दिल्ली में तेल की बारिश, सड़कों पर हुआ फिसलन, गाड़ी चलाना हुआ मुश्किल. Emergency कॉल लगातार मिलना शुरू

दीपावली के बाद रविवार की शाम को दिल्ली में हुई बारिश के बाद सड़कों पर फिसलन बढ़ गई। लिहाजा बड़ी संख्या में लोगों ने तेल की बारिश की शिकायत दिल्ली अग्निशमन विभाग के पास की। बारिश के बाद करीब एक घंटे के अंदर विभाग के पास तेल की बारिश संबंधी 57 कॉल आई। दिल्ली अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि ज्यातर कॉल मोटरसाइकिल चालकों ने की थी। माना जा रहा है कि बारिश के कारण वातारण में मौजूद धूल और अन्य रसायन पानी की बूंदों के साथ सड़कों पर आ गए होंगे। इसकी वजह से सड़कों पर फिसलन हो गई होगी।

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दमकल विभाग के पास आग लगने की आई 205 कॉल

बता दें कि दिल्‍ली में सरकार की मनाही के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई। कई इलाके पटाखों की आवाज से गूंज उठे। आतिशबाजी में कई जगह आग लगने की घटना भी हुई। कुल आग लगने की घटना की बात करें तो 205 जगह आग लगी। हालांकि पिछली दीपावली के मुकाबले इस बार कम आग लगने की घटना हुई। कई लोग सरकार की मनाही के बाद सामाजिक जिम्‍मेदारी निभाते दिखे और लोगों को भी मना कर आतिशबाजी करने से रोका। वहीं कुछ जगह बच्‍चे आतिशबाजी जरूर करते दिखे। इस दौरान मुंडका में कूलर गोदाम में आग के अलावा कोई बड़ी घटना नहीं घटी। कूलर गोदाम में आग लगने से एक व्‍यक्‍ति की मौत हो गई जबकि एक शख्‍स झुलस गया। इसके अलावा ज्यादातर आग छोटी-मोटी ही रही।

दीपावली पर हुई आतिशबाजी के बाद स्मॉग की चादर से ढका नोएडा

कहते है इंसान जो प्रकृति को देता है उसी का अक्स बनाकर प्रकृति वापस देती है। दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोग पिछले कई वर्षों से ठंड का मौसम शुरू होते ही प्रदूषण की मार झेल रहे हैं।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पटाखा बिक्री पर रोक लगाए जाने के बावजूद दीपावली पर लोगों ने खूब आत‍िशबाजी की, जिस कारण वायु प्रदूषण बढ़ गया। हालांकि रविवार शाम की हुई बारिश के बाद प्रदूषण के स्तर में कुछ कमी आई।

बर्फ़ में चालित बर्फ की श्रृंखलाएं वाली Hyundai Creta: क्या आपको यह करना चाहिए?

हमने अतीत में अपने कई लेखों में इसका उल्लेख किया है कि 2WD कार या SUV को ऑफ-रोड चलाने की अनुशंसा नहीं की जाती है। ऐसा कुछ करते समय कई जोखिम शामिल होते फिसलन का कारण क्या हो सकता है? हैं। ऑफ-रोडिंग के दौरान 2WD वाहन के फंसने की संभावना बहुत अधिक होती है और इससे कुछ दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। लेकिन इंटरनेट पर ऐसे कई वीडियो उपलब्ध हैं जो दिखाते हैं कि कैसे कुछ 2WD SUV मालिक अपने वाहनों को ऐसी सतहों पर चलाते हैं। यहां हमारे पास एक वीडियो है जहां बर्फ की जंजीरों वाली Hyundai Creta को बर्फ पर चलाया जा रहा है।

वीडियो को DCV Expeditions ने अपने YouTube चैनल पर अपलोड किया है। इस वीडियो में व्लॉगर अपनी Force Gurkha में भारी बर्फीली पहाड़ी सड़क पर नजर आ रहे हैं। फिसलन का कारण क्या हो सकता है? जब उसने वीडियो रिकॉर्ड करना शुरू किया तो वह काफी लंबे ट्रैफिक जाम में फंसा हुआ था। सड़क बंद होने के कारण कई ट्रक और अन्य वाहन सड़क के किनारे इंतजार कर रहे थे। कुछ समय बाद, व्लॉगर को एहसास हुआ कि सड़क जल्द ही खुलने वाली नहीं है, इसलिए उसने वाहन को घुमा दिया और डेरा डालने के लिए जगह की तलाश करने लगा।

एक जगह खोजने के बाद, वह बूट खोलता है और खाना पकाने की मेज खोलता है जो कि उसकी एसयूवी के टेलगेट पर लगा होता है। जब वह तैयारी कर रहा था, उसने एक Hyundai Creta देखी, जो आम तौर पर सड़क पर दिखने वाली कारों से अलग दिख रही थी। जैसा कि हम सभी जानते हैं, Hyundai Creta एक फ्रंट व्हील ड्राइव SUV है और यह अत्यधिक ऑफ-रोडिंग के लिए जाने की क्षमता को प्रतिबंधित करती है। बर्फ पर ड्राइविंग वास्तव में बहुत मुश्किल है, खासकर 2WD SUV के साथ। ऐसी कई घटनाएं हैं जहां चालकों ने फिसलन भरी बर्फ के कारण वाहन पर से नियंत्रण खो दिया है।

बर्फ़ में चालित बर्फ की श्रृंखलाएं वाली Hyundai Creta: क्या आपको यह करना चाहिए?

इस स्थिति से निपटने के लिए Hyundai Creta के ड्राइवर ने SUV के आगे के पहियों फिसलन का कारण क्या हो सकता है? पर बर्फ की जंजीर बांध दी थी. यह एसयूवी के फ्रंट व्हील को बर्फीली या फिसलन वाली सतह पर अधिक कर्षण दे रहा था। इसके बाद Creta ड्राइवर एसयूवी को एक सपाट सतह पर ले जाता है जहां बर्फ थी। वह बिना किसी समस्या के बर्फ में SUV चलाते हैं। बर्फ की जंजीरों के कारण आगे के पहिये कर्षण प्राप्त कर रहे थे। यदि आप स्नो चेन के बिना 2WD SUV चला रहे होते, तो यह पहले ही ट्रैक्शन खो चुकी होती। Creta ड्राइवर ने बर्फ में SUV के साथ मस्ती की और फिर वापस टरमैक पर आ गया।

मुड़ते समय एसयूवी की पूंछ बाहर आ रही थी और इससे पता चलता है कि वास्तव में सतह कितनी फिसलन भरी है। Hyundai Creta के ड्राइवर का एक और फायदा यह था कि वो व्लॉगर जो अच्छी तरह से सुसज्जित Force Gurkha चला रहा था, अगर SUV बर्फ में फंस जाती है तो मदद करने के लिए वहां मौजूद था। यह एक मजेदार गतिविधि की तरह लग सकता है लेकिन, क्या आपको इसे करना चाहिए? इसका हमारा जवाब है नहीं।

ड्राइव करने के लिए बर्फ बेहद मुश्किल सतह है। जगह-जगह बर्फ की जंजीरों फिसलन का कारण क्या हो सकता है? के साथ, Creta के फंसने की संभावना कम ही हुई है और गायब नहीं हुई है. यह निश्चित रूप से उनकी मदद करेगा जब वे बर्फ गिरने पर सड़क पर होंगे। अंत में, Hyundai Creta एक 2WD SUV है और यह इस तरह की चीजें करने के लिए नहीं है। बर्फ के साथ सड़क पर ड्राइव करते समय, कभी भी तेज गति या ब्रेक न लगाएं और इससे कार नियंत्रण से बाहर हो जाएगी और बर्फ पर कार में वापस नियंत्रण हासिल करना काफी मुश्किल होगा।

Snowfall in Shimla: शिमला शहर में चार इंच बर्फबारी, फ‍िसलन से सड़कें बंद; पर्यटकों के वाहन फंसे

जिला शिमला में मौसम ने एक बार फिर से करवट बदली है।

Snowfall in Shimla जिला शिमला में मौसम ने एक बार फिर से करवट बदली है। राजधानी समेत ऊपरी शिमला में सुबह 4 बजे से बर्फबारी का क्रम जारी है। जिला में बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बर्फ की चाह में शिमला पहुंचे पर्यटक अब इसी से परेशान हो गए हैं।

शिमला, जेएनएन। Snowfall in Shimla जिला शिमला में मौसम ने एक बार फिर से करवट बदली है। राजधानी समेत ऊपरी शिमला में सुबह 4 बजे से बर्फबारी का क्रम जारी है। जिला में बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बर्फ की चाह में शिमला पहुंचे पर्यटक अब इसी से परेशान हो गए हैं। ऊपरी शिमला पूरी तरह सामान्य जीवन से कट चुका है। शहर में भी संजौली आईएसबीटी सड़क बंद हो चुकी है। हालांकि नगर निगम एवं जिला प्रशासन ने जगह-जगह जेसीबी मशीनें, रोबाेट सड़क खोलनेे के लिए लगा दिए हैं। लेकिन सुबह से लगातार हाे रही बारिश व बर्फबारी के कारण सड़कें बहाल नहीं हो पाई हैं।

हालांकि पर्यटकों ने बर्फबारी में जमकर लुत्फ उठाया। पर्यटन कारोबारी बर्फबारी से खुश हो गए हैं। होटल पूरी तरह पैक हैं। शिमला शहर में ही करीब चार इंच, कुफरी 9 इंच और नारकंडा में एक फीट से अधिक बर्फबारी हुई है। ऊपरी शिमला में करीब 200 बसें फंस चुकी हैं। ऊपरी शिमला के लिए बसों को सुबह से ही वाया बसंतपुर मशोबरा भेजा जा रहा है। लेकिन मशोबरा में अधिक बर्फबारी होने के कारण सड़क पर फिसलन फिसलन का कारण क्या हो सकता है? बढ़ गई है जिस कारण वाहन वहीं पर फंसे हुए हैं।

आइसक्रीम और बर्गर के शौकीन शिमला के बंदर

होटलों में कैद हुए पर्यटक

पर्यटक शिमला शहर और आसपास के पर्यटन स्थलों में होटलों में कैद होकर रह गए हैं। वहीं जो पर्यटक अपने घरों को जाने के लिए होटल छोड़ कर निकले वे गाड़ियां न चलने के कारण रास्तों में ही फंस गए।

बिजली की आंख मिचौनी

शिमला में पर्यटकों की अधिक आवक से शहर में लगा ट्रैफिक जाम l

बिजली पानी की सप्लाई भी बाधित हो गई है। शिमला शहर में बिजली की आंख फिसलन का कारण क्या हो सकता है? मिचौनी जारी है, वहीं चौपाल रोहडू, नारकंडा में आपूर्ति ठप पड़ी हुई है। इस वजह से लोगों काे घरों में ठंठ में ठिठुरना पड़ा। वहीं आपूर्ति न होने के कारण दैनिक कार्य करने में दिक्कत हुई। बर्फबारी के कारण पड़ रही भारी ठंड के कारण पाइपें जाम हो गई है। इस कारण लोगों को पेयजल की भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। लक्कड़ बाजार, जाखू, ढली संजौली लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

प्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता का चुनाव 21 दिसंबर को

पैदल पहुंचे गंतव्य तक

सुबह से जारी बर्फबारी से शहर के लाेगाें काे भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। सुबह 10 बजे से पहले शहर के कुछ उपनगरों के वाहन चल रह थे। लेकिन बाद में तेज बर्फबारी के कारण वाहन स्किड करना शुरू हो गए। इसी वजह से बीच सड़क में कई वाहन फंस गए। पर्यटकों के वाहन फंस गए हैं। शहर में निजी बस ऑपरेटर्स ने बसाें काे नहीं चलाया। लोगों को पैदल ही अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा।

भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा स्थगित

फिसलन के कारण बालताल एवं पहलगाम आधार शिविरों से आगे यात्रा स्थगित कर दी गयी है।

22 जुलाई 2010
वार्ता

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में कल शाम से जारी मूसलाधार बारिश की वजह से मार्गों पर फिसलन पैदा होने के कारण बालताल एवं पहलगाम आधार शिविरों से यात्रा स्थगित कर दी गयी है।

आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि किसी तरह की दुर्घटना से बचने के लिये दोनों आधार शिवरों से यात्रियों को आगे नहीं बढने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पवित्र अमरनाथ गुफा का दर्शन करके लौट रहे श्रद्धालुओं को भी मौसम सुधरने तक नजदीकी शिविरों में रुकने के लिये कहा गया है।

सूत्रों के अनुसार मूसलाधार बारिश का दौर जारी है और मार्गों पर फिसलन बढ जाने के कारण यात्रियों को आगे बढने की अनुमति देना खतरनाक सिद्ध हो सकता है।

एक जुलाई से शुरू दो माह की यात्रा के दौरान देश के विभिन्न भागों से दो लाख 80 हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शन कर चुके हैं।

MoneyControl News

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First Published: Jul 22, 2010 2:34 PM

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फिसलन का कारण क्या हो सकता है?

कई बार सड़क किसी ऐसे पुल के साथ मिलती है, जो सड़क से कम चौड़ा होता है । यह चिन्‍ह ऐसे पुलों से पहले लगाया जाता है, जो सड़क की तुलना से संकरे होते है । ड्राइवर को चाहिए कि वह गति कम करे और सुरक्षित ड्राइविंग के लिये सामने से आ रहे यातायात पर नजर रखे ।

फिसलन भरी सड़क

यह चिन्‍ह आगे की सड़क की फिसलन-भरी स्थितियों को दर्शाता है। इन स्थितियों का कारण जल रिसाव या तेल का फैलना आदि हो सकता है । फिसलन का कारण क्या हो सकता है? यह चिन्‍ह दिखने पर चालक को सदैव दुर्घटना से बचने के लिये अपने वाहन की गति कम करनी चाहिए ।

बिखरी बजरी

यह चिन्‍ह आम तौर पर पहाड़ी सड़को पर लगाया जाता है, जहां सड़को पर धूल-मिट्टी या बजरी गिरती रहती है । यह चिन्‍ह दिखने पर ड्राइवरों को धीमी गति से और सावधानीपूर्वक वाहन चलाना चाहिए, क्‍योंकि यहां थोड़ी सी लापरवाही से भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है ।

साइकिल क्रॉसिंग

यह सड़क चिन्‍ह दर्शाता है कि चौराहे की मुख्‍य सड़क पर एक साइकिल पथ है या साइकिल चालक इस पथ का निरंतर प्रयोग करते हैं । ड्राइवर को सावधानीपूर्वक चौराहा पार करना चाहिए ताकि साइकिल सवार सुरक्षित ढंग से मुख्‍य सड़क पार कर सकें ।

दाहिने मुड़कर फिर आगे

यह सड़क चिन्‍ह आगे की सड़क के वास्‍तविक डिजाइन, अर्थात जेडनुमा आकार के रास्‍ते को दर्शाता है । यह ड्राइवर को दाहिनी तरफ टेढ़े-मेढ़े रास्‍ते के बारे में आगाह करता है । इस चिन्‍ह को देखने पर ड्राइवर को चाहिए कि वह वाहन की गति कम करें और वाहन को सतर्कता से आगे बढ़ाएं ।

पैदल क्रॉसिंग

पदयात्री यातायात का बादशाह होता है । यह चिन्‍ह ड्राइवर को आगाह करता है कि वह वाहन की गति धीमी कर दे या उसे रोक दे और पदयात्रियों को रास्‍ता पार करने दे । सड़क का एक भाग सफेद पट्टियों के रूप में चिन्हित किया जाता है, जिसे जेब्रा क्रॉसिंग के नाम से जाना जाता है । सड़क के जेब्रा क्रॉसिंग पर पदयात्रियों का पहला अधिकार होता है ।

आगे स्‍कूल है

यह सड़क चिन्‍ह दर्शाता है कि आगे/आसपास कोई स्‍कूल है । दुर्घटनाओं से बचने के लिए ड्राइवर द्वारा वाहन की गति धीमी रखना और सावधनी से गाड़ी चलाना जरूरी है । बच्‍चे अक्‍सर दौड़कर या अचानक हड़बड़ी में सड़क पार करते है, इसलिये उनकी सुरक्षा के लिए ड्राइवर हमेशा स्‍कूल के नजदीक सावधनी से वाहन चलाएं ।

यातायात संकेतक

यह संकेत दर्शाता है कि यह सड़क तीन रंग वाली बस्‍ती सिग्‍नल से प्रचालित है क्‍यों चालक कुछ सड़को पर इस प्रकार की व्‍यवस्‍था का अनुमान नहीं लगा पाते हैं ।

पशु

यह चिन्‍ह दर्शाता है कि वहां सड़क पर पशुओं के भटकने की बहुत संभावनाएं हैं । सड़क पर पशुओं के घूमने से बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं क्‍योंकि यातायात में जानवर के भड़कने का खतरा रहता है । इसलिए, जहां कहीं यह चिन्‍ह देखें, सावधानी से गाड़ी चलाएं ।

नौका

कुछ स्‍थानों पर पुल की व्‍यवस्‍था किए बिना सड़के नदी के साथ जोड़ी जाती हैं । चूंकि नदी सड़़क को विभाजित करती है इसलिए, नौका सेवा के जरिए इन सड़कों को जोड़ा जाता है । यह चिन्‍ह दर्शाता है कि वहां नदी पार करने के लिए नौका सेवा उपलब्‍ध है ।

रक्षित समपार क्रॉसिंग

कई बार रेलवे लाइन सड़क से क्रॉस करते हुए गुजरती है । यह चिन्‍ह दर्शाता है कि वहां एक रेलवे क्रॉसिंग है, जहां गार्ड सुरक्षा कर रहा है । ड्राइवर को अतिरिक्‍त सावधानी रखनी चाहिये और तदनुसार वाहन चलाना चाहिऐ । और और दो लाल रंग की पट्टी दर्शाती है कि रेलवे लाइन क्रमानुसार 100 मी. या 200 मी. की दूरी पर है ।

मानवरहित समपार क्रॉसिंग

यह चिन्‍ह दर्शाता है कि वहां एक रेलवे क्रॉसिंग है, जहां सुरक्षा के लिए कोई गार्ड तैनात नहीं है । ड्राइवर को स्‍वयं यह सुनिश्चित करने के बाद सावधीनपूर्वक इस अरक्षित रेलवे क्रॉसिंग को पार करना होगा कि निकटवर्ती रेल पटरी पर कोई ट्रेन नहीं आ-जा रही है । एक और दो लाल रंग की पट्टी यह दर्शाती है कि रेलवे लाइन क्रमानुसार 100 मी. या 200 मी. की दूरी पर है ।

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