क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंताएं
एक दिन पहले ही एक निजी टीवी चैनल के साथ बातचीत में शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा था कि आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी के अर्थव्यवस्था की वित्तीय स्थिरता पर असर को लेकर चिंतित है और इस चिंता से बैंक ने सरकार को अवगत करा दिया है.
आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर
‘‘ये महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।’’
क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते गुरुवार, 18 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया की ओर से आयोजित ‘‘सिडनी संवाद’’ में ये बातें कहीं थी। पीएम मोदी ने सभी लोकतांत्रिक देशों से साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया था कि वे क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में ना जाने दें, अन्यथा युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है। उन्होंने डिजिटल क्रांति से उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए समान सोच वाले देशों के एकजुट होने की आवश्यकता पर भी बल दिया था। पीएम मोदी के इस भाषण के बाद देश में क्रिप्टोकरंसी के भविष्य को लेकर बहस एक बार फिर तेज़ हो गई थी।
RBI आज लॉन्च करेगा डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोग्राम, इन 9 बैंकों में होगा लेनदेन
देश में डिजिटल रुपी यानी कि डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का रास्ता साफ हो आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कहा है कि डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्ट 31 अक्टूबर (मंगलवार) को शुरू होने आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर जा रहा है. इस डिजिटल रुपये को सीबीडीसी यानी कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के रूप में जाना जाएगा. रिजर्व बैंक इस डिजिटल करेंसी का पायलट लॉन्च करने जा रहा है. शुरू में यह बात सामने आ गई थी कि रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल रुपी लेकर आएगा.
रिजर्व बैंक ने यह बात पहले ही बता दी थी. अब वह दिन आ गया है जब देश की पहली डिजिटल करेंसी 31 अक्टूबर को लॉन्च होने जा रही है. अभी यह डिजिटल रुपी होलसेल सेगमेंट के लिए शुरू की जाएगी.
पायलट प्रोजेक्ट में ये बैंक शामिल
रिजर्व बैंक के हवाले से समाचार एजेंसी ‘PTI’ ने लिखा है कि पायलट प्रोजेक्ट में सेकेंडरी मार्केट ट्रांजैक्शन का सेटलमेंट होगा जिसमें सरकारी सिक्योरिटी को शामिल किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट के लिए अभी देश के 9 बैंक-स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक को शामिल किया गया है.
इस साल के बजट में डिजिटल करेंसी यानी कि सीबीडीसी को लॉन्च करने की घोषणा की गई थी. इसका ऐलान खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था. इसके बाद रिजर्व बैंक ने कहा था कि सीबीडीसी को लॉन्च करने आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर का काम चरणबद्ध तरीके से होगा और उसकी घोषणा जल्दी की जाएगी. इस तरह अब इसे लाने का रास्ता साफ हो गया है. फिलहाल यह करंसी पायलट प्रोजेक्ट में सामने आएगी जिसे बाद में आम लोगों के लिए भी पेश किया जा सकेगा.
सभी अफवाहों पर विराम
सीबीडीसी का कॉन्सेप्ट आने के साथ ही इस बात की अटकलें तेज हो गई थीं कि सरकार बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाएगी और उसके बदले अपनी डिजिटल करेंसी लेकर आएगी. अभी क्रिप्टोकरेंसी पर किसी तरह का आधिकारिक प्रतिबंध नहीं लगा है, लेकिन रिजर्व बैंक ने अपनी सीबीडीसी का ऐलान कर दिया. रिजर्व बैंक पूर्व में स्पष्ट कर चुका है कि भारत की डिजिटल रुपी या डिजिटल करेंसी का क्रिप्टोकरेंसी से कोई तुलना नहीं की जा सकती.
अगला जमाना डिजिटल करेंसी का है जिस पर पूरी दुनिया में तेजी से काम चल रहा है. भारत इस दिशा में बहुत तेजी से कदम बढ़ा रहा है जिसकी तारीफ विश्व बैंक जैसे संगठन भी खुलकर कर चुके हैं. डिजिटल रुपी या डिजिटल करेंसी भी उसी डिजिटल इकोनॉमी का अगला कदम होगा. जिस तरह मोबाइल वॉलेट से सेकंडों में ट्रांजैक्शन होता है, ठीक उसी तरह डिजिटल रुपी से भी काम होगा. इससे कैश का झंझट कम होगा जिसका बड़ा सकारात्मक असर पूरी अर्थव्यवस्था पर देखी जाएगी.
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आज से देश में डिजिटल करेंसी की होगी शुरुआत, RBI करेगा लांच, जानिए क्या है Digital Rupee, इसके फायदे और कैसे करना होगा इस्तेमाल
Digital Currency : आज देश में डिजिटल करेंसी यानी वर्चुअल करेंसी (डिजिटल रुपया) की शुरुआत होने जा रही है। इसका होल्सेल ट्रांजैक्शन में इसका इस्तेमाल होगा। हालांकि, आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। आरबीआई ने सोमवार को बयान में कहा पायलट परीक्षण के तहत सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन का निपटान किया जाएगा। अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, भुगतान प्रणाली को अधिक सक्षम बनाने और धन शोधन को रोकने में मदद मिलेगी।
Digital Rupee का इस्तेमाल सरकारी सिक्टोरिटीज के सेटलमेंट के लिए होगा। ग्राहक इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल सरकारी सिक्योरिटी में लेनदेन के लिए कर सकते हैं। इस प्रोजेक्ट में हिस्सा लेने के लिए 9 बैंको की पहचान की गई है। इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), यूनियन बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC बैंक शामिल होंगे।
देश में लॉन्च होगी अपनी Digital Currency, आरबीआई गवर्नर ने कही ये बड़ी बात
Digital Currency in India: डिजिटल करेंसी का चलन जोर पकड़ता जा रहा है और क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) की आसमान छूती कीमतों को देखकर भारत भी इसके असर से अछूता नहीं है. भारत ने अपनी डिजिटल करेंसी (India's digital currency) लाने का प्लान बनाना शुरू कर दिया है. देश के शीर्ष बैंक भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल मुद्रा पर काम करना भी शुरू कर दिया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा है कि आरबीआई खुद की डिजिटल करंसी पर काम कर रहा है. यह करेंसी पूरी तरह क्रिप्टोकरेंसी से अलग होगी.
ब्लॉकचेन तकनीक की जरूरत (blockchain technology)
उन्होंने कहा कि तकनीकी क्रांति के दौर में भारत भी पीछे नहीं रहना चाहता. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (blockchain technology) के फायदों को अपनाने की जरूरत है. गवर्नर ने यह भी कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कुछ अलग तरह की चिंताएं भी हैं.
देश में लॉन्च होगी अपनी Digital Currency, आरबीआई गवर्नर ने कही ये बड़ी बात
Digital Currency in India: डिजिटल करेंसी का चलन जोर पकड़ता जा रहा है और क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) की आसमान छूती कीमतों को देखकर भारत भी इसके असर से अछूता नहीं है. भारत ने अपनी डिजिटल करेंसी (India's digital currency) लाने का प्लान बनाना शुरू कर दिया है. देश के शीर्ष बैंक भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल मुद्रा पर काम करना भी शुरू कर दिया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा है कि आरबीआई खुद की डिजिटल करंसी पर काम आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर कर रहा है. यह करेंसी पूरी तरह क्रिप्टोकरेंसी से अलग होगी.
ब्लॉकचेन तकनीक की जरूरत (blockchain technology)
उन्होंने कहा कि तकनीकी क्रांति के दौर में भारत भी पीछे नहीं रहना चाहता. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (blockchain technology) के फायदों को अपनाने की जरूरत है. गवर्नर ने यह भी कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कुछ अलग तरह की चिंताएं भी हैं.
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