरी कोर टीम का गठन किया गया है. वे सीधे सिसोदिया के साथ काम करेंगे. इसके साथ ही दलित मतदाताओं के बड़े हिस्से को लुभाने के लिए AAP ने राजेंद्र पाल गौतम को भी एक स्टार प्रचारक बनाया है.

सर्वे में सामने आए एमएसीडी रणनीति क्या है ये नतीजे

एबीपी न्यूज के लिए सी-वोटर ने गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सर्वे किया है. सर्वे के दौरान गुजरात में 2,666 लोगों से बात की गई. सी वोटर के इस सर्वे में लोगों से सवाल पूछा गया कि एमसीडी के साथ गुजरात में चुनाव से AAP को कितना फायदा या नुकसान होगा. जवाब में 41 फीसदी लोगों ने कहा कि MCD के साथ गुजरात में चुनाव से AAP को फायदा होगा. वहीं, 40 प्रतिशत लोगों ने कहा कि एमसीडी के साथ गुजरात में चुनाव से केजरीवाल की पार्टी को नुकसान होगा. जबकि, 19 प्रतिशत लोगों का मानना है कि दिल्ली एमसीडी के साथ गुजरात में चुनाव से कोई असर नहीं होगा.

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"लोग नफरत की राजनीति नहीं चाहते. ", MCD चुनाव नतीजों में AAP के प्रदर्शन पर बोले पंजाब CM भगवंत मान

Election Results 2022 : अभी तक 177 सीटों के नतीजे आए गए हैं. जिसमें बीजेपी ने 75, आप ने 97, कांग्रेस ने 4 और निर्दलीय ने 1 सीट जीती है.

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दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के रुझानों में 'आप' बीजेपी से आगे चल रही है. एमसीडी चुनाव के नतीजों में AAP के अच्छे प्रदर्शन पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि 15 साल की कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ा था दिल्ली से और अब 15 साल की एमसीडी को भी उखाड़ दिया है. इसका मतलब ये है कि लोग नफरत की राजनीति को पसंद नहीं करते हैं, लोग बिजली, सफाई, इंफ्रास्ट्रक्चर को वोट देते हैं. अब दिल्ली की सफाई होगी.

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इससे पहले आप के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने NDTV से खास बातचीत में कहा कि "सरकारी कर्मचारियों ने बीजेपी को "डर के मारे" वोट दिए होंगे. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि "सरकारी कर्मचारियों को डर है कि अगर अधिकारी मतगणना से पहले अपने पोस्टल बैलेट खोलते हैं, तो यह पता लग जाएगा कि उन्होंने किसे वोट दिया है, ऐसे में क्या हो सकता है. इसलिए, पोस्टल बैलट काउंट के बाद शुरुआती रुझान आमतौर पर सरकार (एमसीडी और केंद्र में बीजेपी की सरकार) के पक्ष में है. जब ईवीएम खुलेंगे तो आपको निर्णायक बदलाव दिखेगा".

साल 2017 के चुनावों में भाजपा ने 270 वार्ड में से 181 पर जीत हासिल की थी, जबकि ‘आप' के खाते में 48 सीटें गई थीं. वहीं, कांग्रेस 30 वार्डों में जीत के साथ तीसरे स्थान पर रही थी. 'आप' ने इस चुनाव में 138 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, वहीं भाजपा और कांग्रेस ने क्रमश: 136 और 129 को उम्मीदवारों को उतारा है.

मतगणना केंद्र शास्त्री पार्क, यमुना विहार, मयूर विहार, नंद नगरी, द्वारका, ओखला, मंगोलपुरी, पीतमपुरा, अलीपुर और मॉडल टाउन जैसे क्षेत्रों एमएसीडी रणनीति क्या है में बनाए गए हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार सभी केंद्रों पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 20 टुकड़ियां और 10,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.

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