कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा

यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।

बायनेन्स फ्यूचर्स में मॉक ट्रेडिंग कैसे एक्सेस करें

आप फ्यूचर्स ट्रेडिंग इंटरफेस के शीर्ष-दाएं कोने में स्थित [प्रोफाइल] - [मॉक ट्रेडिंग] पर क्लिक कर शून्य जोखिम के साथ अपने व्यापारिक कौशल को तेज करने के लिए बायनेन्स फ्यूचर्स के टेस्टनेट वातावरण को एक्सेस कर सकते/सकती हैं।

बायनेन्स फ्यूचर्स के सिमुलेशन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में प्रवेश करने के लिए [ लॉग इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें इन] या [रजिस्टर] पर क्लिक करें, और किसी भी पूंजी को जोखिम में डाले बिना रीयल टाइम में लाइव क्रिप्टो बाजारों में ट्रेडिंग का अभ्यास करें।

आपके टेस्टनेट खाते में 100,000 USDT का जोखिम-मुक्त प्रारंभिक बैलेंस होगा,जिससे आप उन सभी सुविधाओं का अनुभव कर पाएंगे/पाएंगी, जो बायनेन्स फ्यूचर्स प्रदान करता है। आप टेस्टनेट वातावरण में अपने वर्चुअल पोर्टफोलियो का प्रबंधन करने में सक्षम होंगे/होंगी और लेवरिज लागू करके और स्टॉप-लॉस के साथ-साथ प्रॉफिट ऑर्डर लेने के द्वारा विभिन्न जोखिम स्तरों के साथ प्रयोग कर पाएंगे/पाएंगी।

कृपया ध्यान रखें कि कैंडलस्टिक चार्ट और मूल्य सिमुलेशन ट्रेडिंग वातावरण में बाजार मूल्य से अलग हो सकते हैं।

Stock Market Strategy: ग्लोबल मार्केट पॉजिटिव, Nifty और Bank Nifty में आज कमाई के लिए जानिए अनिल सिंघवी की इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें स्ट्रैटेजी

Stock Market Strategy: ग्लोबल मार्केट आज पॉजिटिव हैं. फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) और डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) न्यूट्रल हैं. सेंटीमेंट्स और ट्रेंड दोनों पॉजिटिव हैं. ऐसे में आज खास स्टैटेजी के साथ ट्रेड करना और बेहतर होगा.

Stock Market Strategy: ग्लोबल मार्केट आज पॉजिटिव हैं. फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) और डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) न्यूट्रल हैं. सेंटीमेंट्स और ट्रेंड दोनों पॉजिटिव हैं. ऐसे में आज खास स्टैटेजी के साथ ट्रेड करना और बेहतर होगा. ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने रोजाना की तरह निफ्टी और बैंक निफ्टी पर अपनी स्ट्रैटेजी साझा की है. अनिल सिंघवी का कहना है कि ट्रेंड पॉजिटिव है. संभलकर बाजार में पैसा लगाना चाहिए. आइए जानते हैं 8 सितंबर 2022 के लिए क्या है अनिल सिंघवी का कमाई का मंत्र.

कैसे हैं बाजार के सेंटीमेंट्स?

ग्लोबल: पॉजिटिव
FII: न्यूट्रल
DII: न्यूट्रल
F&O: न्यूट्रल
सेंटीमेंट: पॉजिटिव
ट्रेंड: पॉजिटिव

अनिल सिंघवी की निफ्टी और बैंक निफ्टी पर 8 सितंबर 2022 के लिए स्ट्रैटेजी

निफ्टी के लिए 17540-17600 सपोर्ट जोन, इसके नीचे 17400-17475 खरीदारी का मजबूत जोन
निफ्टी के लिए 17690-17765 ऊपरी जोन, इसके ऊपर 17825-17850 प्रॉफिट बुकिंग का जोन

बैंक निफ्टी के लिए 39250-39325 सपोर्ट जोन, इसके नीचे 39050-39200 खरीदारी का मजबूत जोन
बैंक निफ्टी के लिए 39675-39850 ऊपरी जोन, इसके ऊपर 39950-40050 मुनाफावसूली का जोन

निफ्टी के लिए सपोर्ट स्तर 17600, 17575, 17540, 17500, 17475, 17400
निफ्टी के लिए ऊपरी स्तर 17650, 17690, 17750, 17775, 17825, 17850, 17950

बैंक निफ्टी के लिए सपोर्ट स्तर 39425, 39325, 39250, 39200, 39050, 38925
बैंक निफ्टी के इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें लिए ऊपरी स्तर 39575, 39675, 39750, 39800, 39850, 39950, 40050, 40325

FIIs Index Long at 20% Vs 19%
PCR at 1.07 Vs 1.05
BankNifty PCR at 0.80 Vs 0.93
India VIX down by 1% at 19.37

मौजूदा लॉन्ग पोजीशन के लिए

निफ्टी के लिए इंट्राडे और क्लोजिंग SL 17475
बैंक निफ्टी के लिए इंट्राडे SL 39200 और क्लोजिंग SL 39300

मौजूदा शॉर्ट पोजीशन के लिए

निफ्टी के लिए इंट्राडे SL 17800 और क्लोजिंग SL 17760
बैंक निफ्टी के लिए इंट्राडे SL 39600 और क्लोजिंग SL 39800

नई पोजीशन-

निफ्टी खरीदें
SL 17525 Tgt 17650, 17690, 17750, 17775, 17825, 17850

एग्रेसिव ट्रेडर्स निफ्टी 17825-17950 की रेंज में बेचें -
Strict SL 18000 Tgt 17775, 17700, 17650, 17600, 17575, 17550, 17525

नई पोजीशन

बैंक निफ्टी खरीदें -
SL 39200 Tgt 39550, 39650, 39750, 39800, 39850, 39950, 40050, 40325

एग्रेसिव ट्रेडर्स बैंक निफ्टी 39800-40050 की रेंज में बेचें-
Strict SL 40100 Tgt 39750, 39675, 39575, 39450, 39325, 39250, 39200

Inflation Alert : पिछले साल की तरह 2022 में भी रुलाएगी महंगाई, जानिए महामारी का बाजार पर कितना रहेगा असर

सेंसेक्‍स में सोमवार को 1,100 अंकों से ज्‍यादा की गिरावट आई थी.

सेंसेक्‍स में सोमवार को 1,100 अंकों से ज्‍यादा की गिरावट आई थी.

Inflation Impact on Markets : लगातार बढ़ रही महंगाई से इस साल यानी 2022 में भी राहत नहीं मिलेगी. इसका असर न सिर्फ आम लो . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : February 23, 2022, 17:09 IST

नई दिल्ली. लगातार बढ़ रही महंगाई से इस साल यानी 2022 में भी राहत नहीं मिलेगी. इसका असर न सिर्फ आम लोगों पर देखने को मिलेगा, बल्कि बाजार भी इससे प्रभावित होगा. जेपी मॉर्गन (JP Morgan) के इंस्टिट्यूशनल ट्रेडिंग क्लाइंट्स के सर्वे में कहा गया है कि इस साल भी वैश्विक बाजार पर महंगाई (Inflation) का सबसे ज्यादा असर रहेगा.

जेपी मॉर्गन ने यह सर्वे नवंबर 2021 में किया था. इसमें शामिल 718 इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग क्लाइंट्स में करीब 48 फीसदी का कहना है कि बाजार पर इस साल महंगाई का सबसे ज्यादा असर होगा. बाजार की दिशा तय करने में इसकी अहम भूमिका होगी. महंगाई से दुनिया के सभी देश परेशान हैं. पिछले साल के इस सर्वे में कहा गया था कि बाजार पर महामारी का सबसे ज्यादा असर रहा था.

दो साल तक रहेगा यही ट्रेंड
इस सर्वे में शामिल 13 फीसदी लोगों का मानना है कि इकोनॉमी डिस्लोकेशन और महामारी दूसरे ऐसे कारक होंगे, जिसका बाजार पर महंगाई के बाद सबसे ज्यादा असर होगा. हाल के वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक चैनलों के जरिये होने वाली ट्रेडिंग में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है. इस सर्वे में शामिल सभी एसेट क्लास से जुड़े ट्रेडर्स का कहना है कि अगले दो साल में भी यही ट्रेंड देखने को मिलेगा.

बाजार में काफी उतार-चढ़ाव
जेपी मॉर्गने के स्कॉट वॉकर (Scott Wacker) की मानें तो महामारी के कारण पिछले दो साल में हमें असामान्य दौर से गुजरना पड़ा है. क्लाइंट ऑफिस की जगह वर्क इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें फ्रॉम होम कर रहे हैं. बाजार में भी काफी उतार-चढ़ाव दिख रहा है. ऐसे में हमें इलेक्ट्रोनिक ट्रेडिंग में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है. सर्वे में शामिल 29 फीसदी ट्रेडर्स का कहना है कि मोबाइल ट्रेडिंग ऐप अगले साल बाजार मे अपना महत्तवपूर्ण प्रभाव दिखाएंगे. आगे चलकर आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस (Artificial Intelligence) और मशीन लर्निंग (Machine Learning) मोबाइल टेक को पछाड़ते नजर इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें आ सकते हैं.

ब्लॉकचेन की अहम भूमिका
इस सर्वे में शामिल लगभग 50 फीसदी ट्रेडर्स ने कहा कि अगले 3 साल की फ्यूचर ट्रेडिंग में आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस और मशीन लर्निंग बाजार को प्रभावित करने वाली सबसे अहम फैक्टर बनकर उभरेगी. सर्वे में शामिल 24 फीसदी ट्रेडरों का कहना है कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) बाजार को आकार देने में अहम भूमिका इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें निभाएगी.

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सरकारी बॉन्‍डों में जल्‍द सीधे खरीद-फरोख्‍त कर सकेंगे आप

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और क्‍लीयरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआईएल) इसकी व्‍यवस्‍था करने में जुटे हैं.

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फाइनेंशियल मार्केट के एक वरिष्‍ठ व्‍यक्ति ने कहा कि बैंक डिपॉजिट पर कम इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें रिटर्न दे रहे हैं. बैंकों की स्थिति को देखते हुए ऐसा संभव है कि कुछ बचतकर्ता पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने के लिए जी-सेक में निवेश करें.

उन्‍होंने कहा कि हालांकि, पर्याप्‍त संख्‍या में एच‍एनआई (हाई नेटवर्थ इंडिव‍िजुअल्‍स) और कॉरपोरेट को आकर्षित करने के लिए सरकार और रेगुलेटरों को पहले डीमैट अकाउंट और एसजीएल सिक्‍योरिटी के बीच प्रतिभूतियों के बाधा रहित आवागमन को सुनिश्चित करना होगा. दूसरा, गवर्नमेंट सिक्‍योरिटीज के ट्रेडिंग से गेंस पर अधिक दर से टैक्‍स नहीं लगना चाहिए. इसके बजाय कैपिटल गेंस टैक्‍स लगना चाहिए.

बैंक और प्राइमरी डीलरों का एसबीआई के साथ सब्सिडियरी जनरल लेजर यानी एसजीएल अकाउंट होता है. इसमें सरकारी प्रतिभूतियों को मेनटेन किया जाता है.

सूत्रों ने बताया कि डेट म्‍यूचुअल फंड में तीन साल अपनी होल्डिंग को बनाए रखने वाले व्‍यक्ति को इंफ्लेशन इंडेक्‍सेशन बेनिफिट मिलता है. इसके चलते उन्‍हें लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस पर कम टैक्‍स देना पड़ता है. वहीं, जी-सेक में सीधे निवेश से इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें गेंस पर इनकम के तौर पर टैक्‍स लगता है. एचएनआई इनकम टैक्‍स स्‍लैब में सबसे ऊपर आते हैं. अगर जीसेक में खुदरा निवेशकों का पैसा लाना है तो सरकार को इसमें इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें सुधार करना होगा.

दूसरी बात यह है कि सरकारी प्रतिभूतियों में एनडीएस-ओएम प्‍लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग होती है. यह स्‍क्रीन आधारित ऑर्डर मैचिंग प्‍लेटफॉर्म है. इसके अलावा बैंक और पीडी, म्‍यूचुअल फंड और इंश्‍योरेंस कंपनियां एनडीएस-ओएम के सदस्‍य हो सकते हैं.

तकनीकी रूप से अपनी ओर से ऑर्डर करने के लिए सामान्‍य निवेशक बैंकों के पास पहुंच सकते हैं. लेकिन, मौजूदा प्रस्‍ताव में स्‍ट्रेट थ्रू प्रोसेसिंग (एसटीपी) मेकेनिज्म की योजना है. इसमें किसी मैनुअल हस्‍तक्षेप के बिना ऑटोमैटिक ट्रांसफर होगा.

एक बैंकर ने कहा कि बहुत कम देश हैं जहां सरकारी प्रतिभूतियों में रिटेल निवेशक डायरेक्‍ट पोजिशन ले सकते हैं. भारत में केवल कुछ बड़ी कंपनियां जी-सेक में निवेश करती हैं. हालांकि, टेक्‍नोलॉजी मौजूद है जिससे नॉन-इंस्‍टीट्यूशनल प्‍लेयर्स को भी इसमें शामिल किया जा सकता है. इन निवेशकों के लिए अलग पोर्टल हो सकता है. ये रजिस्‍टेशन करके 10,इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें 000 रुपये की कम राशि से निवेश कर सकते हैं. लेकिन, एंट्री और एग्जिट की कॉस्‍ट कम होनी चाहिए.

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