आयकर विभाग को आईटीआर लेट भरने पर ब्‍याज का भुगतान करना होता है। (Indian Express Archive)

एक समर्थक की तरह शेयरों में निवेश कैसे करें

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म्यूचुअल फंड क्या है?

म्यूचुअल फंड निवेश

म्यूचुअल फंड सामूहिक निवेश का एक जरिया है. जब बहुत सारे लोग थोड़े-थोड़े पैसे जमा कर किसी प्रबंधन कंपनी को अपने बदले शेयरों में निवेश के लिए अधिकृत करते हैं तो इसे म्यूचुअल फंड निवेश कहा जाता है.म्यूचुअल फंड कंपनियां खुदरा निवेशकों से पैसे जुटाती हैं. इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं. इसके बदले म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से चार्ज भी लेती हैं.

कैसे काम करता है म्यूचुअल फंड?

कैसे काम करता है म्यूचुअल फंड?

महिंद्रा म्यूचुअल फंड के चीफ एक्‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर आशुतोष बिश्‍नोई ने कहा, "अगर आप शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन आपके पास शेयरों की गुणवत्ता, निवेश के लिए सही मौके और शेयर के आवंटन आदि से जुडी सही जानकारी नहीं है तो आपको निवेश के लिए म्यूचुअल फंड की मदद लेनी चाहिए." उन्होंने कहा कि म्यूचुअल फंड में निवेश प्रबंधन के लिए एक कुशल टीम के साथ अनुभवी फंड मैनेजर भी होते हैं जो आपसे मामूली फीस लेकर फंड का प्रबंधन करते हैं.

निवेश का बेहतर विकल्प

निवेश का बेहतर विकल्प

बिश्नोई ने कहा, "म्यूचुअल फंड निवेशकों को कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न प्राप्त करने के लिए निवेश का एक उचित माध्यम उपलब्ध कराता है." उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था एवं बाजार की दिशा को लेकर सकारात्मक रुख है. दुनियाभर के विभिन्न देशों की सरकारों ने अपनी इकनॉमी को लेकर जिस तरह का समर्थन दिखाया है, उससे आर्थिक व्यवस्था के ऊपर उठने की संभावना नजर आती है.

हर महीने करें निवेश

हर महीने करें निवेश

अगर आप इकट्ठा निवेश नहीं कर सकते या हर महीने मिलने वाली सैलरी से थोड़ी रकम बचाकर निवेश करना चाहते हैं तो यह भी संभव है. सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान इसी का एक जरिया है. सिप के जरिये निवेश करने में आपको जोखिम उठाने से राहत मिल जाती है, जबकि लंबी अवधि में बड़ा फंड जुटाने में मदद मिलती है. जब शेयर मार्केट में कमजोरी हो तो सिप में निवेश को जरूर जारी रखना चाहिए क्योंकि यही वह वक्त है जब आपको आपका निवेश सस्ते में मिल जाता है.

निचले स्तर पर निवेश से फायदा

निचले स्तर पर निवेश से फायदा

शेयर बाजार का सही फायदा तभी मिलता है जब आप निचले स्तर पर पैसा लगाते हैं. कोई भी म्यूचुअल फंड यही काम करता है. वह एक तरीके से आपके फंड को मैनेज करता है और इस तरह के अवसरों में आपको फायदा दिलाता है. आप एक निवेशक हैं और सीधे इक्विटी में निवेश नहीं करना चाहते हैं या आपको जानकारी नहीं है तो आप म्यूचुअल फंड का रास्ता अपना सकते हैं.

निवेश के कई विकल्प

निवेश के कई विकल्प

शेयर बाजार में सीधे निवेश जोखिम भरा हो सकता है. आप को चाहिए कि आप एक अच्छे सलाहकार से सलाह लें. आर्थिक अनिश्चितता और शेयर बाजार में अस्थिरता के बावजूद परिपक्वता दिखाने वाले निवेशकों ने इक्विटी म्यूचुअल फंड में विश्वास जारी रखा है. स्माल कैप, मिड कैप या मल्टी कैप म्यूचुअल फंड में निवेश किया जा सकता है.

म्यूचुअल फंड क्या है?

म्यूचुअल फंड निवेश

म्यूचुअल फंड सामूहिक निवेश का एक जरिया है. जब बहुत सारे लोग थोड़े-थोड़े पैसे जमा कर किसी प्रबंधन कंपनी को अपने बदले शेयरों में निवेश के लिए अधिकृत करते हैं तो इसे म्यूचुअल फंड निवेश कहा जाता है.म्यूचुअल फंड कंपनियां खुदरा निवेशकों से पैसे जुटाती हैं. इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं. इसके बदले म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से चार्ज भी लेती हैं.

कैसे काम करता है म्यूचुअल फंड?

कैसे काम करता है म्यूचुअल फंड?

महिंद्रा म्यूचुअल फंड के चीफ एक्‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर आशुतोष बिश्‍नोई ने कहा, "अगर आप शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन आपके पास शेयरों की गुणवत्ता, निवेश के लिए सही मौके और शेयर के आवंटन आदि से जुडी सही जानकारी नहीं है तो आपको निवेश के लिए म्यूचुअल फंड की मदद लेनी चाहिए." उन्होंने कहा कि म्यूचुअल फंड में निवेश प्रबंधन के लिए एक कुशल टीम के साथ अनुभवी फंड मैनेजर भी होते हैं जो आपसे मामूली फीस लेकर फंड का प्रबंधन करते हैं.

निवेश का बेहतर विकल्प

निवेश का बेहतर विकल्प

बिश्नोई ने कहा, "म्यूचुअल फंड निवेशकों को कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न प्राप्त करने के लिए निवेश का एक उचित माध्यम उपलब्ध कराता है." उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था एवं बाजार की दिशा को लेकर सकारात्मक रुख है. दुनियाभर के विभिन्न देशों की सरकारों ने अपनी इकनॉमी को लेकर जिस तरह का समर्थन दिखाया है, उससे आर्थिक व्यवस्था के ऊपर उठने की संभावना नजर आती है.

हर महीने करें निवेश

हर महीने करें निवेश

अगर आप इकट्ठा निवेश नहीं कर सकते या हर महीने मिलने वाली सैलरी से थोड़ी रकम बचाकर निवेश करना चाहते हैं तो यह भी संभव है. सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान इसी का एक जरिया है. सिप के जरिये निवेश करने में आपको जोखिम उठाने से राहत मिल जाती है, जबकि लंबी अवधि में बड़ा फंड जुटाने में मदद मिलती है. जब शेयर मार्केट में कमजोरी हो तो सिप में निवेश को जरूर जारी रखना चाहिए क्योंकि यही वह वक्त है एक समर्थक की तरह शेयरों में निवेश कैसे करें जब आपको आपका निवेश सस्ते में मिल जाता है.

निचले स्तर पर निवेश से फायदा

निचले स्तर पर निवेश से फायदा

शेयर बाजार का सही फायदा तभी मिलता है जब आप निचले स्तर पर पैसा लगाते हैं. कोई भी म्यूचुअल फंड यही काम करता है. वह एक तरीके से आपके फंड को मैनेज करता है और इस एक समर्थक की तरह शेयरों में निवेश कैसे करें तरह के अवसरों में आपको फायदा दिलाता है. आप एक निवेशक हैं और सीधे इक्विटी में निवेश नहीं करना चाहते हैं या आपको जानकारी नहीं है तो आप म्यूचुअल फंड का रास्ता अपना सकते हैं.

निवेश के कई विकल्प

निवेश के कई विकल्प

शेयर बाजार में सीधे निवेश जोखिम भरा हो सकता है. आप को चाहिए कि आप एक अच्छे सलाहकार से सलाह लें. आर्थिक अनिश्चितता और शेयर बाजार में अस्थिरता के बावजूद परिपक्वता दिखाने वाले निवेशकों ने इक्विटी म्यूचुअल फंड में विश्वास जारी रखा है. स्माल कैप, मिड कैप या मल्टी कैप म्यूचुअल फंड में निवेश किया जा सकता है.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और यूनिसेफ ने उद्योगपतियों और कॉरपोरेट्स से बच्चों और युवाओं में निवेश करने का आग्रह किया

Children take over the National Stock Exchange to raise their voice in solidarity for protecting and promoting children's rights.

मुंबई, भारत, 05 अक्टूबर 2018: यूनिसेफ की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेनरीएटा फोर ने आज यहां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) में 'क्लोजिंग बेल' बजाकर आने वाले समय में बच्चों और युवाओं में निवेश करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस समारोह में श्री विक्रम लिमये, प्रबंध निदेशक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज; डॉ यास्मीन अली हक, राष्ट्र प्रतिनिधि, यूनिसेफ इंडिया; और श्री रितेश अग्रवाल, ओयो रूम्स के संस्थापक और सीईओ, भी मौजूद थे।

इस मौके पर सुश्री फोर ने कहा, "भारतीय व्यापार समूह में यह समझ बढ़ रही है कि साझी मान्यताएं - जो इस विचार से उत्पन्न होती है कि परोपकार ही अच्छा व्यापार है - स्वस्थ, बेहतर शिक्षित, और अधिक संपन्न जन समूह को समर्थन देकर विकसित की जा सकती है। व्यापार जगत के लिए यह अनिवार्य नहीं कि उसका मुनाफा समुदाय हित की अनदेखी कर के ही प्राप्त किया जाए। वास्तव में, उनका मुनाफा स्थानीय समुदाय और वहां रहने वाले लोगों की बेहतर सेवा और मदद करके भी कमाया जा सकता है। एक पैनल चर्चा के दौरान पैनलिस्ट्स ने चर्चा की, कि कैसे व्यवसायी और उद्योगपति यूनिसेफ और एनएसई जैसे एक समर्थक की तरह शेयरों में निवेश कैसे करें संगठनों के साथ मिलकर बच्चों और युवाओं के हित के लिए समाधान खोज सकते हैं। चर्चा में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि किस तरह व्यवसाय लिंग भेद का मुकाबला करने के लिए अधिक कार्य कर सकते हैं, और ऐसी सामाजिक बाधाओं का विरोध कर सकते हैं जो कार्यस्थल में लैंगिक असमानताओं को मजबूत करती हैं। पैनलिस्टों ने इस बात पर भी गौर किया कि विश्व में किशोरों और युवाओं की तेज़ी से बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए कार्यकुशलता में कमी को पूरा करने के लिए शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण में तत्काल निवेश की आवश्यकता है।

एनएसई के एमडी और सीईओ, श्री विक्रम लिमये ने कहा, “आने वाले समय में नवीन सामाजिक उद्यमों, सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप जैसे सब को साथ लेकर चलने वाले व्यापार मॉडलों पर एक केंद्रित रणनीति तैयार करने कि आवश्यकता है, जिससे महिलाओं, बुजुर्गों और हाशिए पर रहने वाले अन्य वंचित वर्गों का वित्तीय सशक्तिकरण होगा। इस तरह के निष्पक्ष व्यवसाय मॉडल की नवरचना देश के आर्थिक विकास को एक नयी दिशा देगी, ताकि कारोबार का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। एनएसई फाउंडेशन के माध्यम से एनएसई दृढ़ता से उन नए और केंद्रित कदमों का समर्थन करने में विश्वास रखता है जो हाशिए और वंचित समुदायों के सबसे गरीब लोगों को प्रभावित करते हैं, जो आज भारत के विकास की तस्वीर का हिस्सा हैं।"

ओयो रूम्स के सीईओ और संस्थापक श्री रितेश अग्रवाल ने कहा, “हम जैसे युवा जो कर सकते हैं, उसकी क्षमता की कोई सीमा नहीं है। हमें ज़रूरत है सही अवसर और कौशल की। मैं हर तरह से यूनिसेफ के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।" वर्तमान परिवेश में युवा लोगों में समान निवेश ही सबसे अच्छा और मूल्यवान लम्बी अवधि का निवेश है, जो सरकारें और व्यवसाय कर सकते हैं। युवा लोगों में निवेश करना वास्तव में उपयोगी है, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था और समाज को सकारात्मक लाभ मिलते हैं।

इस सप्ताह की शुरुआत में नई दिल्ली में यूनिसेफ ने नीति आयोग के साथ मिलकर 'युवाह!' का शुभारंभ किया। यह युवाओं, सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र को एक साथ लाने वाला मंच है, जिसका उद्देश्य है ऐसे समाधान खोजना जो युवाओं के लिए आवश्यक बदलावों में तेजी ला सके।

संपादकों के लिए टिपप्णी

सुश्री फोर, जो 1 जनवरी 2018 को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की सातवीं कार्यकारी निदेशक बनीं, उन्हें सार्वजनिक विकास, निजी क्षेत्र और गैर-लाभकारी क्षेत्र में आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, मानवीय सहायता और आपदा राहत में अपने काम व नेतृत्व के लिए जाना जाता है।

अपने चार दशक से अधिक के कार्यकाल में, सुश्री फोर ने 2007 से 2009 तक एडमिनिस्ट्रेटर ऑफ़ यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) और डायरेक्टर ऑफ़ यूनाइटेड स्टेट्स फॉरेन असिस्टेंस के रूप में कार्य किया। 2009 में उन्हें डिस्टिंग्विशड सर्विस अवार्ड (विशिष्ट सेवा का पुरस्कार) मिला, जो कि संयुक्त राज्य अमरीका के सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।

2005 से 2007 तक, उन्होंने अंडर सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट फॉर मैनेजमेंट के रूप में काम किया, जो कि डिपार्टमेंट ऑफ़ स्टेट के चीफ ऑपरेटिंग अफसर हैं।

कृपया उनके शैक्षिक अभिलेख और कार्य अनुभव के लिए यह लिंक (link to her CV) देखें।

अगर आप भी करते हैं स्‍टॉक मार्केट में निवेश, तो आप पर कितना लगता है टैक्‍स

होममेकर्स, रिटायर्ड लोग अपनी जमा पूंजी को शेयरों में निवेश करते हैं, लेकिन उन्‍हें इस बात की जानकारी नहीं होती है कि शेयरों से होने वाली कमाई इनकम टैक्‍स के दायरे में आती है या नहीं। वास्‍तव में शेयरों को बेचने और खरीदने पर होने वाले फायदे और हानि आधार पर टैक्‍स लगाया जाता है।

अगर आप भी करते हैं स्‍टॉक मार्केट में निवेश, तो आप पर कितना लगता है टैक्‍स

आयकर विभाग को आईटीआर लेट भरने पर ब्‍याज का भुगतान करना होता है। (Indian Express Archive)

इस बात की जानकारी सभी को होती है कि सैलरी, रेंटल इनकम और बिजनेस होने वाली आय टैक्‍सेबल होती है, जिसके लिए आय के हिसाब से स्‍लैब भी दिए गए हैं। जिस आय की स्‍लैब में जो आता है, उसे उतना टैक्‍स देना होता है। वहीं दूसरी ओर बात शेयरों से होने वाली कमाई की बात करें तो सवाल उठता है कि वो भी क्‍या टैक्‍सेबल है। होममेकर्स, रिटायर्ड लोग अपनी जमा पूंजी को शेयरों में निवेश करते हैं, लेकिन उन्‍हें इस बात की जानकारी नहीं होती है कि शेयरों से होने वाली कमाई इनकम टैक्‍स के दायरे में आती है या नहीं। वास्‍तव में शेयरों को बेचने और खरीदने पर होने वाले फायदे और हानि आधार पर टैक्‍स लगाया जाता है। आइए आपको भी बताते हैं कि शेयरों से होने वाली कमाई पर कितना और किस तरह का टैक्‍स लगता है।

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन/लॉस
यदि स्टॉक एक्सचेंज में लिस्‍टेड शेयरों को खरीदने के 12 महीनों के अंदर बेचे जाते हैं, तो विक्रेता को शॉर्ट टर्म केपिटल गेन या फ‍िर शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस हो सकता है। जब शेयर खरीद मूल्य से ज्‍यादा कीमत पर बेचे जाते हैं तो विक्रेता शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन होता है।

लांग टर्म कैपिटल गेन और लॉस
लांग टर्म केपिटल गेन और लॉस तब होता है जब शेयरों को खरीदने के 12 महीने के बाद उन्‍हें बेचा जाता है। बजट 2018 से पहले इक्विटी शेयरों या म्यूचुअल फंड की इक्विटी-बेस्‍ड यूनिट्स को बेचने होने वाला लांग टर्म कैपिटल गेन को धारा 10 (38) के तहत टैक्‍स में छूट दी हुई थी। 2018 बजट के प्रावधानों के अनुसार, यदि कोई विक्रेता एक लाख से रुपए से ज्‍यादा लांग टर्म कैपिटल गेन अर्जित करता है तो उस 10 फीसदी लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स लगता है। इसके अलावा ऐसे लोगों को इंडेक्सेशन का बेनिफ‍िट भी नहीं दिया जाएगा।

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शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर 15 फीसदी टैक्स लगता है। टैक्स स्लैब के बावजूद, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 15 फीसदी का स्‍पेशल टैक्‍स रेट लागू होता है। इसके अलावा, यदि आपकी कुल टैक्‍सेबल इनकम शॉर्ट टर्म गेन को छोड़कर टैक्‍सेबल इनकम से कम है यानी 2.5 लाख से कम है तो आप इस कमी को अपने शॉर्ट टर्म गेन के अगेंस्‍ट समायोजित कर सकते हैं। बाकी शॉर्ट टर्म गेन पर 15 फीसदी टैक्‍स + 4 फीसदी सेस लगाया जाएगा।

लांग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्‍स
अगर शेयर बेचने पर आपका लांग टर्म कैपिटल गेन 1 लाख रुपए से कम है तो उस पर कोई टैक्‍स नहीं लगाया जाएगा। अगर यह लांग टर्म कैपिटल गेन एक लाख रुपए से ज्‍यादा है तो उस पर 10 फीसदी का टैक्‍स लगाया जाएगा। साथ ही उन्‍हें इंडेक्‍सेशन का लाभ भी नहीं मिलेगा। यह प्रावधान बजट 2018 के बाद किया गया है।

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