(एक योगी और दिव्यदर्शी सद्गुरु, एक आधुनिक गुरु हैं. विश्व शांति और खुशहाली की दिशा में निरंतर काम कर रहे सद्गुरु के रूपांतरणकारी कार्यक्रमों से दुनिया के करोड़ों लोगों को एक नई दिशा मिली है. 2017 में भारत सरकार ने सद्गुरु को उनके अनूठे और विशिष्ट कार्यों के लिए पद्मविभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया है.)
Narayana Health Care
फीटल इको टेस्ट अल्ट्रासाउंड या सोनोग्राफी की तरह ही होता है जो कि एक चिकित्सक को विकसित होते भ्रूण के दिल को बेहतर तरीके से देखने में मदद करता है। फीटल इको की मदद से एक चिकित्सक जान पाता है कि भ्रूण के हृदय की संरचना कैसी है और वह ठीक से काम कर पा रहा है या नहीं।
इस टेस्ट में ध्वनि तरंगों को बच्चे के दिल की ओर केन्द्रित किया जाता है जो अंदरूनी अंगों से टकराकर वापस लौट जाती है। एक मशीन इन लौटती हुई ध्वनि तरंगों का विश्लेषण कर उन्हें कंप्यूटर स्क्रीन पर एक चित्र के रूप में दिखाती है जिसे इकोकार्डियोग्राम कहा जाता है। गर्भ में भ्रूण की उम्र एवं स्थिति के आधार पर इस टेस्ट में अलग-अलग मरीजों के लिए अलग-अलग समय लग सकता है।
इस टेस्ट की मदद से चिकित्सक जान पाता है कि हृदय के अन्दर किस तरह से रक्त प्रवाह हो रहा है और हृदय किस तरह से धड़क रहा है। अगर भ्रूण के दिल के वाल्व ठीक से काम नहीं कर रहे हैं तो उसका भी पता चल सकता है। इस टेस्ट का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे चिकित्सकों को गर्भ में ही हृदयरोगों का पता चल जाता है जिससे बच्चे के जन्म के बाद ईलाज के लिए वे आधारभूत विश्लेषण क्या है पहले से ही तैयारी कर सकते हैं।
मेरा बुनियादी लक्ष्य: धर्म से जिम्मेदारी की ओर
- नई दिल्ली ,
- 08 जून 2021,
- (अपडेटेड 11 फरवरी 2022, आधारभूत विश्लेषण क्या है आधारभूत विश्लेषण क्या है 4:50 PM IST)
समस्या यह है कि आपके जीवन में अगर कोई छोटी सी चीज गड़बड़ हो जाती है तो आप सोचते हैं कि कोई दूसरा आपकी तकलीफ का जिम्मेदार है. अगर आपके जीवन में कोई बड़ी चीज गड़बड़ हो जाती है तो आप सोचते हैं कि भगवान उसके लिए आधारभूत विश्लेषण क्या है जिम्मेदार है. आप खुद को किसी चीज के लिए जिम्मेदार नहीं मानते. इसे बदलने का यही समय है. हमें यह समझने की जरूरत है कि हमारी सारी समस्याओं का स्रोत हमारे भीतर ही है और अगर हम समाधान चाहते हैं तो वो भी हमारे अंदर ही हैं, कहीं बाहर नहीं हैं. यह बहुत महत्वपूर्ण है - आप कौन हैं, आप क्या हैं, और आप क्या नहीं हैं, इसकी जिम्मेदारी आपके पास आनी चाहिए. मेरा यह बुनियादी लक्ष्य है: आपको धर्म से जिम्मेदारी की ओर ले जाना.
लेखांकन का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definitions of Accounting)
लेखांकन का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definitions of Accounting) : आधुनिक युग में व्यवसाय के आकार में वृद्धि के साथ-साथ व्यवसाय की जटिलताओं में भी वृद्धि हुई है। व्यवसाय का सम्बन्ध अनेक ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं तथा कर्मचारियों से रहता है और इसलिए व्यावसायिक जगत में सैकड़ों, हजारों या लाखों लेन-देन हुआ करते हैं। सभी लेन-देनों को मौखिक रूप से याद रखना कठिन व असम्भव है।
लेखांकन का अर्थ
अर्थ (Meaning) – सरल शब्दों में, लेखांकन का आशय वित्तीय स्वभाव के सौदों (या लेन-देनों) को क्रमबद्ध रूप में लेखाबद्ध करने, उनका वर्गीकरण करने, सारांश तैयार करने एवं उनको इस प्रकार प्रस्तुत करने से है जिससे उनका विश्लेषण (Analysis) आधारभूत विश्लेषण क्या है व निर्वचन (Interpretation) हो सके। लेखांकन में सारांश का अर्थ तलपट (Trial Balance) बनाने से है और विश्लेषण व निर्वचन का आधार अन्तिम खाते (Final Accounts) होते हैं जिनके अन्तर्गत व्यापार खाता, लाभ-हानि खाता तथा चिट्ठा/स्थिति-विवरण या तुलन-पत्र (Balance आधारभूत विश्लेषण क्या है Sheet) तैयार किए जाते हैं।
परिभाषाएँ (Definitions) – अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटेंट्स (AICPA) ने 1961 में लेखांकन की परिभाषा निम्न प्रकार दी थी:
“लेखांकन सौदों एवं घटनाओं को, जो आंशिक रूप में अथवा कम-से-कम वित्तीय प्रवृत्ति के होते हैं, प्रभावपूर्ण विधि से एवं मौद्रिक रूप में लिखने, वर्गीकृत करने और सारांश में व्यक्त करने तथा उनके परिणामों की व्याख्या करने की कला है।”
पाठ्य वस्तु विश्लेषण का अर्थ, उदाहरण व स्त्रोत
pathya vastu vishleshan की अनेकों विधियाँ है। इनका विकास उद्देश्यों को व्यावहारिक रूप से लिखने की विधि के साथ हुआ है। मेगर तथा मिलर ने ( 1962) में उद्देश्यो को व्यावहारिक रूप में लिखने की विधियों का विकास किया। साथ ही ( 1962) मे होमे ने pathya vastu vishleshan की विधि का विकास किया। इसके बाद ' ग्लेसर ' ने ( 1963) तथा ' मेकसर ' ने ( 1965) में pathya vastu vishleshan की विधियों का विकास किया। ' डेवीज ' की अविधा अधिक उपयोगी मानी जाती हैं। pathya vastu vishleshan के लिये निम्नांकित बातों का बोध होना चाहिये। पाठ्य वस्तु विश्लेषण , pathya vastu vishleshan , विषय वस्तु क्या होता है , विषय वस्तु की रोचकता , व्याख्या और विश्लेषण , विषय वस्तु के प्रकार , विषय वस्तु का ज्ञान , विषय वस्तु का मतलब इंग्लिश में
2- क्या मैं फ़ंडामेंटल एनालिस्ट बन सकता हूँ?
आप बिलकुल बन सकते हैं। ये एक ग़लतफ़हमी है कि सिर्फ़ चार्टर्ड अकाउंटंट या कॉमर्स के बैकग्राउंड वाले लोग ही अच्छे फ़ंडामेंटल एनालिस्ट बन सकते हैं। एक अच्छा फ़ंडामेंटल एनालिस्ट बनने के लिए आपको बस कुछ चीज़ें सीखनी होंगी। :
- वित्तीय स्टेटमेंट को समझना
- हर बिज़नेस को उसकी इंडस्ट्री के परिप्रेक्ष्य के साथ समझना होगा
- ज़रूरी गणित को जानना होगा
इस अध्याय में हम ऊपर की लिस्ट में से पहली दो चीज़ों को सीखेंगे जिससे हमें फ़ंडामेंटल एनालिसिस आ सके।
1.3 – मुझे टेक्निकल एनालिसिस आती है, फंडामेंटल एनालिसिस समझने की क्या जरुरत है?
टेक्निकल एनालिसिस आपको छोटे फ़ायदे दिलाती है। ये आपको बाज़ार में एंट्री और एग्ज़िट का सही समय बताती है। लेकिन ये सम्पत्ति बढ़ाने का सही तरीका नहीं है। आप अमीर तभी बन सकते हैं जब आप अच्छा लांग टर्म निवेश करें। वैसे अच्छा ये होगा कि आप टेक्निकल ऐनालिसिस और फ़ंडामेंटल ऐनालिसिस दोनों को इस्तेमाल करें। इसे समझने के लिए एक बार फिर से आयशर मोटर्स के चार्ट पर नज़र डालते हैं।
मान लीजिए एक निवेशक आयशर मोटर्स को फंडामेंटल तौर पर मजबूत शेयर मानकर उस में निवेश करता है। उसने 2006 में कंपनी के शेयर में पैसे लगाए , जैसा कि आप चार्ट में देख सकते हैं कि 2006 से 2010 के बीच में स्टॉक ने कोई खास पैसे नहीं बनाए। शेयर में तेजी 2010 के बाद ही शुरू हुई। इसका यह भी मतलब हुआ कि फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर किए गए इस निवेश में आयशर मोटर्स ने निवेशक को अच्छा रिटर्न नहीं दिया। 2006 से 2010 के बीच इस निवेशक ने अगर छोटे-छोटे ट्रेड किए होते तो उसको ज्यादा फायदा हो सकता था। टेक्निकल एनालिसिस इस तरह आधारभूत विश्लेषण क्या है के छोटे सौदों के लिए फायदेमंद होता है । इसीलिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस का इस्तेमाल साथ – साथ करना चाहिए। इसी पर आधारित है पैसे निवेश करने की एक महत्वपूर्ण रणनीति जिसको कोर सैटेलाइट स्ट्रैटेजी ( The Core Satellite Strategy ) कहते हैं।
1.4 फंडामेंटल एनालिसिस के टूल्स यानी उपकरण
फंडामेंटल एनालिसिस के लिए इस्तेमाल की जाने वाले टूल्स बहुत ही साधारण होते हैं जो कि सबके लिए मुफ्त में उपलब्ध हैं। इसके लिए आपको चाहिए :
- कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट – फंडामेंटल एनालिसिस के लिए आपको जो भी सूचनाएं चाहिए वह कंपनी की एनुअल रिपोर्ट यानी वार्षिक रिपोर्ट में होती हैं आप आधारभूत विश्लेषण क्या है इसे कंपनी के वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
- इंडस्ट्री से जुड़ा डेटा – यह जानने के लिए कि कंपनी कैसा काम कर रही है आपको इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ डेटा भी चाहिए। यह डेटा भी मुफ्त उपलब्ध होता है। इसके लिए आपको उस इंडस्ट्री एसोसिएशन यानी संगठन की वेबसाइट पर जाना होता है।
- समाचार या खबरों पर नज़र – हर दिन की खबर आपको कंपनी के बारे में , इंडस्ट्री के बारे में और अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी देती रहती है। एक अच्छा समाचार पत्र या न्यूज़ चैनल आपके लिए काम आ सकता है।
- माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल ( MS Excel ) – हालांकि ये मुफ्त नहीं है लेकिन यह आपके फंडामेंटल एनालिसिस की गणनाओं के लिए काफी जरूरी है।
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