World Top 10 Billionaire: मिलिए दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों से, लिस्ट में भारत के भी 2 कारोबारी
World Top 10 Billionaire: दुनिया के सबसे अमीर लोगों की बात करें तो एलन मस्क अब दूसरे नंबर पर आ गए हैं। टेस्ला के मालिक एलन मस्क को फ्रांस के कारोबारी बर्नार्ड अर्नाल्ट ने पछाड़ दिया है। बर्नार्ड अर्नाल्ट 188.6 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के सबसे अमीर शख्स बन गए हैं। वहीं, एलन मस्क अब इस लिस्ट में 176.8 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे नंबर पर हैं। आइए जानते हैं दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों के बारे में।
फ्रांस के बिजनेसमैन बर्नार्ड अरनॉल्ट फिलहाल अमीरों की सूची में टॉप पर आ गए हैं। बर्नार्ड फ्रेंच इन्वेस्टर होने के साथ ही LMVH के चेयरमैन और CEO भी हैं। फिलहाल इनकी कुल सम्पति 188.6 अरब डॉलर है। LMVH एक लक्ज़री ब्रांड है, जो बहुत कई महंगे प्रोडक्ट्स जैसे घड़ी, कपड़े, जूलरी और परफ्यूम बनाती है।
एलन मस्क की कुल संपत्ति 176.8 बिलियन डॉलर है। एलन मस्क टेस्ला के मालिक हैं, जो इलेक्ट्रिक कार बनाती है। इसके अलावा इनकी दूसरी कंपनी स्पेस एक्स है, जो कि अंतरिक्ष में लोगों को भेजने के साथ ही स्पेस यात्रा को और आसान बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। एलन मस्क ने कुछ महीनों पहले ही ट्विटर को भी खरीद लिया है।
भारत के मशहूर कारोबारी और एशिया के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी दुनिया के अमीरों की सूची में फिलहाल तीसरे नंबर पर हैं। उनकी संपत्ति $134.9 बिलियन डॉलर है। वे अडानी ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन हैं। उनकी कंपनी पोर्ट मैनेजमेंट, इलेक्ट्रिक पावर, माइनिंग, रिन्यूवेबल एनर्जी, एयरपोर्ट ऑपरेशन, ऑयल एंड गैस, फूड प्रोसेसिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में काम कर रही है।
अमेरिकी कंपनी अमेजॉन के फाउंडर जेफ बेजोस फिलहाल दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स हैं। इनकी कुल संपत्ति $115.7 अरब डॉलर है। इन्होंने 1994 में अमेजॉन की स्थापना की थी। शुरुआत में इनकी कंपनी सिर्फ किताबें बेचा करती थी, लेकिन आज ये कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी का खिताब अपने नाम कर चुकी है।
बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे अमीरों की लिस्ट में 5वें नंबर पर हैं। उनकी कुल संपत्ति 108.3 बिलियन डॉलर है। वॉरेन बफे का नाम दुनिया के सबसे कामयाब निवेशकों में शामिल है। उन्होंने कहा है कि दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल हर व्यक्ति को पैसे के कम से कम 2 स्रोत विकसित करने चाहिए। इसका फायदा यह है कि अगर किसी वजह से आपकी आमदनी का एक जरिया प्रभावित होता है, तो दूसरी जगह से कमाई होती रहेगी।
बिल गेट्स अमीरों की लिस्ट में छठे नंबर पर हैं। इनकी कुल सम्पति 106.9 बिलियन डॉलर है। कुछ साल पहले तक बिल गेट्स दुनिया के सबसे अमीर आदमी थे। इनकी आय का मुख्य जरिया माइक्रोसॉफ्ट है। ये इस कंपनी के फाउंडर हैं। इसके अलावा बिल गेट्स ने रिटेल, साइंस, एनर्जी, इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में भी निवेश किया है।
कंप्यूटर टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर फील्ड की जानी-मानी कंपनी ओरेकल कॉर्पोरेशन के मालिक लैरी एलिसन इस लिस्ट में 7वें नंबर पर हैं। इनकी कुल नेटवर्थ 102.9 बिलियन डॉलर है। एलिसन ने चार शादियां कीं लेकिन सभी पत्नियों से उनका तलाक हो चुका है। लैरी एलिसन अमेरिका के 41वें सबसे बड़े आइलैंड के मालिक भी हैं।
एक समय में भारत के सबसे अमीर बिजनेसमैन रहे रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी फिलहाल दुनिया के 8वें सबसे अमीर शख्स हैं। उनकी कुल संपत्ति 92.3 बिलियन डॉलर है। हालांकि, वो इस वक्त गौतम अडानी से काफी पीछे हैं। अंबानी की कंपनी पेट्रोलियम रिफाइनिंग, न्यू एनर्जी, टेक्सटाइल्स, पेट्रोकेमिकल्स, एक्सपलोरेशन एंड प्रोडक्शन, पॉलिस्टर, एरोमेटिक्स, रिटेल और कम्युनिकेशन के फील्ड में दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल काम कर रही हैं।
मशहूर सर्च इंजन गूगल के संस्थापक लैरी पेज फिलहाल इस लिस्ट में 9वें नंबर पर हैं। इस समय इनकी कुल संपत्ति 83 बिलियन डॉलर है। बता दें कि गूगल ने 2006 में अरबों डॉलर की डील कर यूट्यूब को खरीद लिया था। इसके अलावा भी गूगल के अन्य कई टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स हैं, जिससे इनकी इनकम होती दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल है।
माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व CEO रहे स्टीव बाल्मर फिलहाल अमीरों की लिस्ट में 10वें नंबर पर हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 82.8 अरब डॉलर है। बाल्मर ने 2000 से 2014 तक कंपनी में सीईओ रहे। स्टीव बाल्मर का जन्म 24 मार्च, 1956 को अमेरिका के डेट्रॉयट शहर में हुआ था। बाल्मर ने 11 जून 1980 को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ज्वॉइन की थी।
भारत में शिकंजे की खबरों के बीच भरभरा कर गिरे BitCoin के भाव, जानिए आप पर क्या होगा क्रिप्टो बैन का असर?
देश में लगभग 9-10 करोड़ लोगों का क्रिप्टो करेंसी में निवेश है। अभी तक लोगों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये डिजिटल करेंसी के रूप में इन्वेस्टमेंट किया है।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 24, 2021 10:44 IST
Photo:AP
भारत में शिकंजे की खबरों के बीच भरभरा कर गिरे BitCoin के भाव, जानिए आप पर क्या होगा क्रिप्टो बैन का असर?
Highlights
- बिटकॉइन सहित दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल दूसरी क्रिप्टो करेंसी में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा चुकी है
- क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाने के मामले में भारत दुनिया का नंबर 1 देश है
- दुनिया में इसका इस्तेमाल करने वाले 30 करोड़ से ज्यादा लोग हैं
अगर आप भी देश के उन लाखों लोगों में हैं जो क्रिप्टो में पैसा लगा चुके हैं या पैसा लगाने की तैयारी में हैं तो आपके लिए बुरी खबर है। केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। सिर्फ इसी खबर के चलते कल से क्रिप्टो करेंसी की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। बिटकॉइन सहित दूसरी क्रिप्टो करेंसी में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। एक आंकड़े के मुताबिक, क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाने के मामले में भारत दुनिया का नंबर 1 देश है। अमेरिका दूसरे नंबर पर है वहां लगभग 3 करोड़ इन्वेस्टर है
बता दें कि 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में सरकार, क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट करने वाला विधेयक संसद में पेश करेगी। 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' के नाम से लाए जा रहे विधेयक में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है। इस बिल के कानून बनने से सभी निवेशक प्रभावित हो सकते है।
आरबीआई लाएगा अपनी क्रिप्टो करेंसी
क्रिप्टो करेंसी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ ढील भी दे सकती है। किस क्रिप्टोकरेंसी को राहत मिलेगी। ये अभी साफ नहीं है। वहीं बिल की मदद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए सुविधाजनक फ्रेमवर्क मिलेगा।
धराशायी हुए क्रिप्टो बाजार
क्रिप्टो करेंसी बैन के लिए संसद में विधेयक पेश करने की खबर के बाद क्रिप्टो बाजार धरशायी हो गया। बीती रात 11 बजे के करीब सभी प्रमुख क्रिप्टो करेंसी में लगभग 15 प्रतिशत या उससे अधिक की गिरावट देखी गई। बिटकॉइन में 17 प्रतिशत से अधिक कमी दर्ज की गई। वहीं, इथीरियम में लगभग 15 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। टेदर में लगभग 18 प्रतिशत और कारडानी में 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
किस क्रिप्टो करेंसी में कितनी गिरावट?
- बिटकॉइन 17%
- इथीरियम 15%
- टेदर 16%
- कारडानो 17%
आम निवेशकों पर होगा क्या असर
अब सवाल है कि क्रिप्टो करेंसी पर अगर बैन लगती है तो इसका क्या असर होगा। इसे आपको आसान भाषा में समझाते हैं। देश में लगभग 9-10 करोड़ लोगों का क्रिप्टो करेंसी में निवेश है। अभी तक लोगों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये डिजिटल करेंसी के रूप में इन्वेस्टमेंट किया है। देश में बैन के बाद दुनिया भर में क्रिप्टो करेंसी के दाम गिरेंगे। भारत में जो निवेशक हैं उन्हें हर हाल में अपना क्रिप्टो बेचकर निकलना होगा। तकरीबन 10 करोड़ निवेशकों को सिर्फ और सिर्फ बेचना होगा, वे खरीद नहीं सकते। ऐसे में जब सभी को बेचना ही है तो फिर खरीदेगा कौन? - इस हालात में जिन लोगों ने अपना पैसा लगाया है उन्हें नुकसान सहकर भी अपना क्रिप्टो बेचना होगा।
पीएम मोदी ने भी किया आगाह
अभी हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया को बताया भी था कि जिस तरह से क्रिप्टो करेंसी में लोग पैसा लगा रहे हैं, वो खतरनाक हो सकता है।
आखिर ये क्रिप्टो करेंसी होता क्या है?
क्रिप्टो करेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। आसान भाषा में कहे तो ये कि इसे नोट या सिक्के की तरह हाथ में नहीं ले सकते। इसका कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है। ये डिजिटल एसेट्स होते हैं। क्रिप्टोग्राफी से इन्हें सेक्योर किया जाता है। इसमें लेन-देन पर कोई नियंत्रण नहीं होता है। हर एक क्रिप्टोकरेंसी, यूनिक प्रोग्राम कोड से बनाई जाती है जिससे कि एक ही क्रिप्टोकरेंसी की कॉपी बना लेना या धोखाधड़ी कर पाना तकरीबन नामुमकिन है। ये दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी करेंसी है।
ये काम कैसे करता है.
क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी यानी कि सरकार या फिर रिजर्व बैंक रेगुलेट नहीं करता है। ये पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड है और इंटरनेट पर ही इसका क्रिएशन, इंवेस्टमेंट और ट्रांजेक्शन होता है। भारत के लिहाज से बात करें तो सरकार या आरबीआई को नहीं पता कि ये कैसे बनाए जा रहे हैं। इसकी वैल्यू कैसे घट और बढ़ रही है या फिर इसका एक्सचेंज कैसे हो रहा है। दरअसल, इसका अपना एक पूरा इंटरनेट नेटवर्क है। जहां पर हर एक ट्रांजेक्शन की जानकारी सेव होती रहती है। इसे कोई सिंगल पर्सन या फिर कोई संस्था मॉनिटर नहीं कर रही होती। एक ही समय पर कई जगह इस पर काम होता रहता है।
सीएम योगी ने ‘डार्क वेब’ पर शिकंजा कसने के दिए निर्देश, अब एएनटीएफ लेगी एक्शन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में अवैध नशे के कारोबार के खिलाफ मुहिम में इंटरनेट की दुनिया के सबसे खतरनाक ‘डार्क वेब’ पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में अवैध नशे के कारोबार के खिलाफ मुहिम में इंटरनेट की दुनिया के सबसे खतरनाक ‘डार्क वेब’ पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए हैं. सीएम के निर्देशों के क्रम में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने प्रदेश में डार्क वेब के माध्यम से होने वाले अवैध ड्रग कारोबार के समूल नाश की रूपरेखा बना ली है और इसे अमलीजामा पहनाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है. उत्तर प्रदेश में पुलिस की एएनटीएफ ऐसी पहली विंग होगी, जो डार्क वेब पर शिकंजा कसेगी.
सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेशभर में ड्रग माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है और इसी के तहत एएनटीएफ का गठन किया गया है. तकनीकी का दुरुपयोग कर डार्क वेब, दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल सोशल मीडिया और क्रिप्टो करेंसी के जरिए सिंथेटिक नारकोटिक्स एंड साइकोट्रोपिक ड्रग की सप्लाई की जाती है. सीएम योगी ने हाल ही में प्रदेश में इसे रोकने के लिए एएनटीएफ को टास्क सौंपा है. इसके अलावा प्रदेश के बाराबंकी, फैजाबाद, शाहजहांपुर, बदायूं, बरेली, गाजीपुर, मऊ और रायबरेली में वैध अफीम की खेती होती है. इसके मद्देनजर सीएम योगी ने दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल अफीम की अवैध खरीद फरोख्त पर भी निगाह रखने के निर्देश एएनटीएफ को दिए हैं.
टीम में होंगे आईटी स्पेशलिस्ट और इंजीनीयर
सीएम योगी के निर्देशों के क्रम में सिंथेटिक नारकोटिक्स एंड साइकोट्रोपिक ड्रग के नेक्सस को तोड़ने के लिए एएनटीएफ में एक स्पेशल टीम का गठन किया जा रहा है, जिसमें आईटी स्पेशलिस्ट, साइबर एक्सपर्ट और साफ्टवेयर डवलपर होंगे. इसके अलावा एएनटीएफ के कार्मिकों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) से समन्वय स्थापित कर एएनटीएफ की स्पेशल टीम को ट्रेनिंग के लिए दिल्ली भेजा जाएगा. ऐसे गिरोह के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसटीएफ के एक्सपर्ट की भी मदद ली जाएगी.
क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से किया जाता है लेनदेन
सिंथेटिक नारकोटिक्स एंड साइकोट्रोपिक ड्रग को केमिकल्स के जरिए बनाया जाता है, जिसकी वजह से यह प्राकृतिक ड्रग से कहीं ज्यादा खतरनाक है. साइकोट्रोपिक के तहत करीब 112 ड्रग्स आती हैं, इसमें इंजेक्शन भी शामिल हैं. इसे बड़े पैमाने पर युवाओं तक पहुंचाने के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से लेनदेन भी किया जाता है.
जागरूकता अभियान भी चलाएगी टास्क फोर्स
सीएम योगी के निर्देश पर एएनटीएफ जागरूकता अभियान भी चलाएगी. ड्रग डिमांड रिडक्शन के तहत ड्रग लेने वाले लोगों को इसे बंद करने के लिए जागरूक किया जाएगा. इसके तहत रैली, सोशल और डिजिटल मीडिया के माध्यमों से प्रचार प्रसार किया जाएगा. ड्रग हॉर्म रिडक्शन के तहत नशा मुक्ति केंद्र में भी ऐसे लोगों को भर्ती किया जाएगा, ताकि वह नशे की लत को छोड़ दें. इसके लिए एनसीबी से भी समन्वय किया जाएगा.
नशे के अवैध कारोबार में जो भी लोग संलिप्त हैं, उनकी सारी संपत्ति जब्त होगी: सीएम योगी
एयर इंडिया सर्विस देने के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे खराब एयरलाइन कंपनी
नई दिल्ली। कुछ लोग यह मानते हैं कि ट्रैवलिंग इज़ ऑल अबाउट जर्नी, लेकिन ऐसे मामलों में यह अहम हो जाता है कि आप किस माध्यम से यात्रा कर रहे हैं। सफर के दौरान केबिन और सर्विस की गुणवत्ता से ज्यादा यह जानना जरूरी होता है कि आपको किस वजह से यात्रा में देरी हो रही है। गलत एयरलाइन्स में उड़ान भरना देरी के कारणों में सबसे ऊपर रहता है। लेकिन ऐसे में मुश्किल यह होती है कि आप कैसे तय करेंगे कि आपके लिए किस एयरलाइन्स का चुनाव करना मुफीद होगा, हमारे पास इसका भी जवाब है।
हर साल एविएशन इनसाइट कंपनी फ्लाइटस्टेट्स सबसे खराब और सबसे अच्छी एयरलाइन्स की लिस्ट जारी करती है जिसके जरिए आपके लिए यह चुनाव करना आसान हो जाता है कि आपके लिए कौन सी एयरलाइन में सफर करना बेहतर रहेगा।
साल 2016 की टॉप-10 खराब एयरलाइन
10. हैनन एयरलाइन्स - 30.3 फीसदी
9. कोरियन एयरलाइन्स - 31.74 फीसदी
8. एयर चाइना - 32.73 फीसदी
7. हॉन्ग-कॉन्ग एयरलाइन्स - 33.42 फीसदी
6. चाइना ईस्टर्न एयरलाइन्स - 35.8 फीसदी
5. आसियाना एयरलाइन्स - 37.46 फीसदी
4. फिलीपाइन एयरलाइन्स - 38.33 फीसदी
3. एयर इंडिया - 38.71 फीसदी
2. आइसलैंड एयर - 41.05 फीसदी
1. इल अल (El Al) - 56 फीसदी
टॉप-10 बेहतर एयरलाइन्स (2016)
10. कंतास (Qantas) - 15.7 फीसदी
9. टैम लिनहास अरियास - 14.93 फीसदी
8. डेल्टा एयरलाइन्स - 14.83 फीसदी
7. सिंगापुर एयरलाइन्स - 14.55 फीसदी
6. एएनए (ANA) - 14.46 फीसदी
5. ऑस्ट्रियन (Austrian) - 14.26 फीसदी
4. कतर एयरवेज़ - 13.66 फीसदी
3. जल (JAL) - 12.2 फीसदी
2. एलबेरिया (Iberia) - 11.82 फीसदी
1. केएलएम (KLM) - 11.47 फीसदी
बिटक्वाइन की दीवानगी से अमिताभ के 1.6 करोड़ हो गए 110 करोड़, क्रिप्टो करेंसी खरीदना आसान लेकिन बेचना लगभग असंभव
बिटक्वाइन की दीवानगी के कारण सदी के महानायक के 1.6 करोड़ रुपये का निवेश से 110 करोड़ रुपये हो चुका है। बच्चन परिवार ने यह निवेश ढाई साल पहले एक स्टॉक दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल में किया था। इसका मतलब यह नहीं कि आप भी बिटक्वाइन में अपनी गाढ़ी कमाई निवेश कर दें। आपको बता दें कि बिटक्वाइन खरीदना तो आसान है लेकिन उसे बेचना लगभग नामुमकिन। यह हम नहीं बल्कि गूगल के एक इंजीनियर ने ट्वीट करके दी है। आइए जानते हैं बिटक्वाइन की आसान खरीद और जटिल बिक्री के प्रोसीजर।
बिटक्वाइन ने अमिताभ के निवेश को ढाई साल में कर दिया 68 गुना
एक हिंदी वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल बच्चन परिवार ने ढाई साल पहले एक कंपनी के स्टॉक खरीदे थे। इसकी कीमत तब 1.6 करोड़ रुपये थी जो क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल करते हुए माइक्रोफाइनेंस उपलब्ध कराती थी। उसके इस क्रिप्टो करेंसी के कारोबार में बिटक्वाइन भी शामिल था। इधर दुनियाभर में बिटक्वाइन की दीवानगी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में कंपनी के शेयर में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया। इसी वजह से बच्चन परिवार का निवेश भी ढाई साल में 1.6 करोड़ से बढ़कर 110 करोड़ हो गया।
गूगल का इंजीनियर नहीं बेच पा रहा अपने बिटक्वाइन
अब आप बच्चन परिवार के निवेश को देखकर बिटक्वाइन खरीदने जा रहे हैं तो सबसे पहले यह जान लें कि बच्चन परिवार ने सीधे बिटक्वाइन नहीं खरीदा है बल्कि उन्होंने बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टो करेंसी का कारोबार करने वाली कंपनी के शेयर खरीदे हैं। दूसरी बात यह है कि बिटक्वाइन खरीदना तो आसान है लेकिन इसे बेचना बहुत मुश्किल दूसरे शब्दों में कहें तो आम आदमी के लिए लगभग नामुमकिन। अब आप गूगल के एक इंजीनियर की एक ट्वीट पढ़ें और जानें बिटक्वाइन को बेचकर मुनाफा नहीं कमा पाने का दर्द। उन्होंने टवीट करके लिखा है कि वह अपने कुछ बिटक्वाइन बेचने दुनिया का सबसे खराब क्रिप्टो ऑल की कोशिश कर रहे हैं लेकिन प्रक्रिया बेहद जटिल है। उन्होंने अपनी ट्वीट में आगे यह भी लिखा है कि इस बिटक्वाइन का न तो आप इस्तेमाल कर सकते हैं और न ही इसे किसी दूसरे करेंसी में बदल सकते हैं।
बिटक्वाइन के हर ट्रांजेक्शन पर 6 माइनर्स की सहमति जरूरी है। दुनिया भर में बिटक्वाइन के माइनर्स की संख्या बहुत ज्यादा सीमित है। यदि 10 लोग बिटक्वाइन बेचना चाहते हैं तो जो सबसे ज्यादा फीस देगा माइनर्स सबसे पहले उसका ट्रांजेक्शन कन्फर्म करेंगे। एक की सहमति आ भी जाए तो बाकी 5 के लिए आपको वेट करना पड़ेगा।
बढ़ रही है ट्रांजेक्शन फीस, हर तीन महीने में हो रही दोगुनी
जैसे-जैसे ट्रांजेक्शन बढ़ रहा है वैसे-वैसे ट्रांजेक्शन फीस भी बढ़ रही है। माइनर्स के पास सिर्फ कन्फर्मेशन का काम भी बढ़ रहा है। कई बार वे ज्यादा ट्रांजेक्शन फीस के चक्कर में जानबूझकर कन्फर्मेशन में देरी करते हैं। जिस रफ्तार से बिटक्वाइन की ट्रांजेक्शन फीस बढ़ रही है उसे देखते हुए ऐसा लग रहा है कि एक समय ऐसा आएगा जब बिटक्वाइन की कीमत से ज्यादा उसकी ट्रांजेक्शन फीस हो जाएगी। वैसे ज्यादातर टाइम ट्रांजेक्शन बढ़ने के साथ बैंडविथ का कंजेशन की वजह से भी ट्रांजेक्शन कन्फर्मेशन में देरी होती है।
40 परसेंट बिटक्वाइन सिर्फ 1000 लोगों के पास
दुनियाभर में बिटक्वाइन का 40 प्रतिशत सिर्फ 1000 लोगों के पास है। जरा सी निगेटिव खबर से इस क्रिप्टोकरेंसी में लोगों के करोड़ों-अरबों डूब सकते हैं। दरअसल ये 1000 लोग जब चाहें मार्केट में खलबली मचाने और मुनाफा कमाने के लिए कभी भी यह गेम खेल सकते हैं।
चुटकी में पिट सकता है दीवाला
2000 से 2008 के बीच शेयर बाजार में दुनिया भर के लोगों के अरबों स्वाहा हो गए थे। यह तब था जब शेयर मार्केट पूरी तरह नियामक और कानून के शिकंजे में कारोबार करता था। इसके बावजूद लोगों का दीवाला पिटा। अब इस क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन जिसकी दुनियाभर में किसी भी सरकार या बैंक से मान्यता नहीं है उसमें निवेश करना कितना खतरनाक होगा यह अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
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