मार्केट करेक्‍शन तब होता है जब स्‍टॉक्‍स की कीमत में लगातार 10% की गिरावट आती है। अफसोस की बात है, कि मार्केट आपको स्थिति के बारे में पहले से नहीं बताते हैं। परिणामस्‍वरूप, मार्केट करेक्‍शन की समझ महत्‍वपूर्ण है।

मार्केट करेक्‍शन से लाभ उठाने के लिए निवेशक किन रणनीतियों का उपयोग कर सकते हैं

यूएस इक्विटी ईटीएफ में निवेश की छिपी हुई लागत

यह ज्ञान, से प्राप्त हुआ व्यवहार वित्त प्रयोग यह दिखाते हुए कि बहुत अधिक जानकारी “मायोपिक लॉस एवेर्शन” की ओर ले जाती है, निवेशकों को यह विश्वास दिला सकती है कि उन्हें “इसे सेट करना चाहिए और इसे भूल जाना चाहिए”। हालांकि, विशेषज्ञ जोर देते हैं कि आपको पता होना चाहिए कि आपके पास क्या है, और यहां तक ​​कि यदि निवेशकों को क्या जानना चाहिए आप उसी एक्सपोजर को बनाए रखना चाहते हैं, तो आपको यह देखने के लिए जांच करनी चाहिए कि ऐसा करने का कोई सस्ता तरीका है या नहीं।

तेजी से विकसित हो रहे निवेश कोष उद्योग में अक्सर ऐसा हो सकता है। सबसे पहले, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड आमतौर पर अपने म्यूचुअल फंड समकक्षों की तुलना में बहुत कम फीस देते हैं, और यह आंशिक रूप से बताता है कि वे क्यों बाजार हिस्सेदारी हासिल करना जारी रखें. लेकिन ईटीएफ बाजार के भीतर भी, मूल्य प्रतिस्पर्धा भयंकर रही है, इसलिए यह जाँचने योग्य है कि क्या आपके पास पहले से मौजूद ईटीएफ का कम शुल्क वाला संस्करण लॉन्च किया गया है।

मार्केट करेक्‍शन क्‍या है, और यह क्‍यों होता है?

हर शेयर बाजार अलग-अलग समय पर चढ़ाव और उतार का अनुभव करता है। लगभग 20% की सामान्य गिरावट मार्केट करेक्‍शन के चरण को परिभाषित करती है। विशिष्ट सिक्‍योरिटीज़ के लिए एसेट्स, इंडिक्‍स की कीमतों या यहां तक की पूरे मार्केट को मार्केट करेक्‍शन का सामना करना पड़ सकता है। वे आमतौर पर केवल कुछ महीनों तक चलते हैं। यदि कुछ भी लंबी अवधि तक चलता है तो उससे मंदी या शायद बुल मार्केट में प्रवेश करने का खतरा होता है। हालांकि, करेक्‍शन आने वाले मंदी के दौर का कोई संकेत नहीं होता है। कई बार करेक्शन के बाद, स्टॉक्स में तेजी का अनुभव हुआ है। उदाहरण के लिए, महामारी के दौरान, भारत में निफ्टी ने जनवरी और मार्च 2020 के महीनों में 28% के करेक्‍शन का अनुभव किया, जो 2000 के बाद से केवल छह घटनाओं निवेशकों को क्या जानना चाहिए में से एक है।

17 जून 2022 तक, निफ्टी 50 मौजूदा इंडेक्स 0.44 फीसदी की गिरावट के साथ 15,293 पर था, और S&P बीएसई 0.26 फीसदी की गिरावट के साथ 51,360.42 मार्केट पर था, जो लगातार छह सेशन में गिरा है।
यह 5.6% की साप्ताहिक गिरावट के बाद हुआ है, जो मई 2020 के बाद सबसे अधिक गिरावट है।
भारतीय मार्केट में करेक्‍शन के इतिहास के बारे में जानने के लिए इसे देखें

मार्केट करेक्‍शन के इस समय के दौरान लाभ पाने के लिए निवेशक क्‍या कर सकते हैं?

मार्केट निवेशकों को क्या जानना चाहिए करेक्शन के समय का पूरा फायदा उठाने के लिए आप नीचे दिए गए सुझावों का पालन कर सकते हैं:

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज़ के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि ''बाजार का पैटर्न अप्रत्याशित बना हुआ है। इसलिए निवेशक वर्तमान में मध्यम से लंबी अवधि के लिए उच्च क्‍वालिटी वाले स्टॉक्स को खरीद सकते हैं।"
याद रखें कि चिंता मुख्य रूप से नए निवेशकों के बीच डर का परिणाम है। ऐसे स्‍टॉक्‍स मार्केट में आर्थिक मंदी के दौरान, इस घबराहट में निवेशक अक्सर अपनी होल्डिंग्‍स को नुकसान पर बेच देते हैं। जल्दबाजी में स्टॉक न बेचें और न ही खरीदें।
पूंजीगत लाभ इक्विटी सिक्‍योरिटीज़ की बिक्री से प्राप्त राजस्व निवेशकों को क्या जानना चाहिए है जिस पर पूंजीगत लाभ नियमों के अनुसार कर लगता है। टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग स्ट्रैटेजी का उपयोग करके, कर-पश्चात लाभ की राशि को बढ़ाने के लिए मार्केट करेक्‍शन का समय एक उत्कृष्ट मौका हो सकता है।

निष्‍कर्ष:

इस वर्ष भारतीय शेयर की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जबकि अंतरराष्ट्रीय मार्केट बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। निवेशकों के लिए अभी भी लाभ कमाने के तरीके हैं, लेकिन कई लोगों ने इस उम्मीद में लो-क्‍वालिटी वाली इक्विटी को रखने की गलती की है कि मार्केट में बदलाव के बाद उनके मूल्‍य बढ़ेंगे। कुछ खरीदार जो मार्केट करेक्‍शन का लाभ उठाना चाहते हैं, वे भी लो-क्‍वालिटी वाली इक्विटी खरीदते हैं जिनकी कीमत में काफी गिरावट आई है। इन्हें देखें और करेक्‍शन अवधि का भी लाभ उठाएं।

अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। इन क्षेत्रों में निर्णय लेते समय आपको अलग से स्वतंत्र सलाह लेनी चाहिए।

Stock Market Tips: शेयर बाजार में करना चाहते हैं निवेश, इन गलतियों को करने से बचें, नहीं होगा कई नुकसान

By: ABP Live | Updated at : 07 Feb 2022 12:54 PM (IST)

Stock Market Investment Tips: कहते हैं कि शेयर बाजार में करोड़ों अरबों की पूंजी है लेकिन, इन पैसों को कमाना कोई आसान काम नहीं है. जब भी लोग शेयर बाजार (Share Market) में पैसे लगाने का सोचते हैं तो उनके दिमाग में यही ख्याल आता है कि वह कुछ ही दिनों में करोड़पति बन जाएंगे. लेकिन, यह सोच बिल्कुल गलत है. ज्यादातर छोटे और रिटेल निवेशक (Retail Investors in Share Market) सही तरीके से शेयर बाजार में पैसे नहीं लगाते हैं और कुछ ही दिनों में उनके पैसे डूब जाते हैं. जल्दी पैसे कमाने के चक्कर में निवेशकों को क्या जानना चाहिए अपनी जमा पूंजी भी गंवा देते हैं. ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि आप सही तरीके से शेयर बाजार में पैसे लगाएं (Invest in Share Market). तो चलिए हम आपको बताते है कि रिटेल निवेशक क्या ऐसी गलतियां कर देते हैं (Mistakes Done bY retail Investors) जिसके कारण उनके पैसे डूब जाते हैं. उन्हें ऐसी गलतियों से कैसे बचना चाहिए-

5. थोड़ा धैर्य रखें

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की वॉलेटिलिटी यानी अस्थिरता के बारे में जितना चेताया जाए, उतना कम है. ऐसे निवेशकों को क्या जानना चाहिए में यह जरूरी है कि आप थोड़ा धैर्य रखें. मार्केट की चाल अच्छी है या बुरी, बदल जाएगी. हमेशा ठंडे दिमाग से रणनीति के तहत फैसले लें.

blockchain

6. एक नई ईमेल ID रखना बेहतर

क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग, क्रिप्टो एक्सचेंज पर या peer-to-peer नेटवर्क पर होती है. प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेडिंग के लिए आपको ईमेल आईडी के जरिए अकाउंट खोलना पड़ता है. डेटा सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि आप क्रिप्टो का अपना पूरा निवेश और ट्रेडिंग वगैरह एक दूसरे आईडी पर रखें. इसके लिए एक अलग ईमेल आईडी बना लें.

क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन और ऑफलाइन वॉलेट में स्टोर किया जा सकता है. नए निवेशकों के लिए ऑनलाइन वॉलेट बेस्ट होता है, हालांकि, इसमें हैकिंग का डर ज्यादा होता है. ऐसे में दोनों वॉलेट को अच्छी तरह समझ लें और जो फिट लगे, वो चूज़ करें.

8. मोबाइल वॉलेट में अपनी पूरी करेंसी स्टोर न करें

इसमें कोई दोराय नहीं है कि मोबाइल वॉलेट्स बहुत ही सुविधाजनक होते हैं, लेकिन इनका हैक होना भी बहुत आसान होता है. ऐसे में कभी भी अपनी पूरी क्रिप्टोकरेंसी मोबाइल वॉलेट में स्टोर न करें.

चूंकि क्रिप्टोकरेंसी पर किसी संस्था का नियमन नहीं होता है, ऐसे में इससे होने वाले प्रॉफिट पर आपको भारी टैक्स देना पड़ सकता है. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी निवेश और टैक्स को लेकर देश में क्या नियम हैं, वो सब जानने के बाद ही निवेश शुरू करें.

PPF: निवेश से पहले जान लें खास बातें, लखपति से करोड़पति बनने का सफर हो जाएगा आसान

PPF: फ्यूचर के लिए सुरक्षित निवेश के तौर पर पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund) निवेशकों की सबसे पसंदीदा स्कीम में से एक है. यहां सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न के लिहाज से भी यह स्कीम काफी फेमस है. कोरोना के बाद लोगों को यह बात तो समझ गई है कि पर्याप्त इमर्जेंसी फंड रखना जरूरी है. लेकिन इसके साथ यह भी जानना जरूरी है कि जहां निवेश कर रहे हैं उसके फायदे क्या हैं. जैसे अगर PPF में निवेश कर रहे हैं तो इससे जुड़ी अहम बातें जान लेनी चाहिए.

PPF एक लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट होता है. इसमें 15 साल की लॉक-इन पीरियड (PPF lock in period) निवेशकों को क्या जानना चाहिए होती है. आसान भाषा में समझें तो PPF खाते में जमा की गई राशि को मैच्योरिटी पर ही निकाला जा सकता है, जो कि 15 वर्ष है. ये अवधि पूरी होने पर इसे 5 साल के लिए और बढ़ाया भी जा सकता है. हालांकि, समय से पहले विड्रॉल (PPF withdrawal) की अनुमति है लेकिन केवल इमरजेंसी में आप ऐसा कर सकते हैं.

PPF पर ब्याज दर

PPF बैलेंस पर ब्याज का कैलकुलेशन हर महीने किया जाता है. इस पर मिलने वाला ब्याज रकम (PPF Interest rates) हर वित्त वर्ष के अंत में PPF अकाउंट में जमा की जाती है. ब्याज दरों को लेकर सरकार हर तिमाही घोषणा करती है. हर महीने ब्याज रकम की कैल्कुलेशन हर महीने की 5 तारीख के बाद और महीने के आखिरी दिन तक के सबसे कम PPF बैलेंस पर की जाती है. इसीलिए PPF निवेशकों को हर महीने की 5 तारीख से पहले अपने PPF खाते में कॉन्ट्रीब्यूशन करने की सलाह दी जाती है.

निवेशक को PPF Account में कम से कम 500 रुपए सालाना का निवेश करने की आवश्यकता निवेशकों को क्या जानना चाहिए निवेशकों को क्या जानना चाहिए होती है. जबकि PPF खाते में एक फाइनेंशियल वर्ष में ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपए तक का निवेश किया जा सकता है

टैक्सेशन

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF Taxation) में टैक्स को लेकर कई तरह के फायदे मिलते हैं.क्योंकि यह छूट-छूट-छूट (EEE) कैटेगरी के अंतर्गत आता है. इसका मतलब यह हुआ कि मूल राशि, मैच्योरिटी राशि और साथ ही अर्जित ब्याज पर टैक्स नहीं लगेगा.

एक PPF अकाउंट होल्डर्स (loan against PPF) अपने PPF बैलेंस के बदले लोन भी ले सकता है. लेकिन इसके लिए शर्त भी है. इसके तहत खाता खोलने की तारीख से केवल तीसरे साल की शुरुआत और छठे साल के अंत के बीच ही यह लोन लिया जा सकता है. साथ ही अधिकतम लोन रकम PPF बैलेंस के 25% तक सीमित है.

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