* संगठित भारतीय मुद्रा बाजार में वर्तमान में विभिन्न के लिए निम्न संघटक (Instruments) कार्य कर रहे हैं :
वित्तीय बाजार क्या है ? Financial Market meaning in hindi .
बाजार किसी अर्थव्यवस्था का वह अंग है, वचनातिरक (fund surplus) वित्तीय बाजारों के प्रकार पक्ष और अवाभाव (tund scarce) पक्ष के बीच धन का (transaction) होता है। यह लेन-देन व्याज (intrest)अथवा लाभांश (dividend) के आधार पर सम्पन होता है।
1. इस भौतिक रूप से विद्यमान बाजार में धन का लघु अवधि (short term) या दीर्घ अवधि (Long term) के लिए हो सकता है। प्रत्येक ऐसा लेन देन जिसकी समय सीमा 1 दिन से 364 दिनों की हो सकती है, लघु अवधि का वित्त बाजार है। इसी बजार को मुद्रा बाजार (Money Market) वित्तीय बाजारों के प्रकार कहा जाता है।
इसी प्रकार एक वर्ष या इससे अधिक अवधि के इस तरह केे धन के लेन-देन को दीर्घावधिक वित्त बाजार का अंग मानते हैं जो पूँजी बाजार (Capital Market) कहलाता हैं।
* प्रत्येक वित्त बाजार के दो अंग होते हैं- मुद्रा बाजार और पूँजी बाजार- पहला लघु अवधि का वित्त बाजार और दूसरा दीर्घ अवधि का वित्त बाजार है।
Components of Money
• M1 = जनता के पास करेंसी नोट एवं सिक्के + बैंकों की मांग जमा (बचत खाता + चालू खाता) + RBI के पास अन्य जमाएँ
अर्थात् M4. द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में उपलब्ध सभी प्रकृति की तरलता (liquidity) वाली मुद्राओं की माप हो जाती है।
जैसे-जैसे हम M1, से M4 की तरफ बढ़ते हैं मुद्रा की तरलता (liquidity) घटती है। अर्थात् इनमें सर्वाधिक तरलता(liquidity) M1 की है तथा न्यूनतम तरलता M4 की है।
* तरलता (liquidity) का तात्पर्य है उनकी लघु एवं दीर्घ अवधि की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षमता। जहाँ किसी मुद्रा की उच्च तरलता (liquidity) उसे लघु अवधि की धन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बेहतर बनाता है वहीं उनके द्वारा धन की दीर्घावधिक आवश्यकता की पूर्ति नहीं की जा सकती यह भी पता चलता है।
* M1 जनता को उपलब्ध मुद्रा की वित्तीय बाजारों के प्रकार मात्रा है। इसे संकीर्ण मुद्रा (Narrow Money) भी कहते हैं, क्योंकि इसकी तरलता सबसे अधिक है और निवेश में इसकी भूमिका नहीं के बराबर है।
वित्तीय बाजार क्या है वित्तीय बाजार के घटक?
इसे सुनेंरोकेंA वित्तीय बाजार एक बाजार है जिसमें लोग व्यापार वित्तीय प्रतिभूतियाँ और कम लेन-देन लागत पर व्युत्पन्न। कुछ प्रतिभूतियों में स्टॉक और बांड कच्चे माल और कीमती धातुएं शामिल हैं, जिन्हें वित्तीय बाजारों में वस्तुओं के रूप में जाना जाता है।
इसे सुनेंरोकेंउत्तर-राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ वे हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर वित्त प्रबंधन तथा साख अथवा ऋण के लेन-देन का कार्य करती हैं। इन वित्तीय संस्थाओं को प्रायः दो वर्गों में विभाजित किया जाता है- मुद्रा बाजार की वित्तीय संस्थाएँ तथा पूँजी बाजार की वित्तीय संस्थाएँ।
भारतीय वित्त व्यवस्था को कितने भागों में बांटा गया है?
इसे सुनेंरोकेंभाग बी में विकासात्मक एवं विनियामक नीतियां दी गई हैं और इसे पाँच वित्तीय बाजारों के प्रकार खंडों में बांटा गया है: वित्तीय स्थिरता (खंड वित्तीय बाजारों के प्रकार I), वित्तीय बाज़ार (खंड II), ऋण वितरण और वित्तीय बाजारों के प्रकार वित्तीय समावेश (खंड III), वाणिज्य बैंकों के लिए विनियामक एवं पर्यवेक्षी उपाय (खंड IV), तथा संस्थागत गतिविधियां (खंड V)।
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प्राथमिक और द्वितीयक बाजार में क्या अंतर है? | इन्व्हेस्टॉपिया
प्राथमिक बाजार और द्वितीयक बाजार के बीच अंतर को समझते हैं, और सीखते हैं कि निवेशक प्रत्येक पर व्यापार में भाग लेने में सक्षम हैं।
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प्राथमिक और द्वितीयक बाजारों के बीच अंतर को समझते हैं और द्वितीयक बाजार क्यों वित्तीय बाजारों के प्रकार है जहां निवेशक लाभ में निवेश को चालू करते हैं
वित्तीय बाजार в английский
The two Governments expect that this will contribute to the stability वित्तीय बाजारों के प्रकार of global financial markets including emerging economies.
वैश्विक वित्तीय बाजारों और विश्व अर्थव्यवस्था में पश्चिमी देशों के प्रभुत्व को गम्भीर धक्का पहुंचा है।
The Western dominance of the global financial markets and the global economy as a whole has been shaken to the core.
We are working with a number of countries, financial markets and funds on these financial instruments.
वित्तीय बाजारों में यह अप्रत्याशित अव्यवस्था और परिणामस्वरूप अस्थिरता, वैश्विक समृद्धि के लिए खतरा है ।
This unprecedented turbulence in financial markets and the resulting instability threatens global prosperity.
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