JHT का full form Junior Hindi Translator होता है, यह एक लिखने वाली job होती है। JHT की परीक्षा पास करने के बाद आप को केंद्र सरकार में ट्रांसलेटर के पद पर रखा जाता है। अगर आप लिखने की प्रतिभा रखते हैं तो आपको English और Hindi दोनों की जानकारी होनी चाहिए।

फैलता है और आयोग

संक्रमण धातुए सामान्यतः रंगीन .

संक्रमण धातुए सामान्यतः रंगीन यौगिक बनाती हैं क्यों?
अथवा
संक्रमण तत्व रंगीन आयन बनाते हैं क्यों? कारण स्पष्ट कीजिए एवं एक उदाहरण दीजिए।
अथवा
`Cu^(+)` रंगहीन है जबकि `Cu^(2+)` रंगीन। स्पष्ट कीजिए।

Updated On: 27-06-2022

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Solution : संक्रमण तत्वों में `(फैलता है और आयोग n-1)d` उपकोश आंशिक रूप से भरे होते हैं। इनमें उपस्थित अयुग्‍मित इलेक्ट्रॉन दृश्य प्रकाश की ऊर्जा को अवशोषित करके उच्च ऊर्जा वाली रिक्त d-ऑर्बिटलों में चले जाते हैं और d-d संक्रमण हो जाता है। फलस्वरूप परावर्तित प्रकाश सफेद न होकर रंगीन होता है। इसलिए संक्रमण तत्वों के यौगिक अथवा आयन रंगीन होते है। उदाहरण -`Cu^(+)` रंगहीन है जबकि `Cu^(2+)` आयन नीला होता है।
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
`Cu^(+)=1s^(2),2s^(2) 2p^(6),3s^(फैलता है और आयोग 2) 3d^(10),4s^(0)` (रंगहीन)
`Cu^(+)=1s^(2),2s^(2) 2p^(6),3s^(2) 3p^(6),4s^(0)` (नीला)
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से स्पष्ट है कि `Cu^(+)` (क्यूप्रस) आयन में सभी इलेक्ट्रॉन युग्‍मित है इसलिए दृश्य प्रकाश की ऊर्जा को अवशोषित करके फैलता है और आयोग इसके इलेक्ट्रॉन उत्तेजित नहीं होते है अर्थात d-d संक्रमण नहीं होता है। फलस्रूजाप परावर्तित प्रकाश फैलता है और आयोग फैलता है और आयोग सफेद होता है इसलिए `Cu^(+)` रंगहीन होता है।
जबकि `Cu^(2+)` आयन में एक इलेक्ट्रॉन अयुग्‍मित होता है। यह दृश्य प्रकाश की ऊर्जा को अवशोषित करके उच्च ऊर्जा स्तरों में कूद जाता है और `d-d` संक्रमण हो जाता है। फलस्वरूप परावर्तित प्रकाश सफेद न होकर रंगीन (नीला) होता है। इसलिए `Cu^(2+)` आयन नीला (रगीन) होता है।

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा : एक परिचय एवं परीक्षा का प्रारूप

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), जो भारत का एक संवैधानिक निकाय है, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) जैसी अखिल भारतीय सेवाओं तथा भारतीय विदेश सेवा (IFS), भारतीय राजस्व सेवा (IRS), भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) एवं भारतीय कंपनी कानून सेवा (ICLS) आदि जैसी प्रतिष्ठित सेवाओं हेतु अभ्यर्थियों का चयन करने के लिये प्रत्येक वर्ष सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है। प्रत्येक वर्ष लाखों अभ्यर्थी अपना भाग्य आज़माने के लिये इस परीक्षा में बैठते हैं। तथापि, उनमें से चंद अभ्यर्थियों को ही “राष्ट्र के वास्तुकार” (Architect of Nation) की संज्ञा से विभूषित इन प्रतिष्ठित पदों तक पहुँचने का सौभाग्य प्राप्त होता है। ‘सिविल सेवा परीक्षा’ मुख्यत: तीन चरणों (प्रारंभिक, मुख्य एवं साक्षात्कार) में सम्पन्न की जाती है जिनका सामान्य परिचय इस प्रकार है-

मुख्य परीक्षा:

  • सिविल फैलता है और आयोग सेवा परीक्षा का दूसरा चरण ‘मुख्य परीक्षा’ कहलाता है।
  • प्रारंभिक परीक्षा का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि सभी उम्मीदवारों में से कुछ गंभीर व योग्य उम्मीदवारों को चुन लिया जाए तथा वास्तविक परीक्षा उन चुने हुए उम्मीदवारों के बीच आयोजित कराई जाए।
  • मुख्य परीक्षा कुल 1750 अंकों की है जिसमें 1000 अंक सामान्य अध्ययन के लिये (250-250 अंकों के 4 प्रश्नपत्र), 500 अंक एक वैकल्पिक विषय के लिये (250-250 अंकों के 2 प्रश्नपत्र) तथा 250 अंक निबंध के लिये निर्धारित हैं।
  • मुख्य परीक्षा में ‘क्वालिफाइंग’ प्रकृति के दोनों प्रश्नपत्रों (अंग्रेज़ी एवं हिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भाषा) के लिये 300-300 अंक निर्धारित हैं, जिनमें न्यूनतम अर्हता अंक 25% (75 अंक) निर्धारित किये गए हैं। इन प्रश्नपत्रों के अंक योग्यता निर्धारण में नहीं जोड़े जाते हैं।
  • मुख्य परीक्षा के प्रश्नपत्र अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों भाषाओं में साथ-साथ प्रकाशित किये जाते हैं, हालाँकि उम्मीदवारों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से किसी में भी उत्तर देने की छूट होती है (केवल साहित्य के विषयों में यह छूट है कि उम्मीदवार उसी भाषा की लिपि में उत्तर लिखे है, चाहे उसका माध्यम वह भाषा न हो)।
  • गौरतलब है कि जहाँ प्रारंभिक परीक्षा पूरी तरह वस्तुनिष्ठ (Objective) होती है, वहीं मुख्य परीक्षा में अलग-अलग शब्द सीमा वाले वर्णनात्मक (Descriptive) या व्यक्तिनिष्ठ (Subjective) प्रश्न पूछे जाते हैं। इन प्रश्नों में विभिन्न विकल्पों में से उत्तर चुनना नहीं होता बल्कि अपने शब्दों में लिखना होता है। यही कारण है कि मुख्य परीक्षा में सफल होने के लिये अच्छी लेखन शैली बहुत महत्त्वपूर्ण मानी जाती है।

फैलता है और आयोग

कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनाव में मतदान के समय रोडशो किया जो चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।

पार्टी के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने यह दावा भी किया कि चुनाव आयोग चुप है क्योंकि वह डरा हुआ है।

उन्होंने यह भी कहा कि आचार संहिता के उल्लंघन के ऐसे मामलों को लेकर कांग्रेस कानूनी कदम उठाने को लेकर चर्चा कर रही है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में सोमवार को अहमदाबाद के एक मतदान केंद्र में अपना वोट डाला और कहा फैलता है और आयोग कि राज्य के लोग सुनते सबकी हैं, लेकिन जो सच है उसे स्वीकार करना उनका स्वभाव है।

कांग्रेस नेता खेड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ किसी भी व्यक्ति की वोट की कीमत उतनी ही होती है जितनी प्रधानमंत्री के वोट की होती है। प्रधानमंत्री वोट करने के लिए निकलते हैं तो ढाई घंटे का रोडशो करते हैं। चुनाव आयोग की क्या मजबूरियां हैं कि उसे कुछ सुनाई और दिखाई नहीं देता।’’

PM मोदी ने वोटिंग के दिन ढाई घंटे रोड फैलता है और आयोग शो किया, आंखें मूंद बैठा रहा चुनाव आयोग- कांग्रेस

PM मोदी ने वोटिंग के दिन ढाई घंटे रोड शो किया, आंखें मूंद बैठा रहा चुनाव आयोग- कांग्रेस

आज गुजरात विधानसभा के अंतिम चरण में 93 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है. पीएम मोदी ने सुबह नौ बजे अहमदाबाद के रानिप में स्थित निशान स्कूल में मतदान किया. इस दौरान पीएम मोदी ने वहां मौजूद लोगों का अभिवादन किया. इसी को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनाव में मतदान के समय रोड शो किया, जो चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मतदान के दिन रोड शो की अनुमति नहीं है, लेकिन पीएम मोदी और उनकी पार्टी वीवीआईपी है. वे कुछ भी कर सकते हैं और उन्हें माफ कर दिया जाएगा.

चुनाव आयोग की क्या मजबूरियां हैं?

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, किसी भी व्यक्ति की वोट की कीमत उतनी ही होती है, जितनी प्रधानमंत्री के वोट की होती है. प्रधानमंत्री वोट करने के लिए निकलते हैं तो ढाई घंटे का रोड शो करते हैं. चुनाव आयोग की क्या मजबूरियां हैं कि उसे कुछ सुनाई और दिखाई नहीं देता. पवन खेड़ा ने कहा, बड़ा अफसोस होता है कि चुनाव आयोग आंख मूंदकर बैठा हुआ है. यह आचार संहिता का उल्लंघन का मामला है. ऐसा लगातार किया जा रहा है. हमें उम्मीद थी कि चुनाव आयोग कोई संज्ञान लेगा, लेकिन चुनाव आयोग फैलता है और आयोग डरा हुआ है.

पवन खेड़ा ने कहा, हमारे विधायक कांतिभाई खराड़ी लिखकर देते हैं कि उन्हें फैलता है और आयोग सुरक्षा चाहिए. रविवार रात में उन पर हमला होता है और वह किसी तरह बचते हैं. चुनाव आयोग चुप रहता है. चुनाव में प्रधानमंत्री द्वारा बच्चों के इस्तेमाल को लेकर हमने चुनाव आयोग का रुख किया, लेकिन चुनाव आयोग चुप रहा. क्या चुनाव आयोग की तरफ से भाजपा को नोटिस गया?

SSC क्या होता है? SSC में कौन-कौन सी Post होती हैं 2022 में?

आपने कई बार लोगों से SSC के बारे में सुना होगा, और आपके मन में भी ये जानने का ख्याल तो जरूर पनपा होगा के आखिर ये SSC क्या होता फैलता है और आयोग है? (SSC kya hota hai?) आज इस पोस्ट के माध्यम से आपको बताएंगे कि SSC Kya Hota Hai? और ssc me kon kon si Post hoti hai? अगर आप Interested हो तो इस Post को पूरा पढें।

Table of Contents

SSC क्या होता है?

दोस्तों चलो समझते है कि आखिर ये SSC क्या होता है? ( SSC Kya Hota Hai? ). SSC कर्मचारी चयन आयोग का संक्षिप्त रूप होता है, और English में स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (Staff Selection Commission) होता है। यह Indian Government द्वारा बनाई गई एक भर्ती प्रकिर्या है, और यह India के अलग-अलग डिपार्टमेंट्स में कर्मचारी प्रदान करने के लिए Responsible है।

अगर आपके अंदर भी Govt Job पाने की चाहत है तो आप भी SSC की तैयारी कर सकते है और अपने भविष्य को उज्जवल कर सकते है। SSC की Job पाकर देश के एक अच्छे अधिकारी बन सकते है। आज के समय में सरकारी नौकरी मिलना सचमुच एक कठिन कार्य बन चूका है। ज्यादातर गांव के लोगो तक खासकर गरीबों तक सही Information नहीं पहूंच पाती है और वह लोग Govt Job से दूर हो जाते है।

SSC kya hota hai

SSC Me Kon Kon Si Post Hoti Hai?

तो चलिए जानते है कि SSC में किस तरह की job आती है और वह परीक्षा क्या है। पर सबसे पहले हम जानेंगे कि SSC की Full Form क्या होती है और फिर आगे जानेंगे।

SSC CGL क्या होता hai? (what is SSC CGL ?)

अब जब बात CGL की आती है तो, यह भी SSC द्वारा ली जाने वाली परीक्षा है। इस Exam को ग्रेजुएट Clear होने के बाद कोई भी दे सकता है, और आपको इसमें आवेदन करना होगा अगर आप CGL की परीक्षा देना चाहते हो। इस परीक्षा में हर साल लाखों Candidate आवेदन करते है, और Exam में बैठते है। और इस परीक्षा में आवेदन के लिए कैंडिडेट की Minimum Age 18 Years तथा Maximum Age 32 Years होती है।

CGL का फुल फॉर्म क्या होता है (What is Full Form of CGL)

CGL का full form ‘Combined Graduate Level‘ Examination है, जो कि Graduation Complete करने कि बाद दिया जाने वाला Exam होता है।

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