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विदेशी शाखा खाता क्या है? विदेशी शाखा की मुद्रा को देश.

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विदेशी विनिमय पर नियंत्रण कौन कौन सा बैंक रखता है?

उत्तर- 6 विदेशी विनिमय पर नियंत्रण रिजर्व बैंक करता हैं।

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विदेशी विनिमय पर नियंत्रण कौन सा बैंक लगता है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय रिजर्व बैंक विदेशी विनिमय पर नियंत्रण रखता है​। इस प्रणाली के तहत, सरकार न केवल विनिमय दर को कम करती है बल्कि संपूर्ण विदेशी मुद्रा लेनदेन पर पूर्ण नियंत्रण रखती है। निर्यात और अन्य लेनदेन से सभी प्राप्तियां नियंत्रण प्राधिकरण यानी भारतीय रिजर्व बैंक को सौंप दी जाती विदेशी विनिमय पर नियंत्रण कौन कौन सा बैंक रखता है? हैं।

आरबीआई द्वारा मुद्रा बाजार में हाल के रुझान क्या है?

इसे विदेशी विनिमय पर नियंत्रण कौन कौन सा बैंक रखता है? सुनेंरोकेंपिछले वर्षों में विदेशी मुद्रा बाजार स्पोट और वायदा बाजार का काफी अधिक विस्तार हुआ है। आईआरएफ बाजार में ट्रेडिंग कार्यकलापों में हाल की अवधि में बढ़ोतरी हुई है जिनमें वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान रु. 19.18 बिलियन का औसत दैनिक कारोबार किया गया है।

भारत में विनिमय के माध्यम के रूप में अनाज और मवेशियों के बाद क्या आया *?

इसे सुनेंरोकेंव्यापारी हुंडी के अतिरिक्त एक और दूसरी तरह की हुंडियों का उपयोग किया जाता है जिन्हें ‘रोजगारी हुंडी’ कहते हैं। इसके अतिरिक्त यात्री हुंडी, सरकारी हुंडी और बैंकों द्वारा जारी की गई हुंडियों का उपयोग भी विदेशी व्यापारिक लेन देन चुकाने में होता है। उपर्युक्त लेन देन जिस दर पर चुकाया जाता है उसे विनिमय दर कहते हैं।

अधिकृत व्यक्ति कौन है answer?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: एक अधिकृत व्यक्ति वह है जिसे भारत में विदेशी प्रतिभूतियों और विदेशी मुद्रा में सौदा करने का अधिकार है। एफईएमए के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक ने चार वर्गों के कर्मियों को अधिकृत किया है जो इन विदेशी प्रतिभूतियों में सौदा कर सकते हैं।

अब मूल्य से आपका क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंअवमूल्यन से आंतरिक दाम प्राय गिरते है l अवमूल्यन आर्थिक शब्दावली का एक हिस्सा है; जब किसी देश द्वारा मुद्रा की विनिमय दर अन्य देशों की मुद्राओं से कम कर दिया जाये ताकि निवेश को बढ़ावा मिल सके तो उसे अवमूल्यन कहते हैं।

टकसाली समता सिद्धान्त क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसंतुलन विनिमय दर में उतार-चढ़ाव विदेशी विनिमय की मांग और पूर्ति में परिवर्तन के कारण होते हैं। जाता है और इसे टकसाल दर समता अथवा विनिमय की टकसाल दर समता कहा जाता है।

ऐसा कौन सा बाजार है जहां याचना निधि उधार लिए जाते हैं और उधार दिए जाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमुद्रा बाजार में वित्तीय संस्थान और मनी या क्रेडिट डीलर शामिल हैं जो या तो उधार लेने अथवा उधार देने का कार्य करते हैं। प्रतिभागी अल्प अवधि के लिए उधार लेते या देते हैं जो आमतौर पर तेरह महीने तक का होता है।

अनाज के बदले सामान लेने का तरीका क्या कहलाता था?विदेशी विनिमय पर नियंत्रण कौन कौन सा बैंक रखता है?

इसे सुनेंरोकेंअनाज के बदले सामान लेने का तरीका क्या कहलाता था? उतर. जब हम किसी वस्तु के बदले दूसरी वस्तु प्राप्त करते या देते हैं, वस्तु विनिमय कहलाता है।

विदेशी विनिमय पर नियंत्रण कौन सा बैंक रखता है?

इसे सुनेंरोकेंवर्तमान में भारतीय रिज़र्व बैंक करेंसी नोट जारी करने के लिए न्यूनतम कोष पद्धति अपनाता है, इस पद्धति में RBI के पास कुल मिलाकर किसी भी समय ₹200 करोड़ के मूल्य से कम का कोष नहीं होना चाहिए, जिसमे कम से कम ₹115 करोड़ का स्वर्ण भंडार होना आवश्यक है।

रिजर्व बैंक की शक्तियां क्या है?

इसे सुनेंरोकें”बैंक नोटों के निर्गम को नियन्त्रित करना, भारत में मौद्रिक स्थायित्व प्राप्त करने की दृष्टि से प्रारक्षित निधि रखना और सामान्यत: देश के हित में मुद्रा व ऋण प्रणाली परिचालित करना।” मौद्रिक नीति तैयार करना, उसका कार्यान्वयन और निगरानी करना। वित्तीय प्रणाली का विनियमन और पर्यवेक्षण करना। विदेशी मुद्रा का प्रबन्धन विदेशी विनिमय पर नियंत्रण कौन कौन सा बैंक रखता है? करना।

विदेशी विनिमय बैंक क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविदेशी विनिमय बैंक (Foreign Exchange Banks): विदेशी विनिमय बैंक केवल विदेशी व्यापार के लिए वित्त प्रबन्ध करने हैं । यह सर्वविदित है कि प्रत्येक देश अपने माल की कीमत अपनी ही मुद्रा में लेता है । इसी में एक देश की मुद्रा को दूसरे देश की मुद्रा में परिवर्तित करने की समस्या उत्पन्न होती है ।

साख को कितने भागों में बांटा विदेशी विनिमय पर नियंत्रण कौन कौन सा बैंक रखता है? गया है?

इसे सुनेंरोकेंसाख व्यवस्था में भी किसान की आवश्यकताएं दो तरह की होती हैं- एक अल्पकालीन और दूसरी दीर्घकालीन। अल्पकालीन व्यवस्था के अंतर्गत सरकार का विशेष ध्यान रहता है परंतु दीर्घकालीन ऋणों में किसान की आवश्यकता पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता। दीर्घकालीन ऋणों की ब्याज दरें अल्पकालीन ऋण की तुलना में अधिक हैं।

कौन भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों का हिस्सा है?

इसे सुनेंरोकेंबैंक जो भुगतान प्रणाली के परिचालक के रूप में या भुगतान प्रणाली में सहभागी के रूप में कार्य करते हैं। वे निम्नलिखित में सहभागी होते हैं (i) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा परिचालित भुगतान प्रणालियों जैसे कि आरटीजीएस और एनईएफटी, (ii) सीसीआईएल और एनपीसीआई द्वारा परिचालित प्रणालियों में, और (iii) कार्ड योजनाओं में।

विभिन्न भुगतान प्रणालियाँ क्या हैं?

इसे सुनेंरोकेंभुगतान प्रणाली पहल वर्तमान में, भारत में कई प्रकार के भुगतान हैं जो कागज आधारित लिखतों, इलेक्ट्रॉनिक लिखतों और अन्य लिखतों जैसे कि प्री-पेड सिस्टम, मोबाइल बैंकिंग, विदेशी विनिमय पर नियंत्रण कौन कौन सा बैंक रखता है? एटीएम आधारित, प्वाइंट-ऑफ-सेल टर्मिनल, ऑनलाइन लेनदेन, के रूप में किए जा सकते हैं।

विनिमय में कम से कम कितने पक्षों की आवश्यकता होती है?

इसे सुनेंरोकेंदो पक्ष – विनिमय क्रिया के लिए दो या दो से अधिक व्यक्तियों या पक्षों का होना आवश्यक है। केवल एक पक्ष या एक व्यक्ति विनिमय प्रक्रिया को सम्पन्न नहीं कर सकता। वस्तु, सेवा या धन का हस्तान्तरण – विनिमय क्रिया में दोनों पक्षों के बीच सदैव वस्तु, सेवा या धन का हस्तान्तरण किया जाता है।

परिवर्तनशील विनिमय दर क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपरिवर्तनशील विनिमय दर- परिवर्तनशील विनिमय दर प्रतिदिन माँग और पूर्ति द्वारा निर्धारित होती है इन पर सरकार का नियन्त्रण नहीं होता किन्तु ये परिवर्तन भी एक सीमा के अन्दर ही होते हैं। इस विनिमय व्यवस्था के अन्तर्गत भी समय-समय पर केन्द्रीय बैंक का हस्तक्षेप होता रहता है।

मुद्रा का मूल्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमुद्रा के मूल्य से आशय किसी वस्तु की क्रय शक्ति से है। अर्तथा मुद्रा के मूल्य का आशय यह है कि मुद्रा की एक इकाई के बदले खरीदी जाने वाली वस्तु और सेवा की मात्रा कितनी है और यह मात्रा ही उस विदेशी विनिमय पर नियंत्रण कौन कौन सा बैंक रखता है? मुद्रा का मूल्य कहलाती है।

आवश्यकताओं का दोहरा संयोग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआवश्यकताओं का दोहरा संयोग तब होता है जब दो लोगों के पास सामान होता है और वे दोनों बदले में खुश होते हैं। आवश्यकताओं का दोहरा संयोग वस्तु विनिमय अर्थव्यवस्था की नींव है। आवश्यकताओं के दोहरे संयोग का अभाव वस्तु विनिमय प्रणाली में एक प्रमुख मुद्दा है।

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