अमित शाह से योगी तक, जानिये कितने पढ़े-लिखे हैं BJP के कद्दावर नेता
आज भाजपा की स्थापना दिवस है. 6 अप्रैल 1980 में भाजपा की स्थापना की थी. आज इस अवसर पर हम आपको भाजपा के उन कद्दावर नेताओं के एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के बारे में बता रहे हैं, जो राजनीति की दुनिया में अपनी अलग पहचान रखते हैं. संभवत: इनके दम पर ही भाजपा आज देश की आज सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर पाई है.
नरेंद्र मोदी
देश के प्रधानमंत्री और बीजेपी के करता धरता नरेंद्र मोदी का जन्म वादनगर में साल 1950 में 17 सितंबर को हुआ. अपने माता-पिता की 6 संतानों में नरेंद्र मोदी तीसरे स्थान पर हैं. बचपन में मोदी अपने पिता के साथ चाय बेचते थे और वादनगर से ही उन्होंने अपना हायर सेकेंडरी एजुकेशन पूरा किया. नरेंद्र पढ़ाई में बहुत अच्छे नहीं नहीं थे. उनके शिक्षक उन्हें औसत छात्र का दर्जा देते थे. हां बचपन से ही उनकी दिलचस्पी डिबेट और थिएटर में जरूर थी. साल 1978 में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के डिस्टेंस एजुकेशन से पोलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया और फिर 5 साल बाद गुजरात यूनिवर्सिटी से साल 1982 में पोलिटिकल साइंस में मास्टर डिग्री हासिल की.
अमित शाह
नरेंद्र मोदी के राइट हैंड माने जाने वाले और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पोलिटिकल लाइफ को तो आप बखूबी जानते हैं, पर क्या आपको पता है कि राजनीति की दुनिया के बादशाह अमित शाह राजनीति में आने से पहले बैंक में काम करते थे. अमित शाह के पिता अनिलचंद्र शाह दरअसल बिजनेस की दुनिया से ताल्लुक रखते हैं. अमित शाह की शुरुआती पढ़ाई मेहसाना में हुई. फिर बायोकेमिस्ट्री में ग्रेजुएशन करने के लिए उन्होंने अहमदाबाद के सीयू शाह साइंस कॉलेज में एडमिशन लिया. बायोकेमिस्ट्री में बी.एससी करने की डिग्री लेने के बाद अमित शाह ने अपने पिता के बिजनेस को ज्वाइन कर लिया. यहां तक कि स्टॉक ब्रोकर के तौर पर भी उन्होंने काम किया और अहमदाबाद के को-ओपरेटिव बैंक में नौकरी भी की.
अरुण जेटली
देश के सबसे पढ़े-लिखे राजनेताओं में से एक अरुण जेटली के फैसलों और अर्थशास्त्र की गहरी समझ को देखकर आप इस बात का अंदाजा तो लगा सकते हैं कि उन्होंने अर्थशास्त्र की पढ़ाई जरूर की होगी. देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली दिल्ली हाई कोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल हुई. दिल्ली के प्रसिद्ध कॉलेज श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएट होने के बाद अरुण जेटली ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से साल 1977 में लॉ डिग्री हासिल की. अपने कॉलेज के दिनों में जेटली कॉलेज प्रेसिडेंट भी रहे. वाद-विवाद में हिस्सा लेना, क्रिकेट खेलना और पढ़ाई करना जेटली के पसंदीदा काम थे. अरुण जेटली के परिवार में कई लोग वकील थे. उनके पिता महाराज किशन जेटली भी पेशे से वकील ही थे. शायद यही वजह है कि जेटली का रुझान वकालत की ओर अपने आप हो गया.
आदित्यनाथ योगी
उत्तर प्रदेश को योगी आदित्यनाथ के रूप में अपना CM मिल गया है. भगवा वस्त्र धारण करने वाले योगी आदित्यनाथ को देखकर शायद आप इस बात का अंदाजा कभी नहीं लगा पाएंगे कि ईश्वर के अस्तित्व में अटूट भरोसा रखने वाले और हिंदूत्व की बात करने वाले योगी दरअसल, पढ़ाई में बेहद होशियार हैं. मैथ्स से ग्रेजुएट योगी आदित्यनाथ ने भले ही अपना स्ट्रीम बदल लिया हो, पर अब भी राजनीति का जोड़ घटाव में वो बेमिसाल हैं.योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड (Uttarakhand) के एक छोटे से गांव में हुआ. तब उत्तराखंड का यह हिस्सा उत्तर प्रदेश में ही था. उनकी शुरुआती शिक्षा प्राथमिक विध्यालय ठंगर में हुई थी और इसके बाद योगी ने गढ़वाल यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया, जहां से उन्होंने गणित में बीएससी की डिग्री हासिल की. हालांकि कॉलेज के दिनों में तब उन्हें लोग योगी आदित्यनाथ के नाम से नहीं जानते थे. उनका असली नाम है अजय सिंह बिष्ट. कॉलेज में अजय अपनी कक्षा के सबसे होशियार छात्रों में एक थे और यही नहीं, योगी बहुत ही अच्छे वक्ता हैं और अपने भाषण से किसी भी व्यक्ति को आकर्षित करने की क्षमता रखते हैं. अपने कॉलेज के समय से ही अपनी स्पीच क्वालिटी के लिए खूब मशहूर थे.
सुषमा स्वराज
भारतीय जनता पार्टी की नेता और देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हुआ था. 25 साल की उम्र में हरियाणा सरकार में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मिनिस्टर बनने वाली सुषमा स्वराज दरअसल राजनीति की दुनिया में आने से पहले कानून की पढ़ाई पूरी कर चुकी थीं और सुप्रीम कोर्ट में बतौर वकील प्रैक्टिस कर रही थीं. उन्होंने अम्बाला के एसडी. कॉलेज से संस्कृत और पोलिटिकल साइंस में बीए की डिग्री हासिल किया और फिर पंजाब यूनिवर्सिटी चंढ़ीगढ़ से LL.B किया. पढ़ाई के दौरान हरियाणा के भाषा विभाग द्वारा राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियागिता में सुषमा स्वराज लगातार तीन साल बेस्ट हिन्दी स्पीकर विनर रहीं. उनके भाषण को सुनकर आपको इस बात का अंदाजा लग गया होगा कि सुषमा स्वराज कितनी अच्छी वक्ता हैं.
स्मृति ईरानी
भाजपा नेता और पूर्व एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यता और डिग्री को लेकर काफी विवाद हुआ. पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री और एकता कपूर प्रोडक्शन 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' ये टीवी में अपना करियर शुरू करने वाली स्मृति ईरानी का दावा था कि उनके पास येल यूनिवर्सिटी की डिग्री है. बाद में सच्चाई सामने आई कि उन्होंने अन्य सांसदों के साथ महज 6 दिन का एक कोर्स किया था. स्मृति ने दिल्ली के होली चाइल्ड ऑक्सिलियम स्कूल से 12वीं की है. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से करोस्पोंडेंस के जरिये उन्होंने बीए डिग्री हासिल की. हालांकि साल 2011 के विधानसभा चुनाव में गुजरात से नोमिनेशन पेपर फाइल करने के दौरान स्मृति ईरानी ने खुलासा किया कि उनकी उच्चतम शिक्षा बी.कॉम पार्ट-1 तक हुई है. हालांकि उनकी शैक्षिक योग्यता पर अब भी भ्रम बना हुआ है.
जे बी कृपलानी का जीवन परिचय हिंदि मे । J. B. Kripalani Biography in Hindi
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इस लेख में, हम आपको भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, गांधीवादी, समाजवादी और राजनेता जे॰ बी॰ कृपलानी की उम्र, विकी और जीवनी के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। इसके अलावा, आप लेख के अंत तक जे॰ बी2ब्रोकर स्पीकर्स बी॰ कृपलानी के परिवार की तस्वीरें देख सकते हैं। तो, आइए हम उनके व्यक्तिगत, व्यावसायिक और राजनीतिक जीवन पर एक नज़र डालें।
जन्म और परिवार (Birth and Family)
जे॰ बी॰ कृपलानी का जन्म 11 नवम्बर 1888 को हैदराबाद के सिंध में हिंदु उच्च मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। जे॰ बी॰ कृपलानी का पुरा नाम जीवटराम भगवानदास कृपलानी था।
इनके पिताजी का नाम काका भगवानदास था। उनके पिता एक सरकरी विभाग में राजस्व और न्यायिक अधिकारी थे। जे॰ बी॰ कृपलानी कुल आठ भाई-बहन थे वो अपनी माता-पिता की छटा संतान थे।
जे॰ बी॰ कृपलानी का शिक्षा | J. B. Kripalani Education
इनकी शुरूआती शिक्षा सिंध के स्कूल में ही हुई। स्कूल कि शिक्षा बी2ब्रोकर स्पीकर्स पुरी करने के बाद कृपलानी बॉम्बे के विल्सन कॉलेज में आगे के पढाई की।
पढाई करते-करते उन्हें इंग्लिश कविताओ में काफी रुची बी2ब्रोकर स्पीकर्स आने लगी थी, वे अक्सर इंग्लिश कविताओ पढ्ते रहते। लेकिन उनकी एक खास बात यह भी थी की उन्हें इंग्लिश कविताये बहुत अच्छी लगती थी लेकिन उससे भी ज्यादा उन्हें अंग्रेज से नफ़रत थी।
जब वे कॉलेज के पढाई कर रहे थे तो उस वक्त बंगाल का विभाजन हुआ लेकिन वे शांत नही रहे और अंग्रेजो के प्रति उनका क्रोध और भी बढ़ता गया। उनके इस स्वभाव के कारण उनके कॉलेज ने उन्हें कराची के डी जे सिंध कॉलेज में जबरदस्ती भेज दिया था ताकी वे वहा पर शांत रहकर पढाई कर सके।
उसके बाद में वे पूना के फर्ग्युसन कॉलेज से सन 1908 में ग्रेजुएट हुए। उसके बाद उन्होने इतिहास और अर्थशास्त्र में M.A की डिग्री हासिल की।
आचार्य कृपलानी का विवाह – Acharya Kripalani Marriage
उनका विवाह सन 1936 में सुचेता कृपलानी से हुई। वे बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के महिला विद्यापीठ में शिक्षक थी। उनकी पत्नी भी कांग्रेस पार्टी के साथ जुरी रही। राजनितिक करियर में उन्होंने कई मंत्रिमडल में बड़े बड़े पद पर काम किया। उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री बनने वाली वे पहली महिला थी।
जे॰ बी॰ कृपलानी का करियर | J. B. Kripalani Career
उन्होने 1912 से 1917 तक बिहार के मुजफ्फरपुर कॉलेज में इंग्लिश और इतिहास के प्रोफ़ेसर पद पर काम किया। 1917 में चंपारण सत्याग्रह के दौरान वह गांधीजी से मिले वे बी2ब्रोकर स्पीकर्स गांधीजी से प्रभावित हुए वही से उनके जीवन का दूसरा दौर शुर हुआ। गांधीजी के कहने पर उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ में काम करना शुरू कर दिया।
उन्होंने सन 1920 से 1927 तक महात्मा गांधी द्वारा स्थापित किये गए गुजरात विद्यापीठ में प्रिंसिपल के रूप में काम किया। तभी से वे आचार्य कृपलानी (Acharya Kripalani) के नाम से प्रसिद्ध हुए। इससे पहले 1919 में कुछ समय के लिए उन्होंने बनारस हिन्दू कॉलेज में भी शिक्षक पद पर काम किया।
जे॰ बी॰ कृपलानी महात्मा गांधी जीन बातो पर जोर देते थे और जो सामाजिक सुधारना लाना चाहते थे उनपर ही कृपलानी काम करते थे। वे उत्तर भारत में गए और वहा पर उन्होंने नए आश्रमों की स्थापना की जिससे महात्मा गांधी द्वारा बताई गयी बातो का विस्तार किया जा सके।
उन्हें कई बार जेल में भी जाना पड़ा :- नमक सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा आन्दोलन, भारत छोड़ो आन्दोलन, आन्दोलन में हिस्सा लेने और बी2ब्रोकर स्पीकर्स लोगो को अंग्रेज सरकार के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रेरित करते की वजह से उन्हें कई बार जेल में भी जाना पड़ा था।
J. B. Kripalani Biography
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में कम समय में काफी उचे पद पर पहुच गए क्युकी भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में वे बहुत ही सक्रिय थे। कई प्रश्नों पर नेहरु जी से मतभेद हो जाने के कारण नवम्बर 1947 में उन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष पड़ से इस्तीफा दे दिया क्योंकी वे चाहते थे की कांग्रेस का नियंत्रण संसदीय संस्था पर हो लेकिन कांग्रेस बी2ब्रोकर स्पीकर्स पार्टी के अन्य सदस्य उनकी सोच के खिलाफ थे। विशेष रूप से नेहरु और पटेल का उनकी विचारधारा के विपरित थे। इसीलिए कृपलानी के बाद में डॉ राजेंद्र प्रसाद को कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया था।
उन्होंने किसान मजदूर प्रजा पार्टी की स्थापना की। बी2ब्रोकर स्पीकर्स बी2ब्रोकर स्पीकर्स कुछ समय बाद इनकी पार्टी भारत की समाजवादी पार्टी में शामिल हो गयी और एक नयी पार्टी बनी जिसका नाम प्रजा समाजवादी पार्टी रखा गया। वे कइ बार लोक सभा के सदस्य भी रहे।
जे॰ बी॰ कृपलानी की मृत्यु – J. B. Kripalani Death
19 मार्च 1982 में आचार्य कृपलानी का निधन हो गया। उस वक्त वे 94 साल के थे।
आचार्य कृपलानी की लिखी क़िताबे – J. B. Kripalani Books
आचार्य कृपलानी ने ‘माय टाइम्स’ नाम का किताब लिखा जिसमे उन्होने अपनी आत्मचरित्र लिखा था जो उनकी मृत्यु के 22 साल बाद रूपा प्रकाशक ने 2004 में प्रकाशित किया था।
विहिप एवं बजरंग दल ने की मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर हटाने की मांग
फूफ/भिण्ड। विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने फूफ थाना प्रभारी उपेन्द्र छारी को ज्ञापन दिया। जिसमें विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल ने फूूफ में मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर को हटाने की मांग की।
गौरक्षा प्रमुख विशंभर सिंह भदौरिया ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि 10वीं और 12वीं की परीक्षा फरवरी माह में कराई जाएगी, मस्जिदों पर लगे लाउड स्पीकर से होने वाली अजान से बच्चे अपनी परीक्षा की तैयारी नहीं कर पा रहे हैं, जो कोरोना की वजह से फरवरी माह में परीक्षा होनी है और लाउड स्पीकर की वजह से मन्दिरों पर साधुजनों को ध्यान करने में भी दिक्कत आ रही है, वो अपना ध्यान एकत्रित नहीं कर पा रहे है।
गौरक्षा प्रमुख विशंभर भदौरया ने कहा कि हिन्दू समाज को ऐसा लग रहा है कि इनकी मस्जिदों में इबादत नहीं युद्ध की ललकार दी जा रही है और उन्होंने अल्लाह हू अकबर रसूल अल्लाह का हिन्दी में खण्डन करते हुए कहा कि इसका मतलब यह है अल्लाह ही महान है और कोई धर्म महान नहीं है, इससे सनातन धर्म का अपमान किया जा रहा है। ज्ञापन में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज अजीत कुमार और शशिकांत गुप्ता के बी2ब्रोकर स्पीकर्स आदेश का हवाला देते हुए बताया कि जिसमें मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को यह आदेश दिया गया है कि इस्लाम धर्म में अजान इस्लाम धर्म का मुख्य अंग है, मगर इसके लिए लाउडस्पीकर की कोई जरूरत नहीं है, कर्नाटक और गोवा हाईकोर्ट भी इसी प्रकार का फैसला दे चुका है, वहां अजान के लिए लाउड स्पीकर वैन हो चुके हैं, विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल ने थाना प्रभारी से ज्ञापन के माध्यम से कहा कि फूफ में भी मस्जिदों के लाउड स्पीकर हटवाए जाएं अगर ऐसा नहीं होता है तो इसके लिए हम आंदोलन भी करेंगे।
Monsoon in Vrindavan | Gauranga Darshan Das | Day 20
बी2ब्रोकर स्पीकर्स बी2ब्रोकर स्पीकर्स
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