Crypto Market: 'खतरनाक' है क्रिप्टो मार्केट, क्या 10,000 डॉलर पर आ सकता है बिटकॉइन? जानिए क्या है वजह
क्रिप्टो मार्केट (Crypto Market) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. बिटकॉइन (दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल Bitcoin) जल्द ही 10 हज़ार डॉलर पर आने की उम्मीद है. इसमें लगातार गिरावट देखी जा रही है.
By: ABP Live | Updated at : 28 Nov 2022 10:52 PM (IST)
बिटकॉइन ( Image Source : Kanchanara/Unsplash )
Mark Mobius Crypto Market See Bitcoin: अगर आप बिटकॉइन (Bitcoin) में निवेश करते हैं, या इन्वेस्ट के बारे में प्लान कर रहे हैं, तो ये दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो मार्केट (Crypto Market) में गिरावट का अनुमान जताया जा रहा है. इसे लेकर मोबियस कैपिटल पार्टनर्स एलएलपी (Mobius Capital Partners LLP) के कोफाउंडर मार्क मोबियस (Mark Mobius) ने अपनी राय जाहिर की है. उनका कहना है कि, बिटकॉइन (Bitcoin) के लिए उनका अगला टारगेट 10,000 डॉलर का है.
बेहद खतरनाक है बिटकॉइन
दुनिया के दिग्गज फंड मैनेजर्स में शुमार मार्क मोबियस के अनुसार, उन्होंने कहा कि वह डिजिटल एसेट्स (Digital Assets) में अपना कैश या क्लाइंट का कोई पैसा कभी निवेश नहीं करेंगे, क्योंकि यह बहुत खतरनाक है. उन्होंने कहा कि, क्रिप्टो की मौजूदगी बनी रहेगी, क्योंकि कई इनवेस्टर्स का इसमें अभी तक भरोसा बना हुआ है.
दिवालिया हो चुका FTX Exchange
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मोबियस ने 3 दशक से ज्यादा समय फ्रैंकलिन टेम्पलटन इनवेस्टमेंट्स (Franklin Templeton Investments) में बिता दिए हैं. मोबियस ने कहा कि, FTX के पतन के बावजूद बिटकॉइन की कीमतें टिकी रहना अच्छा है. सैम बैंकमैन- फ्रायड का एफटीएक्स एक्सचेंज (FTX Exchange) दिवालिया हो चुका है और उससे जुड़ा ट्रेडिंग हाउस अलामेडा रिसर्च का भविष्य भी अधर में है. चिंता की बात है कि ऐसा ही हाल दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज (Crypto Currency) का होने की आशंका है.
बिटकॉइन के दाम गिरे
क्रिप्टोकरेंसी के बाजार (Crypto Currency Market) में आज बड़ी गिरावट के साथ कारोबार शुरू हुआ. बाजार में पिछले 2 दिनों में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई है. इसका मार्केट कैप घटकर 852 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. लिहाजा इसका मार्केट कैप 1 खरब डॉलर से नीचे है. ग्लोबल बाजार में आज बिटकॉइन के दाम में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की है. ये 16,129 डॉलर के रेट पर आ गया है.
10,000 डॉलर के स्तर पर आने की उम्मीद
क्रिप्टो एक्सपर्ट बिटकॉइन के 10,000 डॉलर के स्तर पर आने का अनुमान जता रहे हैं, जिस लेवल पर यह 2020 में था. बीते साल नवंबर में यह रिकॉर्ड 69,000 डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था. आउटस्टैंडिंग बिटकॉइन (Bitcoin) पुट कॉन्ट्रैक्ट्स दिसंबर अंत में एक्सपायरी के लिए 10,000 डॉलर के स्ट्राइक प्राइस पर हैं. ऑप्शंस पर लगाए दांव से पता चल रहा है कि डेरिवेटिव इनवेस्टर्स को लगता है कि बिटकॉइन इस स्तर पर पहुंच सकता है.
Published at : 28 Nov 2022 10:52 PM (IST) Tags: Bitcoin Crypto Market cryptocurrency mark mobius bitcoin News Bitcoin down हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
क्रिप्टो बाजार में कोहराम, बिटकॉइन में 17% की गिरावट, 2020 के बाद सबसे नीचे पहुंचा भाव
बिटकॉइन में निवेश करने वाले यही कह रहे हैं-क्या से क्या हो गया देखते-देखते. कभी एक बिटकॉइन से घर खरीदने वाले आज औंधे मुंह गिरते बिटकॉइन को देखकर अचंभे में हैं. वे यही सोच रहे हैं कि कमाने का शॉर्ट कट रास्ता क्या कारगर नहीं हो सकता?
क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में भारी कोहराम देखा जा रहा है. मंगलवार को इसकी स्थिति और भी बदतर हो गई. खराब वैश्विक संकेतों का असर क्रिप्टो (Cryptocurrency) बाजारों पर देखा जा रहा है. इसी के चलते मंगलवार को बिटकॉइन (Bitcoin) का भाव एक झटके में 17 परसेंट टूटकर 22,000 डॉलर (17 लाख रुपये के आसपास) के नीचे फिसल गया. इससे दुनियाभर के करोड़ों निवेशकों को अरबों रुपये की चपत लग गई. ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ जो बिटकॉइन में औंधे मुंह गिरावट देखी जा रही है. पिछले कई हफ्ते से इसमें फिसलन देखने को मिल रही है. हालांकि मंगलवार को गिरावट का नया रिकॉर्ड बना क्योंकि दिसंबर 2020 के बाद पहली बार बिटकॉइन 25,000 डॉलर से नीचे पहुंच गया.
जानकार बताते हैं कि बिटकॉइन पर दिनोंदिन संकट के बादल गहरा रहे हैं. पिछले 24 घंटे में ही बिटकॉइन की कीमत 22500 डॉलर के नीचे आ गई है. और भी कई क्रिप्टोकरेंसी हैं जिनमें तेजी से गिरावट का रुख देखा जा रहा है. इथीरियम, बिनेंस और एक्सआरपी भी 12-14 परसेंट दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल तक लुढ़क गए हैं. बिटकॉइन में पिछले 24 घंटे में लगभग 16 फीसद की गिरावट है और कीमत 22461 डॉलर पर पहुंच गई है. अब तक का रिकॉर्ड देखें तो बिटकॉइन और इथीरियम अपनी ऊंचाई से लगभग 75 फीसद तक टूट चुके हैं.
क्या से क्या हो गया रेट
पिछले 7 दिनों का आंकड़ा देखें तो बिटकॉइन में कुल 28 फीसद तक की गिरावट आई है. इथीरियम 14 फीसद की गिरावट के साथ 1175 डॉलर पर और बिनेंस 12 परसेंट टूटने के बाद 215 डॉलर पर पहुंच गया है. आंकड़े के मुताबिक, भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स पर क्रिप्टोकरेंसी का डेटा वॉल्यूम 5 अरब था, वह इस साल घटकर 2 अरब पर आ गया है. माना जा रहा है कि भारत में जब से क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स का नियम लागू हुआ है, तब से इसकी ट्रेडिंग या खरीद-बिक्री में कमी आई है. 30 परसेंट टैक्स दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल और टीडीएस के चलते निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को बेचकर भागना चाह रहे हैं. यही वजह है कि क्रिप्टो बाजार में तगड़ी बिकवाली देखी जा रही है.
बिटकॉइन की चमक पड़ी फीकी
विश्व बाजार पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट बताते हैं कि इक्विटी और क्रिप्टोकरेंसी में लगातार गिरावट देखी जा रही है और यह पूरी दुनिया में एक समान है. सोमवार को क्रिप्टो बाजार में तब और बड़ा कोहराम दिखा जब दुनिया के दो बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज बिनेंस और सेल्सियस ने निवेशकों को पैसे निकालने से रोक दिया और क्रिप्टो से जुड़ी कई कंपनियों ने कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी. क्रिप्टो मार्केट में शेयर बाजार की तुलना में तेजी से गिरावट देखी जा रही है. एकएंडपी 500 में साल 2022 में अब तक 18 परसेंट की गिरावट है. लेकिन यही गिरावट बिटकॉइन के संदर्भ में देखें तो यह 40 परसेंट तक पहुंच गई है. साल 2022 में दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल डोजकॉइन अब तक 50 परसेंट तक टूट गई है.
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कम दिन में अधिक रिटर्न का सपना
जब दुनिया के बाजारों में युवा निवेशकों ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाना शुरू किया तो इसमें लगातार तेजी देखी गई. इस पीढ़ी को लगा कि रिस्क लेकर कम समय में अधिक रिटर्न पाया जा सकता है. लेकिन जब पूरी दुनिया में महंगाई का आलम छाया और अर्थव्यस्था लाचार होने लगी तो बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी से लोगों का मोहभंग होने लगा. लोगों को लगा कि पैसा उसी एसेट में लगाया जाना चाहिए जहां रिटर्न निश्चित होने के साथ निवेश भी सुरक्षित हो. इसमें सोना, म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट आदि सबसे अच्छे विकल्प दिखे. घोर अस्थिरता के बीच लोगों ने बिटकॉइन को बेचकर भागना मुनासिब समझा. भारत में खासकर जब से टैक्स सिस्टम लागू हुआ तब से बिकवाली तेज हो गई. यही वजह है कि बिटकॉइन का बुलबुला अब पूरी तरह से फूटता दिख रहा है.
Crypto latest price: Bitcoin के लिए 6 महीने में सबसे खराब हफ्ता! जानिए क्या रह गई है कीमत
बिटकॉइन (Bitcoin) और ईथर (Ether) की कीमत में आज गिरावट देखने को मिल रही है। एशियन मार्केट में यह 1.6 फीसदी गिरावट के साथ 55,980 डॉलर पर ट्रेड कर रही थी जो मिड अक्टूबर के बाद इसका न्यूनतम स्तर है।
बिटकॉइन की कीमत हाल में 68,000 डॉलर पहुंच गई थी।
हाइलाइट्स
- Bitcoin और Ether की कीमत में गिरावट देखने को मिल रही है
- Bitcoin 1.6% गिरावट के साथ 55,980 डॉलर पर ट्रेड कर रही थी
- यह मिड अक्टूबर के बाद बिटकॉइन की इसका न्यूनतम स्तर है
- ईथर भी गिरावट के साथ 3 हफ्ते के न्यूनतम स्तर पर आ गई
दुनिया की सबसे बड़ी, सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में इस हफ्ते 14 फीसदी गिरावट आई है। इसके बावजूद इसकी कीमत इस साल 90 फीसदी चढ़ी है। सिंगापुर के क्रिप्टो एसेट मैनेजर Stack Funds के सीओओ Matthew Dibb ने कहा कि बिकवाली के दबाव में इसमें गिरावट आई है। उनका कहना है कि बिटकॉइन की कीमत 53,000 डॉलर तक गिर सकती है। हाल में इसकी कीमत 68,000 डॉलर के पार पहुंच गई थी।
क्यों गिर रही है कीमत
इस बीच दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर (Ether) भी गिरावट के साथ 4,014 डॉलर पर आ गई जो इसका 3 हफ्ते का न्यूनतम स्तर है। यह भी इस हफ्ते 14 फीसदी गिरावट आ सकती है। हाल के दिनों में दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल इकनॉमिक ग्रोथ, ब्याज दरों और महंगाई ने दुनिया के निवेशकों की चिंता बढ़ाई है जिसका इसका ईथर और बिटकॉइन की कीमतों पर देशने को मिल रहा है।
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OANDA में एनालिस्ट Edward Moya ने कहा कि बिटकॉइन का लॉन्ग टर्म आउटलुक बुलिश बना हुआ है। यानी इसमें लंबे समय तक तेजी की संभावना है। लेकिन अगले कुछ महीने इसके लिए उतारचढ़ाव भरे रह सकते हैं। इसकी वजह यह है कि इंस्टीट्यूशन इनवेस्टर्स की नजर इस बात पर रहेगी कि अमेरिकी फेड रिजर्व रेट बढ़ाता है या नहीं।
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दुनिया में सबसे खराब ट्रैफिक बेंगलुरु का, जानिए और कौन से दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल शहर हैं सूची में
टॉम टॉम की इस रिपोर्ट में 57 देशों के 416 शहरों में ट्रैफिक स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी है.
भारत समेत दुनिया भर के शहरों में रोड ट्रैफिक एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. पिछले एक दशक दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल में सड़क पर गाड़ियों की लगातार बढ़ती संख्या ने ट्रैफिक का और बुरा हाल कर दिया है.
ट्रैफिक के मामले में भारत के बड़े शहर दुनिया के बड़े शहरों को पीछे छोड़ते नजर आ रहे हैं. टॉमटॉम की रिपोर्ट के अनुसार खराब ट्रैफिक की सूची में बेंगलुरू के अलावा मुंबई, पुणे और दिल्ली शामिल है.
दुनिया के सबसे ख़राब ट्रैफिक वाले शीर्ष 10 शहरों में फिलीपिंस का मनीला, कोलंबिया का बोगोटा, रूस का मास्को, पेरू का लीमा, तुर्की का इस्तांबुल और इंडोनेशिया दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल का जकार्ता भी शामिल हैं.
अगर भारत की सिलिकॉन वैली की बात करें तो पीक आवर में गाड़ी चलाने वाले लोग दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल हर साल औसतन 243 घंटे यानी 10 दिन 3 घंटे ट्रैफ़िक में फंसकर बिताते हैं. बेंगलुरू शहर में सबसे ज़्यादा भीड़भाड़ 20 अगस्त 2019 को हुई थी, जबकि सबसे कम भीड़भाड़ 6 अप्रैल 2019 को थी.
ऑफिस आने-जाने वाले पीक आवर में भारत की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में लोग हर साल औसतन 209 घंटे, यानी 8 दिन और 17 घंटे ट्रैफिक में बिता देते हैं.
अगर पिछले साल की बात करें तो मुंबई की सड़कों पर सबसे ज़्यादा भीड़भाड़ 9 सितंबर 2019 को थी, जबकि सबसे कम भीड़भाड़ 21 मार्च 2019 को दर्ज की गई थी.
पीक आवर के दौरान पुणे में गाड़ी चलाने वाले लोग हर साल औसतन 193 घंटे, यानी 8 दिन, 1 घंटा ट्रैफिक में बिताते हैं. इस शहर में सबसे ज़्यादा भीड़भाड़ 2 अगस्त 2019 को दर्ज की गई थी, जबकि सबसे कम भीड़भाड़ 27 अक्टूबर 2019 को दर्ज की गई थी.
नई दिल्ली को इस साल ट्रैफिक जाम के मामले में दुनिया में आठवां स्थान मिला है. व्यस्ततम समय के दौरान गाड़ी चलाने वाले दिल्लीवासी हर साल औसतन 190 घंटे, यानी सात दिन, 22 घंटे का अतिरिक्त समय सड़क पर बिताते हैं.
देश की राजधानी की सड़कों पर सबसे अधिक भीड़भाड़ 23 अक्टूबर 2019 को दर्ज हुई जबकि सबसे कम भीड़ 21 मार्च 2019 को दर्ज किया गया था. टॉमटॉम ट्रैफिक इंडेक्स 2019 यह दर्शाता है कि दिल्ली दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल में भीड़भाड़ का स्तर साल 2018 की तुलना में दो फीसदी कम हो गया है.
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