बैंक खातों के प्रकार और विशेषताएं | Types of Bank Accounts in India Hindi
इस अकाउंट को समझने के लिए एक उदहारण लेते हैं मान लेते हैं, PNB बैंक का अकाउंट एक अमेरिकन बैंक में है, लेकिन एक ऑस्ट्रेलिया की बैंक अमेरिका में कोई लेन देन करना चाहती है लेकिन इसका अकाउंट अमेरिकन बैंक में नहीं है| ऐसी स्थिति में यदि ऑस्ट्रेलिया की बैंक पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट के माध्यम से लेन देन करती है तो यह अकाउंट PNB के नोस्त्रो और ऑस्ट्रेलिया की बैंक के लिए लोरो कहलाएगा|
Vostro Account (वोस्त्रो अकाउंट)
यदि कोई विदेशी बैंक भारतीय बैंक में अकाउंट खोलती है तो यह अकाउंट वोस्त्रो अकाउंट कहलाता है, यह अकाउंट भारतीय मुद्रा में ही रखा जाता है|
Escrow Account (एस्क्रौ अकाउंट)
एस्क्रौ अकाउंट दो पार्टियों के बीच लेन देन के लिए तीसरी पार्टी के पास रहता है, यानि बैंक के पास| यह ज्यादातर रियल स्टेट में प्रयोग किया जाता है|
एक उदहारण से समझते हैं, यदि आप कोई अपार्टमेंट में फ्लैट लेना चाहते हैं और अभी फ्लैट निर्माणाधीन है, और आप पूरा पैसा सीधा बिल्डर को नहीं देना चाहते हैं|
ऐसी स्थिति में एक एस्क्रौ अकाउंट बैंक के पास खोला जाता है, आप पैसा सीधा बिल्डर को न देकर एस्क्रौ अकाउंट में जमा करेंगे और जैसे जैसे फ्लैट बनता जाएगा उसमें से पैसा बिल्डर को मिलता जाएगा|
Gilt Account (गिल्ट अकाउंट)
इस तरह का अकाउंट गवर्नमेंट सिक्योरिटीज को रखने के लिए प्रयोग किया जाता है|
आशा करते हैं इस लेख के जरिये आपका ज्ञानवर्धन हुआ होगा और हमारे आर्टिकल (Types of Bank Accounts in Hindi) से आपको जरुर लाभ हुआ होगा|
अरब एनआरओ खाता क्या है देश से भारतीय प्रवासियों के लिए पैसा भेजने का यह है कारगर तरीका, मिलेगा ज्यादा फायदा
भारत से कई लोग खाड़ी देशों में नौकरी के लिए जाते हैं। वहीं ये लोग यहाँ से अपने परिवार के लिए पैसा स्वदेश भेजते हैं लेकिन उन्हें यहाँ से पैसा भेजना कई बार महंगा पड़ता है। वहीं इस बीच इस पोस्ट के जरिये हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि किन तरीकों से आप सस्ते में कैसे स्वदेश अपने परिवार को पैसे भेज सकते हैं।
पहला तरीका
मनी ट्रांसफर तुलना टूल है अगर आप इस टूल के साथ पैसा भेजते हैं तो ये आपको महंगा नही पड़ेगा। मनी ट्रांसफर तुलना टूल के कुछ ही क्लिक से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैसे भेजने का ये सबसे अच्छा तरीका है । इससे रुपये ट्रांसफर सेवा का चयन करना आसान हो जाता है, लेकिन ऐसा करने से पहले आपको कई महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना पड़ेगा।
सबसे पहले आपको रुपये ट्रांसफर करने से पहले विनिमय दरों पर एनआरओ खाता क्या है नजर बनाएं रखनी होगी क्योंकि विनिमय दर में लगातार उतार चढ़ाव होता रहता है इसलिए जरूरी नहीं कि विदेश से धन भेजने के लिए स्थानांतरण शुल्क आवश्यक हो। फीस पर एनआरओ खाता क्या है ध्यान दें। धन हस्तांतरण करने वाली कंपनियों की तुलना करें क्योंकि अलग-अलग कंपनियों की स्थानांतरित फीस अलग-अलग होती है। वहीं इन बातों को ध्यान ररखने आपको पैसा भेजना महंगा नही पड़ेगा।
दूसरा तरीका
विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिम में सोमवार से शुक्रवार के दिन पैसे भेजने का अच्छा समय होता है। वर्किंग वीक के दौरान पैसे ट्रांसफर करने के लाइव रेट मिलते हैं। इस वजह से सोमवार से शुक्रवार के दिन पैसे भेजने चाहिये।
वहीं विदेशी मुद्रा की दरों में लगातार उतार चढ़ाव होता रहता है। जो लोग हर महीने पैसा ट्रांसफर नहीं करते हैं वो समयानुसार सर्वोत्तम दर के लिए इंतजार कर सकते हैं और ऐसा करने उन्हें पैसे ट्रान्सफर करने पर ज्यादा शुल्क नहीं लगेगा।
तीसरा तरीका
एनआरआई खाते में आप पैसा भेज सकते हैं अगर आप उतनी राशि भेजे जितनी आप चाहते हैं। यह विदेश में आपकी मेहनत की कमाई को आपके नियंत्रण में रखने की अनुमति देता है। यह आपको 24*7 हर समय कभी भी कहीं से भी सुरक्षित इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से खाता एक्सेस करने की सुविधा प्रदान करता है।
वहीं विदेशी खाते से अपने एनआरआई खाते में पैसे ट्रान्सफर करने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है। यह एटीएम के माध्यम से आसानी से मुद्रा निकालने की अनुमति भी मिलती है। यह एनआरआई बचत खाते से एनआरओ खाता खोलने के लिए फंड ट्रांसफर करने की अनुमति देता है। जिसकी मदद से आप आराम से पैसे भेज सकते हैं
वहीं पैसे भेजने के लिए जिस बैंक में आपका खाता है उसके पास आपका विवरण पहले से ही होता है, जिस बैंक में आपको पैसा ट्रांसफर करना है उस बैंक को मोबाइल नंबर, स्विफ्ट कोड, आईबीएएन नंबर और पते की आवश्यकता होगी। ज्यादातर एक्सचेंज हाउस पासपोर्ट या आईडी कार्ड मांगते हैं। यह प्रक्रिया मनी लॉन्ड्रिंग या अन्य आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए होती है।
बिना बैंक अकाउंट के कैसे ट्रांसफर कर सकते हैं राशि
यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को पैसे भेजना चाहते हैं जो आपसे दूर है और उसके पास बैंक अकाउंट नहीं है, तो पश्चिमी संघ की तरह मनीग्राम जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रेषण कंपनियों के माध्यम से भेज सकते हैं। आपको पैसे ट्रांसफर कंट्रोल नंबर रिसीवर को भेजना है और रिसीवर इसे आईडी एनआरओ खाता क्या है प्रूफ दिखाकर ले सकता है।
बैंक के KYC फॉर्म में अब पूछी जा सकती है धर्म की जानकारी, इस वजह से लिया गया फैसला
नियमों में बदलाव मुसलमानों को छोड़कर चुनिंदा धार्मिक अल्पसंख्यकों को एनआरओ अकाउंट खोलने तथा संपत्ति खरीदने की सुविधा देने के लिए किया गया है।
बैंक के KYC फॉर्म में अब पूछी जा सकती है धर्म की जानकारी, इस वजह से लिया गया फैसला
Highlights यह जरूरत हालिया फेमा एक्ट रेगुलेशंस में बदलाव के बाद महसूस हुई है। रिजर्व बैंक ने 2018 में धार्मिक भेदभाव करने वाला यह संशोधन 2018 में पारित किया।
बैंक अपने 'ग्राहक को जानो' (KYC) फॉर्म में एक नया कॉलम एनआरओ खाता क्या है जोड़ने वाला है। इसमें जमाकर्ता के धर्म की जानकारी मांगी जा सकती है। यह जरूरत हालिया फेमा एक्ट रेगुलेशंस में बदलाव के बाद महसूस हुई है। नियमों में बदलाव मुसलमानों को छोड़कर चुनिंदा धार्मिक अल्पसंख्यकों को एनआरओ अकाउंट खोलने तथा संपत्ति खरीदने की सुविधा देने के लिए किया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जब अधिकांश लोगों का ध्यान वित्तीय संकट की तरफ था तो रिजर्व बैंक ने धार्मिक भेदभाव करने वाला यह संशोधन कर दिया।
FEMA नियमों में क्या बदलाव हुए थे
विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम में 2018 में संशोधन किया गया था। नए नियम के मुताबिक इसे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों तक सीमित कर दिया गया था जो लॉन्ग टर्म वीजा रखते हैं। ये लोग भारत में रिहायशी संपत्ति खरीद सकते हैं और बैंक खाता खोल सकते हैं। संशोधन के बाद मुस्लिम प्रवासियों, म्यांमार, श्रीलंका और तिब्बत के प्रवासियों को बाहर कर दिया गया था।
क्यों पड़ी धर्म जोड़ने की आवश्यकता
फेमा नियमों में हुए बदलाव के बाद जमाकर्ताओं के धर्म जानने की आवश्यकता हुई जिससे चुनिंदा धार्मिक अल्पसंख्यकों को एनआरओ खाता क्या है एनआरओ खाता क्या है एनआरओ अकाउंट खोलने तथा संपत्ति खरीदने की सुविधा दी जा सके। इसलिए बैंक अब अपने केवाईसी फॉर्म में धर्म की जानकारी मांग सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह बदलाव 2018 में किया गया था जब अधिकांश लोगों का ध्यान वित्तीय संकट की तरफ था।
बैंक ऑफ इंडिया ने सावधि जमा दरों में वृद्धि की
मुंबई, (एजेंसी/वार्ता) : बैंक ऑफ इंडिया ने दो करोड़ रुपये से कम जमा राशि वाली सभी सावधिक जमाओं पर ब्याज दरों में वृद्धि की है। बैंक की शनिवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार नयी दरें 16 दिसंबर 2022 से प्रभावी हो गयी हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार दरों में संशोधन के बाद अब यह बैंक सामान्य ग्राहकों के लिए सात दिन से 10 वर्ष की परिपक्वता वाली जमाओं पर तीन प्रतिशत से 6.75 प्रतिशत के बीच ब्याज दर प्रदान करता है। बैंक ऑफ इंडिया वरिष्ठ नागरिकों के लिए 444 दिन और दो वर्ष से तीन वर्ष से बीच की अवधि के लिए 7.25 प्रतिशत की दर से ब्याज दर प्रदान करता है।
घरेलू ग्राहकों के साथ-साथ एनआरओ (प्रवासी सामान्य (घरेलू आय) खातों) और एनआरई (प्रवासी बाह्य आय संबंधी) जमाओं के लिए भी संशोधित ब्याज दरें लागू हैं।
बैंक ने अपनी विदेशी मुद्रा वाले प्रवासी सावधि जमा खाता (एफसीएनआर ) पर ब्याज दरों को भी एनआरओ खाता क्या है बढ़ाकर पांच फीसदी प्रति वर्ष कर दिया है।
बैंक ऑफ इंडिया ने सावधि जमा दरों में वृद्धि की
मुंबई, (एजेंसी/वार्ता) : बैंक ऑफ इंडिया ने दो करोड़ रुपये से कम जमा राशि वाली सभी सावधिक जमाओं पर ब्याज दरों में वृद्धि की है। बैंक की शनिवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार नयी दरें 16 दिसंबर 2022 से प्रभावी हो गयी हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार दरों में संशोधन के बाद अब यह बैंक सामान्य ग्राहकों के लिए सात दिन से 10 वर्ष की परिपक्वता वाली जमाओं पर तीन प्रतिशत से 6.75 प्रतिशत के बीच ब्याज दर प्रदान करता है। बैंक ऑफ इंडिया वरिष्ठ नागरिकों के लिए 444 दिन और दो वर्ष से तीन वर्ष से बीच की अवधि के लिए 7.25 प्रतिशत की दर से ब्याज दर प्रदान करता है।
घरेलू ग्राहकों के साथ-साथ एनआरओ (प्रवासी सामान्य (घरेलू आय) खातों) और एनआरई (प्रवासी बाह्य आय संबंधी) जमाओं के लिए भी संशोधित ब्याज दरें लागू हैं।
बैंक ने अपनी विदेशी मुद्रा वाले प्रवासी सावधि जमा खाता (एफसीएनआर ) पर ब्याज दरों को भी बढ़ाकर पांच फीसदी प्रति वर्ष कर दिया है।
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