नई दिल्‍ली। भविष्य की करेंसी कही जा रही क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को मोदी सरकार के बड़े ऐलान के बाद तगड़ा झटका लगा है, क्‍योंकि भारत सरकार क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency) पर बैन लगाने की तैयारी में है। सभी निजी क्रिप्टोकरेंसीज को बैन किया जा सकता है। बकायादा भारत सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस बारे में बिल लेकर आएगी। इसी बीच बैन की खबर आते ही मंगलवार को सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी धड़ाम हो गईं। ज्यादातर में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई।

50 हजार रुपये लगाकर कैसे इस शख्स ने खड़ी कर दी 50 करोड़ के रेवेन्यू वाली कंपनी

50 हजार रुपये लगाकर कैसे इस शख्स ने खड़ी कर दी 50 करोड़ के रेवेन्यू वाली कंपनी

भारत में अभी भी जहां एक ओर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को उभरती हुई टेक्नोलॉजी में गिना जाता है वहीं दूसरी ओर एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने 50,000 रुपये का निवेश कर इस टेक्नोलॉजी की बदौलत 50 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाने वाली कंपनी खड़ी कर दी. जानिए .ये शख्स कौन है, और कैसे उन्होंने ये कंपनी खड़ी की?

Markets&Markets की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल ब्लॉकचेन मार्केट का आकार 68.4% के CAGR (compound annual growth rate) से 2026 तक 67.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य पहुंचने का अनुमान है. भारत में अभी भी जहां एक ओर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को उभरती हुई टेक्नोलॉजी में गिना जाता है वहीं दूसरी ओर एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने 50,000 रुपये का निवेश कर इस टेक्नोलॉजी की बदौलत 50 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाने वाली भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य कंपनी खड़ी कर दी.

उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले अभिजीत शुक्ला Tarality Ecosystems Pvt. Ltd. और Revolution Games के सीईओ और डायरेक्टर हैं. झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से बी.टेक कर चुके अभिजीत को बैंकिंग और फाइनेंस इंडस्ट्री में भी काम करने का अनुभव है. वे बतौर लीड कंप्यूटर साइंटिस्ट कई संवेदनशील और महत्वपूर्ण सरकारी परियोजनाओं पर काम कर चुके हैं जैसे पंचायत राज मंत्रालय, नेशनल एसेट ऑफ डायरेक्ट्री, GPDP की कार्रवाई, स्वामित्व परियोजना, आदि.

अभिजीत ने बीते साल दिसंबर महीने में Tarality Ecosystems Pvt. Ltd. को इन्कॉर्पोरेट किया. यह एक क्रिप्टो प्लेटफॉर्म है जिसके जरिए टोकन खरीदे और बेचे जा सकते हैं.

Tarality का बिजनेस मॉडल?

Tarality का लक्ष्य निवेशकों के लिए टोकन खरीदना और बेचना आसान बनाना है. प्लेटफ़ॉर्म क्रिप्टोकरेंसी खरीदने, बेचने और ट्रेड करने के लिए विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त अनुपालन मानकों के साथ एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है. कंपनी पारदर्शिता और Binance स्मार्ट सीरीज का उपयोग करने में अग्रणी है. वास्तव में, Tarality की Revolution Games इसे आगे ले जाने में सक्षम है. Revolution Games में आप अपनी पसंदीदा टीमों और खिलाड़ियों को एड करना शुरू कर सकते हैं. इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल एक क्रिप्टो माइनिंग प्लेटफॉर्म के रूप में, एक मर्चेंट पेमेंट सिस्टम के रूप में, बिल पेमेंट सिस्टम, डेफी, डेक्स, और एक बैंकिंग सिस्टम के रूप में भी किया जा सकता है.

कैसे काम करती है Tarality

Binance Smart Chain (BSC) स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए सबसे अत्याधुनिक ब्लॉकचेन समाधान है जो कम फीस और क्विक ट्रांजेक्शन को सक्षम बनाता है. इसे उपयोग करने के लिए सरल और सहज बनाया गया है, इसलिए आप कुछ ही समय में अपनी पसंदीदा टीमों और खिलाड़ियों को जोड़ना शुरू कर सकते हैं. यहां, यूजर्स को टोकन के जरिए रिवार्ड दिया जाता है. गेम जीतने पर आपको एक टोकन मिलता है और एडमिनिस्ट्रेटर भी अधिकांश एक्टिव यूजर्स पर कुछ टोकन एयर ड्रॉप करते हैं.

इन्वेस्टमेंट और रेवेन्यू?

अभिजीत शुक्ला बताते हैं, " शुरुआत में हमने 50,000 रुपये का निवेश किया है. कुछ प्रयास करने के बाद हमें बाजार से कुछ सकारात्मक परिणाम मिलते हैं. उसके बाद हमने अपनी कुछ एसेट्स बेची और हमने लगभग 30 - 40 लाख का शुरुआती निवेश किया." कंपनी ने अभी तक कोई फंडिंग नहीं जुटाई है.

रेवेन्यू मॉडल TARAL टोकन है भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य जो प्लेटफ़ॉर्म यूजर्स को मुहैया करता है. यूजर्स टोकन खरीद सकते हैं और उन्हें ट्रेड कर सकते हैं और फिर टोकन को बेच सकते हैं. Tarality के अपने ऐप पर विज्ञापनों के जरिए कमाई करता है. विज्ञापन देखकर यूजर TARAL टोकन भी कमा सकते हैं. Tarality मेटावर्स यूजर्स को NFT (non-fungible token) खरीदने की अनुमति देता है.

रेवेन्यू को लेकर बोलते हुए अभिजीत बताते हैं, "फिलहाल हमने 50 करोड़ का नेट रेवेन्यू हासिल किया है. इस वित्त वर्ष के अंत तक हमें लगभग 100 करोड़ का रेवेन्यू हासिल करने की उम्मीद है."

कंपनी की यूएसपी के बारे में बात करते हुए शुक्ला बताते हैं," TARAL अगली पीढ़ी के क्रिप्टो बैंकिंग जैसे स्टेकिंग, स्वैपिंग, एक्सचेंज, बैंकिंग और इंश्योरेंस के कई मॉड्यूल उपलब्ध कराने में अग्रणी है. वहीं, Revolution Games में कुछ ट्रिक्स भी हैं. यह हमारे खेल-प्रेमी समुदाय के सदस्यों की आवश्यकताओं पर केंद्रित है क्योंकि यह एक स्पोर्ट्स कम्यूनिटी द्वारा विकसित किया गया था. एथलीटों के साथ-साथ, यह खेलों में समूहों और संगठनों पर भी लागू होता है. खेल टीमों के प्रशंसक भी उन टीमों के एनएफटी तक पहुंच सकते हैं, उन्हें मिंट कर सकते हैं, और उन्हें खरीद सकते हैं, बेच सकते हैं. ऐसे करके वे उनसे पैसा कमाना चाहते हैं."

भविष्य की योजनाएं

TARAL का उद्देश्य NFT स्पोर्ट्स की दुनिया में Revolution Games की स्थापना के माध्यम से अपनी जगह बनाना है. Revolution Games का मिशन अपने प्लेटफॉर्म का उपयोग गेम्स के लिए एक इकोसिस्टम बनाना है. यह एक एन्क्रिप्टेड दुनिया में वर्टिकल स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के लिए एक सर्विस प्लेटफॉर्म बनाने की भी योजना बना रहा है. Revolution Games का विजन इसे वैश्विक मानदंडों के साथ सुरक्षा और अनुपालन की सेटिंग में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने, बेचने और ट्रेड करने के लिए सही बाज़ार में व्यवस्थित करना है.

क्रिप्टोकरेंसी से आ सकता है अगला वित्तीय संकट:RBI गवर्नर दास बोले ‘इसकी कोई ठोस वैल्यू नहीं, इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए’

Next financial crisis may come from cryptocurrency

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बताया है। बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा आयोजित बीएफएसआई इनसाइट समिट में बोलते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि अगला वित्तीय संकट इन्हीं के चलते आ सकता है।

क्रिप्टोकरेंसीज पर लगे बैन
RBI गवर्नर का कहना है कि इसकी कोई अंडरलाइंग (आधारभूत) वैल्यू नहीं है। इसके अलावा प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज वित्तीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा हैं। प्राइवेट क्रिप्टो का मतलब है कि इन पर किसी केंद्रीय नियामक का नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि इन्हें बैन (प्रतिबंधित) किया जाना चाहिए।

इस साल क्रिप्टोकरेंसी की कीमत 40 अरब डॉलर घटी
शक्तिकांत दास ने डेटा बताते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य अब 140 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया है। इस साल इसके वैल्यूएशन में लगभग 40 अरब अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई है।

ई-रुपया भविष्य की मुद्रा
दास ने ई-रुपी (CBDC) पर बात करते हुए कहां कि ये भविष्य की मुद्रा है। यह भारत को इस सदी में डिजिटल मुद्रा के मामले में सबसे आगे ले जाएगा। RBI द्वारा 1 दिसंबर को रिटेल डिजिटल रुपी (e-rupee) के पायलट प्रोजेक्ट को लॉन्च लिया था। पायलट प्रोजेक्ट में डिजिटल रुपी क्रिएशन, डिस्ट्रीब्यूशन और रिटेल यूज की पूरी प्रोसेस को बारीकी से परखा जाएगा।

महंगाई काबू में करने के प्रयास जारी
महंगाई पर दास ने कहा महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच ‘बेहद समन्वित प्रयास’ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि महंगाई और विकास को लेकर हमारे पिछले कुछ अनुमान लगभग सटीक रहे हैं।

आपको बता दें कि नवंबर महीने में रिटेल महंगाई (CPI) घटकर 5.88% पर आ गई है। ये 11 महीनों का निचला स्तर है। दिसंबर 2021 में महंगाई 5.59% पर थी। इसके बाद से ये लगातार 6% के ऊपर बनी हुई थी।

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Crypto Assets पर नहीं बनी सहमति, जानें क्या है केंद्र सरकार और RBI की राय

डिंपल अलावाधी

Crypto Assets: पिछले हफ्ते केंद्र और आरबीआई ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की थी।

Crypto Assets

  • केंद्र और RBI ने पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य पर चर्चा करने के लिए बैठक की थी।
  • मौजूदा समय में एक बिटकॉइन की कीमत 65 हजार डॉलर से ऊपर है।
  • केंद्र सरकार और केंद्रीय बैंक एक-दूसरे से काफी सहमत नहीं थे।

Crypto Assets: पिछले हफ्ते डिजिटल मुद्राओं (Cryptocurrency) और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक-दूसरे से काफी सहमत नहीं थे। ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में कई सरकारी विभागों ने क्रिप्टोकरंसी पर कुछ नियंत्रण के विचार का समर्थन किया, लेकिन मैक्रोइकोनॉमिक और वित्तीय स्थिरता की चिंताओं के मद्देनजर केंद्रीय बैंक ने प्रतिबंध की वकालत की।

इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने फाइनेंशियल डेली को बताया कि केंद्र जल्द ही भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (Advertising Standards Council of India) से क्रिप्टोकरेंसी या ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर विज्ञापनों के साथ सख्त वैधानिक चेतावनी के दिशानिर्देश जारी करने के लिए संपर्क कर सकती है। भारत में तेजी से बढ़ रहे क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई गई थी।

गंभीर चिंता है क्रिप्टोकरेंसी
इस बात पर भी चर्चा हुई कि अगर केंद्र उन्हें कर दायरे में लाना चाहता है तो किसी तरह की निगरानी की जरूरत है। मामले में एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि केंद्रीय बैंक की प्राथमिक चिंता यह थी कि आभासी मुद्राओं को नियमों के दायरे में लाना और इनपर कर लगाना मुश्किल हो हो सकता है। आरबीआई ने उल्लेख किया कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार में किसी भी उथल-पुथल की स्थिति में सरकार और नियामकों की सार्वजनिक आलोचना होगी, जिसकी वजह से छोटे निवेशकों को पैसा खोना होगा। शीर्ष बैंक ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी एक 'गंभीर चिंता' है और यह भारत की व्यापक आर्थिक, वित्तीय और बाहरी क्षेत्र की स्थिरता को चुनौती देता है।

जापान में अनुमति, चीन में पूर्ण प्रतिबंध
भारत उन देशों में से एक है जिसने अभी तक इस बारे में निर्णय नहीं लिया है कि आभासी मुद्राओं को अनुमति दी जाए भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य या उन पर प्रतिबंध लगाया जाए। जबकि जापान में इसकी अनुमति मिल गई है। वहीं चीन ने सभी क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है।

65 हजार के ऊपर है बिटकॉइन की कीमत
आज coinmarketcap.com के अनुसार, शाम 5.25 बजे बिटकॉइन (Bitcoin Price in India) भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य 2.05 फीसदी की तेजी के साथ 65,813.87 डॉलर के ऊपर कारोबार कर रहा था। वहीं Etherium की कीमत 2.37 फीसदी ऊपर 4,724 डॉलर थी।

अगले वित्तीय संकट का कारण क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलन हो सकता है: शक्तिकांत दास

बी.एफ.एस.आई इनसाइट समिट में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने अनियमित मुद्रा के बारे में विस्तार से बताते हुए चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि ये हमारे व्यापक आर्थिक हितों और वित्तीय स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम है। श्री दास ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान क्रिप्टो करेंसी के प्रचलन में बहुत कुछ नया होते देखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया भर के अधिकांश केंद्रीय बैंकर क्रिप्टोकरेंसी से सचेत रहे हैं। श्री दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर तीन मुख्य चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो निजी क्रिप्टो की उत्पत्ति व्यवस्था को तोड़ने के मकसद से हुई है और इसके पक्षधर विनियमित वित्तीय विश्व में विश्वास नहीं करते हैं। दूसरे, क्रिप्टोकरेंसी का कोई आधार नहीं है और इसे लेकर भी कोई स्पष्टता नहीं है कि ये किस सार्वजनिक कल्याण या उद्देश्य की पूर्ति के लिए है।

उन्होंने कहा कि तीसरे, यह एक शत-प्रतिशत सट्टा गतिविधि है, इसलिए, यह एक जोखिम भरी संपत्ति है। आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि क्रिप्टो करेंसी का मूल्य अब एक सौ 40 अरब अमेरिकी डॉलर हो चुका है, और इस साल इसमें लगभग 40 अरब अमेरिकी डॉलर का अवमूल्यन दर्ज हुआ है।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शाक्तिदास कांत ने खुदरा ई-रुपये की पहल के बारे में भी भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य बात की। इसे एक दिसंबर को जारी किया गया था। शुरू में ई-रूपया एक सीमित उपयोगकर्ता समूह में कुछ स्थानों पर ग्राहकों और भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य व्यापारियों के बीच प्रयोग होगा।

उन्होंने कहा कि सीबीडीसी भविष्य की मुद्रा है। ये करेंसी नोटों की तरह है जिसके साथ स्वचालित स्वीप इन और आउट सुविधा भी मौजूद है।

उन्होंने आगे कहा कि सीबीडीसी के लिए लॉजिस्टिक्स बहुत सरल होगा और यह भारत को इस सदी में डिजिटल मुद्रा के मामले में सबसे आगे ले जाएगा।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की खबर से बिटकॉइन में आई गिरावट

नई दिल्‍ली। भविष्य की करेंसी कही जा रही क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को मोदी सरकार के बड़े ऐलान के बाद तगड़ा झटका लगा है, क्‍योंकि भारत सरकार क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency) पर बैन लगाने की तैयारी में है। सभी निजी क्रिप्टोकरेंसीज को बैन किया जा सकता है। बकायादा भारत सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस बारे में बिल लेकर आएगी। इसी बीच बैन की खबर आते ही मंगलवार को सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी धड़ाम हो गईं। ज्यादातर में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई।

इस खबर के आने के बाद मंगलवार को बिटकॉइन (Bitcoin) में करीब 15 फीसदी, Ethereum में 12 फीसदी, Tether में करीब 6 फीसदी और यूएसडी कॉइन में करीब 8 फीसदी की गिरावट देखी गई. भारत में बिटकॉइन कीमत 15 फीसदी गिरकर 40,28,000 रुपये, एथरम की कीमत 3,05,114 रुपये, टीथर की कीमत करीब 76 रुपये, कारडानो की कीमत करीब 137 रुपये तक पहुंच गई।

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बता दें कि मंगलवार रात भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश करने की खबर सामने आई। इसके कुछ देर बाद ही क्रिप्टो बाजार धड़ाम हो गया। यहां तक कि क्रिप्टो मार्केट के नंबर एक क्वाइन बिटक्वाइन की कीमतों में भी 26 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा बाकी क्वाइन भी बुरी तरह धराशायी हो गए। इन सभी की कीमतों में 25 से 30 फीसदी तक की गिरावट आई है। क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन में मदद करने वाले सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स इस वक्त लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं।
विदित हो कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जोखिम काफी ज्यादा है। इसके बावजूद लोग बड़े पैमाने पर इसमें निवेश कर रहे हैं। दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी के बारे में पता नहीं होता है कि इन्हें कहां से शुरू किया गया और इनका संचालन कहां से हो रहा है। ऐसे में सरकार ने इन पर पाबंदी लगाने का फैसला किया, जो अच्छा कदम माना जा रहा है।

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