विदेशी मुद्रा परिचालन

एसआईटीबी में विदेशी मुद्रा डीलिंग डेस्क, सभी आधुनिक संचार सुविधाओं, रिउटरस स्वचालित-डीलिंग प्रणाली के माध्यम से अपनी सभी अधिकृत शाखाओं के साथ विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए ऑनलाइन भाव प्रदान करता है.

बैंक निर्यात और आयात के व्यापार में लगे हुए अपने ग्राहकों की विदेशी मुद्रा की आवश्यकताओं को पूरा करता है और एसआईटीबी सभी विश्व की प्रमुख मुद्राओं जैसे अमेरिकी डॉलर ($), स्टर्लिंग पाउंड, यूरो, स्विस फ्रैंक (स्विस फ्रैंक), जापानी येन और अन्य विदेशी मुद्राओं के रूपांतरण के लिए दरें प्रदान करता है. बैंक के ग्राहकों की सेवाओं में विभिन्न डेरिवेटिव उत्पाद और फॉरवर्ड ऑनलाइन मुद्रा विनिमय कैसे काम करता है कवर उपलब्ध कराने के द्वारा विदेशी मुद्रा जोखिम की हेजिंग शामिल हैं.

अपनी अधिकतर विदेशी शाखाएं उन स्थानों पर स्थित होने के कारण जहां अधिक मात्रा में अनिवासी भारतीय रह रहे हैं, बैंक अपने एनआरआई ग्राहकों को तुरंत और कुशलतापूर्वक अपने उत्पाद वितरित करने की स्थिति में है. उत्पाद की रेंज में प्रेषण सुविधाएं और भारतीय रुपए (एनआरई/एनआरओ) में जमा राशि की स्वीकृति के साथ नामित विदेशी मुद्राओं (एफसीएनआर) शामिल हैं. निवासी के साथ साथ भारत लौटने वाले भारतीय निवासी विदेशी मुद्रा खातों (आरएफसी) का लाभ उठा सकते हैं.

ट्रेजरी (विदेशी मुद्रा) उत्पाद के मामले में सहायता के लिए आप एसआईटीबी, मुंबई में हमारे निम्नलिखित प्रभारियों से संपर्क कर सकते है.

इमेज – प्रधानाचार्य का संदेश

मानव पूंजी किसी भी संगठन की सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण संसाधनों में से एक है, यही कारण है कि कर्मचारियों को सबसे मूल्यवान संपत्ति माना जाता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि इस मानव पूंजी का पोषण और विकास एक संरचित प्रशिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से किया जाये, ऑनलाइन मुद्रा विनिमय कैसे काम करता है जो उनके ज्ञान को अद्यतन करने और कौशल को बढ़ावा देने में सहायक हो।

एक साथ बड़े पैमाने पर हुई सेवानिवृत्ति और नए युवा पदधारियों के आगमन की वजह से विशेषज्ञता और ज्ञान में हुई कमी ,ये सब मिलकर कोविड 19 महामारी, शुरू- शुरू में, प्रत्यक्ष रूप से एक बड़ा झटका था । लेकिन कोविड 19 संकट से उपजी नई वास्तविकताओं ने डिजिटल प्रशिक्षण उपकरणों की सहायता से निरंतर सीखते रहने के महत्व को रेखांकित किया है।

तदनुरूप, डिजिटल मोड के माध्यम से प्रशिक्षण शुरू किया गया और जिसने तेजी से गति पकड़ी। ऋण, एमएसएमई वित्त , कृषि वित्त , विदेशी विनिमय, ऋण निगरानी, घाटे में चल रही शाखाओं का लाभ में बदलना , लिपिक / परिवीक्षाधीन अधिकारियों के लिए प्रेरणा प्रशिक्षण तथा संगठन को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सभी कर्मचारियों को विभिन्न क्षमता क्षेत्रों के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान करने एवं कौशल और दृष्टिकोण को विकसित करने के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म ‘ ई पाठशाला ‘ को भी नए मॉड्यूल और ई प्रोग्राम के साथ मजबूत किया गया है।

प्रशिक्षण सामग्री, पावर प्वाइंट प्रस्तुतियों और विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों को ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म में पोर्ट किया गया है जिससे सीखना और समझना अधिक सहज और उपयोगकर्ता के अनुकूल बना दिया गया है।

कर्मचारियों को काम के दौरान प्रयोग में लाए जाने के लिए आवश्यक जानकारी और प्रशिक्षण देकर, हम विश्वास और आशा करते हैं कि वे ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने और बैंकिंग में उन्हें सुखद अनुभव प्रदान करने के लिए बेहतरीन रूप से तैयार हैं। सेवा का यह उच्च-गुणवत्ता वाला स्तर पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है , क्योंकि यह ब्रांड इंडियन बैंक की बात करता है और कैसे संकट पर साथ दे सकता है , और ग्राहकों को आराम देकर, हमारी वफादारी सुनिश्चित करके व्यापार को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

आधुनिक शिक्षण समाधान, पारदर्शिता की संस्कृति को अपनाने का अवसर प्रदान करता हैं, जो वास्तविक समय में होनेवाले संचार पर आधारित होता है और विश्वास और वफादारी की ओर प्रेरित करता है, तथा कर्मचारियों की ओर से मांग किए जाने पर दिए जानेवाला प्रशिक्षण उनके पेशेवर और व्यक्तिगत विकास में निवेश करता है।

सीखने में गतिशीलता प्रदान करने के अलावा, इंडियन बैंक, प्रशिक्षण प्रणाली द्वारा कर्मचारियों को अपनी क्षमता को पहचानने और खुद को नौकरी में एक प्रोफेशनल के रूप में स्थापित करने का प्रयास करता है। कर्मचारी के आंतरिक मूल्य के निर्माण की आवश्यकता और जिम्मेदारी से व्यवसाय करके उन्हें संगठन के लिए एक संपत्ति के रूप में विकसित करने की ओर ध्यान देता है।

हमारे कुशल प्रश्न समाधान पोर्टल “शंका समाधान” ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत अधिक प्रोत्साहन प्राप्त किया है, जो कर्मचारियों के नियमित रूप से परिचालनगत समस्याओं के निवारण में बढ़ती तकनीकी-उन्मुखीकरण का एक स्वस्थ प्रतिबिंब भी है। हमारे मासिक ई-पत्रिकाएँ अर्थात् बैंकिंग अपडेट्स और नॉलेज बैंक , में समसामयिक और दिलचस्प विषयों पर लेख उपलब्ध हैं , जिन्हें हेल्प डेस्क में पोर्ट किया जा रहा है।

हम सभी स्टाफ सदस्यों से अपने ज्ञान को समृद्ध करने और अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलने के लिए इमेज पोर्टल में उपलब्ध सभी शिक्षण संसाधनों का उपयोग करने का अनुरोध करते हैं: हेल्प डेस्क >इमेज-> डिजिटल लाइब्रेरी ।

हम आपके सुझावों, प्रतिक्रिया , योगदान और हमारी ज्ञान अर्जन पहलों में और अधिक ताकत जोड़ने के साथ-साथ क्षेत्र स्तर पर व्यावसायिक रणनीतियों के साथ हमारे प्रयासों को मूल रूप से सम्मिलित करने के लिए आपकी सक्रिय भागीदारी का स्वागत करते हैं।

Dow Jones Industrial Average (DJI)

मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com -- सिंगापुर स्थित एक्सचेंज SGX पर सूचीबद्ध निफ्टी 50 फ्यूचर्स, जो कि निफ्टी50 के लिए शुरुआती संकेतक है, गुरुवार को सुबह 8:54 पर 0.02% या 3.5 अंक.

पीटर नर्स द्वारा Investing.com - अमेरिकी शेयर बुधवार को कम खुलते हुए दिखाई दे रहे हैं, पिछले सत्र की बिकवाली जारी है, इस चिंता पर कि फेडरल रिजर्व को लंबी अवधि के लिए अपने आक्रामक.

मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com -- सिंगापुर स्थित एक्सचेंज SGX पर सूचीबद्ध निफ्टी 50 फ्यूचर्स, निफ्टी50 के लिए एक शुरुआती संकेतक, बुधवार को सुबह 8:54 बजे 0.11% या 20 अंक नीचे.

Dow Jones Industrial Average विश्लेषण

पिछले शुक्रवार को, मैंने कहा था कि आगामी कारोबारी सप्ताह की दूसरी छमाही बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होगी। जैसा कि चीजें अभी खड़ी हैं, हम प्रतिरोध पर एक मंदी के उत्क्रमण को देख.

बीआईएस की त्रैमासिक समीक्षा एक उदाहरण के रूप में बांड संकट में बैंक ऑफ इंग्लैंड के हस्तक्षेप का हवाला देती है ताकत दिखाने वाले अमेरिकी आर्थिक आंकड़े फेड की आगे की कार्रवाई की.

जबकि तेजी के कारकों की संख्या बढ़ रही है, बाजार अभी भी मिश्रित संकेत भेज रहा है शुक्रवार का जॉब डेटा एक महत्वपूर्ण शॉर्ट-टर्म हेडविंड साबित हो सकता है दूसरी ओर, मौसमी निश्चित रूप.

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तकनीकी सारांश

Dow Jones Industrial Average परिचर्चा

जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
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फाइनैं​शियल इन्फ्लुएंसर सेबी की हारी हुई लड़ाई

बाजार में तेजी का हर दौर पिछले दौर से अलग होता है। यह बात केवल शेयरों के प्रकार और विभिन्न क्षेत्रों पर ही लागू नहीं होती ब​ल्कि इससे होने वाले सामाजिक बदलावों पर भी यह बात लागू होती है। 2020 के मध्य में आरंभ हुए तेजी के दौर के कारण दो बदलाव आए: पहला, नए खाते खुलने में जबरदस्त तेजी आई और दूसरा, ऐसे सोशल मीडिया हैंडलों और चैनलों का जमकर विस्तार हुआ जो शेयरों की खरीद बिक्री को लेकर सलाह देते हैं।

कुल मिलाकर देखा जाए तो वे इतने अ​धिक बड़े और प्रभावशाली हो गए कि वे भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के उन तीन नियमों का मजाक सा उड़ा रहे हैं जो निवेश सलाह, निवेश शोध और पोर्टफोलियो प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में गतिविधियों का संचालन करते हैं। अब सेबी इन फाइनैं​शियल इन्फ्लुएंसर्स के लिए अलग नियम बनाने की योजना बना रहा है। ये इन्फ्लुएंसर सोशल मीडिया पर सामान्य निवेशकों को शेयरों, सामान्य निवेश, म्युचुअल फंड आदि को लेकर बिन मांगी सलाह देते हैं। क्या सेबी की योजना कारगर साबित होगी?

खेद की बात है कि जिन्न पहले ही बोतल से बाहर आ चुका है और अब उसे वापस बोतल में नहीं डाला जा सकता है। इन लोगों के आकार, गतिवि​धि और प्रभाव को देखा जाए तो वह इतना अ​धिक हो चुका है कि पंजीकृत सलाहकारों के लिए सेबी के कठोर नियम भी निष्प्रभावी नजर आ रहे हैं और उनका पालन करने वाले प्राय: बेवकूफ दिख रहे हैं। सेबी को समझना होगा कि समस्या बहुत बड़ी है। मैं अपनी बात की शुरुआत तीन नियमों की व्याख्या के साथ करूंगा।

वित्तीय उपभोक्ता या अनुशंसाओं के आधार पर खरीद बिक्री करना चाहते हैं या फिर वे चाहते हैं कि उनकी मुद्रा का प्रबंधन किया जाए। खरीद बिक्री संबंधी अनुशंसाओं का संचालन सेबी के शोध विश्लेषक (आरए) नियमन एवं निवेश सलाह नियमन द्वारा होता है। शोध विश्लेषक वे होते हैं जो ऐसी शोध रिपोर्ट तैयार करते हैं जो किसी शेयर के बारे में वित्तीय और परिचालन जानकारी, उसकी कीमतों का इतिहास, अनुशंसाएं, ल​क्षित मूल्य आदि मुहैया कराती है। उन्हें रिपोर्ट का इस्तेमाल करने वालों के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। स्वतंत्र शोध विश्लेषकों को प्रोत्साहित करने के लिए शायद ही कोई कदम उठाया जा रहा हो। सेबी के नियम मोटे तौर पर ब्रोकर शोध को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं।

निवेश सलाहकार (आईए) इससे परे जाकर वित्तीय नियोजन, दीर्घकालिक पोर्टफोलियो निर्माझा, पोर्टफोलियो पर नजर रखने, पुनर्संतुलन कायम करने जैसे काम करते हैं। उनकी सलाह अलग-अलग लोगों को ध्यान में रखकर खास उनके हिसाब से बनाई जाती है। उनके लिए सेबी के नियमन भी बहुत सख्त हैं। वे क्रेडिट कार्ड के माध्यम से शुल्क नहीं ले सकते, उन्हें 26 प्रावधानों वाले निवेशक समझौते पर हस्ताक्षर करने होते हैं और उन्हें दी जाने वाली हर सलाह का उचित तर्क के साथ रिकॉर्ड रखना होता है।

उन्हें टेलीफोन रिकॉर्डिंग, ईमेल और एसएमएस को पांच सालों तक सुरक्षित रखना होता है क्योंकि यह विधिक रुप से जांचे जा सकने योग्य हैं। यह सब इतना अव्यावहारिक है कि इसके चलते निवेश विश्लेषकों का कारोबार एकदम ठप है। डीमैट खातों में आई तेज उछाल के बावजूद सलाहकार कारोबार में कोई वृद्धि नहीं हुई है।

बहरहाल इसके बावजूद सेबी में इस बारे में कोई चर्चा नहीं हुई। नियामक का काम नियम बनाने के साथ ही समाप्त हो जाता है। वह नियमों के नतीजों या कारोबारी वृद्धि पर उनके असर को लेकर जिम्मेदार नहीं है। भले ही अवैध सलाहकार सेवाएं फल फूल रही हों। शोध विश्लेषक और निवेश विश्लेषक ग्राहक का पैसा स्वीकार नहीं कर सकते हैं ना ही उसका प्रबंधन कर सकते हैं। इसके लिए एक तीसरा नियम है जो पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं को कवर करता है। आप आप शोध, सलाह और प्रबंधन तीनों ही नहीं कर सकते हैं। यदि आपको ऐसा करना है तो सेबी में पंजीयन कराना होगा या नियमों का पालन करना होगा। सेबी का काम कितना कठिन है यह समझने के लिए देखना होगा कि इन तीनों नियमों का कितनी तरह से उल्लंघन किया जाता है।

यूट्यूब: अवैध सलाह के लिए ज्यादातर यूट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादातर एन्फ्लुएंसर यहां अपने वीडियो पोस्ट करते हैं। जो ज्यादातर हिंदी, किसी क्षेत्रीय भाषा या हिंग्लिश में होते हैं। उनके निशाने पर छोटे शहरों के गैर अंग्रेजी भाषा निवेशक होते हैं। इन वीडियोज के शीर्षक कुछ इस प्रकार होते हैं: ‘अपना पहला शेयर कैसे खरीदें’, ‘सोने से नियमित आय हासिल करें’ अथवा ‘20 वर्षों में कमाए ढाई करोड़ रुपये! कैसे?’

जब क्रिप्टोकरेंसी उछाल पर थी तो उनका जोर क्रिप्टो भर था ऐसे में लोगों ने लाखों रुपये कमाए। जब भी वह किसी शहर की अनुशंसा करते हैं वह एक अवैध काम कर रहे होते हैं। वे केवल शैक्षणिक वीडियो बना सकते हैं लेकिन उन्हें शायद दर्शक नहीं मिलेंगे।

टेलीग्राम/कॉस्मोफीड: निवेश संबंधी विचारों के चार्ट में विश्लेषण तथा अन्य तस्वीरों के लिए जहां यूट्यूब की जरूरत होती है वही टेलीग्राम चैनल शेयर संबंधी सलाह के लिए सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। कई नई एप्लिकेशन भी यही कर रही हैं। कॉस्मोफीड और रिजी ऐसी ही एप्स हैं। ऐसी नई ऐप निर्माता को भुगतान स्वीकार करने की इजाजत भी देती हैं आप रिजी में भुगतान करके शेयर सलाह संबंधी टेलीग्राम और व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं। ऐसे सैकड़ों चैनल रोज शेयर खरीद की सलाह देते हैं।

मुद्रा का प्रबंधन: बिना पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा का लाइसेंस लिए पैसे का प्रबंधन करना उतना प्रचलित नहीं है लेकिन यह चिंता का विषय अवश्य है। हाल ही में एक आंख खोल देने वाली घटना सामने आई जहां एक शेयर कारोबारी ने एक विकल्प कारोबारी को एक करोड़ रुपए प्रबंधन के लिए दे दिए थे। कुछ ही समय में उस विकल्प कारोबारी ने इस राशि का 72 फीसदी हिस्सा गंवा दिया। उसने इस नुकसान की भरपाई करने के लिए अस्थायी रूप से अपना पैसा डाला और फिर 40 प्रतिशत का रिटर्न दर्शाया। इसे लेकर बहुत बातें हुई लेकिन कम ही लोगों ने ध्यान दिया कि यह एक अवैध गतिविधि थी।

मैं देख रहा हूं कि गैर पंजीकृत वित्तीय सलाहकारों की तादाद बहुत तेजी से बढ़ रही है। यह अवैध कारोबार कितना बड़ा है? इसे समझने के लिए सेबी के अवैध सलाहकारों संबंधी आदेशों को देखिए। कुछ दिन पहले जारी किया गया ऐसा ही एक आदेश कहता है कि ऐसी एक गुमनाम सी सेवा से 6 करोड़ रुपए का शुल्क वसूला गया। उसका प्रवर्तक फरार है। मेरा अनुमान है कि 200-300 लोग साल में कुछ करोड़ रुपये तो कमा ही रहे हैं।

इनमें से कुछ की कमाई दो अंकों में है। मैं एल्गो कारोबार और पीएमएस बाजार की तो बात ही नहीं कर रहा हूं जबकि ये दोनों भी अवैध हैं और पीएमएस का तो आकार भी बहुत बड़ा है। संक्षेप में कहें तो इस अवैध कारोबार का विशाल आकार और टेलीग्राम, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, फेसबुक और यूट्यूब पर इन फाइनैंशियल इन्फ्लुऐंसरों का प्रभाव देखकर मुझे महसूस होता है कि सेबी उन पर नियंत्रण की लड़ाई हार चुका है। वह केवल उनसे पैसे बनाता है जो पंजीकृत हैं और नियमों का पालन करते हैं। लेकिन इसकी परवाह किसे है?

Explainer : डिजिटल रुपी क्‍या है और यह कैसे काम करती है, किप्‍टोकरेंसी से कितना अलग है भारत का डिजिटल रुपया

आरबीआई ने डिजिटल रुपये के ट्रायल के लिए 9 बैंकों को दिया नया प्लेटफॉर्म.

आरबीआई ने डिजिटल रुपये के ट्रायल के लिए 9 बैंकों को दिया नया प्लेटफॉर्म.

Digital Rupee-सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी (Digital Rupee) केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 01, 2022, 18:48 IST

हाइलाइट्स

वित्‍त मंत्री ने अपने बजट भाषण में डिजिटल रुपी लाने की घोषणा की थी.
होलसेल सेगमेंट के लिए रुपी पायलट प्रोजेक्ट लॉन्‍च कर दिया गया है.
डिजिटल रुपी को बैंक मनी और कैश में आसानी से बदला भी जा सकेगा.

नई दिल्‍ली. भारत का पहला ऑनलाइन मुद्रा विनिमय कैसे काम करता है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी (Digital Rupee) पायलट प्रोजेक्ट आज यानि मंगलवार, 1 नवंबर से शुरू हो गया है.भारतीय रिजर्व बैंक ने (RBI) मंगलवार को होलसेल सेगमेंट को ध्यान में रखते हुए डिजिटल रुपी का पायलट प्रोजेक्‍ट लॉन्च किया है. आरबीआई की रिटेल सेगमेंट के लिए डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्‍ट चुनिंदा जगहों में एक महीने के भीतर लॉन्च करने की योजना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने फरवरी में अपने बजट भाषण में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की थी.

आरबीआई का कहना है कि होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए नौ बैंकों की पहचान की गई है. इनमें भारतीय स्‍टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक,एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक HSBC बैंक शामिल हैं. डिजिटल करेंसी में कई देशों की रुचि है. हालांकि,केवल कुछ ही देश अपनी डिजिटल करेंसी को विकसित करने के पायलट चरण से आगे बढ़ने में कामयाब रहे हैं.

क्या है डिजिटल रुपी?
भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि सीबीडीसी डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा है. आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार “यह कागजी मुद्रा के समान है और कागजी मुद्रा के साथ इसका विनिमय किया जा सकेगा. केवल इसका रूप अलग है. ” साधारण शब्‍दों में कहें तो, डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी आरबीआई द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी करेंसी नोट्स हैं. इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मौजूद रुपये को कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन (contactless transactions) में इस्तेमाल किया जा सकता है. भारत में डिजिटल करेंसी दो तरह की होगी. रिटेल सीबीडीसी (CBDC-R) और होलसेल सीबीडीसी (CBDC-W). रिटेल सीबीडीसी संभवतः सभी के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी, वहीं होलसेल सीबीडीसी का उपयोग चुनिंदा वित्‍तीय संस्‍थानों के लिए होगा.

डिजिटल रुपी के फायदे
CBDC का उपयोग करने के ऑनलाइन मुद्रा विनिमय कैसे काम करता है कई लाभ होंगे. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले साल लोकसभा को बताया, “डिजिटल रुपी के बहुत से फायदे होंगे. इससे न केवल नकदी पर निर्भरता कम होगी, बल्कि सीबीडीसी संभवत: अधिक मजबूत, कुशल, विश्वसनीय, विनियमित और एक वैध भुगतान विकल्प की ओर ले जाएगी.” देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी. डिजिटल करेंसी को लोग अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे. इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से बदला भी जा सकेगा.

लेनदेन की ज्‍यादा निगरानी
ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा, इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले लेनदेन तक पहुंच हो जाएगी. इस प्रकार देश में आने और बाहर जाने वाले पैसे पर ज्यादा कंट्रोल होगा. इसके अलावा इससे नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा. कागज के नोट की प्रिटिंग का खर्च बचेगा. डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद हमेशा बनी रहेगी और यह कभी खराब नहीं होगी.

ज्‍यादा सुरक्षित
पारंपरिक डिजिटल लेनदेन के मुकाबले सीबीडीसी ज्‍यादा सुरक्षित है, क्‍योंकि यह ब्लॉकचेन पर आधारित है जिसमें सेंध लगाना काफी मुश्किल है. ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी में भुगतान तेजी से होता है. CBDC के उपयोग से कैशलेस अर्थव्यवस्था में और बदलाव आ सकता है. सीबीडीसी के उपयोग से कैशलेस भुगतान को बढ़ावा मिलेगा और बैंकिंग परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव आएगा.

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी में मुख्‍य अंतर यह है कि क्रिप्‍टो पूरी तरह से निजी करेंसी है. यह लीगर टेंडर (वैध मुद्रा) नहीं है और इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती. न ही किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का इस पर कोई कंट्रोल होता है. डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्‍त है और यह पूरी तरह से सरकार समर्थित वैध मुद्रा है. जहां क्रिप्‍टोकरेंसी के रेट में उतार-चढाव आता रहता है, वहीं डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा. इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है. आप डिजिटल रुपी को नकदी में बदल सकेंगे.

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