अगर कार्गो को 60 डॉलर प्रति बैरल से अधिक कीमत पर खरीदा गया तब मूल्य कैप नीति यूरोपीय संस्थाओं को रूसी तेल ले जाने वाले जहाजों को फाइनेंसियल ब्रोकरेज, शिपिंग और बीमा सेवाएं प्रदान करने से प्रतिबंधित करता है. लेकिन रिपोर्टों में कहा स्थिर मुद्राएं क्या हैं गया है कि भारत जैसे ग्राहकों को टैंकर बनाने या उन्हें पट्टे पर देने में रूस मदद कर रहा है ताकि वे पश्चिमी कंपनियों के स्वामित्व वाले टैंकरों का इस्तेमाल नहीं करें जिन पर यूरोपीय संघ के दंडात्मक उपाय लागू हो सकते हैं.

अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 78.09 प्रति डॉलर पर स्थिर

मुंबई, 17 जून (भाषा) विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को महज एक पैसे की तेजी के साथ 78.09 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर लगभग स्थिर बंद हुआ। घरेलू शेयर बाजार में सुस्ती के रुख और विदेशी पूंजी बाजार से धन निकासी का रुपये पर असर पड़ा।

बाजार सूत्रों के अनुसार, विदेशों में डॉलर के मजबूत होने और कच्चा तेल कीमतों में तेजी के कारण भी रुपये पर दबाव रहा।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 78.03 के भाव पर मजबूत खुला। कारोबार के दौरान रुपये ने 78.02 के दिन के उच्चतम स्तर और 78.09 के निम्नतम स्तर को छूआ और अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव 78.10 रुपये के मुकाबले मात्र एक पैसे की तेजी के साथ 78.09 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.71 प्रतिशत बढ़कर 104.37 हो गया।

डॉलर से चीन की जंग: युआन में व्यापार करने का बीजिंग का प्रस्ताव, सऊदी और GCC कर रहे विचार

डॉलर से चीन की जंग: युआन में व्यापार करने का बीजिंग का प्रस्ताव, सऊदी और GCC कर रहे विचार

के वी रमेश

पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिकी डॉलर मजबूत स्थिर मुद्राएं क्या हैं हुआ है जिस कारण रुपये समेत विश्व की कई मुद्राएं दबाव में हैं. लेकिन कुछ दिन से दुनिया की रिजर्व करेंसी के मुकाबले दूसरी करेंसियों में तेजी भी देखी जा रही है.यूरो, ब्रिटिश पाउंड, कैनेडियन डॉलर, ऑस्ट्रेलियाई डॉलर और सबसे महत्वपूर्ण रूप से चीनी युआन पुरानी स्थिति में वापस आ गए हैं. चीन-अरब राज्यों के शिखर सम्मेलन और चीन-जीसीसी (गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खाड़ी की यात्रा की जिसके अंत में वह सऊदी अरब पहुंचे.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) 571 अरब डॉलर पर पहुंचा

22 जुलाई, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.152 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 571.56 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है।

विदेशी मुद्रा भंडार

इसे फोरेक्स रिज़र्व या आरक्षित निधियों का भंडार भी कहा जाता है भुगतान संतुलन में विदेशी मुद्रा भंडारों को आरक्षित परिसंपत्तियाँ’ कहा जाता है तथा ये पूंजी खाते में होते हैं। ये किसी देश की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति का एक महत्त्वपूर्ण भाग हैं। इसमें केवल विदेशी रुपये, विदेशी बैंकों की जमाओं, विदेशी ट्रेज़री बिल और अल्पकालिक अथवा दीर्घकालिक सरकारी परिसंपत्तियों को शामिल किया जाना चाहिये परन्तु इसमें विशेष आहरण अधिकारों, सोने के भंडारों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की भंडार अवस्थितियों को शामिल किया जाता है। इसे आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय भंडार अथवा अंतर्राष्ट्रीय भंडार की संज्ञा देना अधिक उचित है।

विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए): $510.136 बिलियन
गोल्ड रिजर्व: $38.502 बिलियन
IMF के साथ एसडीआर: $17.963 बिलियन
IMF के साथ रिजर्व की स्थिति: $4.96 बिलियन

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) 571 अरब डॉलर पर पहुंचा

22 स्थिर मुद्राएं क्या हैं जुलाई, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.152 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 571.56 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है।

विदेशी मुद्रा भंडार

इसे फोरेक्स रिज़र्व या आरक्षित निधियों का भंडार स्थिर मुद्राएं क्या हैं भी कहा जाता है भुगतान संतुलन में विदेशी मुद्रा स्थिर मुद्राएं क्या हैं भंडारों को आरक्षित परिसंपत्तियाँ’ कहा जाता है तथा ये स्थिर मुद्राएं क्या हैं पूंजी खाते में होते हैं। ये किसी देश की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति का एक महत्त्वपूर्ण भाग हैं। इसमें केवल विदेशी रुपये, विदेशी बैंकों की जमाओं, विदेशी ट्रेज़री बिल और अल्पकालिक अथवा दीर्घकालिक सरकारी परिसंपत्तियों को शामिल किया जाना चाहिये परन्तु इसमें विशेष आहरण अधिकारों, सोने के भंडारों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की भंडार अवस्थितियों को शामिल किया जाता है। इसे आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय भंडार अथवा अंतर्राष्ट्रीय भंडार की संज्ञा देना अधिक उचित है।

विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए): $510.136 बिलियन
गोल्ड रिजर्व: $38.502 बिलियन
IMF के साथ एसडीआर: $17.963 बिलियन
IMF के साथ रिजर्व की स्थिति: $4.96 बिलियन

विदेशी मुद्रा भंडार

इसे फोरेक्स रिज़र्व या आरक्षित निधियों का भंडार भी कहा जाता है भुगतान संतुलन में विदेशी मुद्रा भंडारों को आरक्षित परिसंपत्तियाँ’ स्थिर मुद्राएं क्या हैं कहा जाता है तथा ये पूंजी खाते में होते हैं। ये किसी देश की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति का एक महत्त्वपूर्ण भाग हैं। इसमें केवल विदेशी रुपये, विदेशी बैंकों की जमाओं, विदेशी ट्रेज़री बिल और अल्पकालिक अथवा दीर्घकालिक सरकारी परिसंपत्तियों को शामिल किया जाना चाहिये परन्तु इसमें विशेष आहरण अधिकारों, सोने के भंडारों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की भंडार अवस्थितियों को शामिल किया जाता है। इसे आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय भंडार अथवा अंतर्राष्ट्रीय भंडार की संज्ञा देना अधिक उचित है।

विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए): $533.378 बिलियन
गोल्ड रिजर्व: $40.823 बिलियन
IMF के साथ एसडीआर: $18.306 बिलियन
IMF के साथ रिजर्व की स्थिति: $5.002 बिलियन

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