5पैसा और ग्रो ब्रोकर और ट्रेडर के बीच अंतर अपने प्लेटफॉर्म पर अमेरिकी शेयर, डिजिटल गोल्ड तथा म्युचुअल फंड मुहैया कराती हैं। ऐंजल वन ने अपने प्लेटाफॉर्म पर तीसरे पक्ष के उत्पादों जैसे स्मॉलकेस, सेंसिबल और वेस्टेड आदि को जोड़ा है। 2019 में रिटेल ब्रोकरों ने अपने कारोबारी मॉडल में बदलाव लाते हुए ब्रोकिंग शाखाओं को बंद कर परिसंपत्ति प्रबंधन के क्षेत्र में उतरने की योजना बनाई थी।
डिजिटल ब्रोकरों की बढ़ी बाजार हिस्सेदारी
इस साल जुलाई के अंत तक जीरोधा, अपस्टॉक्स, ऐंजल वन (पहले ऐंजल ब्रोकिंग), 5 पैसा और ग्रो की बाजार हिस्सेदारी 53 फीसदी से ब्रोकर और ट्रेडर के बीच अंतर अधिक हो गई है और उनके कुल सक्रिय ग्राहकों की संख्या 1.26 करोड़ तक पहुंच गई। वित्त वर्ष 2019 के अंत में इन फर्मों की हिस्सेदारी 17 फीसदी थी। पांच शीर्ष पारंपरिक ब्रोकरों की कुल हिस्सेदारी इस दौरान 33 फीसदी से घटकर 22 फीसदी ही रह गई। कोविड महामारी डिजिटल ब्रोकरों के लिए अच्छा अवसर साबित हुई। महामारी के बाद ही करीब 70 फीसदी ग्राहक इनके पास आए हैं। 20 से 30 साल की युवा पीढ़ी को सहजता, एकसमान शुल्क और खाता खोलने की प्रक्रिया आसान होने की वजह से ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म खूब रास आता है।
रतन टाटा और टाइगर ग्लोबल जैसे निवेशकों की वाली कंपनी अपस्टॉक्स के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी रवि कुमार ने कहा, 'छोटे-मझोले शहरों से सक्रिय ट्रेडरों की संख्या बढ़ी है। इनमें से ज्यादातर शेयरों में पहली बार निवेश करने वाले ग्राहक हैं। महामारी के बाद इस रुझान में खासी तेजी आई है क्योंकि लोग और परिवार पारंपरिक निवेश साधन के इतर अतिरिक्त आय तलाश रहे हैं।' 5पैसा डॉट कॉम के मुख्य कार्याधिकारी और कार्यकारी ब्रोकर और ट्रेडर के बीच अंतर निदेशक प्रकाश गगदानी ने कहा, 'महामारी के बाद हमारे ग्राहकों की संख्या 180 ब्रोकर और ट्रेडर के बीच अंतर फीसदी बढ़ी है। चालू वित्त वर्ष में हम इससे भी ज्यादा ग्राहक जोडऩे की उम्मीद कर रहे हैं।' पिछले 16 महीनों में कंपनी ने 6,55,ब्रोकर और ट्रेडर के बीच अंतर 792 सक्रिय ग्राहकों को अपने ब्रोकर और ट्रेडर के बीच अंतर ब्रोकर और ट्रेडर के बीच अंतर साथ जोड़ा है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रेडिंग के बीच अंतर | Difference between Online and Offline Trading in Hindi
ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रेडिंग के ब्रोकर और ट्रेडर के बीच अंतर बीच अंतर | Difference between Online and Offline Trading in Hindi
(1) इंटरनेट और कम्प्यूटर की व्यापक असंबद्ध लोकप्रियता के साथ, ऑफलाइन ट्रेडिंग एक ऐसी अवधारणा बन गई है जिसके बारे में कभी नहीं सुना गया। हालाँकि, ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा होने से पहले, ट्रेडिंग केवल ऑफलाइन की जाती थी। ऑफलाइन ट्रेडिंग में, आप अपना ऑर्डर किसी ब्रोकर को देते हैं जो फिर आपके लिए शेयर खरीदता या बेचता है। आपका ब्रोकर यहाँ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऑफलाइन ट्रेडिंग बोझिल हो सकती है, और इसके साथ कई कमियाँ जुड़ी हुई हैं यही वजह है कि लोग अब, तकनीक की समझ रखने वाले या नहीं, ऑनलाइन ट्रेडिंग पसंद करते हैं।
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