अगर आप पहली बार निवेश कर रहे हैं तो सारे पैसे एक साथ बिल्कुल शेयर बाजार में नहीं लगाएं. सबसे पहले निर्धारित निवेश राशि का 20 फीसदी इस्तेमाल करें. उसके बाद थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करें. साथ ही एक ही कंपनी में सारा फंड लगाने से बचें. (नोट: शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)
Investment Tips: पहली बार खरीदना चाहते हैं शेयर, इन बातों का रखें ध्यान, नहीं होगा नुकसान
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 23 अगस्त 2022,
- (अपडेटेड 23 अगस्त 2022, 1:17 PM IST)
देश निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान में शेयर बाजार (Share Market) में निवेश को लेकर लोगों के नजरिए में बदलाव आया है. पहले शेयर बाजार के ट्रेडिंग के तरीकों से अनजान लोग इसमें पैसे लगाने को जुआ खेलना समझते थे. लेकिन अब देश की बड़ी आबादी शेयर मार्केट में निवेश (Share Market Investment) के फायदे और नुकसान को समझ रही है. लोग शेयर बाजार में दिलचस्पी लेने लगे हैं. देश में इस वक्त करीब 9 करोड़ डीमैट अकाउंट होल्डर्स हैं. वित्त वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा महज 3.60 करोड़ था.
सम्बंधित ख़बरें
गिरावट के साथ खुला शेयर मार्केट, एशियन पेंट्स-ITC के शेयर्स में तेजी
Parle-G का बड़ा फैसला, अब बिस्किट की कीमतों में होगी इतनी कटौती!
3 दिन छुट्टी-सैलरी कम वाले कानून पर मंत्री का बड़ा बयान, किसे होगा फायदा?
झुनझुनवाला का 'सबसे खराब निवेश', आनंद महिंद्रा बोले- ये अरबों की.
सोने में निवेश के लिए सुनहरा मौका, कल से गोल्ड खरीदने पर मिलेगी छूट!
सम्बंधित ख़बरें
शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स कहते हैं कि नए निवेशकों ऐसी कंपनियों के स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए, जिनके प्रोडक्ट का वो इस्तेमाल करते हैं. अगर आप लंबे समय से किसी कंपनी के प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो वो कंपनी निवेश के लिए बेहतर विकल्प हो सकती है. नए निवेशक शुरुआत में FMCG और बैंकिंग सर्विस की कंपनियों के शेयर में पैसा लगा सकते हैं.
कंपनी के रेवेन्यू पर रखें नजर
नए निवेशकों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि वो जिस कंपनी के शेयर में निवेश करने जा रहे हैं, उसका रेवेन्यू पिछले एक साल में कैसा रहा है, ये जानना बेहद महत्वपूर्ण है. अगर रेवेन्यू बढ़ रहा है और प्रॉफिट ग्रोथ ऊपर की तरफ जा रहा है, तो अच्छी बात है. साथ ही कंपनी के कर्ज का आंकलन भी करना जरूरी. अगर कंपनी के कर्ज में लगातार गिरावट आ रही है.
कंपनी की वैल्यूएशन उचित हो
IPO में निवेश करने से पहले जरूर रखें इन बातों का ध्यान, ताकि बाद में न हो कोई पछतावा
IPO से कंपनी को फंड मिल जाता है, वहीं निवेशकों को उस कंपनी में हिस्सेदारी मल जाती है. यानी इसमें दोनों का ही फायदा है. लेकिन इसमें निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें.
IPO में निवेश करने से पहले जरूर रखें इन बातों का ध्यान, ताकि बाद में न हो कोई पछतावा (Zee Biz)
इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ (Initial public offering-IPO) कोई भी कंपनी तब लेकर आती है, जब उसे फंड की जरूरत होती है. ऐसे में वो पब्लिक के बीच आईपीओ ऑफर करके कुछ शेयर निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान बेचती है और आईपीओ के जरिए आए फंड को अपनी जरूरत के हिसाब से खर्च करती है. IPO से कंपनी को फंड मिल जाता है, वहीं निवेशकों को उस कंपनी में हिस्सेदारी मल जाती है. यानी इसमें दोनों का ही फायदा है. चूंकि शेयर मार्केट अप्रत्याशित होता है, निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान ये तेजी से फायदा करवाता है, तो नुकसान भी करवा सकता है, इसलिए किसी भी कंपनी के IPO में निवेश करने से पहले आप कुछ बातों को खासतौर पर ध्यान रखें, ताकि बाद में पछताने की गुंजाइश न रहे.
टारगेट तय करें
किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले अपना टारगेट निश्चित करें यानी आपको ये पता होना चाहिए कि आप इसमें लिस्टिंग गेन का फायदा लेने के लिए निवेश कर रहे हैं, या लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं. कई बार आपको जो फायदा लिस्टिंग गेन में मिलता है, वो जरूरी नहीं कि आगे भी मिले.
जब कोई कंपनी आईपीओ लॉन्च करती है तो वो कंपनी प्रॉस्पेक्टस में बताती है कि वो आईपीओ से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल कहां करेगी. ऐसे में आप इस पॉइंट को इग्नोर न करें. आमतौर पर जो कंपनी क्षमता या कारोबार को बढ़ाने के लिए फंड जुटाती हैं, उनके ग्रोथ की संभावना काफी ज्यादा होती है और उनमें लगाया हुआ पैसा आपको मुनाफा भी देता है.
कंपनी के वैल्यूएशन की तुलना करें
जिस कंपनी के आईपीओ का ऑफर आया हुआ है, उसका प्राइस टू अर्निंग्स रेशियो, प्राइस टू बुक रेशियो और कंपनी पर कितना डेट टू अर्निंग्स रेशियो ये ये जरूर देख लें. इसके अलावा कंपनी का वैल्यूएशन कितना तय हुआ है, इसकी इंडस्ट्री में शामिल अन्य कंपनियों से तुलना कर लेनी चाहिए.
कंपनी में किसी दिग्गज व्यक्ति की हिस्सेदारी है, ये देखकर निवेश न करें. बल्कि कंपनी के सभी प्रमोटर के बारे में जरूरी जानकारियां जुटानी चाहिए. किसी नामी व्यक्ति के नाम से प्रभावित होकर निवेश करने का फैसला निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान कई बार गलत भी साबित हो सकता है.
Money Guru: इन्वेस्टमेंट के लिए फंड चुनने के पहले इन बातों का रखें ध्यान, एक्सपर्ट से जानें निवेश का गुरू मंत्र
Money Guru: अगर आप भी निवेश के जरिए मोटा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो इन्वेसटमेंट फंड चुनने के पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है. आइए एक्सपर्ट्स से समझते हैं निवेश का गुरू मंत्र.
Money Guru: फाइनेंशियल प्लानिंग करते समय आप बहुत सी सावधानियों का पालन करते हैं. इनमें से एक बात जो हमेशा कही जाती है, वह यह कि पहले बचत और फिर खर्च. यह वो गुरूगुरू मंत्र है, जिसका पालन करने को खुद दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे भी करने को कहते हैं. इस टीचर्स डे क्या आप भी जानना चाहते हैं कि एक अच्छा इन्वेंस्टमेंट फंड कैसे चुना जाता है और कैसे आपके पैसों से ही आप पैसा बना सकते हैं. तो Edelweiss AMC की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता और आनंदराठी वेल्थ लिमिटेड के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज से जानिए निवेश का गुरू मंत्र.
SIP में करते हैं निवेश तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान, होगा ज्यादा फायदा
Systematic Investment Plan : अगर आप एसआईपी में निवेश करते हैं तो आप अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं क्योंकि एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, जो निवेशकों की पहली पसंद रहती है. कई लोग एकमुश्त निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन वेतनभोगियों की पहली पसंद ज्यादातर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान ही होती है. इसमें आप अपनी सहूलियत के अनुसार, हर महीने, हर तिमाही या छमाही में निवेध कर सकते हैं. इससे छोटी-छोटी रकम जमा करके आप बड़ा रिटर्न (Big Return) हासिल कर सकते हैं. लेकिन एसआईपी करते समय आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होता है, जिससे आप और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
हर साल बढ़ाते रहें टॉप-अप
यह शायद आप नहीं जानते होंगे, लेकिन अपने एसआईपी को टॉप-अप करना बहुत जरुरी होता है. जैसे हर साल आपका वेतन बढ़ता है वैसे ही हर साल एसआईपी की निवेश राशी भी बढ़ाई जा सकती है ताकि आपको ज्यादा रिटर्न मिले. आपके फायदे के लिए हर सार एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाना जरुरी है.
बता दें कि ऐसे कई लोग भी होते हैं जो काफी देरी से निवेश की शुरुआत करते हैं. मान लीजिये यदि आपकी उम्र 35 साल हो गई है फिर भी आप हर साल केवल 5 हजार निवेश करके लगभग एक करोड़ रिटर्न हासिल कर सकते हैं. इसमें यदि आपको रेट ऑफ रिटर्न 12 प्रतिशत मिलेगा . ऐसे में 60 साल की उम्र में आपको 95 लाख रुपए का रिटर्न मिलेगा. जिसमें 15 लाख आपका कुल इन्वेस्टमेंट होगा और बाकि 80 लाख रिटर्न होंगे.
ये भी पढ़ें
निवेशकों को ले डूबा ये क्रिप्टो एक्सचेंज, एक झटके में गायब हुए 8054 करोड़ रुपये!
PNB लाया बंपर ऑफर, इस स्पेशल FD स्कीम पर मिल रहा 7.85% ब्याज
शेयरों में सीधे निवेश
इसके लिए आपको कंपनी के बारे में रिसर्च करने की जरूरत पड़ती है. आपको निवेश करने के लिए ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट के साथ निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. बैंक अकाउंट और केवाईसी कंप्लायंस भी अनिवार्य है.
इक्विटी म्यूचुअल फंड
इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश करने के लिए आपको केवाईसी की जरूरतों को पूरा करना पड़ता है. साथ ही फंड हाउस के एप्लीकेशन फॉर्म को भरना होगा जिसमें आप अपनी पसंद की स्कीम के बारे में बताते हैं. एप्लीकेशन स्वीकार होने के बाद आपको यूनिटें आवंटित हो जाती हैं. निवेश निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान की पोर्टफोलियो वैल्यू दिन के अंत में निकाली जाती है. इसका कैलकुलेशन करने के लिए एनएवी के साथ यूनिटों को गुणा किया जाता है.
पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस
शेयर बाजार में बहुत ज्यादा पैसा (50 लाख रुपये से अधिक) लगाने की चाहत रखने वाले निवेशकों के पास पोर्टफोलियो मैनेजर्स की सेवाएं लेने का भी विकल्प है. इसके लिए पोर्टफोलियो मैनेजमेंट एग्रीमेंट किया जाता है. यह एग्रीमेंट निवेशक और पोर्टफोलियो मैनेजर के बीच होता है. इसमें निवेश का मकसद, जोखिम, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट चार्ज की शर्तों के साथ इस बात का भी उल्लेख किया जाता है कि पोर्टफोलियो मैनेजर किस तरह की प्रतिभूतियों में निवेश करेंगे. शेयरों का स्वामित्व निवेशक के पास उसके डीमैट खाते में रहता है. इस तरह निवेशक को अपने खाते में ही डिविडेंड/बोनस एलॉटमेंट का पैसा मिलता है.
किन बातों का रखें ध्यान
1-म्यूचुअल फंड पर कैपिटल गेंस टैक्स यूनिटों को भुनाने के वक्त ही लगता है. म्यूचुअल निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान फंड पोर्टफोलियो के भीतर फंड मैनेजर प्रतिभूतियों में जो खरीद-फरोख्त करते हैं, उस पर कोई टैक्स नहीं लगता है.
2- पोर्टफोलियो मैनेजर जिन शेयरों में निवेश करते हैं, उन पर ट्रांजेक्शन निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान के वक्त कैपिटल गेंस टैक्स लगता है. इस टैक्स को भरने की जिम्मेदारी निवेशक के पाले में आती है.
3- म्यूचुअल फंड स्कीम के मुकाबले पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस यानी पीएमएस में पोर्टफोलियो को कस्टमाइज करने का खर्च ज्यादा आता है. म्यूचुअल फंड में स्टैंडर्ड पोर्टफोलियो होता है. यह स्कीम के निवेश उद्देश्यों की तर्ज पर होता है.
Web Title : these are 3 ways to invest in stocks, know what are the tax rules regarding them
Hindi News from Economic Times, TIL Network
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 378