* FY23 के लिए CPI मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान 6.7 प्रतिशत पर बरकरार है.
पोल आपका मुद्राओं का पूर्वानुमान पोल ऑफ सेल्स फोर्स ओपिनियन मेथड की कमजोरियां क्या हैं?
लेकिन पोल ऑफ सेल्स फोर्स ओपिनियन अप्रोच में कमजोरियां हैं। आमतौर पर पूर्वानुमान लगाने के लिए प्रशिक्षित नहीं होते हैं, और अपने क्षेत्रों में वर्तमान व्यावसायिक परिस्थितियों से प्रभावित होते हैं, बिक्री की संभावनाओं के बारे में विक्रेता अत्यधिक आशावादी या अत्यधिक निराशावादी होते हैं।.
तदनुरूप, बिक्री पूर्वानुमान तकनीक के तीन प्रकार क्या हैं? तीन प्रकार की बिक्री पूर्वानुमान आपका मुद्राओं का पूर्वानुमान पोल आपका मुद्राओं का पूर्वानुमान पोल तकनीकें हैं: एआई-सक्षम, मात्रात्मक और गुणात्मक. अधिकांश व्यवसाय अभी भी पूर्वानुमान लगाने के लिए मात्रात्मक और गुणात्मक बिक्री पूर्वानुमान रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं।
बिक्री पूर्वानुमान के नुकसान क्या हैं? बिक्री पूर्वानुमान के मुख्य नुकसान में निम्नलिखित शामिल हैं: समय-गहन समापन - जबकि बिक्री पूर्वानुमान के विभिन्न तरीके हैं, दो व्यापक दृष्टिकोणों में मैनुअल और डेटा-संचालित प्रक्रियाएं शामिल हैं। किसी भी मामले में, पूर्वानुमान विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण समय की आवश्यकता होती है।
किस विधि को सेल्स फोर्स कंपोजिट मेथड या कलेक्टिव ओपिनियन मेथड के नाम से भी जाना जाता है?
Q. | ……………विधि को बिक्री‐ बल-समग्र विधि या सामूहिक राय विधि के रूप में भी जाना जाता है |
---|---|
B. | विशेषज्ञ की राय |
C. | डेल्फी विधि |
D. | उपभोक्ता साक्षात्कार विधि |
उत्तर » ए. राय सर्वेक्षण |
छह सांख्यिकीय पूर्वानुमान विधियां क्या हैं? पूर्वानुमान की तकनीक:
घातीय चौरसाई (एसईएस) ऑटोरेग्रेसिव इंटीग्रेशन मूविंग एवरेज (ARIMA) तंत्रिका नेटवर्क (एनएन) क्रॉस्टन.
पूर्वानुमान के चार प्रकार कौन से हैं? चार सामान्य प्रकार के पूर्वानुमान मॉडल
- समय श्रृंखला मॉडल।
- अर्थमितीय मॉडल।
- न्यायिक पूर्वानुमान मॉडल।
- डेल्फी विधि।
नुकसान और फायदे क्या हैं?
संज्ञा के रूप में, नुकसान और लाभ के बीच का अंतर यह है कि नुकसान एक कमजोरी या अवांछनीय विशेषता है; एक धोखा जबकि लाभ किसी भी स्थिति, परिस्थिति, अवसर, या साधन है, विशेष रूप से सफलता के अनुकूल, या कोई वांछित अंत.
पूर्वानुमान में मात्रात्मक तकनीकों के पांच 5 लाभ क्या हैं? पूर्वानुमान में मात्रात्मक तकनीकों के लाभ
- मात्रात्मक पूर्वानुमान तकनीक। मात्रात्मक पूर्वानुमान विधियां विशेषज्ञता के बजाय संख्याओं पर निर्भर करती हैं। …
- पते और सम्मान इतिहास। …
- फुलाए हुए पूर्वानुमानों को समाप्त या कम करता है। …
- पैटर्न खोजें। …
- बाहरी हितधारकों को आकर्षित करने के लिए बेहतर है।
बिक्री का पूर्वानुमान लगाना कठिन क्यों है?
बिक्री पूर्वानुमान चुनौती 2: भविष्य कहनेवाला डेटा की कमी
बिक्री पूर्वानुमान सेल्सफोर्स क्या है?
एक बिक्री पूर्वानुमान है अपेक्षित बिक्री राजस्व की अभिव्यक्ति.
बिक्री राजस्व की भविष्यवाणी करने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों के अनुभाग में उस पर और अधिक। लेकिन आपका मुद्राओं का पूर्वानुमान पोल सभी बिक्री पूर्वानुमान दो प्रमुख प्रश्नों का उत्तर देते हैं: कितना: प्रत्येक बिक्री अवसर की अपनी अनुमानित राशि होती है जो वह व्यवसाय में लाएगी।
बिक्री प्रबंधन में बिक्री पूर्वानुमान की आवश्यकता क्यों है?
बिक्री पूर्वानुमान कंपनियों को भविष्य के विकास के लिए संसाधनों को कुशलतापूर्वक आवंटित करने और अपने नकदी प्रवाह का प्रबंधन करने की अनुमति देता है. बिक्री पूर्वानुमान भी व्यवसायों को उनकी लागत और राजस्व का सटीक अनुमान लगाने में मदद करता है जिसके आधार पर वे अपने अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रदर्शन की भविष्यवाणी करने में सक्षम होते हैं।
एसएंडपी ने भारत का वृद्धि पूर्वानुमान घटाकर 7.3 फीसदी किया, महंगाई बनी चिंता की बड़ी वजह
Published: May 18, 2022 2:38 PM IST
India GDP Growth Rate: वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि के पूर्वानुमान को पहले के 7.8 फीसदी से घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है, ऐसा बढ़ती मुद्रास्फीति और रूस तथा यूक्रेन के बीच लंबी खिंचती लड़ाई के मद्देनजर किया गया है. एसएंडपी ने अपनी ‘ग्लोबल मेक्रो अपडेट टू ग्रोथ फोरकास्ट्स’ में कहा कि मुद्रास्फीति का लंबे समय तक ऊंचे स्तर पर बना रहना चिंता का विषय है, ऐसे में केंद्रीय बैंकों को दरों में वृद्धि करना पड़ती है और उत्पादन तथा रोजगार पर बुरा असर पड़ता है.
Also Read:
पिछले वर्ष दिसंबर में इस रेटिंग एजेंसी ने 2022-23 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.8 फीसदी लगाया था. अब इसे चालू वित्त वर्ष (2022-23) में घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया गया है. अगले वित्त वर्ष के लिए 6.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया गया है.
एसएंडपी ने कहा, ‘‘पिछले पूर्वानुमान के बाद से हमारे पूर्वानुमान के प्रति जोखिम बढ़ गया है और यह मजबूती से नीचे की ओर बना हुआ है. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध लंबा खिंचने की आशंका है जिससे जोखिम बढ़ा है.’’
अनुमान है कि 2021-22 में भारत की जीडीपी वृद्धि 8.9 फीसदी रही.
एसएंडपी के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.9 फीसदी रह सकती है.
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध तथा जिंसों की बढ़ती कीमतों के कारण कई वैश्विक एजेंसियों ने भारत की वृद्धि का पूर्वानुमान घटाया है.
गौरतलब है कि विश्व बैंक ने अप्रैल में भारत की जीडीपी का पूर्वानुमान 8.7 फीसदी से घटाकर 8 फीसदी कर दिया था जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 9 फीसदी से घटाकर 8.2 फीसदी और एशियाई विकास बैंक ने 7.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया था. वहीं भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले महीने वृद्धि पूर्वानुमान 7.8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया था.
अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया नौ पैसे की तेजी के साथ 82.38 प्रति डॉलर पर
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.34 के स्तर पर खुला और कारोबार के अंत में यह नौ पैसे की तेजी के साथ 82.38 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 82.26 के उच्च स्तर और 82.47 के निचले स्तर को छुआ।
इससे पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 82.47 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा एवं आपका मुद्राओं का पूर्वानुमान पोल सर्राफा विश्लेषक गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘उम्मीद के अनुरूप रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 0.35 आपका मुद्राओं का पूर्वानुमान पोल प्रतिशत की एक और वृद्धि की है। इसने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के पूर्वानुमान को भी सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। इसके बावजूद रुपया सीमित दायरे में रहते हुए मजबूत हुआ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि डॉलर-रुपया का हाजिर भाव 82.20 और 82.80 के दायरे में रहेगा।
हिमाचल प्रदेश : एग्जिट पोल में कड़े मुकाबले का पूर्वानुमान, निर्दलियों से साध रहे हैं संपर्क
शिमला, छह दिसंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद जारी एग्जिट पोल में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस में कड़े मुकाबले का पूर्वानुमान लगाया गया है। वहीं कुछ निर्दलीय प्रत्याशियों ने दावा किया है कि दोनों मुख्य पार्टियों की ओर से उनसे संपर्क किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को कम से कम 35 विधायकों का समर्थन चाहिए, लेकिन सोमवार को जारी एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों के मुताबिक कांग्रेस और भाजपा इस जादुई आंकड़े को प्राप्त करने में चुनौती का सामना कर सकते हैं। हालांकि, मतों की गिनती आठ दिसंबर को होगी। सर्वेक्षणों में भाजपा को 24 से 41 सीटें मिलने का पूर्वानुमान आपका मुद्राओं का पूर्वानुमान पोल लगाया गया है जबकि कांग्रेस के खाते में 20 से 40 सीटें आने की संभावना जताई गई है। करीबी मुकाबला होने की वजह से निर्दलीय की भूमिका अहम होगी और इनमें से कुछ ने दावा किया है कि दोनों पार्टियां उन्हें संपर्क कर रही हैं। भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में खड़े के एल ठाकुर और मनोहर धीमान ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि दोनों दलों ने उनके ‘संपर्क’ किया है, लेकिन वे अपने पत्ते आधिकारिक रूप से नतीजे घोषित किए जाने के बाद खोलेंगे। अन्य निर्दलीय प्रत्याशी राम सिंह ने कहा कि वह बागी नहीं हैं बल्कि जनता के उम्मीदवार हैं और आठ दिसंबर को नतीजे आने के बाद फैसला करेंगे कि किसे समर्थन करना है। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुल 91 निर्दलीय अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जिनमें से करीब दो दर्जन बागी प्रत्याशी है जो पार्टियों से टिकट नहीं मिलने पर बतौर निर्दलीय उम्मीदवारी खड़े हुए और उनके द्वारा वोट काटे जाने के आसार हैं। राजनीतिक दल हालांकि उन उम्मीदवारों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिनकी जीतने की संभावना अधिक है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बहुमत साबित करने के लिए और सदस्यों की जरूरत पड़ने पर उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही हैं। एन ठाकुर (नालागढ़), मनोहर धीमान (इंदोरा), राम सिंह (कुल्लू), राजू (अरकी), होशियार सिंह (देहरा), इंदु वर्मा (थियोग) और संजय पराशर (जसवन प्रागपुर) उन निर्दलीय उम्मीदवारों में शामिल हैं जिनके जीतने की संभावना है। हालांकि, सार्वजनिक रूप से दोनों पार्टियां स्पष्ट बहुमत हासिल करने का दावा कर रही हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हमें स्पष्ट बहुमत मिलेगा और हम सरकार बनाएंगे। निर्दलियों का स्वागत है अगर वे सरकार से जुड़ना चाहते हैं, सामान्य प्रक्रिया के तहत बाकी निर्दलीय प्रत्याशी संपर्क में हैं।’’ नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने दावा किया कि कांग्रेस बहुमत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी निर्दलीय प्रत्याशियों के संपर्क में हैं। गौरतलब है कि पूर्व के कई चुनावों में भी निर्दलीय विधायकों ने अहम भूमिका निभाई थी। वर्ष 1982 में कांग्रेस ने 68 सदस्यीय विधानसभा में 31 सीटें हासिल की थी और निर्दलीयों की मदद से सरकार बनाई थी। उक्त चुनाव में भाजपा और जनता दल को क्रमश: 29 और दो सीटों पर जीत मिली थी और छह सीटें निर्दलियों आपका मुद्राओं का पूर्वानुमान पोल को मिली थी।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
कैदियों की अदला-बदली के बाद सुरक्षित हैं डब्ल्यूएनबीए स्टार ब्रिटनी ग्राइनर : बाइडन
अफगानिस्तान में 27 लोगों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे गए
Annapurna Jayanti: घर में बरकत के लिए इन उपायों से करें मां अन्नपूर्णा को खुश
लोन होगा और महंगा, RBI ने रेपो रेट में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साल 2022 में लगातार पांचवीं बार रेपो दर में बढ़ोतर की है. 7 दिसंबर को रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 0.35 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की है. अब रेपो दर 5.90 प्रतिशत से बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो जाएगी. आम आदमी पर इसका असर महंगे कर्ज के रूप में पड़ेगा. होम लोन समेत अन्य तरह के कर्ज और महंगे हो जाएंगे. लोगों को अब अधिक किस्तें चुकानी होंगी.
RBI ने इससे पहले मई में 0.40 प्रतिशत और जून, अगस्त, सितंबर महीने में 0.50-0.50 प्रतिशत रेपो रेट बढ़ाया था. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि अगले 12 महीनों में मुद्रास्फीति दर 4 प्रतिशत से ऊपर रहने की उम्मीद है.
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्या-क्या कहा-
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 745