बजट विश्लेषक। यह स्थिति वार्षिक बजट की असेंबली के समन्वय के लिए जिम्मेदार है, इसे लेखांकन सॉफ्टवेयर में लोड करना, वास्तविक परिणामों की तुलना करना और भिन्नताओं पर रिपोर्ट करना।
कम्प्यूटरीकृत लेखांकन के लाभ और सीमाएं
एक प्रभावी वित्तीय रिपोर्टिंग के लिए कम्प्यूटरीकृत लेखाकंन प्रणाली का उपयोग किया जाता है। कम्प्यूटरीकृत लेखाकंन प्रणाली में खाता रखने की प्रणाली के प्रकार कम्प्यूटर का उपयोग शामिल है। लेखाकंन सॉफ्टवेयर का प्रयोग लेनदेनों को रिकार्ड करने के लिए स्टोर करने और वित्तीय डेटा का विष्लेशण करने के लिए किया जाता है। ये सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कम्पनी के कंप्यूटर, के एक नेटवर्क सर्वर पर संग्रहीत होते है, अथवा इंटरनेट के माध्यम से दूर दराज तक पहुंचाए जाते हैं। ‘कम्प्यूटरीकृत लेखाकंन’ खाता रखने की प्रणाली के प्रकार लेखाकंन के क्षेत्र में एक तकनीकी प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है। व्यवसाय का लेखाकंन जोखा उपयोगकर्त्ता को आय और व्यय स्थापित करने की अनुमति देता है। जैसे किराया या बिक्री, आय, वेतन, विज्ञापन खर्च और माल की लागत। उनका उपयोग बैंक खातो का प्रबंधन करने, बिलों का भुगतान करने के लिए भी किया जा सकता है।
1. जैसा कि सभी गणनाओं को कम्प्यूटरीकृत सॉफ्टवेयर द्वारा नियंत्रित किया जाता है। लेखांकन कई अन्य सांसारिक और समय लेने वाली प्रक्रियाओं को समाप्त करता है। एक बार जारी किए गए बीजक का स्वत: रूप से प्रक्रियाकृत होने के कारण समय की बचत होती है।
कम्प्यूटरीकृत लेखाकंन की सीमाएं -
कम्प्यूटरीकृत लेखाकंन की बहुत सारी सीमाएं भी हैं। आइए इनकी एक-एक करके चर्चा करें।
1. लेखाकंन सॉफ्टवेयर का उपयोग करते समय कुछ सॉफ्टवेयर को अतिरिक्त सुविधाओं के लिए अपग्रेड या अपडेट खरीदने की आवश्यकता होती है। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपका कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर चलाने में इनेबल हो। यदि नहीं, तो आपको अपने कम्प्यूटर को भी अपग्रेड करना होगा। रिपोर्ट देखने के लिए अधिकांष सॉफ्टवेयर के लिए आपके पास अतिरिक्त सॉफ्टवेयर होना आवश्यक है। उदाहरण के लिए कुछ प्रोग्राम आपको PDF फाइल या एक्सेल स्प्रेडषीट के रूप में डेटा निर्यात करने की अनुमति देते है हालाँकि, सॉफ्टवेयर प्रयोग कार्यक्रम के बिना डेटा को देखने की अनुमति देते है हांलाकि सॉफ्टवेयर प्रयोग करने से उपयोगकर्ताओं को अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ सकता है।
2. अगर आपका कम्प्यूटर क्रैष हो जाए या डेटा वायरस के द्वारा दूषित है, आप समस्या का समाधान होने तक अपने लेखाकंन सॉफ्टवेयर उपयोग नहीं कर पाएंगे। इसका मतलब यह भी है खाता रखने की प्रणाली के प्रकार कि आपके पास किसी भी दर्ज किए गए डेटा तक पहुच नहीं होगी जब तक कि कंप्यूटर फिर से नही चल रहा हो। आपका डेटा भी दूषित हो सकता है, इसका मतलब है कि आपको जानकारी फिर से दर्ज करनी होगी जब तक कि आपने अपनी फाइलों का बैकअप नहीं लिया है। इसके अलावा, अगल कोई बिजली की विफलता है, तो आपका सॉफ्टवेयर अनुपयोगी होगा जब तक कि आप बैटरी से चलने वाले लैपटॉप पर न हों।
जर्नल (Journal) की पूरी जानकारी – Advantage and Defenition of Journal
What is the meaning and definition of journal. अब तक हमने Accounts से संबंधित बहुत सी जानकारी लिखी जिसको आप पढ़ सकते खाता रखने की प्रणाली के प्रकार हैं लेकिन अकाउंट में एक चीज और होती है जिसे हम Journal कहते हैं Accounting में इसका बहुत महत्व है इसलिए आप लोगो इस लेख में बताऊंगा कि Journal (रोजनामचा) क्या है और इसके benefits क्या है तथा जर्नल का प्रारूप (format) कैसा होता है। Journal में Entry कैसे की जाती है अगर आपको आवश्यकता है इसकी तो बने रहिए हमारे साथ और सीखते रहिए।
जर्नल शब्द फ्रेंच के जूना से बना है इसको रोजनामचा भी कहते हैं व्यवसाय में होने वाले सभी व्यवहारों को सबसे पहले जर्नल में लिखा जाता है इसलिए इसे प्राथमिक प्रविष्टि बही के कहते हैं जर्नल में लिखी जाने वाली प्रविष्टिया और व्यवहारों की प्रक्रिया को जर्नलाइजिंग कहते हैं
Journal क्या है इसका अर्थ और परिभाषा के बारे में विस्तार से समझिए
प्रतिदिन होने वाले Transactions को व्यवस्थित तरीके से date wise और serial wise जिस लेखा पुस्तक में लिखा जाता है उसे रोजनामचा या खाता रखने की प्रणाली के प्रकार जर्नल कहते हैं।यह लेखा करने की प्रथम एवं प्रमुख Book होती है। जिसे प्रारंभिक लेखा पुस्तक के नाम से भी जाना जाता है। दोहरा लेखा प्रणाली की प्रथम अवस्था के अन्तर्गत जर्नल एवं सहायक बहियां तैयार की जाती है। ऐसे छोटे व्यापारी जिनके व्यवहारों की संख्या कम होती है वे प्रारंभिक लेखे की पुस्तक के रूप में journal का use करते हैं। लेकिन बड़े व्यापारी जिनके व्यवहारों की संख्या ज्यादा होती है वे सहायक बहियों का use करते हैं।
- Business or Manual Accounting से Related Questions and Answers
जर्नल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि किस व्यवहार के किस पक्ष को नाम (Debit) और किस पक्ष को जमा (Credit) किया जाए। खाता बही में खतौनी करने के लिए भी जर्नल की आवश्यकता पड़ती है।
जर्नल के लाभ (benefits) क्या हैं? Advantages of Journal
जर्नल के निम्न फायदे हैं :-
१. खतौनी करने में फायदे –
प्रत्येक व्यापारी के लिए प्रारंभिक लेखे की पुस्तक एवं अंतिम लखे की पुस्तक रखना बहुत जरूरी होता है। जर्नल की सहायता से अंतिम लेखे की पुस्तक में खतौनी करने में सुविधा रहती है।
जर्नल में प्रतियेक लेन-देन को खाता रखने की प्रणाली के प्रकार इस प्रकार लिखा जाता है कि एक खाते में Debit तथा दूसरे खाते में Credit एंट्री होती है। इससे डेबिट और क्रेडिट करने से रिलेटेड दोहरा लेखा सिस्टम के बेसिक theory को समझने में मदद मिलती है।
- Debtors और Creditors क्या हैं । Business Information for The Accountant
जर्नल के अन्तर्गत व्यवहारों को डेट वाइज और सीरियल वाइज व्यवस्थित रूप से लिखा जाता है। इसलिए फ्यूचर में इससे रिलेटेड जानकारी आसानी एवं सुगमता से प्राप्त की जा सकती है।
जर्नल का प्रारूप ( Journal Format) – Accounts में महारथ हासिल करने के लिए आपको आगे बढ़ने से पहले जर्नल और उसके प्रारूप को अच्छी तरह समझने की आवशयकता है। Journal Format को खाता रखने की प्रणाली के प्रकार सही तरीके से समझ जाओगे तो आपको Computerized Accounts करने में प्रॉबलम का सामना नहीं करना पड़ेगा।
Types of Bank Accounts in Hindi
आज हम बैंक में खातों के कितने प्रकार (types of accounts in bank) होते हैं, उसके विषय में चर्चा करेंगे.
बैंक के खाते चार प्रकार (four types) के होते हैं:-
1. चालू खाता – Current Account
चालू खाता मुख्य रूप से उद्द्यमी, फर्म, कम्पनी आदि के लिए होता है. जिनके अकाउंट खाता रखने की प्रणाली के प्रकार में पैसा का फ्लो बहुत होता है…बहुत से मतलब…कि लाखों रुपये उनके अकाउंट में आते हैं और निकाल भी लिए जाते हैं….तो ऐसे लोग चालू खाता में अपने पैसे रखते हैं. ऐसे अमीर लोगों या फर्म को इन्वेस्टमेंट या अपने पैसे में इंटरेस्ट (interest) मिलने में कोई इंटरेस्ट नहीं रहता. चालू खाता की खूबी यह है कि इसमें deposit (जमा करने) या withdrawal (पैसे निकालने) की कोई सीमा नहीं है. चालू खाते में धारक को इंटरेस्ट नहीं मिलता. हाँ, बैंक उनसे सर्विस चार्ज जरुर लेती है.
नाम से ही स्पस्ट है कि सेविंग अकाउंट सेविंग करने के लिए बनी है. हम-आप जैसे लोग चाहते हैं कि हमें हमारे जमे पैसे पर सूद (interest) मिले और कम-से-कम अपने अकाउंट से पैसे निकाले. जितना जमा उतना अच्छा. कोई भी व्यक्ति, चाहे वो किसी कंपनी में काम करता हो, सरकारी नौकर हो, पेन्शनर हो, छात्र हो….वह सेविंग अकाउंट में अपना अकाउंट खोल सकता है. जैसा मैंने बताया कि सेविंग अकाउंट में धारक को जमे पैसे पर इंटरेस्ट भी मिलता है. बचत खाता के धारक कभी भी अपने जमा धन को बैंक से निकाल सकते हैं और डाल सकते हैं. पैसे जमा करने की संख्या में restriction तो नहीं पर पैसे बाहर निकालने की संख्या में कुछ restrictions जरुर हैं. जैसे आप Rs. 50 से कम पैसे नहीं निकाल सकते या ATM से ६ महीने के अन्दर 30 से ज्यादा बार पैसे नहीं निकाल सकते (this policy changes time to time by banks). चालू खाते की तरह आप कभी भी, कहीं भी, जितना भी….पैसे नहीं निकाल सकते. अधिकांश बैंक अपने ग्राहक को अपने अकाउंट में न्यूनतम राशि बनाए रखने के लिए बाध्य करती है.
3. आवर्ती जमा खाता- Recurring Deposit Account
आवर्ती जमा खाता या Recurring Deposit Account या RD account में वे लोग खाता खोलते हैं जो एक निश्चित राशि नियमित रूप से जमा करना चाहते हैं जिससे कि उन्हें अधिक ऊँची दर पर सूद/ब्याज/इंटरेस्ट मिले. RD अकाउंट में एक ख़ास राशि एक तय अवधि के लिए हर महीने जमा की जाती है और तय की गयी अवधि के समाप्त हो जाने पर सूद के साथ कुल राशि का भुगतान कर दिया जाता है. जमा करने की न्यूनतम अवधि 1 साल और अधिकतम 10 साल की होती है. सूद की दर जमा पैसे और जमा की अवधि के हिसाब से अलग-अलग प्लान में अलग-अलग होती है. जैसे आप 10 हज़ार हर महीने जमा कर रहे हैं, तो आपको ज्यादा इंटरेस्ट मिलेगा….किसकी तुलना में? जो केवल 4 हज़ार हर महीने जमा कर रहा है उसे कम इंटरेस्ट मिलेगा. वहीं आप अधिक अवधि के लिए पैसे जमा करने वाले हैं तो आपको अधिक इंटरेस्ट मिलेगा और कम अवधि के लिए खाता रखने की प्रणाली के प्रकार कम इंटरेस्ट. RD अकाउंट में समय से पहले निकासी (पैसा निकालने) की सुविधा नहीं है. वैसे, बैंक चाहे तो maturity (खाता की अवधि पूरा होने) के पहले उसे बंद करने की अनुमति दे सकता है. आवर्ती जमा खाता में single या joint account खोला जा सकता है.
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कोई व्यक्ति जो लेखा क्षेत्र में प्रवेश करना चाहता है, वह कई संभावित पदों के लिए प्रशिक्षण चुन सकता है। जबकि एक एकाउंटेंट के लिए सामान्य अवधारणा लेखांकन रिकॉर्ड की एक प्रणाली को बनाए रखना है, इस आधारभूत गतिविधि से परे विस्तार करने के लिए कई संभावित रास्ते हैं। निम्नलिखित सूची में अधिक सामान्य रूप से मान्यता प्राप्त प्रकार के लेखाकारों का संक्षिप्त विवरण है:
बिलिंग क्लर्क। यह स्थिति ग्राहकों को चालान करने, ग्राहकों को किसी भी तरह से चालान जमा करने, क्रेडिट मेमो जारी करने और बिलिंग रिकॉर्ड को अप-टू-डेट रखने के लिए जिम्मेदार खाता रखने की प्रणाली के प्रकार है।
मुनीम। यह स्थिति लेखांकन लेनदेन की उत्पत्ति करती है और जानकारी को वित्तीय विवरणों में संकलित करती है। यह सामान्य खाता बही खातों का भी मिलान करता है। यह स्थिति ग्राहकों के चालान, नकद प्राप्तियों के प्रसंस्करण, आपूर्तिकर्ताओं के भुगतान और अचल संपत्तियों की ट्रैकिंग के लिए जिम्मेदार है, और संभवतः व्यक्तिगत रूप से संभालती खाता रखने की प्रणाली के प्रकार है। यह स्थिति बिक्री करों और आयकरों को भी संभालती है। यह पद केवल एक छोटे लेखा विभाग में पाया जाता है।
आहरण एवं संवितरण कार्यालय के कार्यः
आहरण एवं संवितरण कार्यालय सभी पंजीकरण फार्म को इकट्ठा करता है और इसे पंजीकरण के लिए केंद्रीय अभिलेखापाल अभिकरण को प्रेषित करता है। इसके अलावा, यह अभिदाताओं से प्राप्त परिवर्तन अनुरोध फार्म भेजेगा और इसे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली योगदान लेखा नेटवर्क (एनपीएससीएएन) प्रणाली में अद्यतन के लिए जिला कोष कार्यालय को अग्रेषित करेगा। हालांकि, आहरण एवं संवितरण कार्यालय के कई अन्य कार्य हैं जिनका उल्लेख नीचे किया गया हैः
- अभिदाताओं से स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्यांक(पीआरएएन) के आवंटन के लिए विधिवत भरे हुए आवेदन प्राप्त करना, इसे भरना और रोजगार विवरण को प्रमाणित करना|
- स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्यांक (पीआरएएन) के आवंटन के लिए आवेदन पत्रों को समेकित करना और इसे जिला कोष कार्यालय करने को प्रेषित करना।
- अभिदाताओं में स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्यांक (पीआरएएन) किट, आई-पिन, टी-पिन का वितरण करना।
- परिवर्तन अनुरोध, नई योजना वरीयता अनुरोध, अभिदाता विवरण में खाता रखने की प्रणाली के प्रकार परिवर्तन के अनुरोध, अभिदाताओं से प्राप्त आहरण अनुरोध को जिला कोष कार्यालय को आगे भेजना।
- सदस्य पेंशन अंशदान के बारे में जिला कोष कार्यालय को जानकारी प्रदान करना|
- अभिदाता की शिकायत को जिला कोष कार्यालय को अग्रेषित करना।
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