भारत में आभासी मुद्रा के उपयोग को लेकर लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई है। केंद्र सरकार द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट अभी आनी है, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक सभी बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित कारोबार में संलग्न लोगों की बैंकिंग सहायता बंद कर चुका है। हालांकि नीतिगत और कानूनी अनिश्चितता के बीच क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कारोबारियों के लिए लगातार नई तकनीक विकसित कर रहे हैं। उन्होंने हाल में बैंकिंग प्रतिबंध को दरकिनार करने के लिए पीयर-टू-पीयर कारोबार की सुविधा शुरू की है।

क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी

आरबीआई ने गुरुवार को बैंकों समेत उसके नियमन दायरे में आने वाली सभी संस्थाओं को बिटकॉइन समेत क्रिप्टोकरेंसी में क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी लेनदेन करने वाले कारोबारों को सेवाएं नहीं देने का निर्देश दिया। बतौर आरबीआई, यह फैसला उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा और मनी लॉन्डरिंग रोकने के लिए हुआ है। दरअसल, आरबीआई पहले भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के खिलाफ चेतावनी दे चुका है।

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेट होगी बैन नहीं, कानूनी दर्जा भी नहीं मिलेगा : सूत्र

Cryptocurrency Bill : नए क्रिप्‍टोकरेंसी बिल की चर्चा के बीच सूत्रों ने 'Cryptoasset Bill' के हवाले से यह जानकारी दी है कि भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्‍टो को विनियमित किया जाएगा न कि प्रतिबंध‍ित.

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेट होगी बैन नहीं, कानूनी दर्जा भी नहीं मिलेगा : सूत्र

सरकार जल्द ही Cryptocurrency पर एक बिल पेश करने की तैयारी कर रही है (प्रतीकात्‍मक फोटो)

नए Cryptocurrency बिल के जरिए भारत में क्रिप्‍टो को बैन किए जाने की खबरों के बीच अब यह जानकारी निकल कर सामने आई है कि देश में सभी प्राइवेट क्रिप्‍टो को विनियमित किया जाएगा न कि प्रतिबंध‍ित. सूत्रों ने 'Cryptoasset Bill' के हवाले से यह जानकारी दी है. प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी बिल पर सरकार द्वारा सर्कुलेट किए गए कैबिनेट नोट ने निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के बजाय इसे विनियमित (रेगुलेट) करने का सुझाव दिया है. नोट में यह भी कहा गया है कि भारत में क्रिप्टो को कानूनी मुद्रा के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी. क्रिप्टोकरेंसी को मौजूदा क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के साथ ही निपटा जाएगा जिसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा. क्रिप्टोकरंसी रखने वालों को इसे घोषित करने और क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के तहत लाने के लिए एक कट-ऑफ तारीख निर्धारित की जाएगी - जिसे बाजार नियामक द्वारा विनियमित किया जाएगा.

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा प्रस्तावित वर्चुअल करेंसी को नए क्रिप्टो बिल के साथ नहीं जोड़ा गया है. हालांकि, केंद्रीय बैंक क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित मुद्दों को नियंत्रित करेगा. विनिमय प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों को डेढ़ साल तक के कारावास का प्रावधान है. इसके साथ ही नियामक द्वारा ₹5 करोड़ से ₹20 करोड़ तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों के लिए इन संपत्तियों का उपयोग करने वालों के लिए एक निवारक के रूप में, धन शोधन निवारण अधिनियम (क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी पीएमएलए) के प्रावधान उपयुक्त संशोधनों के साथ लागू होंगे.

वित्त मंत्री ने सदन में कही थी नया बिल लाने की बात

गौरतलब है कि केंद्रीय वित्‍त मंत्री वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद सरकार जल्द ही क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी Cryptocurrency पर एक बिल पेश करेगी. उन्होंने कहा था कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह विधेयक सदन में आएगा. सरकार ने संसद के पिछले सत्र (मानसून) में भी इसी तरह के एक विधेयक को सूचीबद्ध किया था, लेकिन इसे नहीं लिया गया था. निर्मला ने कहा, "पहले का प्रयास निश्चित रूप से एक विधेयक लाने का था लेकिन, बाद में, तेजी से कई चीजें चलन में आयीं, हमने एक नए बिल पर काम करना शुरू कर दिया.

उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के दौरान भी विधेयक लाने का "गंभीरता से प्रयास" किया गया था, प्रस्तावित विधेयक के जल्द ही पेश किए जाने की संभावना है.उन्होंने कहा कि भारत में Cryptocurrency विनियमित (रेगुलेट) नहीं है और सरकार Cryptocurrency में लेनदेन से क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी जुड़े आकंड़े एकत्र नहीं करती है. उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार, रिजर्व बैंक और ‘सेबी' लोगों को Cryptocurrency के बारे में आगाह करते रहे हैं कि यह "काफी जोखिम भरा" क्षेत्र हो सकता है और इस संबंध में और जागरूकता पैदा करने की जरूरत है.

एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में सीतारमण ने कहा था कि सरकार Cryptocurrency से संबंधित धोखाधड़ी पर विशिष्ट जानकारी नहीं रखती और वित्तीय धोखाधड़ी के मामले राज्य का विषय होते हैं. हालांकि उन्होंने बताया था कि क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी से संबंधित आठ मामलों की जांच प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही है.

बिटकॉइन लेनदेन पर बैंक खाता बंद, क्या हों उपाय

► भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश पर बैंक क्रिप्टोकरेंसी कारोबार में लेनदेन के संदेह पर किसी भी व्यक्ति के बैंक खाते को बंद कर सकते हैं
नोडल अधिकारी के पास दर्ज कराएं शिकायत
बैंक खाता बंद कर सकते क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी हैं, लेकिन खाते की रकम जब्त नहीं कर सकते
बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं
सेवाओं में रुकावट को लेकर उपभोक्ता अदालत में भी दर्ज करा सकते हैं मामला
सर्वोच्च न्यायालय में आरबीआई आदेश के खिलाफ याचिका पर 11 सितंबर को अंतिम सुनवाई

बिजनेस स�?टैंडर�?ड बिटकॉइन लेनदेन पर बैंक खाता बंद, क्या हों उपाय

भारत में आभासी मुद्रा के उपयोग को लेकर लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई है। केंद्र सरकार द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट अभी आनी है, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक सभी बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित कारोबार में संलग्न लोगों की बैंकिंग सहायता बंद कर चुका है। हालांकि नीतिगत और कानूनी अनिश्चितता के बीच क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कारोबारियों के लिए लगातार नई तकनीक विकसित कर रहे हैं। उन्होंने हाल में बैंकिंग प्रतिबंध को दरकिनार करने के लिए पीयर-टू-पीयर कारोबार की सुविधा शुरू की है।

क्रिप्टोकरेंसी कारोबार में आए नए कारोबारी पीयर-टू-पीयर लेनदेन का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन वे केंद्रीय बैंक के निर्देश को लेकर चिंतित भी हैं। एक कारोबारी ने पूछा कि क्या केवल संदेह की स्थिति में हमारा बैंक खाता बंद किया जा सकता है और ऐसा होने पर हमारे पास क्या विकल्प होंगे? दरअसल, कई कारोबारियों के मन में इस तरह का संशय है। बैंक लगातार अपने ग्राहकों को आभासी मुद्राओं में कारोबार न करने की सलाह दे रहे हैं और संदिग्ध गतिविधि पाए जाने की स्थिति में बैंक खाता बंद करने की चेतावनी दे रहे हैं।

आभासी मुद्रा से संबंधित कानूनी फार्म क्रिप्टो कानून में सलाहकार और वकील मोहम्मद दानिश का मानना है कि आरबीआई के दिशानिर्देशों के बाद अगर बैंक को किसी भी खाते पर क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन में शामिल होने का संदेह होता है तो बैंक के पास उस खाते को बंद करने के पूरे अधिकार हैं। हालांकि संबंधित बैंक खाते से जुड़े व्यक्ति के पास ऐसी परिस्थिति में कई विकल्प हैं।

वह कहते हैं, 'यदि व्यक्ति ने किसी भी क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन नहीं किया है तो उसके पास 3 विकल्प हैं। पहला, वह संबंधित बैंक के नोडल अधिकारी के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। दूसरा, खाताधारक बैंकिंग लोकपाल से शिकायत कर सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर क्षेत्रवार बैंकिंग लोकपालों के बारे में जानकारी है। तीसरा, क्योंकि बैंक और खाताधारक के बीच उपभोक्ता और सेवा प्रदाता का संबंध होता है इसलिए खाताधारक बैंक की सेवाओं में रुकावट को लेकर उपभोक्ता अदालत जा सकता है।'

इस मामले पर कई निजी और सरकारी बैंकों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने ब्योरा देने से इनकार कर दिया और कहा कि वे अभी क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित किसी मसले पर जानकारी सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं। एक निजी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने यह जरूर बताया कि इस तरह के किसी भी मामले में बैंकिंग अधिनियम के तहत ही कार्रवाई की जाएगी और उसी के अनुसार खाताधारक बंद किए गए खाते से रुपये वापस ले सकेगा। सवाल यह भी है कि बैंक कैसे यह जान सकते हैं कि कोई खाताधारक क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित लेनदेन के लिए रुपये अपने खाते से किसी और खाते में भेज रहा है?

मोहम्मद दानिश बताते हैं कि बैंक केवल संदेह के आधार पर ही ऐसा कर सकते हैं। वह कहते हैं, 'इसका केवल एक ही तरीका है कि संबंधित खाताधारक ने रुपये भेजते समय उसके कारण में यह लिखा हो कि वह क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए रुपया भेज रहा है। बैंक किसी भी लेनदेन के उद्देश्य को सत्यापित नहीं कर सकते और उनके पास इससे संबंधित कोई कानूनी शक्ति नहीं है।'

हालांकि अगर यह भी सत्यापित हो जाता है कि किसी खाताधारक ने क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन के लिए ही बैंक खाते की धनराशि का उपयोग किया है, फिर भी बैंक उस खाते को बंद तो कर सकते हैं, लेकिन उस खाते में रखे रुपये जब्त नहीं कर सकते। दानिश बताते हैं, 'इसके लिए बैंक किसी भी तरह की सजा नहीं दे सकते। देश में क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार को लेकर अभी नियम नहीं बने हैं और ना ही सरकार ने इस तरह के लेनदेन को गैरकानूनी घोषित किया है।'

वह कहते हैं कि अगर ऐसी परिस्थितियों में बैंक खाता बंद हो जाता है, तो खाताधारक या तो बैंकिंग लोकपाल के पास जा सकता है या किसी न्यायालय में अपने रुपयों की वापसी के लिए याचिका दायर कर सकता है। अर्थात, बैंक खाते में जमा आपका रुपया सुरक्षित है।

गौरतलब है कि भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए एक समिति का गठन किया है, जो अगले कुछ महीनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है। साथ ही, कई क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और संस्थाओं की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक के आदेश के खिलाफ दायर याचिका के मामले में सर्वोच्च न्यायालय 11 सितंबर को अंतिम सुनवाई करेगा।

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