कंपनी का एमवी = बकाया शेयरों की संख्या * बाजार मूल्य प्रति शेयर

NIFTY 1991-2022 Tradingview chart

Nifty in Hindi: निफ्टी क्या है? – इसकी गणना कैसे होती है

निफ्टी क्या है?- इसकी गणना कैसे होती है? यदि आप इस सवाल का जवाब खोजते हुए, यहाँ आये है, तो आप बिल्कुल सही जगह आये है। इस article में हम सबने Nifty50 और National Stock Exchange से संबंधित सभी जानकारियों को समाहित किया है।

What is Nifty in Hindi?

निफ्टी क्या है?

NSE का full form National Stock Exchange of India है। निफ्टी में 50 कंपनियां शामिल होती है। इसकी शुरुआत नवंबर 1994 शेयर बाजार किसे कहते हैं को हुयी थी। Nifty शब्द- National और Fifty से मिलकर बना है। यहाँ Fifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में शामिल 50 कंपनियों के लिए है।

निफ्टी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है

निफ्टी(Nifty) के बारें में जानने के पहले आपको शेयर बाजार क्या है तथा इसमें निवेश कैसे करते है, इस बात की जानकारी होनी चाहिए।

संक्षेप में :
Stock Market(शेयर बाजार) :- शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री होती है।
Equity(शेयर) :- शेयर का अर्थ होता है हिस्सा, किसी कंपनी में लगने वाले पूंजी(capital) का हिस्सा।

भारत में दो सूचकांक है

निफ्टी की जानकारी?

Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों का सूचकांक है। यह National Stock Exchange में शामिल कंपनियों को Index करता है।

निफ्टी की गणना कैसे होती है?

How Nifty is calculated in Hindi

निफ्टी की गणना(Calculation of Nifty) सेंसेक्स के तरह ही Free-float Market Capitalisation के आधार पर की जाती है। Nifty की गणना करते वक्त सेंसेक्स की गणना में उपयोग किये जानेवाले पद्धति का ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कुछ टर्म निफ्टी में बदल जाते है।

जो इस प्रकार है –

  • Nifty की गणना करते वक्त आधार वर्ष(base year) 1995 और आधार वैल्यू(base value) 1000 का उपयोग किया जाता है।
  • Nifty की गणना में देश के 12 अलग-अलग सेक्टर की 50 सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनियों को चुना जाता है।

Market capitalisation तथा Free-float Market capitalisation क्या है

इन दोनों बातों को जानना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है। इससे संबंधित बातों को हमने पिछले आर्टिकल सेंसेक्स क्या है – आसानी से समझे में काफी अच्छे से बताया है, आप वहां इसके बारे में ज्यादा जानकारी शेयर बाजार किसे कहते हैं हासिल कर सकते है।

बाजार मूल्य फॉर्मूला

किसी कंपनी के बाजार मूल्य (एमवी) की गणना निम्न सूत्र का उपयोग करके की जाती है:

कंपनी का एमवी = बकाया शेयरों की संख्या * बाजार मूल्य प्रति शेयर

बाजार मूल्य का निर्धारण निवेशकों द्वारा कंपनियों को दिए गए मूल्यांकन या गुणकों द्वारा किया जाता है, जैसे मूल्य-से-बिक्री, मूल्य-से-आय,उद्यम मान-प्रति-EBITDA, और इसी तरह। मूल्यांकन जितना अधिक होगा, बाजार मूल्य उतना ही अधिक होगा।

बाजार मूल्य का महत्व

प्रारंभिक खरीद से पहले किसी परिसंपत्ति के बाजार मूल्य के भविष्य के अनुमान पर विचार किया जाना चाहिए। विशेष रूप से प्रतिभूतियों और शेयरों के मामले में क्योंकि यहां निवेश भविष्य के मूल्य की धारणा के साथ किया जाता है।

उनके तहत बाजार मूल्य रखने वाली कंपनियांपुस्तक मूल्य अक्सर निवेशकों से अपील कर रहे हैं क्योंकि यह इंगित करता है कि इन व्यवसायों का मूल्यांकन कम हो सकता है।

बाजार मूल्य और बुक वैल्यू के बीच अंतर

बुक वैल्यू यह दर्शाता है कि किसी व्यवसाय का उसके वित्तीय के अनुसार क्या मूल्य है। जबकि, बाजार मूल्य बाजार सहभागियों के रूप में व्यवसाय के मूल्य को दर्शाता है।

बुक वैल्यू कंपनी की इक्विटी का मूल्य निर्धारित करती है, जो कि इक्विटी वैल्यू हैशेयरधारकों कंपनी के परिसमापन के मामले में प्राप्त करना चाहिए। दूसरी ओर, अत्यधिक के लिए बाजार मूल्य आसानी से निर्धारित किया जा सकता हैचल परिसंपत्ति जैसे किइक्विटीज या वायदा।

स्टॉक मार्केट क्या है | Stock Market Kya Hai ?

अगर इसे शाब्दिक अर्थ में कहा जाये तो शेयर बाजार ( Stock Market ) किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-और बेचने की जगह हैं। भारत में 2 प्रमुख शेयर बाजार है। पहला नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और दूसरा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) |

NSE और BSE में ही सूचीबद्ध कंपनी के शेयर किसी ब्रोकर के माध्यम से शेयर बाजार किसे कहते हैं खरीदे और बेचे जाते हैं। बाजार ( Stock Market) में बॉन्ड, म्यूच्यूअल फण्ड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता हैं।

शेयर खरीदने का क्या मतलब हैं | Share Buy Meaning ?

शेयर खरीदने का मतलब हैं किसी कंपनी में हिस्सा लेना। मान लीजिये कोई कंपनी जो NSE या BSE में सूचीबद्ध हैं। और उसने 100 शेयर जारी किया, और आप उसमे से 10 खरीद लिए यानि की आप उस कंपनी में 10% के साथ हिस्सेदार हैं। अगर अब कंपनी को लाभ होगा तो लाभ का 10% आपको होगा, अगर हानि होता हैं 10% का हानि आपका भी होगा। अब आपके मन में सवाल होगा की ये लाभ और हानि कैसे होगा तो इसका सीधा मतलब हैं की आपके खरीदे गये शेयर के दामों में शेयर बाजार किसे कहते हैं बदलाव होगा।

शेयर बाजार में निवेश करने या शेयर खरीद-बिक्री के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) होना जरुरी हैं, बिना Demat Account के शेयर बाजार में खरीद-बेच नहीं कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट खोलने के बाद आप (NSE) और (BSE) में सूचीबद्ध किसी भी कंपनी का शेयर खरीद और बेच सकते हैं। डीमैट अकाउंट( Demat Account) से सम्बंधित जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

Intraday Trading Tips: क्या होती है डे ट्रेडिंग? कुछ घंटों में ही मिल सकता है मोटा मुनाफा, ध्यान रखें जरूरी टिप्स

Intraday Trading Tips: क्या होती है डे ट्रेडिंग? कुछ घंटों में ही मिल सकता है मोटा मुनाफा, ध्यान रखें जरूरी टिप्स

How to do Intraday Trading: इंटरनेट और आनलाइन ट्रेडिंग हाउसेज की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और मुनाफा कमाना आसान हो गया है.

How to start Day Trading or Intraday Trading: इंटरनेट और आनलाइन ट्रेडिंग हाउसेज की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और मुनाफा कमाना आसान हो गया है. हालांकि निवेशकों की सोच अलग अलग होती है. कुछ निवेशकों शेयर बाजार किसे कहते हैं का लक्ष्य लंबी अवधि का होता है और वे अपना पैसा अलग अलग लक्ष्य पूरा करने के लिए लांग टर्म के लिए निवेश करते हैं. वहीं, कुछ निवेशक शॉर्ट टर्म गोल लेकर बाजार में पैसा लगाते हैं. इन्हीं में से कुछ इंट्राडे इन्वेस्टर्स या डे ट्रेडर्स होते हैं. इंट्राडे ट्रेड में अगर सही स्टॉक की पहचान हो जाए तो शेयर बाजार में डेली बेसिस पर पैसा लगाकर मुनाफा कमाया जा सकता है.

क्या है इंट्राडे ट्रेडिंग

असल में बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें सुबह पैसा लगाकर दोपहर तक अच्छी कमाई की जा सकती है. यहां शेयर खरीदा तो जाता है लेकिन उसका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है. ध्यान रहे कि इसमें जरूरी नहीं है कि आपको फायदा ही हो. डे-ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है.

चुनें सही स्टॉक: ऐसे शेयर चुनें, जिन्हें बेचना भी आसान हो. जिन शेयरों में हाई लिक्विडिटी हो और आप उन्हें आसानी से सेल कर सकें. क्यों कि अगर आपके शेयर का कोई बॉयर नहीं होगा तो आप नुकसान में पड़ जाएंगे. लेकिन लिक्विड स्टॉक में भी 2 या 3 ही स्टॉक चुनेंं.

कितने पैसों की पड़ती है जरूरत

इंट्रा डे में आप किसी शेयर में कितनी भी रकम लगा सकते हें. शेयर बाजार में नियम है कि जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उस दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के तहत जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद पूरा भुगतान करना होता है. फिर भी आपको शेयर के भाव का शुरू में 30 फीसदी रकम निवेश करना होता है.

इसका उदाहरण 1 अगस्त के कारोबार में देख सकते हैं. आज एयरटेल में निवेश करने वालों की चांदी रही है और शेयर में 5 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ मिली है. असल में आज एजीआर इश्यू पर निवेशकों की नजर थी. सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया चुकाने के लिए टेलिकॉम कंपनियों को 10 साल का समय दिया है. जिसके बाद एयरटेल में 5 फीसदी तेजी आ गई. ऐसे ट्रेड का ध्यान रखना डे ट्रेडर्स के लिए जरूरी है.

एक्सपर्ट का मानना है कि शेयर बाजार का अधिकांश कारोबार डे ट्रेडिंग का ही होता है, लेकिन फिर भी सावधानी के साथ कारोबार करना चाहिए. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देखना चाहिए. मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं. शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.

शेयर क्या है? (Share Kya Hai)

व्यवसाय और निवेश में शेयर का बड़ा चर्चा किया जाता है की शेयर क्या होता है शेयर को हिंदी में अंश कहते है अर्थात टुकरा स्टॉक मार्केट में शेयर का अर्थ किसी भी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को खरीदना शेयर कहलाता है.

शेयर मार्केट दो शब्दों से मिलकर बना है पहला शेयर जिसमें शेयर का मतलब एक दूसरे के साथ किसी प्रोडक्ट को इधर से उधर करना तथा मार्केट का मतलब जहां पर खरीदने के लिए तथा बेचने के लिए वह प्रोडक्ट AVILABLE हो उसे हम शेयर मार्केट कहते हैं अगर सामान्य शब्दों में कहूं तो जहां हम किसी किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदते है और उसी शेयर को सही समय आने पर भी उसे शेयर मार्केट कहते हैं.

शेयर क्या होता है? (Share Kya Hota Hai)

किसी कंपनी के कुल स्वामित्व लाखो-करोडों टुकरे में बंटे होते है स्वामित्व का हर एक टुकरा या अंश शेयर कहलाता है. जिसके पास जितना ज्यादा टुकरा उतनी ही ज्यादा उसकी उस कंपनी में हिस्सेदारी इस हिस्सेदारी को लोग खरीद और बेच भी सकते है भारत में दो सबसे बड़ी स्टॉक एक्सचेंज है पहला बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दूसरा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

किसी भी कंपनी के हिस्सेदारी को एक शेयर होल्डर ही खरीदता है और बड़े उम्मीद के साथ लंबे समय तक होल्ड करके रखते है शेयर होल्डर कहलाता है. एक शेयर होल्डर ही होता है जो शेयर को खरीदता है शेयर बाजार किसे कहते हैं और मुनाफा कमाता है अगर आसान शब्दों में कहू तो जो व्यक्ति किसी कंपनी या संस्थान के हिस्सेदारी को खरीदता है वह कंपनी या संस्थान के हिस्सेदार बन जाते है अर्थात शेयर का मालिक बन जाते है जो व्यक्ति उस शेयर को खरीदता है वो शेयर होल्डर कहलाता है

कंपनी क्यों करती है अपनी शेयर जारी

आपको में एक उदाहरण के द्वारा समझाता हु माना की आपकी कंपनी xyz है जो T-Shirt बनाती है जिसको शुरु करने में 1Cr रुपया लगा और वह xyz कंपनी एक महीने में 10000 टी-शर्ट बनाती है जो लोगो के द्वारा काफी पसंद किए जाते है उन टी-शर्ट का डिमांड मार्केट में काफी ज्यादा है तो कम्पनी के एक प्लांट से उतना टी-शर्ट नहीं बन पाता है तो कंपनी एक और प्लांट खोलना चाहती है जिसके लिए उन्हें फिर से एक करोड़ चाहिए तो वह कंपनी दो काम कर सकती है पहला अपने फ्रेंड, फेमिली या बैंक से कर्ज ले सकती है और दूसरा पब्लिक से पैसा ले सकती है, जब कंपनी पब्लिक से पैसा लेती है तो पब्लिक को कंपनी का शेयर दिया जाता है यही कारण है की कंपनी अपनी शेयर को मार्केट में इशू करती है

वैसे तो शेयर के बहूत से प्रकार है परन्तु मुख्यतः शेयर के तीन प्रकार होते है

इक्विटी शेयर Equity Share : इक्विटी शेयर को सामन्य शेयर के रूप में जाना जाता है ये शेयर केआप प्रकार में से एक है स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी जब अपना शेयर मार्केट में इशू करती है शेयर बाजार किसे कहते हैं शेयर बाजार किसे कहते हैं तो उन शेयर को इक्विटी शेयर कहा जाता है

शेयर कैसे ख़रीदे (Share Kaise Kharide)

किसी भी स्टॉक में निवेश करने के लिए आपके पास Demate Account होना आवश्यक है demate अकाउंट आप किसी भी ब्रोकर की सहायता से खुलवा सकते है तभी आप किसी भी कंपनी में निवेश कर पाएंगे

जब हमें किसी भी कंपनी का स्टॉक खरीदना होता है तो हम शेयर बाजार किसे कहते हैं सीधे कंपनी पर इन्वेस्ट नहीं कर सकते है किसी ब्रोकर की सहायता से इन्वेस्ट करना होता है आप से कुछ वर्ष पहले जब इन्टरनेट उतना पोपुलर नहीं था तब किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने के लिए चार से पांच माह लग जाता था परन्तु आज जब हमारा पूरा प्लानेट डिजिटल हो रहा है गया है जहाँ एक शेयर शेयर बाजार किसे कहते हैं शेयर बाजार किसे कहते हैं शेयर बाजार किसे कहते हैं को खरीदने के लिए 4 से 5 माह लगते थे वही आज कुछ मिनटों में किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते है

आज बहूत सारे मार्केट में ब्रोकर है जो demat account खोल देते है जिसमे कुछ फ्री होते है तो कुछ चार्ज करते है जिनका लिंक नीचे दिया गया है जहाँ से आप demat account खोल सकते है

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