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क्रिप्टो करेंसी को देश में मिली व्यापार की मंजूरी, जानें आप कैसे कर सकते हैं ट्रेडिंग?

क्रिप्टो करेंसी से एक ऐसा माध्यम है जिससे की डिजिटल लेनदेन के दौरान पार्दर्शिता बनी रहती है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 04 Mar 2020 01:32 PM (IST)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज देश में क्रिप्टो करेंसी में व्यापार की अनुमति प्रदान कर दी है. इससे पहले 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. भारत में क्रिप्टो करेंसी का कारोबार करने वालों की संस्था इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इसे चुनौती देते हुए कहा था कि भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी पर रोक नहीं लगाई है. आपने क्रिप्‍टो करेंसी के बारे में सुना होगा. ये डिजिटल पैसे लेन देन का एक बेहतरीन माध्यम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिप्टो करेंसी के जरिए लेन देन या व्यापार कैसे होता कैसे है ?

क्रिप्‍टो करेंसी कैसे खरीदें ? आप डिजिटल कॉइन खरीकर शुरुआत कर सकते हैं. ये डिजिटल कॉइन आपके डिजिटल वॉलेट में जाएंगे. कॉइनबेस एक सुपर क्लीन यूजर इंटरफेस प्रदान करता है और अगर आपको क्रिप्टो करंसी में व्यापार का कोई एक्सपीरियंस नहीं है तो घबराने की जरूरत नहीं है. कई वेबसाइट्स हैं जो आपको क्रिप्टो करेंसी में व्यापार करने की सहूलियत देती हैं. इसके साथ ही आप SIA कॉइन कैसे काम करता है? जैसे ही इन वेबसाइट में लॉग इन करेंगे तो आपको तुरंत कुछ बिटकॉइन रिवॉर्ड के तौर पर मिल जाएंगे.

क्रिप्‍टो करेंसी में कैसे करें भुगतान? क्रिप्‍टो करेंसी की मदद से ट्रेडिंग की जाती है. साथ ही आप इससे भुगतान भी कर सकते हैं. अगर आपका कोई व्यवसाय करते तो प्रोडेक्ट्स को खरीदने के लिए क्रिप्‍टो करेंसी से भुगतान कर सकते हैं. इससे आपको व्यपार में फायदा हो सकता है. यहां भी आपको कुछ बिट कॉइन रिवॉर्ड के तौर पर मिल सकते हैं.

क्या हैं क्रिप्टो करेंसी से होने वाले नुकसान? इंटरनेट करेंसी होने की वजह से इसे आसानी से हैक किया जा सकता है. इस करेंसी को किसी भी सेंट्रल एजेंसी द्वारा नियंत्रित नही किया जाता है इसलिए किसी ग्राहक का पैसा डूबने या विवाद को हल करने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है. बिटकॉइन के जरिए लेन-देन करने वालों को लीगल और फाइनेंशियल रिस्क उठाना पड़ता है. दरअसल, इस करेंसी को लेकर उठने वाली समस्याओं को हल करने की कोई उचित व्यवस्था नहीं है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बिटकॉइन का इस्तेमाल गैरकानूनी और आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

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क्या है बिट कॉयन या वर्चुअल करेंसी? डिजिटल पैसे लेनदेन के माध्यम का फायदा ये भी है कि इस लेनदेन में पारदर्शिता बनी रहती है. साथ ही SIA कॉइन कैसे काम करता है? इसका प्रोसेस भी बहुत आसान है. साथ ही ये बाकी तरीकों के मुकाबले काफी हद्द तक सिक्योर भी है. यह तकनीक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है. इस आर्टिकल को पढ़कर आप भी जान सकते हैं कि किस तरह से क्रिप्‍टो करेंसी से पैसा कमाया जा सकता है.

क्रिप्‍टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है और क्रिप्टो करेंसी में सबसे लोकप्रिय बिटकॉइन है. बिटकॉइन को 2009 में लॉन्‍च किया गया था और इसके बाद से कई और क्रिप्टो करेंसी लॉन्च हो चुकी हैं. इस करेंसी को सरकार जारी नहीं करती है इसलिए उसे रेगुलेट भी नहीं कर सकती हैं. भले ही इसके नाम में करेंसी या कॉयन जुड़ा हो, लेकिन दुनिया के किसी भी केंद्रीय बैंक मसलन, भारतीय रिजर्व बैंक ने इसे जारी नहीं किया है.

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Published at : 04 Mar 2020 01:32 PM (IST) Tags: Cryptocurrency हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Ripple Meaning in Hindi

क्रिप्टोकरेंसी कि बात हो और उसमे रिपल ( XRP) कि बात ना हो यह हो सकता है क्या?
पिछले आर्टिकल्स मे हमने Bitcoin, Ethereum, Litecoin, Dogecoin के बारे मे जाना था आज हम ऐसी हि एक Cryptocurrency के बारे SIA कॉइन कैसे काम करता है? मे बात करेंगे जिसका नाम है रिपल ( Ripple/ XRP) क्रिप्टोकरेंसी.

Ripple (XRP) Cryptocurrency meaning in Hindi

पिछले आर्टिकल्स मे हमने जान लिया है कि क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है? और हम बिटकाॅईन जैसे क्रिप्टोकरेंसी को कैसे खरिद सकते हैं. चलिये जानते है रिपल क्रिप्टोकरेंसी के बारे में.

रिपल क्रिप्टोकरेंसी (XRP) क्या हैं? ( What is Ripple?)

रिपल एक सेट्रलाईज्ड क्रिप्टोकरेंसी हैं जो कि बॅको और वित्तीय संस्थानों के बाॅर्डर पार लेन देन के लिये विकसित किया गया हैं. रिपल एक माध्यम हि नहीं बल्की एक मुद्रा भी हैं. रिपल को रिपल लॅब द्वारा विकसित किया गया हैं.
इसने अपना SIA कॉइन कैसे काम करता है? डिजिटल मुद्रा से जादा यह अब बाॅर्डर पार भुगतान पर जोर दे रहीं हैं.

रिपल क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करता हैं? ( How It Works)

रिपल अन्य यानी बिटकाॅईन जैसे क्रिप्टोकरेंसी से अलग तरह काम करता हैं. यह प्रोटोकॉल के साथ ड्रिस्टिबुटेड लेजर तकनीक पर काम करता है ना कि ब्लाॅकचेन टेक्नालॉजी पर, इससे वो लेन देन को चेक करता हैं.
लेनदेन करने के लिये रिपल के पास विशेष सर्वर और टोकन हैं.
यह इंडिपेंडेंट सर्वर कहलाता हैं, रिपल एक बहुत जादा हायली सेट्रलाईज हैं. एक बात इसकी विशेष है कि इसे Mine नहीं किया जाता बल्की लैब इसका रेकाॅर्ड रखता हैं.
यह एक स्मार्ट काॅट्रेक्ट कि वजह से रिपेल हर महिने 1000 XRP Token जारी कर सकते हैं. यह काफी सिस्टीमैटिक तरिके से काम करता हैं.

रिपल कि किमत कितनी चल रही हैं? ( Ripple price in hindi)

अगर हम आज कि बात करे यानी अगस्त 2021 कि तो यह भारतीय रुपयो से तुलना करे तो एक रिपल किंमत 60 रुपयों के बराबर चल रही हैं. अगर एकसाल कि ही बात करे तो यह न्युनतम 12 रुपयों तक जा चुका है और ऊपर की बात करे तो यह इस साल 145.50 रुपयों तक भी पहुच कर आया हैं.
यह भी बाकी क्रिप्टोकरेंसी कि तरह ही ऊपर नीचे होता है लेकिन उतना नहीं होता जितना बिटकाॅईन , एथेरियम होते हैं.

रिपल को किसने बनाया हैं?

अगर देखा जाये तो रिपल का इतिहास 2012 से शुरु हुआ था जिसकी शुरवात Jed mcCaleb नामक व्यक्ती के साथ शुरु हुई थीं. इसे दरसल Ripple Lab कंपनी ने बनाया है जिसके Founder है क्रिस लार्सन, जेड मैककालेब.
इसका मुख्यालय सन फ्रांसीसको, अमेरिका मे स्थित हैं. यह एक प्रायव्हेट कंपनी हैं.

लहर ( XRP) कीमत भविष्यवाणी [ ripple price prediction hindi ]

अगर सच कहा जाये तो रिपल प्राइस को ही नहीं किसी भी क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य रेट का अनुमान लगना बिलकुल ना के बराबर है क्योंकी रिपल रेट हो या बिटकाॅईन, डाॅजकाॅईन प्राइस यह किसी भी कंडीशन मे या न्युज पर भी ऊपर नीचे होते रहते हैं, हो सकता है की रिपल का प्राइस भविष्य मे बिटकाॅईन से भी ऊपर चला जाये और यह भी हो सकता है की पुरी तरह यह नीचे भी आ जायें.
लेकिन बिटकाॅईन और एथेरियम कि तुलना मे यह काफी कम volatile हैं इसलिये इसमे लोग ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं.

रिपल के क्या फायदे हैं? ( Benefits)

1. बिटकाॅईन से इसकी तुलना करे तो यह स्थिर, फास्ट और सस्ते हैं.
2. इसको निकालने का मकसद ही बैंको के साथ काम करना और उनको मदत करना यह है, बाकी करेंसी मे इसमे यह अंतर हैं.
3. इसके कम अवधी ट्राॅझेक्शन की वजह से किसी भी मौल्यवान चीजो में इसे इस्तेमाल करना काफी आसान हैं.
4. बिटकाॅईन जैसे अन्य क्रिप्टोकरेंसी पीयर-टु-पीयर पर काम करते है इसकी बैंकिंग प्रणाली के लिये उपयुक्त नहीं है, इसलिये रिपल एक अच्छा रिप्लेसमेंट है बाकींयो से तुलना करे तो.
5. अगर आपके पास 100 रुपये भी हैं तो भी आप इसे आसानी से खरिद सकते है लेकिन अगर आप बिटकाॅईन खरिदने जायेंगे तो उसके कुछ अंश ही खरिद पायेंगा. रिपल का म्युल काफी कम हैं.
5. अगर मार्केट कैप की बात करे तो पुरे विश्व मे इसकी मार्केट कैप तीसरे पायदान पर हैं.

रिपल मे इनवेस्टमेंट करना सही रहेगा क्या 2022 में?
( safe to invest in ripple hindi meaning)

आज के समय कि बात करे तो किसी की सुनकर या किसी को देखकर रिपल मे इनवेस्टमेंट करना बिलकुल बडी गलती होगी, क्यों की Ripple Price Prediction हि नहीं कोई भी Cryptocurrency Price Prediction यह एक मिथ है SIA कॉइन कैसे काम करता है? क्यों की क्रिप्टोकरेंसी प्राइस बहुत चीजो पर अवलंबित होता हैं, एक न्युज के कारण भी इसमे कईबार उछाल और भारी गिरावट देखने को मिल जाती हैं.
आप रिपल रेट महिने का भी प्रेडिक्ट कर नहीं सकते सालो तक इसमे इनवेस्टमेंट करना यह सोच के कि यह बहुत अच्छे रिटर्न्स देगा तो बिलकुल बेवकुफी होगीं.
इसमे उतनें ही पैसे लगाये जिसके गवाने हे आपको कोई फायनान्सशिल फरक नहीं पडेगा, या आपके पास एक्स्ट्रा पैसा पडा हुआ है जिसकी आपको कभी भी जरुरत नहीं पडेगा तब आप ऐसे मे रिपल या अन्य क्रिप्टोमुद्रा मे इनवेस्टमेंट कर सकते हैं.

रिपल कैसे खरिदें? ( How to Buy and Sell Ripple in India )

BuyUcoin प्लॅटफॉर्म पर आप बीना केवासी के रिपल को 0% फीस पर खरिद सकते हों.
भारत मे बहुत सारे क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग एक्सचेंज है जहा आप आसानी से रिपल को खरिद अथवा बेच सकते हैं.
भारत के इस्तमाल किये जानेवाले कुछ प्लॅटफॉर्म इस प्रकार हैं.
1. CoinDCX Go
2. CoinSwitch Kuber
3. WazirX

भारत मे रिपल लीगल हैं या नहीं ( Ripple legal in india)

बिटकाॅईन पर थोडे दिन पहले भारत मे बैंन कर दिया था लेकिन बाद मे जाके कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था. आप इसमे इनवेस्टमेंट कर सकते हो इसमे ट्रेडिंग कर सकते हो लेकिन यह करेंसी तौर पर नहीं इस्तमाल कर सकते.
भारत सरकार जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी पर एक विधेयक लाने की तयारी मे हैं जो की क्रिप्टोकरेंसी पर सख्त नियम बिठायेंगी जिससे इसमे होनेवाले ट्राझेक्शन पर नजर रहें.
फिलाल तो इसपर किसिका भी कंट्रोल नहीं है.

आपने क्या सीखा?

आज आपने सीखा की Ripple meaning in hindi और यह कैसे काम करता हैं, यह कैसे निर्माण हुआ, इसमे इनवेस्टमेंट करना सहीं रहेगा या गलत, यह कैसे बाकी क्रिप्टोकरेंसी से अलग है इसपर हमने विस्तार से देखा.
अगर हम रिपल कि बात करे तो यह बैंकिंग प्रणाली कि मदत के लिये बना हैं ना की बैंकिंग को खतम करने के लियें और यह बाकी की तुलना मे बहुत फास्ट है और इसका मुल्य भी काफी कम हैं. इसमे इतना ही इनवेस्टमेंट करे जीतने का आपको नुकसान भी हुआ तो कोई फरक नहीं पडेगा. किसी की सुनकर या किसो अच्छा रिटर्न्स मिला है यह देखकर बहकावे मे न आये वो भुतकाल था लेकिन भविष्य मे इसका बता नहीं सकते.

FAQ

Q: रिपल (XRP) क्या हैं?
Ans. XRP एक क्रिप्टोकरेंसी जो की बैकों और वित्तीय संस्थाओं की लेन देन के लिये विकसित किया है.

Q: रिपल को किसने विकसित किया हैं?
Ans. इसको रिपल लैंब द्वारा विकसित किया गया हैं.

Q: रिपल किस साल लांन्च हुआ हैं?
Ans. इसे 2012 मे लाॅन्च किया गया था.

Q: रिपल ( XRP) के Founder कौन हैं?
Ans. क्रिस लार्सन, जेड मैककालेब

Q: रिपल और XRP मे क्या अंतर हैं?
Ans. रिपल एक कंपनी है और XRP एक डिजीटल असेंट है जो कि रिपल को रिप्रेजेंट करता हैं.

अगर आपको भी क्रिप्टो वॉलेट में मिल रहे हैं Free Coin या Token तो हो जाएं सावधान! जानिए क्या हैं Crypto Airdrops

Cryptocurrency Airdrops: आमतौर पर एयरड्रॉप एक व्यापक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का हिस्सा होता है जिसमें सोशल मीडिया प्रमोशन, ब्लॉग पोस्ट और क्रिप्टो धारक भागीदारी के अलग-अलग लेवल शामिल होते हैं. हालांकि, एयरड्रॉप का इस्तेमाल गलत चीजों के लिए भी किया जा सकता है, इसलिए यूजर्स को सावधान रहने की जरूरत है. चूंकि उन्हें प्रोमोशनल टूल के रूप में माना जाता है, इसलिए अगर कोई प्रोजेक्ट किसी प्रकार के इन्वेस्टमेंट की मांग करते हैं तो आपको सतर्क रहना चाहिए.

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  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2022,
  • (Updated 07 जनवरी 2022, 10:59 AM IST)

एयरड्रॉप एक व्यापक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का हिस्सा होता है

क्रिप्टो कम्युनिटी में सभी एयरड्रॉप एक समान नहीं हैं. इसमें कुछ रिस्क भी हैं.

Cryptocurrency Updates: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की दुनिया में, एयरड्रॉप (Airdrop) एक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी है जिसका उपयोग ब्लॉकचैन-आधारित स्टार्टअप अपने प्लेटफॉर्म के उपयोग को प्रमोट करने के लिए करते हैं. इसमें एक नई वर्चुअल करेंसी को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक क्रिप्टो वॉलेट वाले यूजर को फ्री सिक्के या टोकन प्रदान करना शामिल है. ये ठीक ऐसा ही है जैसे सुपरमार्केट में किसी सामान के सैंपल को फ्री में देना ताकि उसकी बिक्री को बढ़ाया जा सके.

आमतौर पर एयरड्रॉप एक व्यापक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का हिस्सा होता है जिसमें सोशल मीडिया प्रमोशन, ब्लॉग पोस्ट और क्रिप्टो धारक भागीदारी के अलग-अलग लेवल शामिल होते हैं. हालांकि, एयरड्रॉप का इस्तेमाल गलत चीजों के लिए भी किया जा सकता है, इसलिए यूजर्स को सावधान रहने की जरूरत है. चूंकि उन्हें प्रोमोशनल टूल के रूप में माना जाता है, इसलिए अगर कोई प्रोजेक्ट किसी प्रकार के इन्वेस्टमेंट की मांग करते हैं तो आपको सतर्क रहना चाहिए.

एयरड्रॉप कैसे काम करते हैं?

नई ब्लॉकचैन-आधारित कंपनियां पहले अपनी वेबसाइट या क्रिप्टोकुरेंसी फोरम पर अपनी वर्चुअल करेंसी के लिए एयरड्रॉप का प्रचार शुरू करती हैं. जागरूकता पैदा करने के बाद, कंपनी उन क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट धारकों को सिक्का या टोकन भेजती है जो पहले से ही इसका इस्तेमाल करते हैं.

किसे भेजा जाता है टोकन?

अब, आप सोच सकते हैं कि कंपनी कैसे तय करती है कि टोकन किसे भेजना है? खैर, कुछ कारक हैं जो इसमें मदद करते हैं. कई कंपनियां और स्टार्टअप नई वर्चुअल करेंसी को ब्लॉकचैन कम्युनिटी के एक्टिव यूजर्स के वॉलेट में भेजते हैं. हालांकि, कुछ कंपनियों को प्रमोशन एक्टिविटीज में भाग लेने के लिए वॉलेट धारक की जरूरत हो सकती है जैसे वर्चुअल करेंसी के बारे में ट्वीट करना या किसी प्रतिष्ठित क्रिप्टो मंच पर पोस्ट करना.

इनमें से कई कंपनियां अक्सर उन धारकों को नए टोकन भेजती हैं जिनके वॉलेट में ईथर या बिटकॉइन होते हैं क्योंकि बिटकॉइन और एथेरियम कम्युनिटीज क्रिप्टो-क्षेत्र में सबसे बड़े होते हैं.

क्रिप्टो में एयरड्रॉप क्यों जरूरी SIA कॉइन कैसे काम करता है? हैं?SIA कॉइन कैसे काम करता है?

जैसे-जैसे क्रिप्टो की मांग बढ़ती जा रही है, नए स्टार्टअप के लिए भीड़ भरे बाजार में बाहर खड़े होना मुश्किल हो गया है. एक वर्चुअल कॉइन की लाइफ साईकल इस बात पर निर्भर करती है कि कितने लोग व्यापार कर रहे हैं और इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. कॉइनडेस्क के सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष और एमआईटी के ब्लॉकचैन रिसर्च इनिशिएटिव के सलाहकार माइकल जे केसी ने ब्लॉग पर लिखा, "एक करेंसी अगर कहीं इस्तेमाल नहीं हो रही है तो उसकी कोई कीमत नहीं है."

क्या है एयरड्रॉप में रिस्क?

आपको बता दें, क्रिप्टो कम्युनिटी में सभी एयरड्रॉप एक समान नहीं हैं. इसमें कुछ रिस्क भी हैं. कुछ संस्थाएं गलत तरीकों के लिए इन मार्केटिंग टूल का फायदा लेती हैं. इसका पता आप ऐसे लगा सकते हैं कि अगर कोई यूजर एयरड्रॉप के लिए टोकन के बदले में ईथर और बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की एक निश्चित राशि भेजने के लिए कहता है, तो हो सकता है वो सोर्स ठीक न हो. यह आमतौर पर आपके पैसे चुराने के लिए स्कैमर्स का एक तरीका हो सकता है.

Cryptocurrency Kya Hai और कैसे काम करती है?

Cryptocurrency Kya Hai

प्रत्येक देश की एक मुद्रा होती है। जिसमे लेनदेन किया जाता है। उसको उस देश की currency कहते है। यह पूर्ण रूप से सरकार द्वारा मान्य होती है। जैसे हमारे देश भारत की currency रुपया है। इसको भारत सरकार जारी करती है।

उसी प्रकार सभी देशो की अपनी अपनी करेंसी है। अमेरिका की करेंसी डॉलर है और चीन की करेंसी युआन है। यह सभी फिजिकल रूप से मौजूद है। इनको आप आसानी से बैंक या लॉकर में रख सकते है। फिजिकल करेंसी में आप 50 का नोट देकर सामान खरीद सकते है।

लेकिन एक करेंसी ऐसी भी है जो आजकल बहुत प्रचलन में है। जिसको Crytocurrency के नाम से जाना जाता है। Crytocurrency का कोई फिजिकल रूप नहीं होता। यह एक डिजिटल करेंसी है। आप इसको टच नहीं कर सकते बस यह आप के मोबाइल या कंप्यूटर में दिख सकती है।

Cryptocurrency Kya Hai

Cryptocurrency पूर्ण रूप से एक डिजिटल करेंसी है। इस पर किसी का नियंत्रण नहीं होता है। यह शक्तिशाली कंप्यूटर के द्वारा ऑपरेट की जाती है जो आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर कार्य करता है। इसका फिजिकल अस्तित्व मौजूद नहीं होता है। इसको आप बैंक या लॉकर में नहीं रख सकते। Cryptocurrency को हाथ में लेकर टच करना भी संभव नहीं है। आप बस इसकी मौजूदगी को महसूस कर सकते हो ।

Cryptocurrency एक डिजिटल मुद्रा है जो आमतौर पर केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप से मौजूद होती है। इसे क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित किया जाता है, जिससे इसका नकली रूप बनाना या बिना अनुमति के खर्च करना लगभग असंभव हो जाता है। ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचैन तकनीक पर आधारित होती है। जो इसको विकेन्द्रीकृत नेटवर्क का रूप प्रदान करती हैं। Cryptocurrency की एक विशेषता यह है कि वे आम तौर पर किसी भी देश के केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं की जाती हैं। यह इन्हें सैद्धांतिक रूप से सरकारी हस्तक्षेप या किसी भी प्रकार के नियंत्रण से मुक्त करता हैं।

क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी प्रणाली हैं जो ऑनलाइन सुरक्षित भुगतान की अनुमति देती हैं, इन्हें वर्चुअल “टोकन” के रूप में दर्शाया जाता है। क्रिप्टो करेंसी से आप ट्रेडिंग और माइनिंग कर सकते है। बहुत सी कंपनी ने क्रिप्टो करेंसी में लेन देन भी शुरू कर दिया है।

बिटकॉइन

बिटकॉइन के आने के बाद ही क्रिप्टोकोर्रेंसी का चलन शुरू हुआ। आज यह क्रिप्टो मार्किट में टॉप पर है। इसके कम या ज्यादा होने मात्र से मार्किट में उथल पुथल हो जाती है। बिटकॉइन की लॉन्चिंग 2009 में हुई थी। यह ब्लॉक चैन आधारित क्रिप्टो करेंसी है।

बिटकॉइन को एक व्यक्ति या समूह द्वारा लॉन्च किया गया था, जिसे “सातोशी नाकामोटो” के नाम से जाना जाता है। जहा इसकी शुरूआती प्राइज इतनी कम थी कि 10 बिटकॉइन से एक पिज़्ज़ा आता था। वही 2021 में 1 बिटकॉइन की कीमत 60 लाख भारतीय रुपए तक पहुंच चुका है।

बिटकॉइन के अलावा भी कई क्रिप्टोकरेंसी इस समय प्रचलन में है। उनकी लिस्ट नीचे देखें।

Cryptocurrency list

  • Bitcoin
  • Etherum
  • BTS
  • USDT Tether
  • Lite coin
  • Ripple (XRP)
  • Cardano (ADA)
  • Binance Coin (BNB)
  • Polkadot (DOT)
  • Steller (XLM)
  • Doge Coin
  • Peer Coin
  • EOS
  • Etherum Classic
  • Chainlink
  • Tron
  • Bitcoin cash

इनके अलावा भी इस समय बहुत सी क्रिप्टो करेंसी मौजूद है। जिसकी कीमत कम ज्यादा होती रहती है।

Cryptocurrency Exchanges in India

भारत में भी क्रिप्टोकोर्रेंसी का चलन बढ़ता जा रहा है। लोग इसमें खूब इन्वेस्ट कर रहे है। क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करने के लिए एक प्लेटफार्म की आवशयकता होती है जिसे exchange के नाम से भी जाना जाता है। इस समय भारत में कई प्लेटफार्म मौजूद है SIA कॉइन कैसे काम करता है? जहा पर आसानी से ट्रेडिंग की जा सकती है।

  1. Binance
  2. Wazir x
  3. Coin DcX
  4. Coin Base
  5. Blockchain.com
  6. KuCoin
  7. Bithumb
  8. Huobi Global

क्रिप्टो करेंसी कैसे काम करती है?

पारंपरिक मुद्राओं के विपरीत, क्रिप्टोकरेंसी केवल owner के पास डिजिटल रिकॉर्ड के रूप में मौजूद होती है। इसको ब्लॉकचेन पर रखा जाता है। जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को क्रिप्टो करेंसी भेजता है तो यह उस उपयोगकर्ता के डिजिटल वॉलेट में भेजी जाती हैं। इस लेन-देन को अंतिम रूप से मिन्नेर्स के द्वारा सत्यापित किया जाता है। जो इसे ब्लॉकचेन में जोड़कर इसका ट्रांसफर करते है।

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