निवेशकों को फिर किया अगाह
क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को आगाह करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ऐसी संपत्तियों का कोई आधार नहीं है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि आगे भी किप्टोकरेंसी पर भारत सरकार और आरबीआई का रुख क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य सख्त रहने वाला है। गौरतलब है कि केंद्रीय बजट में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया गया है। इसके अलावा वर्चुअली डिजिटली एसेट्स को ट्रांसफर करने पर 1% TDS भी देना होगा।
Cryptocurrency News: भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य पर आज अहम बैठक, इन प्रमुख मुद्दों पर संसदीय कमेटी करेगी चर्चा – अमर उजाला – Amar Ujala
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भारत में क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे को लेकर गहमा गहमी तेज हो गई है। बीते हफ्ते प्रधानमंत्री की अगुआई में 13 नवंबर को इस संबंध में बैठक हुई थी। अब आज फिर इस मुद्दे को लेकर संसदीय कमेटी बैठक करने जा रही है। कई रिपोर्टों के अनुसार, ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक विधेयक पेश कर सकती है। इसी को लेकर आज की बैठक में चर्चा होनी है। यह बैठक आज दोपहर तीन बजे होनी है।
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बीते हफ्ते प्रधानमंत्री की अगुआई में हुई थी बैठक
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह सजग नजर आ रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में इस मुद्दे पर 13 नवंबर को बैठक हो चुकी है। इस बैठक में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विभिन्न देशों और दुनियाभर के विशेषज्ञों से इस बारे में परामर्श के बाद चर्चा की गई थी। अब सरकार ने इस मुद्दे पर बड़ा फैसला लेने के लिए मन बना लिया है।
Cryptocurrency Update: आपने भी लगाया है क्रिप्टोकरेंसी में पैसा तो जरुर जाने इस पर रिजर्व बैंक की चेतावनी
RBI on Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बजट के बाद से बहुत सी अटकलें लगाईं जा रही है। जिसे लेकर RBI ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत में के भविष्य को लगभग क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य स्पष्ट कर दिया है। आइये जानते हैं RBI गवर्नर ने इस पर क्या कहा है .
क्रिप्टोकरेंसी पर रिजर्व बैंक के गवर्नर
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपना रुख एक बार फिर साफ किया है। RBI की मौद्रिक पॉलिसी समीक्षा गुरुवार को पेश करते हुए शक्तिकांत दास ने फिर दोहराया कि क्रिप्टोकरेंसी भारत की आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने साफ किया कि निजी क्रिप्टोकरेंसी व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा हैं, और दोनों मोर्चों पर क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य चुनौतियों से निपटने की इसकी क्षमता को कमजोर करते हैं। उन्होंने कहा कि RBI को इस भारी उतार-चढ़ाव वाली मुद्रा को लेकर बड़ी चिंता हैं।
भारत में क्रिप्टो करेंसी : जोखिम या अवसर
लंबे समय से रिर्ज़व बैंक (आरबीआई)ने क्रिप्टो करेंसी के जोखिम से जनता को सावधान किया है
– लेखक, आदित्य राज (एडवोकेट)
साधारण रूप से करेंसी (मुद्रा) माल एंव सेवाओं के बेचने-खरीदने का माध्यम का काम करती है। क्रिप्टो-करेंसी (जैसे-बिट कॉइन, इत्यादि) के द्वारा भी यही काम किया जा सकता है। लंबे समय से रिर्ज़व बैंक (आरबीआई)ने क्रिप्टो-करेंसी के जोखिम से जनता को सावधान किया है। वहीं दूसरी ओर कुछ जानकारों की माने तो मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने क्रिप्टो-करेंसी के मुद्दे को एक नया आयाम दिया है। 180 पन्नों के इस फैसले को क्रिप्टो-करेंसी के पक्षकारों ने सकारात्मक रूप से देखा है। यह स्पष्ट है कि सरकार के सामने दो परस्पर विरोधाभासी विकल्प है –कुल मिलाकर हम उपन्यास “कैच-22” जैसी स्थिति में है। आख़िर भारत सरकार की क्रिप्टो-करेंसी को लेकर क्या असहजताऐं हैं? इस सवाल का जबाव हमें आज के दौर मेंतेजी से बदलती हुई दुनिया के बीच आर्थिक पहलुओं पर घटती राष्ट्रीय संप्रभुता में ढुँढना होगा।
आसान भाषा में समझे क्रिप्टो-करेंसी / डिजिटल करेंसी क्या है ?
क्रिप्टो-करेंसी का मुद्दा नया नहीं है,सबसे प्रचलित क्रिप्टो-करेंसीबिट कॉइन 2010 से ही प्रचलन में आ गयी थी। वैसे क्रिप्टो-करेंसी काफी तकनीकी विषय है। यदि इसे आसान भाषा में समझा जाए तो क्रिप्टो-करेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है जो किसी केंद्रीय बैंक से संचालित नहीं है औरइसे कई क्रिप्टोग्राफी तकनीकें जैसे-“ब्लाकचैन” क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य द्वारा इन्हें रिकार्ड किया जाता है। इस प्रकार एक जाली क्रिप्टो-करेंसी बनना काफी मुश्किल है। वहीं दुसरी ओर क्रिप्टो-करेंसी जैसे बिटकॉइन निर्धारित संख्या तक ही उपलब्ध हो सकती है।(वर्तमान में लगभग 21 मिलियन तक।) यदि हम बिटकॉइन को एक प्रकार का सोना मानें (क्योंकि सोना भी एक मात्रा से ज्यादा उपलब्ध नहीं है) तो इसका मूल्य कहीं और अधिक हो जाता है। साथ ही साथ इसमे मुद्रास्फीति का भी डर नहीं है क्योंकि यहाँ कोई एक केंद्रीय बैंक नहीं है जो अचानक नोटों क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य को प्रिंट कर उनकी संख्या बढ़ा दे। ये सभी बातें क्रिप्टो-करेंसी को खास बनाती क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य है। आज विश्व में कई क्रिप्टो-करेंसी प्रचलन में है और2020 मेंक्रिप्टो-करेंसी ने कई खबरें बनाई हे– जेसे बिटकॉइन का डॉलर में एक के बाद एक रिकार्ड तोड्ना। क्रिप्टो-करेंसी निवेश का एक नया “क्रेज़” साबित हो रहीं हैं। (हालांकि अमरिका में क्रिप्टो-करेंसी लीगल टेंड़र नहीं है।) भारत मेंभी क्रिप्टो-करेंसी का यही “ट्रेंड़” निवेशकों को रिझा रहा है।
चीन समेत दुनिया के कई देश अपनी खुद की डिजिटल करेंसी बनाने की दिशा में काम कर रहे है
भारत सरकार के सामने ये एक नई चुनौती है। सरकार सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकती। क्रिप्टो-करेंसी को भारत में भी सार्थक रूप से उपलब्ध कराना भी सरकार के लिए आवश्यक है। भारत दुनिया से अलग-थलगनहीं रह सकता। अतएव क्रिप्टो-करेंसी में बढते निवेश को नकारा नहीं जा सकता–अर्थात् हम पुरातनवादी सोच का शिकार नहीं बन सकते। भारत का आईटी सेक्टर का व्यापार 2025 तक 350 बिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है और लाखों लोग रोजगार के लिए इस पर प्रत्यक्ष रूप से निर्भर हैं। क्रिप्टो-करेंसी की वैश्विक दौड़ में हम पिछड़ना स्वीकार नहीं कर सकते खासकर तब जब भारत अपनी आईटी सेक्टर काबिलियत से क्रिप्टो-करेंसी की दुनिया में पेंठ बना सकता है। चीन समेत दुनिया के कई देश अपनी खुद की डिजिटल करेंसी बनाने की दिशा में काम कर रहे है। (स्वाभाविक है कि भारत भी इस दिशा में क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य आगे बढ़ेगा।)
Elon Musk के पास Bitcoin
यदि सभी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है, तो वे बिटकॉइन और डॉगकॉइन के साथ ऊपर और नीचे जाते हैं। एलन मस्क क्रिप्टोकरेंसी में कई बार अपने स्टेटमेन के जरिए उतार-चढ़ाव कराते रहते हैं। एलन मस्क के इस कदम से बिटकॉइन के प्रति उत्साही भी वास्तव में परेशान हैं क्योंकि एलोन मस्क के बयान से एक दिन में क्रिप्टोकरेंसी की कीमत टूट जाती है।
सवाल यह है कि एलोन मस्क के पास कितनी क्रिप्टोकरेंसी है? ग्लोबल हेज फंड स्काईब्रिज कैपिटल के संस्थापक एंथनी के अनुसार, एलोन मस्क के पास बिटकॉइन में $ 5 बिलियन की संपत्ति है।
एशिया के अमीर क्रिप्टो निवेशक
अगर हम क्रिप्टो करेंसी के एशियाई निवेशकों की बात करें तो इनमें मिक्री झान, झाओ और अन्य शामिल हैं। इनमें जापान के क्रिप्टो निवेश सातोशी नाकामोटो भी शामिल हैं। चीन के मिकरी झान के पास बिटमैन नाम की एक कंपनी है, जो दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग कंपनी है। बिनेंस के संस्थापक और सीईओ चांगपेंग झाओ भी एशिया से हैं। बिटमैन के सह-संस्थापक और OKCoin.com (OKCoin.com) के संस्थापक जिहान और ली लिन नाम के निवेशक भी एशिया से हैं। उनके पास दुनिया का अग्रणी डिजिटल मुद्रा व्यापार मंच हुओबी है।
(bitcoin) की वजह से कैमरॉन और टाइलर विंकलवॉस को पहले अरबपति माना जा सकता है। विंकल कई क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करती है। इसके साथ ही विंकल ब्लॉकचेन से जुड़े बिजनेस में भी निवेश करती है। उनका जेमिनी एक्सचेंज में भी निवेश है। ये दोनों भाई bitcoin के अलावा एथेरियम में भी निवेश करते हैं। यह क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य भी दावा किया जाता है कि अभी जितना बिटकॉइन जो बाजार में है उसका एक प्रतिशत इन दोनों भाइयों के पास है। ऐसा अनुमान है कि दोनों के पास 1,80,000 बिटकॉइन हैं।
Mumbai News
‘आईएनएस मोरमुगाओ’ को सेना में शामिल किए जाने के लिए मुंबई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘आईएनएस मोरमुगाओ’ युद्धपोत डिजाइन करने और उसे विकसित करने में भारत की उत्कृष्टता का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि भारत को स्वदेश निर्मित पोत का केंद्र बनाना लक्ष्य है। उन्होंने ‘आईएनएस मोरमुगाओ’ को सबसे शक्तिशाली स्वदेशी युद्धपोतों में से एक और प्रौद्योगिकी आधार पर सबसे उन्नत युद्धपोत बताया। उन्होंने कहा कि युद्धपोत को शामिल किए जाने से भारत की समुद्री ताकत मजबूत होगी और यह राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा।
सिंह ने कहा, ‘‘आईएनएस मोरमुगाओ प्रौद्योगिकी के रूप से दुनिया के सबसे उन्नत मिसाइल पोतों में से एक है। इसके निर्माण में 75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है और यह युद्धपोतों के डिजाइन एवं विकास में भारत की उत्कृष्टता का प्रमाण है तथा स्वदेशी रक्षा उत्पादन में हमारी बढ़ती क्षमताओं का एक बेहतरीन उदाहरण है।’’
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