List of Trade Unions of India : भारत के ट्रेड यूनियनों की सूची, देखें यहाँ

ट्रेड यूनियन उस संगठन को कहते हैं जो किसी भी व्यापार कंपनी आदि में काम कर रहे श्रमिकों, इंप्लाय के द्वारा अपने अधिकारों, हित और संरक्षण का प्रतिनिधित्व करने के लिए बनाया जाता है.

श्रमिकों की रक्षा के हित में बनाया गया श्रम संगठन तथा श्रमिकों के संगठन को ''ट्रेड यूनियन'' कहा जाता है. ट्रेड यूनियन उस संगठन को कहते हैं जो किसी भी व्यापार कंपनी आदि में काम कर रहे श्रमिकों, इंप्लाय के द्वारा अपने अधिकारों, हित और संरक्षण का प्रतिनिधित्व करने के लिए बनाया जाता है. कह सकते हैं कि ट्रेड यूनियन एक ऐसा संगठन है जो किसी भी बड़ी व्यापार कंपनियों में काम कर रहे श्रमिकों के हितों के साथ साथ, उन कंपनियों के मालिकों के बीच आपसी संबंधों को संतुलित रखने का काम करता है. ट्रेड यूनियन का एक नेता होता है जो इस संगठन में जुड़े हुए लोगों का प्रतिनिधित्व करता है. इस संगठन के माध्यम से श्रमिक नियोक्ता अपनी मांगों की पूर्ति के लिए कंपनी के मालिक से अनुरोध कर सकता है.

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ट्रेड यूनियन केवल श्रमिकों की मांगों के लिए हीं अनुरोध नहीं करता बल्कि यह सभी श्रमिकों में अनुशासन और उत्तरदायित्व की भावनाओं को भी बढ़ावा देने का काम करता है. भारत सरकार के श्रम मंत्रालय का श्रम ब्यूरो वार्षिक आधार पर ट्रेड यूनियनों के आंकड़े एकत्र करता है. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here

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ट्रेड यूनियन का उद्देश्य -

  • मजदूर व श्रमिकों को उचित मजदूरी प्रदान करवाना. समय-समय पर श्रमिकों उनकी तनख्वाह के साथ साथ को बोनस भी दिलवाना.
  • कंपनी के लिए काम करने वाले मजदूर व्यक्तियों, श्रमिकों के लिए उचित अवकाश की व्यवस्था करना.
  • किसी भी श्रमिक का शोषण ना हो इस बात को सुनिश्चित करना.
  • सभी श्रमिकों को पूरा संरक्षण प्रदान करना.
  • श्रमिकों के कार्य परिस्थिति तथा जीवन स्तर में सुधार करने का प्रयत्न करना.
  • श्रमिकों की पदोन्नति (प्रमोशन) एवं उनके संरक्षण के लिए सभी तरीके के प्रयत्न करना.
  • मजदूर वर्ग के लोगों को शैक्षणिक, सांस्कृतिक और मनोरंजन जैसी सुविधाएं प्रदान करना.
  • श्रमिक और नियोक्ता के बीच में आपसी संबंधों को सुधारने और उनका काम करने के लिए संतुलन बनाए रखना.

भारत के ट्रेड यूनियनों की सूची -

AITUC भारत का सबसे बड़ा ट्रेड यूनियन है. आइए एक नज़र डालते हैं भारत के कुछ प्रमुख ट्रेड यूनियनों पर -

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

Swing Trading: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मदद करना होता है.

  • nupur praveen
  • Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्‍कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.

यहां पर स्विंग ट्रेडिंग के जरिये एक ट्रेडर का लक्ष्य छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लॉन्गर टाइम फ्रेम में एक बड़ा प्रॉफिट बनाने का होता है. जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं स्विंग ट्रेडर हर हफ्ते 5% या इससे ज्यादा का भी प्रॉफिट बना सकते हैं बहुत ही आसानी से लॉन्ग टर्म निवेशकों को मात दे सकता है.

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर

शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.ट्रेडर किन लोगों को कहा जाता है

स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्‍वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्‍वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्‍वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.

कितने टाइप के होते है स्विंग ट्रेडिंग पैटर्न

स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे

– हेड एंड शोल्डर पैटर्न
– फ्लैग पैटर्न
– कप एंड हैंडल पैटर्न
– ट्रेंगल पैटर्न
– मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर पैटर्न

भारत में सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग ब्रोकरों में एंजेल ब्रोकिंग, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल, ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और शेयरखान शामिल है.

भारत के साथ फ्री ट्रेड समझौता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ऋषि सुनक : डाउनिंग स्ट्रीट

यूके के प्रधानमंत्री कार्यालय ने दोहराया कि एक संतुलित व्यापार सौदे पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो दोनों पक्षों को लाभान्वित करता है. भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की नींव पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी भारत यात्रा के दौरान रखी थी.

भारत के साथ फ्री ट्रेड समझौता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ऋषि सुनक : डाउनिंग स्ट्रीट

ऋषि सुनक को दिवाली के दिन निर्विरोध कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया था.

लंदन. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट ने बुधवार को कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की दिशा में गहन ट्रेडर किन लोगों को कहा जाता है बातचीत जारी है. नए ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक एक संतुलित सौदा हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. पिछले हफ्ते 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कार्यभार संभालने वाले ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ "बहुत गर्मजोशी से" परिचयात्मक मुलाकात की थी, जिसके दौरान दोनों पक्षों ने एफटीए के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी.

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यूके के प्रधानमंत्री कार्यालय ने दोहराया कि एक संतुलित व्यापार सौदे पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो दोनों पक्षों को लाभान्वित करता है. भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की नींव पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी भारत यात्रा के दौरान रखी थी. उनके बाद लिज ट्रस ने भी इस प्रस्तावित ट्रेड डील का समर्थन करते हुए इसे आगे बढ़ाने पर जोर दिया था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिवाली पर ही इस पर समझौता भी होना था, लेकिन ब्रिटेन में जारी राजनीतिक उठापटक के कारण नहीं हो पाया. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुनक के बीच हुई बातचीत के बाद इस डील के जल्द से जल्द फाइनल होने की संभावना है.

भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर जनवरी से ही बातचीत चल रही है. मई 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संभावित मुक्त व्यापार के पहले चरण के रूप में बढ़ी हुई व्यापार साझेदारी का ऐलान किया था.

तब से बातचीत के पांच दौर पूरे हो चुके हैं. अगस्त में पांचवें दौर में, दोनों पक्षों के टेक्निकल एक्सपर्ट्स ने 85 अलग-अलग सेशन में 15 नीति क्षेत्रों को कवर करते हुए एक मसौदा तैयार किया था, जिस पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है.

बता दें कि FTA का पूरा नाम फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है यानी मुक्त व्यापार संधि. इसके जरिए दो देशों के बीच एक एग्रीमेंट किया जाता है और दोनों देशों के बीच के व्यापार को सरल बनाने पर काम किया जाता है. जब दो देशों के बीच एफटीए साइन होता है तो उन देशों के बीच आयात-निर्यात के तहत उत्पादों पर सीमा शुल्क, नियामक कानून, सब्सिडी और कोटा आदि में छूट दी जाती है या नियमों को आसान बना दिया जाता है.

सीएम हेमंत सोरेन ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का किया शिलान्यास, कहा - अंतरराष्ट्रीय व्यापार की राह होगी आसान

झारखंड व्यापक संभावनाओं वाला राज्य है. इस कड़ी में यहां के औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को देश -दुनिया से जोड़ने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज राजधानी रांची के कोर कैपिटल एरिया में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आधारशिला रखते हुए ये बातें कही.

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आधारशिला रखने के बाद संबोधित करते सीएम हेमंत सोरेन

Ranchi News: झारखंड व्यापक संभावनाओं वाला राज्य है. इस कड़ी में यहां के औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को देश -दुनिया से जोड़ने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज राजधानी रांची के कोर कैपिटल एरिया में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आधारशिला रखते हुए ये बातें कही. उन्होंने कहा कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषकर निर्यात संवर्धन से संबंधित तमाम गतिविधियां एक ही छत के नीचे से संचालित होंगी. यह सेंटर यहां की आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने में अहम रोल निभाएगा.

दशकों से चली आ रही है औद्योगिक गतिविधियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिजों से संपन्न राज्य है. यहां कोयला- लोहा से लेकर यूरेनियम तक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. इस वजह से यहां औद्योगिक गतिविधियां दशकों से चली आ रही हैं. टाटा, बिड़ला और डालमिया समेत कई औद्योगिक व्यावसायिक समूह के उद्योग और कंपनियां यहां स्थापित है. देश के उद्योगों को खड़ा करने वाला और 'मदर फैक्ट्री' के नाम से दुनिया में विख्यात एचईसी इसी रांची में है. इन उद्योगों को अब व्यापार -निर्यात से जुड़ी सारी सुविधाएं वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के माध्यम से देने की दिशा में राज्य में कदम ट्रेडर किन लोगों को कहा जाता है बढ़ा दिया है. अब ये कदम रुकेंगे नहीं बल्कि अनवरत आगे बढ़ेंगे.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना विशेष प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना सरकार की विशेष प्राथमिकताओं में शामिल है. यहां के ग्रामीण परिवेश में लोग विविध गतिविधियों में जुड़े हुए हैं. इन्हें आगे बढ़ाने की दिशा में कई योजनाओं को शुरू किया गया है. इस सिलसिले में महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा बनाए गए उत्पादों को पलाश ब्रांड के माध्यम से बाजार में लाया गया है. ये उत्पाद बड़े बड़े मॉल और शॉपिंग कंपलेक्स में मिल रहे हैं. पलाश ब्रांड के टर्नओवर को एक हज़ार करोड़ रुपए सालाना करने के लक्ष्य के साथ सरकार काम कर रही है.

उत्पादकों को सीधा फायदा देने की हो रही कोशिश

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में वन उत्पादों के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. अब तक यह देखने को मिला है कि यहां के स्थानीय उत्पादों को बाजार नहीं मिलने की वजह से लोग काफी कम कीमत में बेच देते हैं. वहीं, दूसरे राज्यों की बड़ी-बड़ी कंपनियां इन उत्पादों को खरीद कर हमारे ही राज्य में महंगे मूल्य पर बेचने का काम कर रही हैं. सरकार ने इसे काफी गंभीरता से लिया है. अब यहां के वन एवं अन्य उत्पादों का सीधा फायदा उत्पादकों को मिले, इस दिशा में सरकार कार्य योजना बना रही है.

रोजगार के लिए पलायन ना हो, अपने ही घर में लोगों को दे रहे हैं काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में बच्चे -बच्चियां रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन करती हैं. वहां इनका शोषण किया जाता है. ऐसे कई मामले हमारे सामने आ चुके हैं. बंधक बनाई गई कई बच्चियों को सरकार ने रिहा करा कर रोजगार से जोड़ने का काम कर रही है. रोजगार की खातिर यहां के ग्रामीणों का पलायन नहीं हो. उन्हें अपने ही घर में रोजगार मिले, इस दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है.

एग्रो फूड प्रोसेसिंग से कपड़ा उद्योग का लगातार हो रहा है विस्तार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एग्रो फूड प्रोसेसिंग, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और तसर से लेकर कपड़ा उद्योग तक लगातार विस्तार हो रहा है. इससे यहां के बड़ी संख्या में युवक- युवतियों को रोजगार मिल रहा है. इस दिशा में बड़े उद्योगों के साथ छोटे मध्यम और लघु उद्योगों को भी सहायता देने की दिशा में सरकार काम कर रही है. इसके अलावा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत अनुदान आधारित ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है.

जुडको और सिडबी में एमओयू

वर्ल्ड ट्रेडर किन लोगों को कहा जाता है ट्रेड सेंटर के शिलान्यास समारोह में जुडको और सिडबी के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. इसके जरिए राज्य में औद्योगिक संरचना को विकसित करने और उद्योग लगाने वालों को सिडबी के द्वारा सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. इस मौके पर पीएमएफएमआई योजना के तहत बीज पूंजी सहायता के लिए 515 लाभुकों को लगभग एक करोड़ 87 लाख रुपए की पूंजी दी गई.

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की खासियत

- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में अंतरराष्ट्रीय कारोबार से संबंधित सारी सुविधाएं एक ही परिसर में मिलेंगी.

- इस सेंटर में व्यापार महानिदेशालय का क्षेत्रीय कार्यालय और भारतीय निर्यात परिषद से जुड़े कार्यालय होंगे. इसके अलावा आयात निर्यात से जुड़ी कंपनियों के लिए स्थान मुहैया कराया जाएगा. यहां करेंसी एक्सचेंज से लेकर मनी ट्रांसफर तक की सुविधाएं मिलेंगी.

-वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से होगा. यह 3.45 एकड़ भूमि में बनेगा. इसकी कुल परियोजना लागत 44.59 करोड़ होगी.

- यहां अंतरराष्ट्रीय कारोबार करने वाली कंपनियों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन और उसके प्रचार-प्रसार के लिए भी जगह उपलब्ध कराया जाएगा.

- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में कृषि और खाद्य उत्पाद, वस्त्र, तसर उत्पाद तथा इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.

- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण 2 सालों में पूरा होगा. यहां बहुउद्देशीय सम्मेलन कक्ष, सेमिनार हॉल, आयात निर्यात बैंक के अलावा कई और सुविधाएं होंगी.

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जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

Swing Trading: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मदद करना होता है.

  • nupur praveen
  • Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्‍कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.

यहां पर स्विंग ट्रेडिंग के जरिये एक ट्रेडर का लक्ष्य छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लॉन्गर टाइम फ्रेम में एक बड़ा प्रॉफिट बनाने का होता है. जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं स्विंग ट्रेडर हर हफ्ते 5% या इससे ज्यादा का भी प्रॉफिट बना सकते हैं बहुत ही आसानी से लॉन्ग टर्म निवेशकों को मात दे सकता है.

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर

शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.

स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्‍वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्‍वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्‍वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.

कितने टाइप के होते है स्विंग ट्रेडिंग पैटर्न

स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स ट्रेडर किन लोगों को कहा जाता है जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे

– हेड एंड शोल्डर पैटर्न
– फ्लैग पैटर्न
– कप एंड हैंडल पैटर्न
– ट्रेंगल पैटर्न
– मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर पैटर्न

भारत में सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग ब्रोकरों में एंजेल ब्रोकिंग, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल, ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और शेयरखान शामिल है.

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