निजी क्षेत्र को निवेश बढ़ाने की जरूरत: मुख्य आर्थिक सलाहकार

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को कहा कि निजी क्षेत्र को निवेश बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि पिछले दशक की तरह उसी गति से निवेश जारी रखना सार्वजनिक क्षेत्र के लिये संभवत: अच्छा नहीं होगा।

केंद्र, राज्यों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का संयुक्त रूप से निवेश पिछले 10 साल में 3.5 गुना बढ़कर 21.2 लाख करोड़ रुपये हो गया जो इससे पहले 6.8 लाख करोड़ रुपये था।

उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वैश्विक आर्थिक नीति शिखर सम्मेलन में नागेश्वरन ने कहा, ‘‘दशक के दौरान जब वित्तीय क्षेत्र से इतर कंपनियां और बैंक अपने बही-खातों को दुरुस्त कर रहे थे, सार्वजनिक उपक्रमों ने मोर्चा संभाला और इस सदी के दूसरे दशक के दौरान आर्थिक वृद्धि को बनाये रखा। यह मौजूदा दशक में भी जारी है।’’

वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि यह तय करने की आवश्यकता है कि क्या उसी गति से निवेश को बढ़ाना जारी रखा जाए या निजी क्षेत्र को अर्थव्यवस्था में ‘पूंजी निर्माण के प्राथमिक इंजन’ के रूप में कार्य करने की अनुमति दी जाए।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में कंपनियों का बही-खाता और लाभ काफी सुदृढ़ है। साथ ही बैंकों और वित्तीय संस्थानों के बही-खातों को दुरुस्त किया गया है और वे कर्ज देने को तैयार हैं।

नागेश्वरन ने कहा, ‘‘इसीलिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिये संभवत: यह जरूरी या बेहतर नहीं होगा कि वे उसी गति से निवेश बनाये रखे, जैसा कि अबतक किया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पूंजीगत व्यय लगातार बढ़ेगा। लेकिन उसकी गति पिछले दशक जैसे नहीं होगी। इसका कारण हमें निजी क्षेत्र के लिये संसाधनों की की कमी नहीं करनी है और साथ यह सुनिश्चित निवेशकों को क्या जानना चाहिए? करना है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संयुक्त निवेश व्यय से अर्थव्यवस्था के लिये पूंजी की लागत बहुत नहीं बढ़नी चाहिए।’’

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर में उद्योग से जानना चाहा था कि आखिर कौन सी चीजें उन्हें विनिर्माण में निवेश से रोक रही हैं। वहीं दूसरी तरफ विदेशी निवेशकों का भारत के प्रति भरोसा बढ़ा है।

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

निजी क्षेत्र को निवेश बढ़ाने की जरूरत: मुख्य आर्थिक सलाहकार

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को कहा कि निजी क्षेत्र को निवेश बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि पिछले दशक की तरह उसी गति से निवेश जारी रखना सार्वजनिक क्षेत्र के लिये संभवत: अच्छा नहीं होगा।

केंद्र, राज्यों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का संयुक्त रूप से निवेश पिछले 10 साल में 3.5 गुना बढ़कर 21.2 लाख करोड़ रुपये हो गया जो इससे पहले 6.8 लाख करोड़ रुपये था।

उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वैश्विक आर्थिक नीति शिखर सम्मेलन में नागेश्वरन ने कहा, ‘‘दशक के दौरान जब वित्तीय क्षेत्र से इतर कंपनियां और बैंक अपने बही-खातों को दुरुस्त कर रहे थे, सार्वजनिक उपक्रमों ने मोर्चा संभाला और इस सदी के दूसरे दशक के दौरान आर्थिक वृद्धि को बनाये रखा। यह मौजूदा दशक में भी जारी है।’’

वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि यह तय करने की आवश्यकता है कि क्या उसी गति से निवेश को बढ़ाना जारी रखा जाए या निजी क्षेत्र को अर्थव्यवस्था में ‘पूंजी निर्माण के प्राथमिक इंजन’ के रूप में कार्य करने की अनुमति दी जाए।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में कंपनियों का बही-खाता और लाभ काफी सुदृढ़ है। साथ ही बैंकों और वित्तीय संस्थानों के बही-खातों को दुरुस्त किया गया है और वे कर्ज देने को तैयार हैं।

नागेश्वरन ने कहा, ‘‘इसीलिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिये संभवत: यह जरूरी या बेहतर नहीं होगा कि वे उसी गति से निवेश बनाये रखे, जैसा कि अबतक किया निवेशकों को क्या जानना चाहिए? गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पूंजीगत व्यय लगातार बढ़ेगा। लेकिन उसकी गति पिछले दशक जैसे नहीं होगी। इसका कारण हमें निजी क्षेत्र के लिये संसाधनों की की कमी नहीं करनी है और साथ यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संयुक्त निवेश व्यय से अर्थव्यवस्था के लिये पूंजी की लागत बहुत नहीं बढ़नी चाहिए।’’

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर में उद्योग से जानना चाहा था कि आखिर कौन सी चीजें उन्हें विनिर्माण में निवेश से रोक रही हैं। वहीं दूसरी तरफ विदेशी निवेशकों का भारत के प्रति भरोसा बढ़ा है।

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

LIC Dhan Varsha Plan: एलआईसी के इस प्लान में निवेश करने पर मिलेगा 10 गुना तक रिटर्न, जानें डिटेल्स

LIC Dhan Varsha, LIC Policy

आर्थिक भविष्य सुरक्षित करने के लिए बढ़िया जगह पर निवेश करना अधिक आवश्यक होता होता है. यहां हम आपको सरकार की एक ऐसी ही स्कीम के बारे में बताएंगे, जिसमे पैसा इन्वेस्टमेंट करने पर आपको 10 गुना अधिक रिटर्न मिलता है. आइए जानते हैं इस खास स्कीम के बारे में.

LIC Dhan Varsha: देश के करोड़ों लोगों ने LIC में कई पॉलिसी में निवेश किया है. LIC के प्लान्स में इन्वेस्ट (Invest) करके आप अपना और अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं. आज के समय में किसी के साथ कब कोई हादसा घटना हो जाए, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. तो ऐसे में फैमिली का आर्थिक भविष्य सुरक्षित करने के लिए बढ़िया जगह पर निवेश करना अधिक आवश्यक होता होता है. यहां हम आपको सरकार की एक ऐसी ही स्कीम (LIC Scheme) के बारे में बताएंगे, जिसमे पैसा इन्वेस्टमेंट करने पर आपको 10 गुना अधिक रिटर्न मिलता है. आइए जानते हैं इस खास स्कीम के बारे में.

जमा रकम पर 10 गुना का रिटर्न

सरकार की तरफ से यह स्कीम जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation) चला रही है. इस स्कीम का नाम एलआईसी धन वर्षा 866 योजना (LIC Dhan Varsha Plan 866) है. इस निवेशकों को क्या जानना चाहिए? स्कीम में आपको आर्थिक अनिश्चितताओं से सुरक्षा और बचत दोनों का लाभ मिलता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिंगल प्रीमियम, व्यक्तिगत, सिंगल प्रीमियम और नॉन पार्टिसिपेटिंग वाली जीवन बीमा पॉलिसी है. LIC की इस स्कीम में सिर्फ एक बार ही प्रीमियम जमा करना पड़ता है. फिर उसके बाद एक निश्चित अवधि पर आपको जमा की गई रकम का 10 गुना तक रिटर्न मिल जाता है.

स्कीम 15 साल में हो जाती है मेच्योर

LIC की इस पॉलिसी के मेच्योर होने की अवधि 15 वर्ष तय की गई है. इस स्कीम में कंस्यूमर को 2 ऑप्शन दिए जाते हैं. इसका पहला ऑप्शन जमा किए गए प्रीमियम पर 1.25 गुना रिटर्न देने का होता है. इसका मतलब कि यदि आपने एकमुश्त 10 लाख रुपये देकर पॉलिसी ली है तो 15 वर्ष बाद 12 लाख 50 हजार रुपये मिल जाएंगे. इस समयावधि यदि में निवेशक की किसी वजह से मौत हो जाती है निवेशकों को क्या जानना चाहिए? तो यह धनराशि उसके नॉमिनी को मिल जाएगी.

कंस्यूमर को मिलेगा 10 लाख का रिस्क कवर

इसके दूसरे ऑप्शन में 10 गुना रिस्क निवेशकों को क्या जानना चाहिए? कवर मिलता है. अगर आप 10 लाख की पॉलिसी लेते हैं तो आपको 1 करोड़ का रिस्क कवर शुरू हो जाता है. ऐसी स्थिति में बीमा अवधि के वक्त धारक की मौत हो जाने पर फैमिली को 1 करोड़ रुपये मिलेंगे. हम आपको इसकी खास बात बता दें कि 3 वर्ष के बच्चे से लेकर 60 वर्ष तक की उम्र तक के लिए यह पॉलिसी ले सकते हैं. LIC की इस पॉलिसी से भविष्य में आने वाली किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहते हैं.

किस उम्र में निवेश शुरू करना चाहिए?

अगर आप इस सवाल से परेशान हैं कि किस उम्र में निवेश शुरू करना चाहिए? तो इस आर्टिकल के माध्यम से आपने इस सवाल का जवाब बहुत कम शब्दों में और संतुष्टिपूर्ण दिया गया है.

दरअसल निवेश के मामले में लोगों की जागरूकता बहुत कम है, या तो वे बहुत बाद में Investment को समझ पाते हैं या कमाने और जरुरत पूरा करने के होड़ में निवेश जैसी चीजों से बचते हैं. इस बात को समझना बहुत जरुरी है की निवेश कोई डरावनी चीज नहीं है जहाँ आपको अपने संपत्ति का एक बड़ा हिंसा दाव पे लगाना है, बल्कि निवेश वह निवेशकों को क्या जानना चाहिए? प्रक्रिया है जिसे बहुत कम पैसों के साथ शुरू कर सकते हैं.

निवेश में यह अधिक महत्वपूर्ण नहीं है की आप कितना निवेश करते हैं बल्कि यह आवश्यक है की आप एक लम्बे समय तक निवेश करते जाते हैं, बिना अपने रूटीन को तोड़े, चलिए जानते हैं की किस उम्र में निवेश करना सहीं है.

किस उम्र में निवेश शुरू करना चाहिए?

निवेश के मामले में ऐसा है, इसे जितना जल्दी शुरू किया जाये उतना बेहतर है, यकीन मानिये अगर आप तीस साल तक निवेश के माध्यम से जितना पैसा बनाते हैं, निवेश अवधि को मजह 5 साल और बढ़ा देते हैं तो आपका रिटर्न दोगुना हो जायेगा जितना आपने 30 साल में बनाया उसे आप 5 साल और बढाकर दोगुना रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं, और यह इसलिए सम्भव है क्योंकि Mutual Fund SIP के जरिये आप कंपाउंडिंग ग्रोथ कर सकते हैं.

जल्दी निवेश से कंपाउंडिंग का फायदा

Power of compounding के विषय में आप जानते होगें, इसके जरिये एक छोटे से Investment को लगातार मासिक रूप से करते रहने पर आप लाखों, करोड़ों का फंड तैयार कर सकते हैं, इसके अलावा अगर आपका कोई लक्ष्य है जैसे – घर बनाना, गाड़ी खरीदना, शादी करना इत्यादि तरह के हो सकते हैं तो आपको जल्द से जल्द निवेश करना चाहिए, Mutual Fund आपको सभी तरह के निवेश लक्ष्यों के लिए निवेश विकल्प प्रदान करता है.

इसके अलावा म्यूचुअल फंड निवेश पर कम जोखिम के साथ आराम से 12 से 25% का रिटर्न बनाया जा सकता है, जो अन्य निवेश विकल्प में जैसे Bank FD पोस्ट ऑफिस स्कीम इत्यादि में सम्भव नहीं है,

कम उम्र में निवेश से फायदा

शारीरिक और मानशिक रूप से कम उम्र में जोखिम उठाने की क्षमता अधिक होती है जोकि धीरे-धीरे वक्त के साथ कम होती जाती है, एक उम्र के बाद आप जोखिम नहीं उठाना चाहते, क्योंकि अब आपके पास घर, बीवी, बच्चे की जुम्मेदारियाँ है, अगर आप कम उम्र में पैसे कमा रहे हैं तो बहुत कम रकम से से ही सहीं निवेश शुरू कर दें, इस उम्र में खर्चे भी कम होते हैं.

compounding का फायदा उठाने के लिए भी यह सहीं है क्योंकि आप कम निवेश के साथ उस व्यक्ति से आगे निकल सकते हैं जिसने अधिक रकम के साथ निवेश शुरू किया परन्तु आपसे कम समय के लिए निवेश कर पाया

क्या आप निवेश के लिए देर हो गए

नहीं ऐसा नहीं है आप जब चाहे तब निवेश शुरू कर सकते हैं, देर से शुरू करने पर आप अपना निवेश राशि बढ़ा सकते हैं, एक बात याद रखने योग्य है चाहे वह कम उम्र के निवेशक हो या अधिक उम्र के हर साल या अपने वेतन बढ़ने के आधार निवेश राशि अवश्य बढ़ाये आपने जितनी अमाउंट के साथ systematic investment plan (SIP) की है उसमे 10 फीसदी की बढ़ोतरी हर साल करें

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सरकार की ओर से बड़ी खबर निवेशको की भुगतान की प्रक्रिया हो गई शुरु जल्दी से देखे मच्योरिटी पेपर में अपना सहारा के कंपनी का नाम Sahara Latest Updates Today

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सहारा इंडिया के ऊपर हुई जबरदस्त करवाई न्यूज़ को निवेशकों को क्या जानना चाहिए? का पैसा हर हाल में 100% भुगतान होगा इसे लेकर आ रही है बड़ी खबर निवेशकों का ब्याज के साथ भुगतान होना तय हो चुका है। क्या खबर निकल कर आ रही है आज हम इस पोस्ट में पूरा बताने वाले हैं निवेशकों का भुगतान 15% ब्याज के साथ किया जा रहा है।

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सहारा इंडिया फसे पैसे को लेकर जिला उत्तर प्रदेश ने सुनवाई के निवेशकों को क्या जानना चाहिए? द्वारा सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी पर सहारा इंडिया परिवार के खिलाफ फैसला सुनाया गया जितना जल्द से जल्द 60 दिनों के अंदर निवेशकों का भुगतान किया जाए और यह आदेश 15% ब्याज के साथ पूरा पैसा भुगतान किया जाना चाहिए।

बताया जा रहा है सहारा निवेशकों को क्या जानना चाहिए? कोऑपरेटिव सोसायटी सहारा इंडिया भवन कपूर्थला कंपलेक्स अलीगंज लखनऊ की ओर से सहारा इंडिया के स्थानीय कार्यालय लोकेंद्र टॉकीज के सामने न्यू रोड के खिलाफ रेखा पति राजेश राठौड़ और उनके पिता राधेश्याम राठौर निवासी बालाजी नगर के एडवोकेट अध्यक्ष चंद्रावत के माध्यम से विभाग जिला प्रति उपभोक्ता आयोग में लगाया गया था।

सहारा इंडिया अपडेट न्यूज़

जिसको का पैसा सहारा इंडिया केरला कोऑपरेटिव सोसाइटी में फंसा हुआ था उन्हें सरकार की ओर से कहा गया था आप सेंटर रजिस्ट्रार के पास पत्र लिखकर भेजें जब लोगों ने पत्र लिखकर भेजना शुरू किया तब सेंट्रल रजिस्टार का पता बदल दिया गया था। जिसे लेकर सेंट्रल हिसार का पता चेंज कर दिया गया या नहीं पता लोधी मार्केट की तरफ चला गया जहां लोगों ने लाखों की तादाद में पत्र लिखकर भेजना शुरू किया|

इसके बावजूद भी उनका भुगतान की प्रक्रिया शुरू नहीं होती है तो आपने दी कि डीएम के पास अपनी समस्या का समाधान के लिए शिकायत दर्ज करा सकते हैं यहां से भी आप का भुगतान नहीं मिल पाता है तो आप कोर्ट में एफ आई आर दर्ज करा सकते हैं जिसके माध्यम से आप का भुगतान का आदेश दिया जाएगा और आप का भुगतान हर हाल में किया जाएगा।

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