Cryptocurrency का भविष्य
Cryptocurrencies की भविष्य में मज़बूत संभावनाएं- Raghuram Rajan
Cryptocurrencies की भविष्य में मज़बूत संभावनाएं- Raghuram Rajan
www.indianpsubank.in: भारत सहित दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है , टेस्ला के मालिक एलन मस्क (Alan Musk) सहित दुनिया के कई बड़े टेक्नोक्रेट पहले से ही लगातार अलग अलग क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) को प्रोमोट करके अरबों डॉलर की कमाई कर चुके हैं. भारत में भी लगातार क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है. अब Reserve Bank Of India( RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) के वयान के भारत में क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) का क्रेज और बढ़ सकता है. रघुराम राजन ( Raghuram Rajan) का कहना है , " अगर क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) को बेहतर ढंग से रेगुलेट किया जाता है तो भविष्य की इसकी काफी सम्भावना है. रेगुलेटेड क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) के बेहतर भविष्य की उम्मीद के बाबजूद रघुराम राजन ( Raghuram Rajan) के यह भी कहा है की अभी तक यह साफ नहीं है की किन फंडामेंटल की वजह से क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) को इतना सपोर्ट मिल रहा है. उन्होंने कहा की मुश्किल वक्त में क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) आपका आखिरी सहारा नहीं बनेगा। एकबार इनका सही इस्तेमाल शुरू होगा तब जाकर मुझे इनके वैल्यूएशन पर भरोसा होगा। जैसे क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शन और पेमेंट का तरीका क्या होगा। आपको बता दें रघुराम राजन ( Raghuram Rajan) ने यह बातें 25 अगस्त को रायटर्स ग्लोबल मार्केट्स फोरम में बोलते हुए कहीं हैं.
केंद्रीय बैंको को नयी कंपनियों में निवेश को अपनी जिम्मेदारियों में शामिल नहीं करना चाहिए
क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) पर अपनी राय रखने के अलाबा Reserve Bank Of India( RBI) के पूर्व गवर्नर ने यह भी कहा है , " केंद्रीय बैंको को नयी कंपनियों में निवेश की जिम्मेदारी ना लेते हुए पॉलिसी से जुडी अपनी जिम्मेदारियों पर फोकस करना चाहिए। लगातार निवेश बढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए। न की सेंट्रल बैंको की. क्योकिं इनके पास पहले से ही पॉलिसी से जुडी काफी जिम्मेदारियां होती हैं.
25 अगस्त को रायटर्स ग्लोबल मार्केट्स फोरम में बोलते हुए राजन ने कहा , " केंद्रीय बैंको को राजनीति से प्रेरित नए निवेश से दूर रहना चाहिए। क्योकि केंद्रीय बैंको के कामकाज का दायरा पहले से ही काफी बड़ा है."
उन्होंने कहा , " केंद्रीय बैंको का यह कहना की वो ग्रीन बॉन्ड्स खरीद सकते हैं और ब्राउन बांड्स नहीं खरीद सकते यह बिलकुल बैसे ही है जैसे किसी फिस्कल मुद्दे पर अपनी राय थोपना।
रघुराम राजन ( Raghuram Rajan) जी की गिनती दुनिया के टॉप अर्थशात्रियों में होती है. और वह RBI गवर्नर बनने से पूर्व इंटरनेशनल मॉनेटरी फण्ड में चीफ इकोनॉमिस्ट थे. आखिर में उन्होंने कहा की "केंद्रीय बैंको को ग्रीन इन्वेस्टमेंट (Green Investment) की जगह क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) और साइबर सिक्योरिटी (Cyber Security) पर फोकस करना चाहिए।"
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Admin : INDIAN PSU BANK
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क्रिप्टो करेंसी के फायदे , क्रिप्टो करेंसी के नुकसान ओर क्रिप्टो का भविष्य क्या है बताइए
आप इस पोस्ट में जानेंगे क्रिप्टो करेंसी के फायदे ,क्रिप्टो करेंसी के नुकसान । कई लोग का यह भी प्रश्न रहता है कि कृपया करेंसी का भविष्य क्या है। आपको बता दूं मैं, क्रिप्टो करेंसी आने वाले समय का सबसे बड़ा जायदाद होगा। लोग आज क्रिप्टोकरंसी को छोटी नजर से देख रहे हैं लेकिन आने वाले समय में भविष्य की बात करें तो क्रिप्टो से बड़ा बाजार दूसरा कुछ नहीं हो सकता।
वैसे तो भारत ने भी यह स्वीकार किया है कि क्रिप्टो करेंसी आने वाला भविष्य है तभी भारत ने भी क्रिप्टो करेंसी को बैन नहीं किया और क्रिप्टो करेंसी को चालू रखा और उसके ऊपर बड़ी रकम की टैक्स वसूली कर रहा है..
Table of Contents
क्रिप्टो करेंसी के फायदे
● ये एक ऑनलाइन Currency होने के कारण है, धोखाधड़ी और इसकी नकली करेंसी बनने के चांस कम है।
● क्रि प्टो करेंसी एक स्ट्रांग एंड अन्य सामान्य digital payment से ज्यादा सुरक्षि त माना जाता है।
● क्रि प्टो करेंसी की कीमत बहुत तेजी से दि न ब दि न बढ़ रही है, इसलि ए इन्वेस्ट करने के लि ए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। जो फ्यूचर में काफी फायदेमंद साबि त हो सकता है।
● Cryptocurrency की ट्रांसफर और लेन देन बहुत सुरक्षि त है, यह सामान्य लेन देन से बिल्कुल भिन्नऔर ज्यादा सुरक्षित है।
● कोई मेडि एटर नहीं होता है।
● यह ग्लोबल में नहीं है।
● ट्रांजैक्शन फीस बहुत ही है और ट्रांजैक्शन जल्दी और आसानी से होता है। क्रिप्टो करेंसी का गेर-लाभ
● इसमें रि वर्स ट्रांजैक्शन का ऑप्शन नहीं होने के, अगर गलती ट्रांजैक्शन हो जाता है तो आप को बहुत
क्रिप्टो करेंसी के नुकसान
क्रिप्टो करेंसी से भारी नुकसान हो सकता है।
● ऑनलाइन करेंसी होने के कारण क्रि प्टोकरेंसी का मुद्रण नहीं कि या जा सकता है।
● क्रि प्टो करेंसी को कि सी भी देश की सरकार या संस्था या कि सी मालि क संचालि त नहीं कर सकते है। यह बहुत ही बड़ा disadvantage है।
● कि सी भी तरह की अगर धोखाधड़ी हो जाती है तो आप कि सी भी संस्था पर क्लेम नहीं कर सकते हैं।
● अगर आपका वॉलेट आईडी एक बार खो जाता है तो उस वॉलेट में जि तने आपके रुपए होंगे वह सब डूब जाएगा।
● क्रिप्टो करेंसी में मार्केट बहुत flexible होती है। इसमें उतार चढ़ाव होता रहता है इसलिए इसमें इन्वेस्ट करना बहुत ही रि स्की होता है।
● इसका यूज कहा होता हैं ये पता न चल पाने की वजह से गलत कामों में इसका यूज होने लगा, ड्रग्स इत्यादि में।
Cryptocurrency पर बड़ी खबर- बैन पर नरम पड़ सकती है सरकार? RBI और SEBI के बीच रेगुलेट करने पर चर्चा: सूत्र
Cryptocurrency latest news: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों के लिए राहत की खबर है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही इसके फ्रेमवर्क पर आखिरी फैसला हो सकता है और नियमों में ढील दी जा सकती है.
Cryptocurrency latest news: भारत में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी तौर पर मान्य नहीं है. लेकिन ये गैरकानूनी भी नहीं है. इसमें पैसा लगाने वालों के हितों का ख्याल रखने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार इसके लिए फ्रेमवर्क तैयार कर रही है. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल करेंसी होती है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं है और अभी तक किसी देश में इसे कोई कंट्रोल नहीं करता. साल 2009 में शुरू होने के बाद अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से इनकी कीमतों में बड़ी तेजी देखने को मिली है.
पूरी तरह से बैन नहीं होगी क्रिप्टोकरेंसी?
पिछले काफी समय से यह सवाल उठ रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का भविष्य क्या है? इस बीच खबर आ रही है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना रुख नरम कर सकती है. सूत्रों की मानें तो भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से बैन में थोड़ी नरमी दी जा सकती है. ज़ी बिज़नेस चैनल को एजेंसी के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकारी सूत्रों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा पर RBI, SEBI में सहमति नहीं बनी है.
क्रिप्टोकरेंसी पर RBI और SEBI का नजरिया अलग
Cryptocurrency को RBI एसेट मानने को तैयार नहीं है. वहीं, SEBI भी इसे कमोडिटी नहीं मानता. दरअसल, सरकार चाहती है कि क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वालों के लिए रेगुलेशन बनने चाहिए. इसके फ्रेमवर्क पर भी काम चल रहा है. चर्चा है कि RBI और SEBI मिलकर क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियम तैयार कर रहे हैं और दोनों ही क्रिप्टो को रेगुलेट करेंगे.
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सरकार करेगी आखिरी फैसला
क्रिप्टोकरेंसी के कानून (Law on Cryptocurrency) पर आखिरी फैसला सरकार को करना है. लेकिन, इसका फ्रेमवर्क क्या होगा और किस तरह से इसे रेगुलेट किया जाएगा, इस पर अभी सफाई नहीं है. सूत्रों की मानें तो बजट 2022 में इसे रेगुलेट करने के लिए कानून लाया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश (Cryptocurrency Investment) करने वालों को उनका पैसा डूबने का खतरा नहीं होगा. बता दें, RBI ने अगस्त 2021 की अपनी मॉनटरी पॉलिसी के दौरान यह इशारा दिया था कि RBI अपनी डिजिटल करेंसी पर भी काम कर रहा है Cryptocurrency का भविष्य और साल के अंत तक इसका मसौदा तैयार हो सकता है. RBI Governor शक्तिकांता दास ने कहा कि डिजिटल करेंसी का मॉडल साल के अंत तक आ जाएगा.
टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रीब्यूशन पर चल रहा है काम
डिजिटल करेंसी (Indian Digital Currency) की टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रीब्यूशन पर काम चल रहा है. ये कैसे काम करेगी इसका फ्रेमवर्क भी तैयार हो रहा है. RBI के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी के वेबिनार में कहा था कि भारत को भी डिजिटल करेंसी की जरूरत है. यह बिटकॉइन जैसी प्राइवेट वर्चुअल करेंसी यानी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाले नुकसान से बचाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक इस पर काम कर रहा है. RBI ने साफ कर दिया है कि प्राइवेट वर्चुअल करेंसी को लेकर उसने सरकार को अपनी चिंताएं बता दी हैं.
क्रिप्टो विस्फोट में लुट गए निवेशक, होल्डिंग्स में आई 99.98% की गिरावट; सभी को सीख लेने की जरूरत
नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। लूना नाम की एक क्रिप्टोकरेंसी है। एक हफ्ते में यह 99.98 प्रतिशत गिर चुकी है। लूना के फैन खुद को ‘लूनेटिक’ (यानी दीवाना) कहते Cryptocurrency का भविष्य हैं और मीडिया में चल रही कहानियों की मानें तो ऐसे बहुत से भारतीय हैं, जिन्होंने इसमें निवेश किया है। पांच मई, 2022 को अगर इसके दीवानों की होल्डिंग एक लाख रुपये थी, तो अब वो उस पैसे से बस एक समोसा ही खरीद सकते हैं।
लूना समेत तमाम क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान को लेकर टीवी पर हल्ला मचा हुआ है। हालांकि, मैं बिल्कुल नहीं मानता कि ये नुकसान बड़ा है। असल में तो ये चौंकाने वाला नुकसान भी नहीं है। यह ठीक वही है, जिसकी क्रिप्टो नाम की बेहूदगी से उम्मीद की जानी चाहिए थी। आने वाले दिनों और हफ्तों में ऐसा और भी बहुत कुछ दिख सकता है। इस बीच उम्मीद बस यही है कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए जिस तरह का टैक्स ढांचा इस साल के बजट में रखा गया है, उसकी वजह से पहले के मुकाबले कम भारतीय क्रिप्टो से बर्बाद होंगे।
मगर सबसे चकराने वाली बात है कि इन निवेशकों ने बिटक्वॉइन जैसे ‘कंजर्वेटिव आप्शन’ के बजाए लूना जैसे हाशिये पर पड़े विकल्प को चुना। इससे भी अजीब बात है कि आज भी काफी लोग कह रहे हैं कि क्योंकि क्रिप्टो का प्राइस इतना गिर गया है, अब इसकी वैल्यू पहले से कहीं बेहतर हो गई है। ये निवेश में इस्तेमाल होने Cryptocurrency का भविष्य वाले टर्म ‘वैल्यू’ का बिल्कुल ही बिगड़ा हुआ रूप है। जिस निवेश का कोई आर्थिक आधार न हो, उसकी कोई ‘वैल्यू’ होती ही नहीं है। कुछ हफ्ते पहले, जब मौजूदा क्रिप्टो क्रैश की शुरुआत हुई, तब नसीम निकोलस तालेब ने ये ट्वीट किया था, ‘क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिना आर्थिक आधार वाले एसेट की गिरती कीमत इसे सस्ता और ज्यादा आकर्षक नहीं बनाती है। बल्कि गिरती कीमत इसे कम पसंद आने वाला और ज्यादा महंगा बना देती है। क्योंकि कीमत ही इसकी एकमात्र Cryptocurrency का भविष्य जानकारी है।’
उनकी लिखी आखिरी लाइन का मतलब आप समझ लें तो पूरी कहानी समझ आ जाएगी। किसी कंपनी के स्टाक की कीमत का एक तर्कपूर्ण वित्तीय आधार होता है और इस तर्क की जड़ में उस कंपनी के बिजनेस का ट्रैक-रिकार्ड होता है। यानी वो मुनाफा जो कंपनी कमाती है और भविष्य में भी कमाती रहेगी। यानी अगर स्टाक की कीमत गिरती है और बिजनेस ठीक-ठाक चलता रहता है या बेहतर हो जाता है, तो स्टाक सस्ता कहलाएगा और इसीलिए खरीदने के लिए बेहतर हो जाएगा। असल में, इस समय भारतीय स्टाक मार्केट में ठीक यही हो रहा है। स्टाक के दाम क्रैश कर रहे हैं, मगर कई अच्छी कंपनियों के बुनियादी पैमाने स्थिर हैं या सुधर रहे हैं। इसी से निवेशकों के लिए बेहतर वैल्यू बनती है। निवेश में वैल्यू का यही मतलब होता है। क्रिप्टो के साथ ऐसा कोई तार्किक वित्तीय आधार नहीं है। बस इनकी कीमत देखकर ही लोग इन्हें खरीद रहे हैं। कीमत भी गिर जाए, तो इनमें निवेश की कोई वजह नहीं रह जाती।
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के पीछे कोई तार्किक आधार नहीं है। कीमत ही इनकी वैल्यू आंकने का तरीका है। यदि कीमत ही गिर जाए, तो आप किसी और तरीके से इसकी वैल्यू कैलकुलेट नहीं कर सकते। इसमें निवेश सिर्फ जुआ है। यह बस जानकर भी अगर आप जुआ खेलना चाहते हैं, तो खेलिए। मगर फिर मत कहिएगा कि किसी ने आपको चेताया नहीं।
(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं और यह उनके निजी विचार हैं।)
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