साहिबगंज की रूबिका पहाड़न हत्याकांड पर विधानसभा में भाजपा का हंगामा

  • सदन में विभूतियों को दी जा रही थी श्रद्धांजलि और भाजपा विधायक कर रहे थे हंगामा
  • भाजपा विधायक रणधीर सिंह टेबल पर खड़े हो गये, Bitcoin का इतिहास मार्शल आउट किया गया
  • रूबिका पहाड़िया हत्याकांड को लेकर विधानसभा के बाहर और अंदर विपक्ष का हंगामा
  • भाजपा के विधायक शोकाकुल नहीं हैं- स्पीकर
  • लाश पर राजनीति होने लगे तो नहीं बचेगी सदन की गरिमा- मुख्यमंत्री

Ranchi : झारखंड विधानसभा भाजपा विधायकों के आचरण से शर्मसार हो गया. शीतकालीन सत्र के पहले सदन सोमवार को शोक प्रकाश के दौरान भाजपा के विधायकों ने सदन के अंदर हंगामा किया. 22 साल के इतिहास में विधानसभा में यह परंपरा देखी गई है कि शोक प्रकाश के दौरान कभी भी विपक्ष ने सदन के अंदर ऐसा आचरण नहीं किया. जब सभा विभूतियों Bitcoin का इतिहास को श्रद्धांजलि दे रही थी, तब भाजपा के विधायक शोर मचा रहे थे. भाजपा के विधायक रणधीर सिंह तो टेबल पर ही चढ़ गये. फौरन उन्हें मार्शल आउट किया गया. सुबह 11.10 में विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के सभी विधायक वेल में पहुंच गये. 11.21 तक वे वहीं हंगामा करते रहे. स्पीकर के आग्रह के बाद विधायक वापस अपनी सीट पर लौटे और शोक प्रकाश शुरू हुआ. जब भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण का शोक प्रस्ताव पढ़ने की बारी आई, तब सदन में हंगामा शुरू हो गया.

समुदाय विशेष के लोग ऐसी घटना को अंजाम दे Bitcoin का इतिहास रहे- बिरंची

बिरंची नारायण ने शोक प्रकाश में रूबिका पहाड़न का नाम जोड़ने का आग्रह किया, लेकिन उनका नाम नहीं जोड़ा गया, तब विपक्ष फिर हंगामा करने लगा. पक्ष और विपक्ष के बीच इस मामले Bitcoin का इतिहास को लेकर काफी तकरार हुआ. बिरंची ने कहा कि झारखंड Bitcoin का इतिहास की एक बेटी रुबिका पहाड़न टुकड़ों में काट कर फेंक Bitcoin का इतिहास Bitcoin का इतिहास दी गई. यह रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना है. समुदाय विशेष के लोग ऐसी घटना को अंजाम दे रहे हैं.

हत्याकांड को समुदाय विशेष से जोड़ने की बात Bitcoin का इतिहास सुनते ही सत्ता पक्ष की ओर से विरोध शुरू हो गया. विधायक सरफराज अहमद, इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला समेत कई विधायकों ने विरोध किया. इसपर स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि शोक प्रस्ताव को राजनीति से अलग रखना चाहिए. शोक में हमें गंभीर होना चाहिए. इस तरह के आचरण से हमारी परंपरा टूटेगी. भाजपा के विधायक शांत नहीं हुए और फिर से वेल में पहुंच गये. तब स्पीकर ने कहा कि आपलोग शोकाकुल नहीं हैं.

यह गलत परिपाटी है- मुख्यमंत्री

हंगामे के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खड़े होकर कहा कि यह परिपाटी अच्छी नहीं है. लाश पर राजनीति होने लगे तो सदन की गरिमा नहीं बचेगी. ये लोग शोक प्रस्ताव नहीं व्यक्त करना चाहते सिर्फ राजनीति करना चाहते हैं.

विधायक प्रदीप यादव Bitcoin का इतिहास ने कहा कि शोक प्रस्ताव में हंगामा दुर्भाग्यपूर्ण है. विधानसभा की कार्यवाही में एक नया इतिहास जुड़ रहा है. उन्होंने कहा कि श्रद्धा के बाद रूबिका हत्याकांड काफी दुखद है. ऐसे अपराध के लिए नया कानून बने और दोषी को सार्वजनिक फांसी दी जाए.

रेटिंग: 4.77
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 832