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NSE Or BSE Which Is Better? कौनसा शेयर बाजार अच्छा है?
डियर पाठक स्वागत है आपका स्टॉक पत्रिका परिवार में आज के इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि, NSE स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है Or BSE Which Is Better? कौनसा शेयर बाजार अच्छा है? क्योंकि जब भी आप कोई अखबार या न्यूज़ पढ़ते हो तो आपको NSE Or BSE नाम अवश्य सुनने को मिले होंगे और अगर आप ट्रेडिंग करना चाहते हो तो यह जानकारी आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाली है तो डियर पाठक आप से गुजारिश है कि इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें
जिससे कि आप यह जान पाएंगे कौन सा स्टॉक एक्सचेंज बेहतर है और NSE और BSE में आखिर क्या अंतर है और कौन से स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग करना अच्छा होता है कौनसे स्टॉक एक्सचेंज में क्या होता है आपके इन सारे सवालों के उत्तर आगे आने वाले हैं
BSE क्या है? NSE Or BSE Which Is Better?
बीएससी का मतलब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) है और यह भारत का पहला और सबसे बड़ा सिक्योरिटी मार्केट है। इसकी स्थापना 1875 में नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के रूप में हुई थी। मुंबई स्थित मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में लगभग 6,000 कंपनियां लिस्टेड हैं और NYSE, नास्दक, लंदन स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप, जापान एक्सचेंज ग्रुप और शंघाई स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है स्टॉक एक्सचेंज के साथ ही BSE दुनिया के 11 सबसे बड़े एक्सचेंजों में से एक है। इन्वेस्टिंग में रुपए जुटाने के लिए भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए कारगर मंच उपलब्ध करवाकर और शेयर मार्केट के विकास में बीएसई की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
साथ ही आपको यह भी बताते चले कि BSE इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्रणाली के लिए जाना जाता है, जिसमें तेज और प्रभावी ट्रेड एक्सीक्यूशन उपलब्ध कराता है। BSE इन्वेस्टरो को इक्विटीज, करेंसीज, डेट इंस्ट्रूमेंट्स, डेरिवेटिव्स और म्युचुअल फंड्स में ट्रेड करने अनुमति देता है। और आपको बता दें कि बीएसई इन सब सेवाओं के साथ साथ रिस्क मैनेजमेंट, क्लीयरिंग, सेटलमेंट जैसी अन्य महत्वपूर्ण स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग सेवाएं भी उपलब्ध करता है।
NSE क्या है? NSE Or BSE Which Is Better?
NSE का पूरा नाम National Stock Exchange Of India Limited जिसका हिंदी में पूरा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड है.
NSE भारत का पहला Electronic Stock Trading प्रदान करवाने वाला स्टॉक एक्सचेंज है. स्टॉक मार्केट में 1992 में हर्षद मेहता के स्कैम के बाद भारत सरकार ने निवेशकों के हितों की रक्षा करने तथा शेयर बाजार को नियंत्रण करने वाली संस्था SEBI का गठन किया. उस समय BSE ही एकमात्र स्टॉक एक्सचेंज हुआ करता था. NSE भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से विकसित स्टॉक एक्सचेंज है. NSE की स्थापना के बाद ही स्टॉक मार्केट में कागजी कार्यवाही के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुवात हुई, और स्टॉक मार्केट में अधिक पारदर्शिता बनी.
हमने एक टेबल के माध्यम से यह समझाने का प्रयास किया है कि BSE और NSE मे कितना अंतर है।
NSE और BSE में अंतर
NSE | BSE |
---|---|
NSE का फुल फॉर्म National Stock Exchange है. | BSE का फुल फॉर्म Bombay Stock Exchange है. |
NSE की स्थापना 1992 में हुई थी. | BSE की स्थापना 1875 में हुई थी. |
NSE भारत का दूसरा स्टॉक एक्सचेंज है. | BSE भारत का पुराना स्टॉक एक्सचेंज है. |
NSE का इंडेक्स Nifty है. जिसमें शीर्ष 50 कंपनियों को लिस्ट किया गया है. | BSE का इंडेक्स Sensex है. जिसमें 30 शीर्ष कंपनियों को लिस्ट किया गया है. |
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम को सबसे पहले NSE ने 1992 में शुरू किया था. | BSE में इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम की शुरुवात 1995 में की. |
NSE को 1993 में स्टॉक एक्सचेंज के रूप में पहचान मिली. | BSE को 1957 में स्टॉक एक्सचेंज के रूप में पहचान मिली. |
ग्लोबल रैंक 11 है. | ग्लोबल रैंक 10 है. |
2000 कंपनियां लिस्टेड हैं. | 6000 कंपनियां लिस्टेड हैं. |
दोनों एक्सचेंज के सूचकांक(INDEX) :
- NSE का सूचकांक NIFTY (‘N’=NSE तथा ‘IFTY’=fifty यानि NSE-50)| “NIFTY INDEX” NSE में स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिनिधित्व करती है। और
- BSE का सूचकांक “SENSEX” (“सेंसिटिव इंडेक्स”) । “SENSEX INDEX” BSE में सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिनिधित्व(represent) करती है।
SENSEX और NIFTY INDEX की गणना “free float market capitalization” विधि से की जाती है। यानी सेन्सेक्स की गणना “मार्केट कैपिटलाइजेशन-वेटेज मेथेडोलॉजी” के आधार पर की जाती है।
National Stock Exchange क्या है ?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मुंबई में स्थित है, यह भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह 1992 से अस्तित्व में आया और यहीं से इलेक्ट्रोनिक एक्सचेंज सिस्टम की शुरुआत हुई और पेपर सिस्टम खत्म हुआ।
एनएसई ने 1996 से निफ्टी की शुरुआत की, जो टॉप 50 स्टॉक इंडेक्स दे रहा था और यह तेजी से भारतीय पूंजी बाज़ार की रीड बना। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को 1992 को कंपनी के रूप में पहचान मिली और 1992 में इसे सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट, 1956 के तहत कर भुगतान कंपनी के रूप में स्थापित किया गया।
National stock exchange दुनिया का 11 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसका बजार पूंजीकरण (market capitalization) अप्रैल 2018 तक 2.27 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुच गया था ।
BSE यानि BOMBAY STOCK EXCHANGE स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है क्या है ? :
बीएसई की स्थापना 1875 में हुई, इसे नेटिव शेयर और स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन’ के नाम से जाना जाता था। इसके बाद, 1957 के बाद भारत सरकार ने सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956 के तहत इसे भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दे दी।
सेन्सेक्स की शुरुआत 1986 में हुई, यह भारत का पहला इक्विटी इंडेक्स है जो कि टॉप 30 एक्सचेंज ट्रेडिंग कंपनियों को एक पहचान दे रहा था। सेंसेक्स का आधार वर्ष 1978-79 है।
1995 में, बीएसई की ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू हुई, उस समय इसकी क्षमता एक दिन में 8 मिलियन ट्रांजेक्शन थी।
बीएसई एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है, और यह मार्केट डेटा सर्विस, रिस्क मैनेजमेंट, सीडीएसएल (सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड), डिपॉजिटरी सर्विसेज आदि सेवाएँ प्रदान करता है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दुनिया का 12वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, आउर जुलाई 2017 को इसका बाजार पूंजीकरण 2 ट्रिलियन डॉलर से ज़्यादा था।
बीएसई और एनएसई में मुख्य अंतर :
- बीएसई और एनएसई दोनों भारत के बड़े शेयर बाज़ार हैं।
- बीएसई पुराना और एनएसई नया है।
- टॉप स्टॉक एक्सचेंज में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 10वां स्थान है वहीं एनएसई का 11वां।
- इलेक्ट्रॉनिक एक्चेंज सिस्टम पहली बार एनएसई में 1992 में और बीएसई में 1995 में शुरू किया गया।
- कितने शेयरों को शामिल किया जाता है : एनएसई का निफ्टी इंडेक्स 50 स्टॉक इंडेक्स दिखाता है वहीं बीएसई का सेन्सेक्स 30 स्टॉक एक्सचेंज दिखाता है।
- बीएसई को 1957 में स्टॉक एक्सचेंज के रूप में पहचान मिली वहीं एनएसई को 1993 में पहचान मिली।
- एनएसई भारत का सबसे बड़ा एक्सचेंज है, बीएसई सबसे पुराना है।
- बीएसई 1875 में स्थापित हुआ, जब कि एनएसई 1992 में।
- एनएसई का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी है, स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है जब कि बीएसई का सेन्सेक्स है। एनएसई में 1696 और बीएसई में 5749 कंपनियाँ सूचीबद्ध हैं।
- इनकी स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है ग्लोबल रैंक 11 और 10 है।
NSE क्या है और NSE और BSE में अंतर – National Stock Exchange In Hindi
NSE Full Form in Hindi: पिछले लेख में हमने आपको BSE (Bombay Stock Exchange) के बारे में बताया था, आज के इस लेख में हम आपको भारत के सबसे बड़े शेयर बाजार National Stock Exchange के बारे में बताएँगे.
इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि NSE क्या है, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज इन हिंदी, NSE का इतिहास, NSE के उद्देश्य और BSE तथा NSE में क्या अंतर है.
NSE भारत का सबसे बड़ा शेयर बाजार है जिसकी स्थापना भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से किया गया था. NSE के आने के बाद ही शेयरों की लेन – देन कंप्यूटराइज्ड तरीके स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है से होने लगी और सारा पेपर वर्क को ख़त्म किया गया.
शेयर बाजार के कंप्यूटराइज्ड होने से निवेशकों के हितों की रक्षा हो सकी और शेयर बाजार में होने वाले Scam पर रोक लगी. एक निवेशक को NSE के बारे में जानकारी होना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शेयरों के लेन – देन के बारे में. और NSE के बारे में पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी.
प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट में क्या अंतर है? कैसे होता है इसमें निवेश
यदि आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आपको पहले प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट के बीच के अंतर को समझना होगा . शेयर मार्केट के एक्सपर्ट आमतौर पर प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं . आपने भी प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट के बारे में अक्सर सुना होगा . क्या आप जानते हैं इनका क्या मतलब होता है और इनमें क्या स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है अंतर है ? दरअसल शेयर मार्केट दो तरह के होते हैं – प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट . क्या आपको पता है कि दोनों मार्केट एक दूसरे से कैसे अलग हैं ?
प्राइमरी मार्केट
नई सिक्योरिटीज जैसे नए स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है शेयर और बांड प्राइमरी मार्केट में जारी किए जाते हैं . प्राइमरी मार्केट में कंपनियां निवेशकों को शेयर बेचती हैं और पैसा जुटाती हैं . प्राइमरी मार्केट में सीधे कंपनी और निवेशकों के बीच लेनदेन होता है . ऐसे कई अलग – अलग तरीके हैं जिनके माध्यम से एक कंपनी प्राइमरी मार्केट से पूंजी जुटा सकती है . इनमें पब्लिक इश्यू (IPO), प्राइवेट प्लेसमेंट और राइट्स इश्यू शामिल हैं .
एनएसई क्या है – What is NSE in Hindi
एनएसई को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जानते हैं। जिसे व्यापार में दक्षता लाने एवं ट्रेडर्स के बढ़ते आधार को देखते हुए। पहली बार हमारे देश में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत की गयी। एनएसई (NSE) के शुरुआत करने का मुख्य उद्देश्य यह था कि कागजों पर होने वाले सेटलमेंट को पूरी तरह खत्म किया जाए। निफ्टी को मुख्य सूचकांक के रूप में 1995 में शुरू किया गया था। जिसके नेटवर्क का विस्तार करीब 2000 शहरों में कराया गया। आज के समय कुल 1600 कंपनियाँ एनएसई (NSE) में लिस्टेड है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है – How National Stock Exchange Works in Hindi
यहाँ कुल 1600 कंपनियाँ एनएसई (NSE) में लिस्टेड है, जिन कंपनियों के शेयर को यहाँ से खरीद और बेंच सकते हैं। किसी भी कंपनी को यहाँ अपना शेयर लिस्टेड करने के लिए सबसे पहले सेबी (SEBI) से अप्रूवल लेना पड़ता है।
- बीएसई (BSE) एशिया का सबसे पुराना शेयर बाज़ार है। जिसमें लगभग 5000 कंपनियाँ लिस्टेड है। तो वही एनएसई (NSE) न्यू शेयर मार्केट है। जिसमें 1600 कंपनियाँ लिस्टेड है।
- बीएसई का स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत दसवां स्थान है। तो एनएसई स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत 11वा स्थान पर काबिज है।
अंतिम शब्द
दोस्तों हमने इस आर्टिकल (What is BSE and NSE in Hindi) के माध्यम से आपको बताया कि बीएसई और एनएसई क्या है (What is BSE and NSE in Hindi) और इन दोनों के बीच क्या (What is Difference between BSE and NSE in Hindi) अंतर है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आपके मन में कोई प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएँ।
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