Mutual Funds: इन 5 इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम्स ने 5 वर्षों में दिया बेस्ट रिटर्न, निवेशक हो गए मालामाल
Mutual Funds: म्यूचुअल फंड एक लोकप्रिय निवेश ऑप्शन बनता जा रहा है. खासकर म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए लोग निवेश करना अधिक पसंद कर रहे हैं.
By: ABP Live | Updated at : 24 Nov 2021 07:20 PM (IST)
Mutual Funds: म्यूचुअल फंड एक लोकप्रिय निवेश ऑप्शन बनता जा रहा है. खासकर म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए लोग निवेश करना अधिक पसंद कर रहे हैं. आज हम आपको 5 इक्विटी म्युचुअल फंड स्कीम्स के बारे में बताएंगे जिन्होंने पांच वर्षों में शानदारा रिटर्न दिया है. लेकिन इससे पहले हम यह चेतावनी देना चाहते हैं कि इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश करते समय यह याद रखें कि पिछला ट्रैक रिकॉर्ड भविष्य के प्रदर्शन का कोई संकेत नहीं है. अब जानते हैं 5 सालों में शानदार रिटर्न देने वाले इन शेयर्स के बारे में:-
Tata Digital India Fund
- इस लिस्ट में पहला नंबर है टाटा डिजिटल इंडिया फंड का.
- पिछले 5 वर्षों में इस फंड ने 36.86% रिटर्न दिया है.
- वहीं अगर पिछले तीन सालों की बात करें तो इस फंड का रिटर्न 43.99 फीसदी रहा है.
ICICI Prudential Technology Fund
- पिछले 5 वर्षों में इस फंड ने 36.02% रिटर्न दिया है.
- वहीं अगर पिछले तीन सालों की बात करें तो इस फंड क्या तकनीकी संकेतक बेकार हैं? का रिटर्न 45.43 फीसदी रहा है.
Aditya Birla Sun Life Digital India
- इस फंड ने पिछले 5 वर्षों में 35.10% रिटर्न दिया है.
- अगर पिछले तीन सालों की बात करें तो इस फंड का रिटर्न 43.81 फीसदी रहा है.
SBI Technology Opportunities Fund
- इस फंड ने पिछले 5 वर्षों में 30.65% रिटर्न दिया है.
- पिछले तीन वर्षों में इस फंड ने 40.17 फीसदी रिटर्न दिया है.
Franklin India Technology Fund
- इस फंड ने पिछले 5 वर्षों में 28.32% रिटर्न दिया है.
- पिछले तीन वर्षों में इस फंड ने 35.82 फीसदी रिटर्न दिया है.
जैसा कि हम उपरोक्त तालिका से देख सकते हैं, लगभग सभी आईटी या तकनीकी पैक से हैं. वास्तव में, आईटी शेयरों में काफी तेजी आई है, जिससे अन्य क्षेत्रों की तुलना में इस क्षेत्र के शेयरों का ठोस प्रदर्शन हुआ है. हम सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि मौजूदा स्तरों पर बाजार खुद ही अधिक मूल्यवान हैं और इस बात की संभावना है कि आने वाले दिनों में म्यूचुअल फंड सबसे अच्छे रिटर्न के साथ भी खराब प्रदर्शन कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन हमेशा शेयर बाजारों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है और पिछले 1 साल में तेज रैली के साथ, बड़े निवेशक मूल्यांकन पर थोड़ा चिंतित हो रहे हैं. इसलिए, जैसे-जैसे बाजार में तेजी आती है, बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है जो उभर सकता है और इसलिए इक्विटी क्या तकनीकी संकेतक बेकार हैं? म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय भी सावधानी बरतने की जरूरत है.
(यहां ABP News द्वारा किसी भी फंड में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है. यहां दी गई जानकारी का सिर्फ़ सूचित करने का उद्देश्य है. म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन हैं, योजना संबंधी सभी दस्तावेज़ों को सावधानी से पढ़ें. योजनाओं की NAV, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव सहित सिक्योरिटी बाज़ार को प्रभावित करने वाले कारकों व शक्तियों के आधार पर ऊपर-नीचे हो सकती है. किसी म्यूचुअल फंड का पूर्व प्रदर्शन, आवश्यक रूप से योजनाओं के भविष्य के प्रदर्शन का परिचायक नहीं हो सकता है. म्यूचुअल फंड, किन्हीं भी योजनाओं के अंतर्गत किसी लाभांश की गारंटी या आश्वासन नहीं देता है और वह वितरण योग्य अधिशेष की उपलब्धता और पर्याप्तता से विषयित है. निवेशकों से सावधानी के साथ विवरण पत्रिका (प्रॉस्पेक्टस) की समीक्षा करने और विशिष्ट विधिक, कर तथा योजना में निवेश/प्रतिभागिता के वित्तीय निहितार्थ के बारे में विशेषज्ञ पेशेवर सलाह को हासिल करने का अनुरोध है.)
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Published at : 24 Nov 2021 07:20 PM (IST) Tags: Mutual Funds Investment Equity Mutual Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
फोन में दिख रहे हैं ऐसे संकेत तो हो जाएं सावधान.
फोन कभी एकदम से खराब नहीं होता (कुछ मामलों को छोड़कर).. अगर आपके फोन में कोई समस्या आ रही है तो उसके लिए पहले से ही कई संकेत सामने आएंगे.
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आज के सोशल मीडियाई युग में स्मार्टफोन एक अहम साधन है जिसके बिना करीब 80% लोग अपंग महसूस करते हैं. ये हम नहीं कह रहे ये कहती है कई सर्वे रिपोर्ट जिनमें स्मार्टफोन एडिक्शन की बात कही जाती है. हर कोई अपना फोन अपने हिसाब से चलाता है और जब आपका फोन आपकी बात ना माने तो चिड़चिड़ाहट होनी लाज़मी है.
लोगों का थोड़ा पुराना स्मार्टफोन अधिकतर दिक्कत देगा है तो कई बार नए स्मार्टफोन्स में ही गड़बड़ी आने लगती है. स्मार्टफोन में कोई गड़बड़ी आ रही है तो जरूरी नहीं कि वो बड़ी दिक्कत हो, लेकिन अगर उसे जल्दी ही सही नहीं किया गया तो यकीनन वो बड़ा रूप ले सकती है. फोन कभी एकदम से खराब नहीं होता (कुछ मामलों को छोड़कर).. अगर आपके फोन में कोई समस्या आ रही है तो उसके लिए पहले से ही कई संकेत सामने आएंगे.
स्मार्टफोन में आ सकती है कोई भी खराबी तो कब पता लगेगा कि आपका फोन खराब हो रहा है?
1. सबसे पहले होगा बैटरी पर असर.
अगर आपका फोन थोड़ा पुराना हो गया है मान लीजिए एक साल और उसमें अभी तक कोई खराबी नहीं आई है तो सबसे पहले बैटरी पर असर पड़ेगा. ऐसा चार्जिंग साइकल के कारण होता है. मतलब एक बार आप फोन को 50% बैटरी पर चार्ज पर लगा देते हैं, एक बार 10% से भी कम ले जाते हैं, एक दिन में दो बार चार्ज करते हैं तो धीरे-धीरे बैटरी की क्षमता कम होने लगती है. अगर आपकी चार्जिंग साइकल सही है तो बैटरी ज्यादा दिन तक सही रहेगी. अगर चार्जिंग साइकल ठीक नहीं है तो 6 महीने के बाद बैटरी थोड़ा जल्दी डिस्चार्ज होने लगेगी!
2. इसके बाद फोन होगा स्लो.
दूसरी समस्या तब शुरू होगी जब फोन स्लो होने लगेगा. ऐसा बहुत से कारणों से हो सकता है. फोन में क्या तकनीकी संकेतक बेकार हैं? कई सारे एप्स डाउनलोडेड हैं, इंटरनल मेमोरी भरी हुई है, सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं हुआ है, फोन में वायरस आ गया है, फोन में मालवेयर आ गया है या फिर कोई एप क्रैश हो रहा है. इनमें से कोई भी कारण फोन को स्लो करने के लिए काफी है.
अगर फोन जरूरत से ज्यादा स्लो हो गया है तो या काम ही नहीं कर रहा तो कोई हार्डवेयर समस्या भी हो सकती है नहीं तो अधिकतर ऐसा सॉफ्टवेयर के कारण होता है. फोन में नई अपडेट इंस्टॉल करें और अगर इंटरनल मेमोरी भर गई है तो उसे खाली करें. नई अपडेट इंस्टॉल करने से सिक्योरिटी की समस्याएं खत्म होती हैं, अगर मालवेयर है तो वो भी फोन से हट जाएगा!क्या तकनीकी संकेतक बेकार हैं?
3. टचस्क्रीन का रिस्पॉन्स होगा कम.
फोन खराब हो रहा है इसका तीसरा लक्षण है टचस्क्रीन का रिस्पॉन्स. टच स्क्रीन का रिस्पॉन्स धीमा हो जाता है. कई बार एक टैप करने पर स्क्रीन रिस्पॉन्स ही नहीं करती है. फोन के अंदर तेल, पानी जाने से या फिर हार्डवेयर समस्या के कारण ऐसा होता है. अगर स्क्रीन ने रिस्पॉन्ड क्या तकनीकी संकेतक बेकार हैं? करना धीरे-धीरे कम कर दिया है तो फोन को सर्विस सेंटर पर ले जाना बेहतर होगा.
4. हार्डवेयर काम करना बंद.
स्क्रीन अगर कम रिस्पॉन्सिव हो गई है तो धीरे-धीरे हार्डवेयर काम करना बंद कर देंगे. हेडफोन जैक काम नहीं करेगा, होम बटन ठीक से काम नहीं करेगा ऐसे धीरे-धीरे करके आपके फोन पार्ट खराब होते जाएंगे. ऐसा फोन में कचरा जाने के कारण भी हो सकता है. अगर आप नहीं चाहते की फोन पूरी तरह से बर्बाद हो जाए तो हार्डवेयर समस्या आते ही उसे सर्विस सेंटर पर दिखा लें.
5. फोन हो रहा है गर्म.
चार्जिंग के दौरान या फोन बात करने के दौरान गर्म हो रहा है तो ये भी गंभीर समस्या है. अगर चार्जिंग के दौरान ऐसा हो रहा है तो सॉफ्टवेयर अपडेट से सही हो सकता है. अगर तब भी सही नहीं हो रहा तो मतलब कोई हार्डवेयर समस्या है. कई बार फोन की आईसी (IC) में गड़बड़ी आने से भी ऐसा होता है.
फोन अगर गर्म हो रहा है तो इसे सर्विस सेंटर पर दिखा लें सबसे पहले अपने चार्जर और यूएसबी पोर्ट को साफ करें. इसके लिए टूथपिक का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा, अगर तब भी समस्या ठीक नहीं हो रही तो फोन को एक बार सर्विस सेंटर ले जाएं. अगर आईसी या फोन के यूएसबी पोर्ट में कोई समस्या है तो इसे ठीक करवाना ही बेहतर है नहीं तो आईसी उड़ सकती है और इसके बाद फोन ठीक करवाने के लिए लंबा खर्च लग सकता है.
6. मेमोरी खाली होने के बाद भी नहीं कर पा रहे कुछ डाउनलोड.
अगर मेमोरी खाली है और उसके बाद भी आप एप्स नहीं डाउनलोड कर पा रहे हैं और समस्या बनी हुई है तो ये मालवेयर की वजह से होता है. इसके लिए सॉफ्टवेयर अपडेट से लेकर एंटी वायरस स्कैन तक काफी कुछ किया जा सकता है.
UP AQI Today: लखनऊ की हवा में जहर बरकरार, गाजियाबाद-नोएडा में हालात हद से ज्यादा खराब: जानें अपने शहर का हाल
UP AQI Today: लखनऊ के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में शनिवार को भले ही 74 अंकों की गिरावट आई हो, लेकिन हवा जहरीली बनी हुई है। PCB के नोटिस पर औद्योगिक क्षेत्र की 2 फैक्ट्रियां बंद हो गईं हैं।
UP AQI Today: लखनऊ के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में शनिवार को भले ही 74 अंकों की गिरावट आई हो, लेकिन हवा निरंतर जहरीली बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की शनिवार शाम की रिपोर्ट के मुताबिक एक्यूआई 216 रहा। ऐसी हवा एक्यूआई मानकों के हिसाब से ऑरेंज जोन यानी खराब श्रेणी में है। तालकटोरा, लालबाग की हवा शनिवार भी बेहद खराब श्रेणी में रही। यहां अधिकतम एक्यूआई 350 के पार रहा। पीसीबी के नोटिस पर औद्योगिक क्षेत्र की दो फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं।
लालबाग-तालकटोरा की हवा सर्वाधिक दमघोंटू घने यातायात, टूटी सड़कों से लालबाग और औद्योगिक इकाइयों, भवन निर्माण सामग्री की दुकानों से तालकटोरा की हवा सुधरने का नाम नहीं ले रही है। तालकटोरा का एक्यूआई 334 दर्ज किया गया, यहां अधिकतम एक्यूआई 379 दर्ज किया गया। लालबाग का औसत एक्यूआई 261 रहा लेकिन अधिकतम 351 रहा। सेंट्रल स्कूल अलीगंज के आसपास के इलाकों की हवा खराब रही। यहां 220 एक्यूआई दर्ज किया गया। यह शुक्रवार को अधिकतम एक्यूआई 500 दर्ज किया गया था। शनिवार को यहां का अधिकतम एक्यूआई 302 रहा।
रविवार की सुबह आगरा के संजय पैलेस क्षेत्र में एक्यूआई 143 दर्ज किया गया। बरेली के सिविल लाइन्स में 162, गाजियाबाद के वसुंधरा में 321, गोरखपुर के एमएमएमयूटी क्षेत्र में 110, ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थ्री में 331, कानपुर के एनएसआई कल्याणपुर में 279, लखनऊ के तालकटोरा क्षेत्र में 326, मेरठ के गंगानगर में 249, सेक्टर नोएडा के सेक्टर 116 में 373, प्रयागराज के नगर निगम क्षेत्र में 177 और वाराणसी के मलदहिया क्षेत्र में 164 एक्यूआई दर्ज किया गया।
रविवार सुबह छह बजे यूपी के विभिन्न जिलों में दर्ज एक्यूआई
अगर गाड़ी दे यह 5 संकेत तो भूल कर भी न करें अनदेखा, वरना इंजन हो सकता है सीज! पढें पूरी रिपोर्ट
कार की आवाज से लेकर एग्जॉस्ट से निकलने वाला घुआं और इंजन की गर्माहट कई ऐसी बातें हैं जो कि कार के इंजन के कंडीशन के बारे में सबकुछ बयान करती हैं। इसलिए कार ड्राइविंग के दौरान कुछ मुख्य बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है जिससे आप कार के इंजन की स्थिति पर भी एक नजर बनाए रख सकें।
प्रतिकात्मक तस्वीर: कार से निकलने वाला धुआं भी कार के इंजन के बारे में काफी कुछ बताता है।
कार का इंजन उसके दिल के जैसा होता है, जिस तरह से इंसानी जिस्म में दिल में आने वाली थोड़ी सी परेशानी मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। वैसे ही इंजन के साथ भी की गई छोटी सी लापरवाही बड़ी मुसीबत को जन्म दे सकती है। दिल की ही तरह इंजन भी खराब होने से पहले कई संकेत देता है जिनकों अनदेखा करना मुश्किलों को दावत देने जैसा है। आज हम आपको अपने इस फाइव थिंग्स सेग्मेंट में ऐसे ही पांच संकेतो के बारे में बताएंगे जिन पर ध्यान देना बेहद ही जरूरी है, तो आइये जानते हैं उन संकेतों के बारे में जो इंजन के खस्ताहाल की कहानी बयां करती हैं-
1- बेवजह की आवाज: “गुड साउंड, गुड हेल्थ” गाड़ी की आवाज ही उसके हालात को पूरी तरह से बयान कर देती है। इसलिए कार के इंजन की आवाज पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। यदि आपकी कार का इंजन बेवजह की आवाज करता है या फिर ऐसा साउंड करता है जो आपने पहले नहीं सुनी है तो यह एक दस्तक है। कई बार कार का इंजन बैक फायर या फिर फ्यूल मिक्सचर में आने वाली खामी के चलते खराब आवाज करता है, यदि आपकी कार की आवाज भी बदती है तो तत्काल इसे सर्विस सेंटर का रास्ता दिखाएं।
2- कार से निकलने वाला धुआं: ये हम सभी जानते हैं कि कार का धुआं निकलना न केवल वातावरण को दूषित करता है बल्कि यह एक तरह से इंजन में आने वाली तकनीकी खामी का भी संकेत है। यदि आपकी कार के एग्जॉस्ट से काला धुआं निकलता है तो हो सकता है कि आपकी कार रिच एयर फ्यूल मिक्सचर पर चल रही है या फिर इंजन को जरूरत से ज्यादा ईंधन की आपूर्ति हो रही है। इसके अलावां यदि नीले रंग का धुआं निकल रहा है तो यह साफ है कि कार का इंजन, इंजन ऑयल की खपत कर रहा है। इसलिए कार से निकलने वाले धुएं पर विशेष ध्यान दें।
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3- वाइब्रेशन: स्मूथ राइडिंग बेहतर इंजन की सबसे पहली निशानी होती है, यदि आपकी कार ड्राइव करते समय वाइब्रेशन करती है, तो हो सकता है कि इसमें कुछ तकनीकी खराबी हो। हालांकि इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं लेकिन एक्सलेटर लेते समय यदि इंजन स्मूथ न हो और गियर बदलते समय कार बार बार वाइब्रेट करती हो तो इसका सीधा असर कार की इंजन पर पड़ता है। इसलिए भूल कर भी कार के वाइब्रेशन को नजरअंदाज न करें और तत्काल कार को किसी सर्विस सेंटर पर जांच के लिए ले जाएं।
4- ओवरहीटिंग: कार के इंजन को कूल रखना बेहद ही जरूरी होता है, सभी इंजन में ट्रेम्प्रेचर गेज दिया गया होता है जिसका सेंटर में बने रहना सबसे ज्यादा जरूरी है। यदि आप कार को सीधी चढ़ाई पर ड्राइव करते हैं और गेज टॉप पर पहुंचता है तो इस स्थिति में इंजन के गर्म होने का खतरा बढ़ जाता है। यदि आपकी कार का इंजन बार बार जरूरत से ज्यादा गर्म हो रहा हो इसके कूलिंग में समस्या हो सकती है। इसलिए इंजन के बार बार गर्म होने की दशा में इसे मैकेनिक से जरूर दिखाएं।
5- स्पार्क प्लग का ऑयली होना: यह समस्या ज्यादातर पेट्रोल कारों के साथ देखने को मिलती है। दरअसल, जहां पर स्पार्क प्लग लगाया गया होता है वहां से कभी कभी इंजन ऑयल के लीक होने की समस्या देखने को मिलती है। इससे आग लगने का भी खतरा होता है। यदि आपकी कार के स्पार्क प्लग के साथ भी ऐसी समस्या दिखती हो तो तत्काल कार को सर्विस सेंटर पर दिखाएं।
लैंगिक असमानता संकेतकों के तीन आयाम क्या हैं?
इन तीन संकेतकों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक असमानताओं को मापा जाता है। महिलाओं द्वारा आर्थिक भागीदारी और निर्णय लेने से संबंधित पहलुओं को ध्यान में रखने के लिए एक अतिरिक्त उपाय, लिंग सशक्तिकरण उपाय ( GEM ) तैयार किया गया है।
- GEM में उपयोग किए जाने वाले संकेतक आय में हिस्सेदारी, संसदीय सीटों में हिस्सेदारी और एक सूचकांक है जिसमें प्रशासनिक और प्रबंधकीय नौकरियों में हिस्सेदारी और पेशेवर और तकनीकी पदों में हिस्सेदारी शामिल है। 1995 में यूएनडीपी ने लैंगिक असमानता का आकलन करने के लिए एक विधि के रूप में जेंडर-संबंधित विकास सूचकांक को सामने लाया।
- GDI में उपयोग किए जाने वाले चर मानव विकास सूचकांक के लिए उपयोग किए गए चर के समान हैं; ये हैं शिक्षा, स्वास्थ्य और आय।
Key Points
महिलाओं की क्षमताओं के बजाय उनके अवसरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, GEM तीन प्रमुख क्षेत्रों में लैंगिक असमानता को दर्शाता है:
- राजनीतिक भागीदारी और निर्णय लेने की शक्ति, जैसा कि महिलाओं और पुरुषों के संसदीय सीटों के प्रतिशत हिस्से से मापा जाता है।
- आर्थिक भागीदारी और निर्णय लेने की शक्ति, जैसा कि दो संकेतकों द्वारा मापा जाता है - विधायकों, वरिष्ठ अधिकारियों और प्रबंधकों के रूप में महिलाओं और पुरुषों के पदों का प्रतिशत हिस्सा और पेशेवर और तकनीकी पदों पर महिलाओं और पुरुषों का प्रतिशत हिस्सा।
- आर्थिक संसाधनों पर शक्ति, जैसा कि महिलाओं और पुरुषों की अनुमानित अर्जित आय से मापा जाता है। शैक्षिक संस्थानों, सामान्य जागरूकता और कानूनी जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से कानूनों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
इस प्रकार उपर्युक्त बिंदुओं से स्पष्ट है कि लैंगिक असमानता संकेतकों के तीन आयाम शिक्षा, आर्थिक भागीदारी, सशक्तिकरण हैं।
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Last updated on Oct 19, 2022
The Application Links for the DSSSB TGT will remain open from 19th October 2022 to 18th November 2022. Candidates should apply between these dates. The Delhi Subordinate Services Selection Board (DSSSB) released DSSSB TGT notification for Computer Science subject for which a total number of 106 vacancies have been released. The candidates can apply from 19th October 2022 to 18th November 2022. Before applying for the recruitment, go through the details of DSSSB TGT Eligibility Criteria and make sure that you are meeting the eligibility. Earlier, the board has released 354 vacancies for the Special Education Teacher post. The selection of the DSSSB TGT is based on the Written Test which will be held for 200 marks.
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