2023 में इन 3 राशि वालों को करियर और व्यापार में मिल सकती है अपार सफलता, देवताओं के गुरु बृहस्पति करेंगे मेष राशि में प्रवेश
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पंजीकरण
एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एक निजी तौर पर आयोजित लघु व्यवसाय इकाई है। एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सदस्यों की देयता कि सदस्य द्वारा धारित शेयरों की संख्या तक सीमित है। एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कंपनी अधिनियम, 2013 द्वारा शासित है। एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी शुरू करने के लिए आवश्यक शेयरधारकों की न्यूनतम संख्या दो है, जबकि सदस्यों की ऊपरी सीमा को कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार 200 है।
एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी वित्तीय जोखिम का सामना कर रहे हैं, तो अपने शेयरधारकों को अपनी व्यक्तिगत परिसंपत्तियों को बेचने के यानी वे देयता सीमित है उत्तरदायी नहीं हैं। वहाँ एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए कम से कम दो निदेशकों और अधिकतम 15 निर्देशकों होना चाहिए और एक निर्देशक के युग में ऊपर 18 वर्ष होनी चाहिए। एक विदेशी नागरिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भारत के एक निर्देशक बन सकता है।
मैग्गी विशेष : ‘ मम्मी! मैं हूँ भूखा . ’
पटना। मम्मी! मैं भूखा हूँ।मैं कार्तिक के रूचि वाला मैगी मशाला नुल्डल बनाती हूँ।हाँ-हाँ ठहर जा। केवल दो मिनट में तैयार कर देती हूँ। दो मिनट में मैगी मशाला नुल्डल तैयार हो गया। इसके बाद बच्चे और मम्मी प्रेम से मैगी का लुफ्त उठा-उठाकर खाने लगते हैं। खुश होकर मम्मी बच्चों से कहती हैं कि मेरी खुशियों की रेस्पी मैगी है। कारण कि मैगी में कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा भी है। इसमें टेस्ट भी है और हेल्थ भी है। यह विश्वनीय भी है एफएसएआई ने लाईसेंस भी दे रखा है।
यह उपहार 1872 में जुलियस मैगी ने इंसान को दिया था। नेस्ले इंडिया ने 75 साल के बाद 1947 में मैगी उद्योग को खरीद लिया। नेस्ले इंडिया ने 35 साल के बाद 1982 में मैगी को इंडियन मार्केट में उतार दिया। आम से खास लोगों के घरों में मैगी को धड़ल्ले से पहुँचाने में सिनेमा कलाकारों को विज्ञापन करने में सहयोग लिया। अव्वल 2004 में प्रिति जिंटा को, 2012 में महानायक अमिताभ बच्चन को और 2014 को धकधक करने वाली माधुरी दीक्षित को करोड़ों रूपए देकर विज्ञापन कराया। इनके भावनाओं से प्रेरित होकर मैगी सर्वसाधारण के द्यरों में समा गया। मैगी की कीमत 12 रूपए और वजन 70 ग्राम है। इससे कोई भी अछूता नहीं रह गया है। यह इमेज को ऊंच कोटि में पहुँचाने में सहायक होने लगा।
Malmas Kab Hai | मलमास 2023 में कब है, यह मिनट के ट्रेड नहीं लगाता हूँ क्यों होता है
हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि, जिस माह में सूर्य संक्रान्ति नहीं होती उसे अधिकमास, लोंद मास, मल मास या पुरुषोत्तम मास के नाम से पुकारा जाता है। आसान मिनट के ट्रेड नहीं लगाता हूँ भाषा में कहा जाए तो, जिस मास में एक अमावस्या से दूसरे अमावस्या के बीच में कोई सूर्य की संक्रान्ति न पड़े उसे अधिक मास कहा जाता है। संक्रान्ति का अर्थ है – सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश किए जाने को कहते है। बता दें कि, अधिमास 32 मास 16 दिन तथा चार घड़ी के अन्तर से आता है।
आपकों यह भी जानना जरूरी है कि, सौर वर्ष 365 दिनों और करीब 06 मिनट का होता है और चंद्र वर्ष 354 दिनों का बनता है। इस प्रकार सौर और चंद्र दोनों वर्षों में 11 दिन, 1 घंटा, 31 मिनट और 12 सेकंड का अंतराल होता है। जैसे-जैसे यह अंतर हर साल बढ़ता है, यह तीन साल से एक महीने तक का हो जाता है। जिसे हिंदू ज्योतिष में अधिक मास कहते है।
अधिक मास व मल मास को पुरुषोत्तम मास क्यों कहा जाता है?
अधिकमास के स्वामी स्वयं भगवान श्री विष्णु है। कारण प्रत्येक मास का कोई न कोई देवता अधिपति होता है। लेकिन अधिकमास का कोई देवता अधिपति नहीं था। इससे अधिकमास की घोर आलोचना होने लगी, तब अधिकमास भगवान श्री विष्णु के शरण में गया। भगवान श्री विष्णु जी ने कहा – “मैं इसे सर्वोपरि – अपने तुल्य करता हूँ। सदगुण, कीर्ति, प्रभाव, मिनट के ट्रेड नहीं लगाता हूँ षडैश्वर्य, पराक्रम, भक्तों को वरदान देने का सामार्थ्य आदि जितने गुण सम्पन्न हैं, उन सबको मैंने इस मास को सौंप दिया है।’’
अहमेते यथा लोके प्रथितः पुरुषोत्तमः।
तथायमपि लोकेषु प्रथितः पुरुषोत्तमः।।
उपरोक्त गुणों के कारण जिस प्रकार मैं वेदों, लोकों और शास्त्रों में ʹपुरुषोत्तमʹ नाम से विख्यात हूँ, उसी प्रकार यह मलमास भी भूतल पर ʹपुरुषोत्तमʹ नाम से प्रसिद्ध होगा और मैं स्वयं इसका स्वामी हो गया हूँ।” इस प्रकार अधिक मास, मलमास ʹपुरुषोत्तम मासʹ के नाम से विख्यात हुआ।
अधिक मास में मिनट के ट्रेड नहीं लगाता हूँ पूजा का फल
अधिक मास के दौरान दान-पुण्य करने वाले मनुष्य को अक्षय फल प्राप्त होता है। यदि दान न किया जा सके तो मिनट के ट्रेड नहीं लगाता हूँ ब्राह्माणों तथा सन्तों के आश्रम में पहुंचकर उनकी सेवा करना सर्वोत्तम माना गया है। दान में खर्च किया गया धन क्षीण नहीं होता। उत्तरोत्तर बढ़ता ही जाता है। जिस प्रकार छोटे से बट बीज से मिनट के ट्रेड नहीं लगाता हूँ विशाल वृक्ष पैदा होता है ठीक वैसे ही मल मास में किया गया दान अनन्त फलदायक सिद्ध होता है। अब तो आप समझ गए होंगे कि, अधिक मास में किया गया दान कितना चमत्कारी मिनट के ट्रेड नहीं लगाता हूँ है।
अधिक मास में फल-प्राप्ति की कामना से किए जाने वाले सभी कार्य वर्जित होते है। सामान्य धार्मिक संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह, गृहप्रवेश, नई बहुमूल्य वस्तुओं की खरीद आदि नहीं किए जाते है।
मलमास कब है साल 2023 में – Malmas Kab Hai Saal 2023 Me
16 मिनट के ट्रेड नहीं लगाता हूँ दिसम्बर 2023 से सूर्य की धनु संक्रांति के कारण मलमास शुरू हो जाएगा। मलमास के दौरान विवाह जैसे शुभ कार्य किया जाना वर्जित होता है। जिसके बाद मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 के बाद विवाह आदि कार्य संपन्न होंगे 15 मार्च 2023 के बाद मीन खरमास शुरू हो जाएगा।
पता नहीं क्या पाप किया होगा कि भारत में जन्म हुआ…जब सियोल में बोले थे नरेंद्र मोदी
साल 2015 में पीएम मोदी भारतीय समुदाय को सियोल में संबोधित करते हुए (फाइल) Source- Narendra Modi You Tube Channel
कॉमेडियन वीर दास की कविता पर विवाद में कॉमेडियन का समर्थन करने वाले लोग सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पुराना वीडियो शेयर कर रहे हैं। इसमें उनके बयान को ये लोग विदेश की धरती पर प्रधानमंत्री द्वारा भारत का अपमान बता रहे हैं। कविता-विवाद पर वीर दास का विरोधी खेमा भी कॉमेडियन पर विदेश में देश का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उन्हें देश-विरोधी बता रहा है।
मैक्रोटेक डेवलपर्स के प्रवर्तकों की क्यूआईपी के जरिए 3,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना
क्यूआईपी में प्रवर्तक समूह की संस्थाओं - संभवनाथ ट्रस्ट, संभवनाथ इंफ्राबिल्ड एंड फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड, हाईटाउन कंस्ट्रक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड और होमक्राफ्ट डेवलपर्स एंड फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा शेयरों की मिनट के ट्रेड नहीं लगाता हूँ बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल है।
इसमें कहा गया है कि प्रवर्तक न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करने के उद्देश्य से शेयर बेच रहे हैं।
कंपनी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी सितंबर महीने तक 82.20 प्रतिशत थी और उन्हें न्यूनतम 25 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता बनाए रखने के लिए इसे 75 मिनट के ट्रेड नहीं लगाता हूँ प्रतिशत तक करने की जरूरत है।
मैक्रोटेक ने बताया कि न्यूनतम मूल्य 1,022.75 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है, लेकिन क्यूआईपी के जरिए जुटाई जाने वाली राशि का जिक्र नहीं किया।
न्यूनतम मूल्य कंपनी के मौजूदा शेयर कीमत 1,092 रुपये प्रति शेयर से कम है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 112