पक्की रोकड़ बही– पक्की रोकड़ बही कच्ची रोकड़ खाता रखने की प्रणाली के प्रकार बही का संक्षिप्त एवं स्वच्छ रूप होता हैं। यह कच्ची रोकड़ बही की सहायता से तैयार की जाती हैं। पक्की रोकड़ बही प्रतिदिन ना लिखी जाकर साप्ताहिक लिखी जाती है।

RECURRING ACCOUNT DEPOSIT

भारतीय बैंकों में कितने प्रकार के खाते खोले जाते हैं?

भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास दो सौ वर्ष पुराना है। देश में विभिन्न आय वर्ग के लोगों, उनकी जरूरतों और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से विभिन्न प्रकार के बैंक खातों का विकास हुआ है, जैसे चालू खाता बड़े व्यापारी या संस्थान खुलवाते हैं जबकि बचत खाता मध्य आय वर्ग के लोग खुलवाते हैं l इस लेख में हम बचत खातों, चालू खातों और सावधि जमा खातों के बारे में पढेंगेl

भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास दो सौ वर्ष पुराना है। देश में विभिन्न आय वर्ग के लोगों, उनकी जरूरतों और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से विभिन्न प्रकार के खाता रखने की प्रणाली के प्रकार खाता रखने की प्रणाली के प्रकार बैंक खातों का विकास हुआ है, जैसे चालू खाता बड़े व्यापारी या संस्थान खुलवाते हैं जबकि बचत खाता, मध्य आय वर्ग के लोग खुलवाते हैं l इस लेख में हम बचत खातों, चालू खातों और सावधि जमा खातों के बारे में पढेंगेl

भारतीय लेखांकन प्रणाली | Indian Accounting System In Hindi

आज हिसाब-किताब रखने के कई सारे विकल्प है जैसे-Khata Book App, Google Sheets ,Ok Credit , Pagar Book, ऐसे बहुत हैं। आज टेक्नोलॉजी का युग है भारतीय लेखांकन प्रणाली हिसाब-किताब रखने की एक पद्धति हैं। इस पोस्ट में आप भारतीय लेखांकन प्रणाली की परिभाषा, विशेषताएं तथा इसकी लोकप्रियता के बारे में जानेंगे एवं साथी ही मुख्य बिंदु को भी देखेंगे।

भारतीय बुक खाता प्रणाली व्यवसाय में जो लेन-देन होते हैं उनको लिखने की एक परंपरागत वैज्ञानिक प्रणाली हैं। जिसमें लेनदेन को एक निश्चित तरीके से निश्चित बहियों में किसी भी क्षेत्रीय या राजकीय भाषा में लिखने से हैं।

यह एक ऐसी प्रणाली है जिसका सिर्फ उपयोग भारत में होता हैं। इस कारण से इसे भारतीय लेखांकन प्रणाली, बहीखाता प्रणाली व महाजनी बही खाता प्रणाली के नाम से जानते हैं। इस पद्धति या प्रणाली में व्यवसाय में हुए वित्तीय सौदों को किसी भी भाषा में लिखा जा सकता हैं। वर्तमान में अधिकांश व्यापारी हिंदी भाषा में अपना खाता रखने की प्रणाली के प्रकार हिसाब किताब लिखते हैं। भारतीय बही खाता प्रणाली प्राचनीतम,सरल एवं आसानी से परिवर्तित किया जा सके ऐसा प्रणाली खाता रखने की प्रणाली के प्रकार हैं।यह पद्धति भी अंग्रेजी लेखा के दोहरा लेखा प्रणाली (Double Entry System) के सिद्धांत पर आधारित हैं।

भारतीय बहीखाता प्रणाली के चरण

जिस तरह से अंग्रेजी पद्धति अर्थात दोहरा लेखा प्रणाली खाता रखने की प्रणाली के प्रकार में चरण होते हैं ठीक वैसे ही भारतीय लेखांकन प्रणाली के भी 3 चरण होते हैं-

  1. प्रारंभिक लेख की बही Books of Original Entry
  2. खाताबही Ledger
  3. सारांश Summary

1. प्रारंभिक लेख की बही – व्यापार में जो वित्तीय रूप से सबसे पहले लेनदेन होते हैं उनको जिस पुस्तक में लिखा जाता है उसे ‘प्रारंभिक लेखे की पुस्तक’ कहा जाता खाता रखने की प्रणाली के प्रकार हैं। इसका एक अन्य नाम जर्नल हैं। इसमें निम्न को शामिल किया जाता है-

  • बंद बही
  • नकल बही
  • रोकड़ बही
  • अन्य बही

भारतीय बहीखाता प्रणाली के चरण

बंद बही क्या हैं | Rough Book In खाता रखने की प्रणाली के प्रकार Hindi

बंद बही एक हिंदी शब्द है जिसको अंग्रेजी मे ‘Rough Book’ कहते हैं। यह बही सादे कागज की होती है इसमें लेखा केवल याद रखने के लिए किया जाता है। एक व्यवसाय में जैसे ही कोई वित्तीय लेन-देन होता है उसको तुरंत इस पुस्तक (बही) में लिख दिया जाता हैं। इसमें दो पक्ष होते हैं – डेबिट व क्रेडिट ।

खाता रखने की प्रणाली के प्रकार

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दोहरी प्रविष्टि प्रणाली के अनुसार एक लिपिक रमेश को भुगतान किया गया वेतन है

Key Points दोहरी प्रविष्टि प्रणाली - शब्द "दोहरी प्रविष्टि लेखांकन" पुस्तपालन पद्धति की एक प्रणाली को संदर्भित करता है जो एक व्यवसाय को अपने खाते को बनाए रखने और इसे संतुलित रखने में सहायता करता है जिससे कि यह व्यवसाय के वित्त की सही स्थिति को दर्शाए।

Important Points

नाममात्र का लेन-देन - राजस्व, व्यय, लाभ और हानि लेनदेन के लिए लेखांकन लेनदेन डेटा - जो सभी आय विवरण में प्रदर्शित होते हैं - नाममात्र खातों का उपयोग करके एकत्र किए जाते हैं।

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