यूनिक आइडेंटिफायर कोड्स को हैश कहते हैं। जिस तरह से हर व्यक्ति का फिंगरप्रिंट अलग होता है उसी तरह से हैश भी अलग-अलग होता है। इसलिए इसे यूनिक कहते हैं। हैश को अंको और अल्फाबेट से निरूपित( represent) करते हैं। उदाहरण के तौर पर 11SY28T, हैश सभी ब्लॉक्स में होता है एवं सभी ब्लॉक्स हैश के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं।
हैकरों ने की इतिहास की सबसे बड़ी चोरी, करीब 4465 करोड़ रुपये चुराये, वापस किये करीब 350 करोड़ रुपये
बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज के दुनियाभर में क्रेज बढ़ रहे हैं. वहीं, हैकरों की नजर भी इस पर पड़ चुकी है. हैकर्स ने 600 मिलियन डॉलर यानी करीब 4465 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसीज चुरा ली. यह अब तक की सबसे बड़ी चोरी मानी जा रही है.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रांसफरिंग करनेवाली कंपनी पॉली नेटवर्क ने सिक्योरिटी में हैकरों द्वारा सेंध लगाये जाने Bitcoin का इतिहास की सूचना दी है. कंपनी ने बताया है कि हैकरों ने पॉली नेटवर्क पर हमला कर बड़ी चोरी को अंजाम देते हुए अपने अकाउंट में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर कर लिया.
इतिहास की सबसे बड़ी चोरी
कंपनी ने हैकरों के ऑनलाइन एड्रेस साझा करते हुए हैकिंग से प्रभावित ब्लॉकचेन और क्रिप्टो एक्सचेंज को हैकरों के एड्रेस से आ रहे टोकन्स को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है. पॉली नेटवर्क ने हैकरों से कहा कि 'जो अमाउंट हैक किया है, वह इतिहास का सबसे बड़ा अमाउंट है.
साथ ही कंपनी ने कहा है कि आपके द्वारा चुराये गये पैसे क्रिप्टो कम्युनिटी के हजारों सदस्यों के हैं. कंपनी ने हैकरों को पुलिसिया कार्रवाई की भी धमकी दी है. साथ ही कहा है कि मिलकर समस्या का कोई हल निकाला जा सकता है.
बिटकॉइन को कैसे इस्तेमाल किया जाता है ? (How to use bitcoin in Hindi)
- कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी मध्यस्था के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है। वहीं इस डिजिटल करंसी को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है। बिटकॉइन को क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है।
- जिस तरह रुपए, डॉलर और यूरो खरीदे जाते हैं, उसी तरह बिटकॉइन की भी खरीद होती है। ऑनलाइन भुगतान के अलावा इसको पारम्परिक मुद्राओं में भी बदला जाता है।
- बिटकॉइन की खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं, लेकिन उसका कोई औपचारिक रूप नहीं है।
बिटकॉइन के लाभ व लोक प्रिय होने के कारण
- वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं।
- आम डेबिट /क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने में लगभग दो से तीन प्रतिशत लेनदेन शुल्क लगता है, लेकिन बिटकॉइन में ऐसा कुछ नहीं होता है। इसके लेनदेन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है, इस वजह से भी यह लोकप्रिय होता जा रहा है।
- इसके अलावा यह सुरक्षित और तेज है जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।
- जिस तरह से बिटकॉइन का इस्तेमाल कारोबार Bitcoin का इतिहास के लिए बिजनेसमैन कर रहे हैं। इसका दुरुपयोग भी उतना ही बढ़ता जा रहा है। क्योंकि, इसके जरिए होने वाले लेन-देन में गड़बड़ी की जिम्मेदारी किसी की नहीं होती है।
- बिटकॉइन का दुरुपयोग ड्रग्स की खरीद-बिक्री, हवाला, आतंकी गतिविधियों को वित्तीय मदद, टैक्स की चोरी आदि किया जा रहा है |
- बिटकॉइन की माइनिंग में उपयोग होने वाली बिजली के कारण भी इसकी आलोचना की गयी है। एक बिटकॉइन के संचालन सौदे में अनुमानित 300 kwh बिजली लगती है जो 36000 केतलियों में पानी गर्म करने में लगनी वाली उर्जा के बराबर है |
बिटकॉइन का लेन देन कैसे किया जाता है (How to transact bitcoin)
- बिटकॉइन के लेन देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है। कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन देन कर सकता है।
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 दिसम्बर 2013 को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गयी थी। इसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है।
- 1 फरवरी 2017 और 5 दिसम्बर 2017 को रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी।
आज तक की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी चोरी: 6 साल पहले 1.19 लाख बिटकॉइन चुराने वाला अमेरिकी कपल अरेस्ट, 26 हजार करोड़ रुपए है इनकी कीमत
अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने एक शादीशुदा कपल को अरेस्ट किया है। इससे पहले पिछले सप्ताह इनके पास से करीब 26, 917 करोड़ रुपए (3.Bitcoin का इतिहास 6 बिलियन डॉलर) कीमत के बिटकॉइन जब्त किए हैं, जिनकी एक सप्ताह में ही कीमत बढ़कर 33,668 करोड़ रुपए (4.5 बिलियन डॉलर) हो चुकी है।
खास बात ये है कि इन बिटकॉइन को हैकिंग में माहिर इस कपल ने करीब 6 साल पहले जब चुराया था, तब इनकी कीमत महज 5311 करोड़ रुपए (71 मिलियन डॉलर) थी। जस्टिस डिपार्टमेंट ने इसे आज तक की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी चोरी बताया है
हांगकांग के क्रिप्टो एक्सचेंज से 2016 में की थी चोरी
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस डिपार्टमेंट ने बताया है कि गिरफ्तार किए गए इलया लिचटेन्सटाइन (34) और हीथर मोर्गन (31) के खिलाफ 119,754 बिटकॉइन की लॉन्ड्रिंग करने की क्रिमिनल कम्पलेंट दर्ज कराई गई थी। ये बिटकॉइन दोनों ने 6 साल पहले 2016 में हांगकांग के क्रिप्टो एक्सचेंज बिटफाइनेक्स से चुराए थे। बिटफाइनेक्स दुनिया के सबसे बड़े वर्चुअल करेंसी एक्सचेंजेस में Bitcoin का इतिहास से एक है।
ब्लॉकचेन कैसे काम करता है? (How does Blockchain work?)
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ब्लॉक पर आधारित एवं कार्य करने वाला सिस्टम हैं। ब्लॉक में उपयोगकर्ता की जानकारी एवं ट्रांजैक्शन हिस्ट्री होती है, मान लीजिए कि 3 ब्लॉक होते हैं ये तीन ब्लॉक एक दूसरे से जुड़े रहते हैं इन तीनों में हैश होता है। अगर किसी भी ब्लॉक को बदला जाता है तो अन्य ब्लॉक को बदलावों का पता चल जाता है, कंप्यूटर के द्वारा करोड़ों अरबों हैश को कुछ सेकंड में ही कैलकुलेट किया जाता हैं।
ब्लॉकचेन को प्रूफ ऑफ वर्क भी कहते हैं। ब्लॉकचेन कंप्यूटर के द्वारा सारे कामों की सूची तैयार करके अपने पास स्टोर करता हैं। अगर कोई यूजर ट्रांजैक्शन करता है तो ट्रांजैक्शन किसके द्वारा किया गया है और ट्रांजैक्शन कहां किया गया है। इसके अलावा ट्रांजैक्शन की राशि को ब्लॉकचेन ब्लॉक के अंदर स्टोर करता हैं, आवश्यकता पड़ने पर ब्लॉक के डेटाबेस को देखा एवं पढ़ा जा सकता हैं।
ब्लॉकचेन की विशेषताएं (Features of blockchain)
Peer to peer ट्रांजैक्शन के चलते किसी थर्ड पार्टी का दखल खत्म हो जाता है जिससे किसी भी उद्योग या व्यापार के कीमत में कमी की जा सकती हैं। और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पूरी तरह से सुरक्षित है इसलिए इस पर भरोसा किया जा सकता हैं। इसके कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्न है।
- बैंकों में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके इस क्षेत्र में डाटा सिक्योरिटी, सर्विस डिलीवरी की गति, भ्रष्टाचार में कमी आदि की जा सकती हैं।
- ब्लॉकचेन के कारण डेटाबेस सुरक्षित रहता है एवं ट्रांजैक्शन समय में कमी आती हैं।
- ब्लॉकचेन तकनीक में एक बार होने वाले ट्रांजैक्शन के रिकॉर्ड को हटाया नहीं जा सकता, जिसके कारण इससे वर्तमान में होने वाले बड़े अपराधियों को रोका जा सकता हैं।
- ब्लॉकचेन के जरिए सारा डाटा एक जगह स्टोर हो सकेगा इसके साथ साथ हर रिकॉर्ड की जानकारी तुरंत हासिल करने की सहूलियत भी Bitcoin का इतिहास रहेगी।
- इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस होने के कारण पेपर वर्क कम होने से पर्यावरणीय स्तर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- शिक्षा के क्षेत्र में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके पेपर लीक जैसे मामलों पर लगाम कसी जा सकती हैं।
ब्लॉकचेन और बिटकॉइन में अंतर (difference between blockchain and bitcoin)
कुछ लोग बिटकॉइन और ब्लॉकचेन को लेकर अक्सर भ्रम में रहते है। ऐसे में इनके अंतर को भी जान लें।
Blockchain | Bitcoin |
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ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी का नाम हैं। | ब्लॉकचेन पर आधारित बिटकॉइन एक एप्लीकेशन हैं। |
ब्लॉकचेन को distributed database कहते हैं। | बिटकॉइन को क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। |
ब्लॉकचैन अंडरपिनिंग तकनीक हैं। | बिटकॉइन को खरीदा एवं बेचा जा Bitcoin का इतिहास सकता हैं। |
ब्लॉकचेन के अंदर ट्रांजैक्शन की हिस्ट्री स्टोर रहती हैं। | बिटकॉइन को माइनिंग के द्वारा प्राप्त किया जाता हैं। |
ब्लॉकचेन का इतिहास (History of blockchain)
आज से लगभग 10 साल पहले प्रयोग में आई इस तकनीक ने पूरी दुनिया में क्रांति ला दी, सबसे पहले साल 1991 में क्रिप्टोग्राफी के बारे में Stuart Haber, W. Scott Stornetta और Dave Bayer ने बताया था, साल 2008 में सतोशी नाकामोटो नाम के वैज्ञानिक ने पहला ब्लॉकचेन डाटाबेस तैयार किया। साल 2009 के अंतराल नाकामोटो ने पहला पब्लिक लेजर ब्लॉकचेन बिटकॉइन के लिए बनाया।
इसके बाद साल 2014 में ब्लॉकचेन तकनीक में बिटकॉइन के भीतर अन्य क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोगों में बात की गई, समय के साथ टेक्नोलॉजी में बहुत सारे बदलाव किए गए और इस तकनीक ने बैंकिंग, पब्लिक रिकॉर्ड्स, लैंड डील जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला दी, बैंकिंग और पब्लिक रिकॉर्ड्स में सबसे बड़ी चुनौती है रिकॉर्ड्स को सुरक्षित रखने की पारदर्शिता और किसी भी तरह की जालसाजी को रोकना, ब्लॉकचेन की प्रक्रिया में इन सभी चुनौतियों का हल शामिल हैं।
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BSN के शान झिगुआंग और हे यिफान ने क्रिप्टोकरेंसीज को मानव इतिहास का सबसे बड़ा पॉन्जी स्कीम बताया है। उन्होंने कहा है कि इसे ऐसे समुदायों का सपोर्ट हासिल है, जो इस फ्रॉड को जारी रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने चीन सरकार के अखबर पीपल्स डेली में एक लेख में ये बातें कही हैं।
क्रिप्टोकरेंसीज की तुलना पहली बार पॉन्जी स्कीम से नहीं की गई है। इससे पहले कई बार क्रिप्टो के आलोचक इस डिजिटल एसेट की तुलना पॉन्जी स्कीम से कर चुके हैं। पॉन्जी स्कीम ऐसी स्कीम को कहा जाता है, जिसमें स्कैम करने वाले लोग पुराने इनवेस्टर्स को पेमेंट के लिए नए इनवेस्टर्स के पैसे का इस्तेमाल करते हैं।
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