इतना ही नहीं, जिस तरह से भारत की हरित ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के संबंध में सकारात्मक परिदृश्य दुनिया में आगे बढ़ रहा है, उससे भी एफडीआई का प्रवाह भारत की ओर बढ़ रहा है। भारत में हरित हाइड्रोजन, जैव ईंधन सम्मिश्रण और वैकल्पिक स्रोतों से जैव ईंधन की खोज और उत्पादन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। भारत हरित ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनने को तैयार है। भारत ने 20 प्रतिशत निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज एथनाॅल मिश्रण के लक्ष्य को पाने की समय सीमा को 2030 से घटाकर 2025 कर दिया है। इस समय देश के लिए एफडीआई प्राप्त करने में कृषि क्षेत्र की भी अहम भूमिका है। दुनियाभर में भारत द्वारा उपलब्ध कराई गई खाद्य सुरक्षा का स्वागत किया जा रहा है, जिसमें कृषि क्षेत्र में भी विदेशी निवेश तेजी से बढ़ रहा है।

Cryptocurrency Jargon: माइनिंग, व्हेल, ब्लॉकचेन; समझिए क्रिप्टो की दुनिया के शब्दों के मतलब

Children's Day: अपने बच्‍चों के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए ऐसे करें प्‍लानिंग, शादी और पढ़ाई के खर्च की नहीं रहेगी चिंता

By: ABP Live | Updated at : 14 Nov 2022 04:29 PM (IST)

बच्‍चों के लिए बचत और निवेश

Childern's Day: हम सब के लिए परिवार में किसी बच्चे का आना ढेर सारी खुशियां लाता है. खासतौर पर माता-पिता के लिए तो खुशियों के साथ ढेर सारी जिम्‍मेदारियां भी आती हैं. हम सभी पर इस तरह की जिम्मेदारी है पर अनिश्चितता परिवार के वित्तीय स्वास्थ्य को बिगाड़ सकती है. अगर हम बैंक डिपॉजिट या फिर बचत के और किसी इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं तो महंगाई के चलते हमारे पास कुछ नहीं बचेगा. बचत का निवेश करके हम यह आश्वस्त करते हैं कि हमारे पैसे सुरक्षित रहेंगे. साथ ही, इस पर अच्छा रिटर्न भी मिलेगा. इससे हमारे बच्चे भी वित्तीय रूप से सुरक्षित रहेंगे. अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए आप निम्नलिखित बातों का पालन कर सकते हैं.

लक्ष्य निर्धारित करें

निवेश संबंधी फैसले लेने से पहले हमें अपने लक्ष्य तय करने होंगे. हमारे सभी निवेशों में जरूरत की झलक दिखनी चाहिए. वैसे तो हर व्यक्ति के लक्ष्य अलग होते हैं पर इन्हें लंबी अवधि और छोटी अवधि के लक्ष्यों के तौर पर बांटा जा सकता है.

उदाहरण के तौर पर, बच्चे के लिए लंबी अवधि के लक्ष्यों में विदेश में उच्च शिक्षा, कारोबार शुरू करने या शादी जैसे उद्देश्य शामिल हो सकते हैं. बच्चे के दीर्घकालिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इक्विटी में निवेश करने से आपको अच्छा रिटर्न मिलेगा. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए ऐसे इंस्ट्रूमेंट में पैसे लगाना ठीक रहता है जिनके वास्तविक मूल्य गिरने का जोखिम न हो. अगर इनमें सकारात्मक बदलाव होता है तो इससे बेहतरीन रिटर्न मिलता है. इससे महंगाई का प्रभाव कम होता है. ऐसे में आपको एंडोमेंट प्लान और पब्लिक प्रोविडेंट फंड जैसे कम रिटर्न वाले प्लान से बचना चाहिए.

रियल एस्‍टेट में निवेश

निवेश के लिए रियल एस्टेट जैसे विकल्‍प का चुनाव करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जब आपको इसकी वास्तविक जरूरत पड़े, उसके दो साल पहले इससे निकलना होगा. इससे आपके पास नकारात्मक ग्रोथ से निकलने का वक्त होगा. उदाहरण के तौर पर अगर आपको बच्चे की शादी के लिए पैसे चाहिए तो आप उस जमीन या मकान को तभी बेच दें जब वह कॉलेज में हो और इस निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज पैसे को कम जोखिम वाले विकल्‍प जैसे डेट फंड में लगा दें.

बच्चे के लिए कम अवधि वाले लक्ष्यों में स्कूल की पढ़ाई, एक्स्ट्रा करिकुलर कोर्स, ट्रेनिंग, देश में होने वाली प्रतियोगिताओं में भाग लेना शामिल है. कम अवधि के लक्ष्यों के लिए आपको ऐसे फंड में निवेश करना चाहिए जिसमें लिक्विडिटी हो. ऐसे लक्ष्यों के लिए सेविंग बैंक डिपॉजिट, शॉर्ट टर्म एफडी बेहतर रहते हैं क्योंकि इसके वास्तविक मूल्य पर रिटर्न सुनिश्चित होता है.

सही निवेश योजना का चयन

केवल निवेश विकल्‍प का चुनाव करना ही काफी नहीं है, अपनी आय का ध्यान रखते हुए आपको जोखिम, लिक्विडिटी, कैपिटल एप्रिसिएशन जैसे पहलुओं पर भी गौर करना चाहिए. इसी आधार पर निवेश विकल्‍प निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज का चुनाव करने में समझदारी है. निवेश से आपको इतना रिटर्न मिलना चाहिए जिससे समय के साथ आपकी सभी जरूरतें पूरी हो सकें. आपको ऐसे निवेश से बचना चाहिए जिसमें जोखिम ज्यादा हो. ऐसे प्लान का चुनाव करने से आपको फायदा नहीं होगा, इसके उलट आपका जोखिम बढ़ेगा.

अपने बच्चे को वित्तीय रूप से सुरक्षित रखने के लिए इंश्योरेंस सटीक जरिया है. आपके पास उपयुक्त राशि और अवधि को कवर करने वाला टर्म प्लान जरूर होना चाहिए . इस टर्म प्लान के जरिए आपको वार्षिक आय का कम से कम 10 से 12 गुना कवर लेना चाहिए. साथ ही इसमें आपको अपनी देनदारी का ख्याल भी रखना होगा.

1. माइनिंग

माइनिंग शब्द थोड़ा भ्रामक हो सकता है क्योंकि माइनिंग शब्द का मतलब खनन होता है और इसे कोयला खनन या ऐसे ही किसी दूसरे खनिज के खनन से जोड़कर देखा जाता है. लेकिन क्रिप्टो माइनिंग का मतलब नई डिजिटल कॉइन्स जेनरेट करने यानी पैदा करने से होता है. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज समीकरणों को हल करके किया जाता है. इक्वेशन सॉल्व करने के बाद रिवॉर्ड के तौर पर यूजर को कॉइन्स मिलते हैं, यहां से इसे या तो किसी बायर को सीधे बेच दिया जाता है या फिर एक्स्चेंज पर इसकी ट्रेडिंग होती है.

हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं, वो खुद इनकी माइनिंग नहीं करते हैं. वो दूसरों के साथ क्रिप्टो एक्सचेंज कर सकते हैं, बिल्कुल वैसे ही जैसे आप किसी भी इन्वेस्टमेंट टूल में करते हैं.

2. व्हेल

ऐसे अकाउंट्स, जिनके पास बहुत बड़ी संख्या कॉइन होते हैं और इसकी वजह से वो मार्केट को अपने दम पर प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं, उन्हें व्हेल अकाउंट कहते हैं. अधिकतर पॉपुलर क्रिप्टो कॉइन्स के बहुत से ऐसे व्हेल हैं, जो बाजार में बड़ी हैसियत रखते हैं. यहां तक कि अलग से कुछ ऐसी साइट्स हैं जो इन व्हेल्स अकाउंट को ट्रैक करती रहती हैं ताकि बाजार में पारदर्शिता बनी रहे. इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाजार का रुख कैसा रहने वाला है. बहुत से व्हेल अकाउंट्स या तो बड़े लार्ज फंड्स के हैं, या फिर काफी शुरुआत से क्रिप्टो में निवेश कर रहे निवेशकों के.

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3. वॉलेट

निवेशकों को अपनी क्रिप्टो कॉइन्स एक डिजिटल वॉलेट में रखनी होती है. यह क्रिप्टोग्राफी से निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज सुरक्षित होती है और अगर कभी आप अपना पासवर्ड भूल गए तो आप इस वॉलेट का एक्सेस खो देते हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक डिसेंट्रलाइज्ड डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम पर काम करती है. यानी कि इसका कोई मुख्य केंद्रबिंदु नहीं है, कोई नियमन नहीं है, ऐसे में निवेशकों को अपने पासवर्ड को लेकर सतर्क रहना होता है.

बता दें कि ये वॉलेट दो तरह के होते हैं- हॉट और कोल्ड. हॉट वॉलेट हमेशा इंटरनेट से कनेक्टेड रहता है और इससे ऑनलाइन ट्रेडिंग की जाती है, वहीं, कोल्ड वॉलेट एक ऑफलाइन सेफ यानी तिजोरी की तरह होता है, जिसमें आप अपने कॉइन्स सुरक्षित रखते हैं.

4. ब्लॉकचेन

क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग विस्तृत तौर पर पीयर-टू-पीयर नेटवर्क यानी कि दो या उससे ज्यादा पक्षों में आपस में डायरेक्ट नेटवर्किंग के जरिए काम करती है. ब्लॉकचेन एक तरह का डिजिटल लेजर यानी बहीखाता है, जिसपर हर क्रिप्टो एक्सचेंज की डिटेल्स स्टोर होती हैं. चूंकि इसमें कोई सेंट्रल डेटाबेस नहीं होता है और कोई भी कहीं से भी ब्लॉकचेन को एक्सेस कर सकता है, ऐसे में हैकिंग से इन्फॉर्मेशन के हैक होने या करप्ट होने का खतरा नहीं रहता है.

5. गैस

गैस उस फीस को कहते हैं तो क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन करने के लिए चुकानी पड़ती है. इस फीस से माइनर यानी कि कॉइन को जेनरेट करने वाले का खर्चा कवर होता है. माइनर्स हाई-फाई कंप्यूटर्स पर जटिल मैथेमेटिकल इक्वेशन्स को हल करते हैं, जिनके बदले में उन्हें रिवॉर्ड के रूप में कॉइन्स मिलती हैं. फीस कितनी होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि निवेशक को माइनर से कितनी जल्दी क्रिप्टोकरेंसी चाहिए.

ऐसी स्‍वास्थय बीमा पॉलिसी में निवेश करें जो विदेश में आपका इलाज खर्च उठाए

Amit Chhabra, Head- Health Insurance, Policybazaar.com

एक संगठित दुनिया को लेकर जैसे-जैसे मौजूदा वैश्विक रुझान बदल रहे है, वैसे ही आधुनिक और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर हमारी समझ भी बदल रही है। पिछले कुछ वर्षों में, अधिक से अधिक लोग भारत के बाहर बेहतर इलाज की तलाश करने लगे हैं। इस बढ़ती अंतरराष्ट्रीय सक्रियता के पीछे कई सारे कारण हैं। जहां पैसों से संपन्न वर्ग के मरीज सबसे बेहतर मेडिकल सेवाएं हासिल करना चाहते हैं, वहीं दूसरे लोग भी विदेशों में कम खर्चीले उपचार की तलाश कर रहे हैं। यहां हर किसी को पता होना चाहिए कि विदेश में इलाज करवाना बहुत महंगा पड़ सकता है, ऐसे में आपके पास एक ऐसी पॉलिसी होना सुविधाजनक होगा, जो विदेश में इलाज के खर्चों को भी कवर करती हो। उपभोक्ताओं के बीच तेजी से बढ़ रही जरूरतों को पूरा करने के लिए, भारत में कई हेल्‍थ इंश्‍योरेंस कंपनियों ने ऐसी पॉलिसियां पेश कीं हैं निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज जो पर्याप्त ग्‍लोबल कवरेज प्रदान करती हैं। नियमित रूप से कवर देने के अलावा, ये विशेष पॉलिसियां अतिरिक्त रूप से आपको विदेश यात्रा करते समय और यहां तक कि पहले से प्लान की गई इंटरनेशनल हॉस्पिटलाइजेशन के दौरान किसी भी मेडिकल इमरजेंसी के प्रति कवरेज प्रदान करती हैं।

फ़ॉरेक्स क्या है

यह अनुमान है कि विश्व फ़ॉरेक्स बाजारों में औसतन 3.6 ट्रिलियन डॉलर का ट्रेड हर दिन होता है। फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग का अधिकांश हिस्सा किसी एक केंद्रीकृत या संगठित विनिमय पर नहीं बल्कि इंटरबैंक मुद्रा बाजार में ब्रोकरों के माध्यम से होता है। इंटरबैंक मुद्रा बाजार चौबीस घंटे का बाजार है जो दुनिया भर में सूर्य का अनुसरण करता है। ऑस्ट्रेलिया में खुलने और यू.एस. में बंद होने के बावजूद, विनिमय जोखिम युक्त संगठनों के लिए बाजार मौजूद है, सट्टेबाज भी विनिमय दरों में बदलाव के संबंध में उनकी अपेक्षाओं से लाभ के प्रयास में फ़ॉरेक्स बाजारों में भाग लेते हैं।

प्रारंभिक भाग में, फ़ॉरेक्स बाजार का उपयोग संस्थागत निवेशकों द्वारा किया जाता था जो वाणिज्यिक और निवेश उद्देश्यों निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज के लिए बड़ी मात्रा में लेनदेन करते थे। आज हालांकि, आयातकों और निर्यातकों, अंतरराष्ट्रीय पोर्टफोलियो प्रबंधकों, बहुराष्ट्रीय निगमों, सट्टेबाजों, दैनिक ट्रेडर, लंबी अवधि के धारकों और हेज फंड सभी फ़ॉरेक्स बाजार का उपयोग करते हैं ताकि वे माल और सेवाओं के भुगतान कर सकें, वित्तीय आस्तियों में लेन-देन कर सकें और सट्टेबाजी के माध्यम से अपने निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज जोखिम की हेजिंग या अपने जोखिम को बढ़ाकर मुद्रा की गति के जोखिम को कम करना या सट्टेबाजी कर सकें।

वैश्विक मंदी के बावजूद निवेश की उम्मीदें

वैश्विक मंदी के बावजूद निवेश की उम्मीदें

यकीनन वैश्विक मंदी की चुनौतियों का भारत पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। 13 जून को भारत के शेयर बाजार में भी बड़ी गिरावट दिखी। बैंचमार्क सेंसेक्स गोता लगाकर 52,846 अंकों पर बंद हुआ। डॉलर के मुकाबले रुपया 78 के पार चला गया। लेकिन फिर भी दुनिया के आर्थिक और वित्तीय संगठनों के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था दूसरे देशों की तुलना में गतिशील बनी हुई है। वैश्विक क्रैडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की रेटिंग नकारात्मक से उन्नत करके स्थिर की है। खास बात यह भी है कि चुनौतियों के बीच भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश का सुकूनदेह परिदृश्य उभरकर दिखाई दे रहा है। संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) की रिपोर्ट 2022 के अनुसार भारत की एफडीआई रैंकिंग पिछले वर्ष 2021 में एक पायदान चढ़कर 7वें स्थान पर पहुंच गई है। हाल ही में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 83.57 अरब डॉलर का रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त किया है। अब चालू वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की ओर अधिक एफडीआई प्रवाह की नई संभावनाएं बढ़ी हैं।

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