स्मॉल-कैप स्टॉक में निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बात
Cryptocurrency : कितना सुरक्षित है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना? कितना है प्रॉफिट और क्या हैं रिस्क? पढ़ें
Cryptocurrency Investment : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के जबरदस्त लाभ और अपने खतरे भी हैं.
Cryptocurrency का क्रेज़ अब इलॉन मस्क और जैक डॉर्सी जैसे बड़े बिजनेसमेन से लेकर आम निवेशकों के बीच साफ दिख रहा है. हमारा भविष्य डिजिटल की दुनिया में होगा, इस विचार को काफी बड़े स्तर पर अपनाया जा रहा है, लेकिन एक मूलभूत सवाल रह जाता है- क्या क्रिप्टोकरेंसी एक सुरक्षित निवेश का माध्यम (Crypto Investment) बन सकती है? हां, क्रिप्टो कॉइन्स में निवेश से ज्यादा रिटर्न मिलता है, लग गए तो ज्यादा प्रॉफिट है, लेकिन इसमें उतना ही खतरा भी है, बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है और मार्केट (Cryptocurrency Market Today) कभी-कभी अचानक से क्रैश भी हो सकता है. ऐसे में ये कैसे तय करें कि इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं.
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सबसे पहले आपको ये बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को भारत में कानूनी वैधता नहीं मिली हुई है. नहीं, ऐसा नहीं है कि क्रिप्टो में निवेश अवैध है, ऐसा नहीं है. लेकिन, यह कोई लीगल टेंडर नहीं है, इसपर कोई सरकारी रेगुलेशन नहीं है और अधिकतर देशों में यही स्थिति है. इन्हें ऑनलाइन माइनिंग करके जेनरेट किया जाता है, अधिकतर जेनरेशन प्राइवेट होते हैं और इन कॉइन्स से क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं? ट्रांजैक्शन और मॉनेटरी सिस्टम में कितनी अस्थिरता आ सकती है, इसपर भी कोई साफ तस्वीर नहीं है. शायद इसलिए भी भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि वो अपना खुद का क्रिप्टो कॉइन चरणबद्ध तरीके से लॉन्च कर सकता है.
क्रिप्टो कॉइन में निवेश करना अवैध नहीं है और देश में पहले ही बहुत से ऑनलाइन क्रिप्टो एक्सचेंज काम कर रहे हैं. क्रिप्टो क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं? एक्सचेंज पर क्रिप्टो ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट होती है.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लाभ
सबसे पहली बात, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश आपको, बाकी के हमारे ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट टूल्स या निवेश के माध्यमों से कहीं ज्यादा बेहतर रिटर्न दे सकता है. इस साल के पहले चार महीनों में क्रिप्टो बाजार ने ऐतिहासिक तेजी देखी है. इस दौरान निवेशकों ने जबरदस्त पैसा बनाया. इसे आंकड़ों में समझिए. दुनिया की सबसे पॉपुलर और सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने वित्त वर्ष 2020-21 में 800 फीसदी का रिटर्न दिया है. अप्रैल, 2020 में यह 6,640 डॉलर के रेट पर ट्रेड कर रहा था और फिर एक क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं? साल की अवधि में यानी अप्रैल, 2021 तक यह 65,000 डॉलर पर पहुंच गया. बिटकॉइन के अलावा और भी कई अन्य क्रिप्टो कॉइन्स में जबरदस्त उछाल आई और निवेशकों ने बढ़िया रिटर्न कमाया.
शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद
- News18Hindi
- Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST
मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं? के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं? की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.
IPO में क्यों करना चाहिए निवेश
ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने आईपीओ को सब्सक्राइब करने की सलाह दी है. ब्रोकरेज का कहना है कि Harsha Engineers का FY20-22 के दौरान CAGR रेवेन्यू, EBITDA और PAT ग्रोथ 22.1%, 40.2% और 104.9% रही है. बियरिंग स्पेस में जिस तरह से डिमांड बनी हुई है, कंपनी आगे जोरदार प्रदर्शन कर सकती है. ब्रोकरेज का क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं? कहना है कि HEIL का ग्लोबल ऑर्गेनाइज्ड बियरिंग ब्रास, स्अील और पॉलीमेड केज मार्केट में साल 2021 के अंत तक कंपनी का मार्केट शेयर 6.5 फीसदी था. इंडिया में यह अपने सेक्टर का मार्केट लीडर है.
आईसीआईसीआई क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं? सिक्योरिटीज का कहना है कि कंपनी के रेवेन्यू का 60 फीसदी एक्सपोर्ट से आता है. ऐसे में अगर आगे ग्लोबल स्लोडाउन रहता है तो बिजनेस पर असर होगा. फॉरेन करंसी एक्सचेंज रेट में फ्लक्चुएशन होने पर एक रिस्क जुड़ा हुआ है. इंजीनियरिंग बिजनेस में प्रोडक्ट ऑफरिंग डाइवर्सिफाई न होना भी रिस्क है.
कम से कम कितना निवेश जरूरी
निवेशक इस कंपनी के आईपीओ में एक लॉट 45 शेयरों का है. यानी कम से कम 45 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं. इस लिहाज से कम से कम 14,850 रुपये का निवेश जरूरी है. वहीं अधिकतम 13 लॉट खरीदा जा सकता है यानी मैक्सिमम 193050 रुपये निवेश किया जा सकता है.
इस इश्यू का 50 फीसदी हिस्सा क्वॉलीफाइड इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स यानी क्यूआईपी के लिए आरक्षित रखा गया है. यह हिस्साा अबतक 1.63 गुना भरा है. इश्यू का 35 फीसदी हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए है और यह अबतक 9.14 गुना भरा है. जबकि बाकी 15 फीसदी हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व रखा गया है, जो अबतक करीब 25 गुना भर गया है. यह इश्यू ओवरआल 10.35 गुना सब्सक्राइब हुआ है.
755 करोड़ का क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं? है इश्यू
प्रिसिजन बियरिंग केज बनाने वाली कंपनी हर्षा इंजीनियर्स इंटरनेशनल ने अपने 755 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए 314-330 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है. इस आईपीओ में 455 करोड़ रुपये के नए इश्यू जारी होंगे, जबकि शेयर होल्डर्स व प्रमोटर्स द्वारा 300 करोड़ रुपये का क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं? ऑफर फॉर सेल लाया जा रहा है. कंपनी के शेयर बीएसई और एनएसई दोनों पर लिस्ट होंगे.
हर्षा इंजीनियर्स इंटरनेशनल लिमिटेड एविएशन और एयरोस्पेस, रेलवे, ऑटोमोटिव, रिन्यूएबल एनर्जी, एग्रीकल्चर और अन्य इंडस्ट्री के लिए कई तरह के इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स बनाती है. ये कंस्ट्रक्शन माइनिंग के सेक्टर में भी इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स मुहैया कराती है.
(Disclaimer: आईपीओ में निवेश की सलाह एक्सपर्ट के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)
कितने बार टॉइलट जाते हैं, इससे पता चलता है कार्डिएक अरेस्ट होने का खतरा
दिल का दौरा कहीं भी पड़ सकता है। हालांकि बाथरूम में कार्डिएक अरेस्ट के कई केस रिपोर्ट किए जाते हैं। इसकी वजह यह सामने आई है कि नहाने या टॉइलट जैसी ऐक्टिविटीज हार्ट को ट्रिगर करके कार्डिएक अरेस्ट की वजह बन सकती हैं। वैसे दिल की बीमारी की मुख्य वजह लाइफस्टाइल को माना जाता है। अब एक रिसर्च में सामने आया है कि आप कितने बार फ्रेश होने जाते हैं, इससे आपका हार्ट फेल होने का खतरा पता चलता है। यहां जानें बार-बार टॉइलट जानें या न जाने का हार्ट से कनेक्शन.
ये थी रिसर्च
Small-Cap Stocks in Hindi: जानिए क्या होते है स्मॉल कैप स्टॉक? किन्हें करना चाहिए इसमें निवेश?
मार्केट कैप के लिहाज से टॉप 500 कंपनियों को छोड़कर बाकी की कंपनियों को स्मॉल कैप की श्रेणी में रखा जाता है। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि स्माल कैप स्टॉक के फीचर्स, फायदें और नुकसान क्या है?
What is Small-Cap Stocks in Hindi: स्मॉल-कैप स्टॉक सार्वजनिक (Public) रूप से सूचीबद्ध कंपनियों के स्टॉक हैं जिनका कुल बाजार मूल्य या बाजार पूंजीकरण (Market Capitalisation) 5,000 करोड़ रुपये से कम है। स्मॉल-कैप शेयरों को आम तौर पर कम वैल्यूएशन द्वारा चिह्नित किया जाता है और भविष्य में विकास की उच्च क्षमता प्रदर्शित करता है। ये स्टॉक उन निवेशकों के लिए आदर्श क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं? हो सकते हैं जो हाई रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं और हाई रिटर्न की उम्मीद करते हैं। मार्केट रेगुलेटर SEBI के अनुसार, स्मॉल कैप कंपनियों (Small Cap Company) को उनके मार्केट कैप के मामले में 251 वें और नीचे स्थान दिया गया है। लार्ज कैप और मिड कैप कंपनियों की तुलना में इन कंपनियों के शेयर अत्यधिक अस्थिर और जोखिम भरे होते हैं
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