और अगर आपको ऐसेही शेयर बाजार के विषय में कोई जानकारी चाहिए हो तो आप हमें कमेंट बोस में क्यूमेंट करके पूछ सकते है। और अगर आपको इस आर्टिकल के सम्भंधि कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट में भेज सकते है। हम जरूर आपको सावल का जवाब देने की कोशिश करेंगे। धन्यवाद !

Arshad Fahoum

अम्ल, भस्म तथा लवण - क्लास दसवीं विज्ञान

प्रयोगशाला में अम्ल तथा क्षार या भस्म को इंडिकेटर (indicator) के उपयोग से पहचान किया जा सकता है।

वैसे पदार्थ जो हमें बतलाते हैं कि दिया गया पदार्थ अम्ल है या क्षार सूचक (Indicator) कहलाते हैं।

अम्ल – क्षार सूचक (Acid-base indicator) के प्रकारः

श्रोत के आधार पर सूचक (Indicator) को दो भागों में बांटा जा सकता हैः

प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator)

मानव निर्मित सूचक (Synthetic Indicator)

प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator):

वैसे सूचक (Indicators) जिन्हें प्राकृतिक श्रोत से प्राप्त किया जाता है को प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator) कहते हैं। जैसे: लिटमस (Litmus), लाल पत्ता गोभी (red cabbage), हल्दी (turmeric), प्याज onion, वैनिला (vanilla), लौंग (clove), इत्यादि।

लिटमस (Litmus):

लिटमस (Litmus) एक प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator) है। लिटमस (Litmus) पानी में घुलनशील होता है। लिटमस (Litmus) एक प्रकार का रंग (Dye) है जिसे लाईकेन (Lichen) नामक ऑर्गेनिस्म (Organism) से प्राप्त किया जाता है। लाईकेन (Lichen) फ़ंगस तथा काई का संयुक्त रूप है जिनका आपस में सहजीवी संबंध (symbiotic relationship) होता है।

मानव निर्मित सूचक (Synthetic Indicators):

सूचक जिन्हें प्रयोगशालाओं में बनाया जाता है को मानव निर्मित सूचक (Synthetic Indicators) कहते हैं।

फ़ेनॉल्फ़थैलीन (Phenolphthalein) तथा मिथाईल ऑरेंज (Methyl Oragne) दो महत्वपूर्ण मानव निर्मित सूचक (Synthetic Indicators) हैं जिनका उपयोग प्रयोगशालाओं में अम्ल (Acid) तथा क्षार (Base) की पहचान के लिये किया जाता है।

फ़ेनॉल्फ़थैलीन (Phenolphthalein):

फ़ेनॉल्फ़थैलीन (Phenolphthalein) एक रंगहीन घोल है।

क्षार (Base) मिलाने से फ़ेनॉल्फ़थैलीन (Phenolphthalein) का रंग गुलाबी (Pink) हो जाता है।

लकिन अम्ल (Acid) मिलाने से फ़ेनॉल्फ़थैलीन (Phenolphthalein) रंगहीन ही रहता इंडिकेटर क्या है? है।

मिथाईल ऑरेंज (Methyl Oragne):

मिथाईल ऑरेंज (Methyl Oragne) एक नारंगी रंग का तरल है।

मिथाईल ऑरेंज (Methyl Oragne) का रंग क्षार (Base) के मिलाने से पीला हो जाता है।

rsi indicator in hindi – RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे।

rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai

rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai

नमस्ते दोस्तों। आज हम समझने वाले है की rsi indicator in hindi में क्या होता है। और इसका ट्रेडिंग में का महत्त्व है। क्या हम rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग में अच्छे खासे पैसे कमा सकते है। और आखिर rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल करते कैसे है। इन सब के बारे में हम आज विस्तार में जानने वाले है।

rsi indicator एक leading indicator है। जो की स्टॉक के ट्रेंड चेंज होने के पहले ही सिग्नल दे देता है। की स्टॉक ऊपर जानेवाला है या फिर निचे। इसीलिए इसे लीडिंग इंडिकेटर भी बोलते है। अगर आपको leading indicators के बारे में नहीं पता तो आप हमारी पिछली पोस्ट पढ़ सकते है। उसमे हमने leading indicators के बारे में विस्तार में बताया है।

rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai

rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai

rsi indicator in hindi

rsi का full फॉर्म होता है relative strength index .यानि की ये इंडिकेटर स्टॉक की strength यानि की ताकद बताता है। की स्टॉक ऊपर जा सकता है की निचे। अगर interday trading में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंडिकेटर हे तो वो rsi indicator है।

rsi indicator स्टॉक्स के चार्ट में होने वाले मोमेंटम का ट्रेंड इंडिकेटर क्या है? को दर्शाता है। और इसे oscillator भी कहा जाता है। क्युकी ये इंडिकेटर ० ते १०० के बिच में घूमता रहता है। और स्टॉक overbought हे या फिर oversold है। ये दर्शाने का काम rsi indicator करता है।

rsi indicator कैसे काम करता है

rsi indicator ० ते १०० के बिच में ट्रेंड दिखने के कारन ये कभी ० के निचे और १०० के ऊपर नही जाता। इसके में तीन स्तर होते है। जैसे की ३०,५०,और ७० ये इसके महत्वपूर्ण स्तर है। इनका मतलब होता है की। अगर rsi अगर ५० से १०० के बिच है मतलब स्टॉक का मोमेंटम अभी पॉजिटिव यानि की बुलिश है। और अगर rsi का स्तर ० से लेकर ५० के बिच होता है तो इसका मतलब स्टॉक का मोमेंटम नेगेटिव यानि की बेयरिश है।

rsi indicaor १४ दिनों का average निकाल के आपको स्टॉक की strength बताता है। हलाकि हम उसका average चेंज भी कर सकते है। जाइए की हम 20 दिनों का भी average निकल सकते है। या आप अपने हिसाब से इसका average निकल सकते है। लेकिन डिफ़ॉल्ट १४ दिनों का average निकलने ये सही होता है। ये इंडिकेटर ज्यादातर technical analysis में इस्तेमाल किया जाता है।

अगर rsi ५० के ऊपर जा रहा है इसका मतलब शेयर में तेजी आने की संभवना होती है। या स्टॉक की प्राइज भी ऊपर जाने लगाती है। लेकिन अगर rsi ५०के निचे अपना ट्रेंड बना रहा होता है ,यानि की शेयर में बिकवाली होना शुरू हुआ है ,यानि स्टॉक निचे जाने की संभावना होती है।

RSI indicator के फायदे

ये एक मोमेंटम indicator होने के कारन ये आपको स्टॉक के चार्ट का मोमेंटम बताता है। और अगर मार्केटover bought (औसत से ज्यादा खरीद ) हे तो ये आपको outbought का सिग्नल पहले ही दे देता है। इससे आप पहल की स्टॉक का रिवर्सल पता करके के स्टॉक में short selling भी कर सकते है। आपको अच्छ मुनाफा कमाने का मौका ये इंडिकेटर देता है।

और अगर मार्केट over sold यानि की औसत से ज्यादा बिकवाली स्टॉक में है तो ये इंडिकेटर आपको over sold का सिग्नल पहले ही दे देता है। और ऐसा मन जाता है की स्टॉक जब भी over bought होता है। या फिर over sold होता है। तो मार्केट में रिवर्सल जरूर आता है। तो इसी रिवर्सल को पहलेही पहनके आप इसमें अच्छा मुनाफा काम सकते है।

निष्कर्ष

rsi indicator एक ऐसा इंडिकेटर हे जो आपको मार्किट की ताकत बुलिश है या फिर बेयरिश है ये दर्शाता है। फिर उसके हिसाब से आप अपना ट्रेड ले सकते है। लेकिन इसे समझने के लिए आपको इसे candle stick chart पर लगाना जरुरी है। उससे ही आपको इसका अंदाजा हो जायेगा की ये काम कैसे करता है।

सूचक किसे कहते है ?,indicator kise kahte hain

Indicator kise kahte hain – ऐसे पदार्थ जो हनरे यह जानकारी करते हैं कि दिया गया पदार्थ अम्ल हैं या क्षार सूचक कहलाते है। आज हम सूचक के बारे में विस्तृत रूप से पढेंगे। साथ ही साथ हम यह भी जानेंगे। कि सूचक के कितने प्रकार होते है ? और उदारहण सहित सभी सूचकों के बारे में यहां पर हम आपको जनाकारी प्रदान कर रहे है। तो आइए शुरू करते है और पढ़ते हैं – सूचक किसे कहते है (indicator kise kahte hain)

indicator kise kahte hain

सूचक एक रंजक होता है।जो किसी अम्ल या क्षार के संपर्क में लाए जाने पर अपना रंग बदलता है।सूचक अम्ल तथा क्षार में भिन्न-भिन्न रंग देता है।अतः सूचक हमें यह बताता है। कि जिस पदार्थ का हम परीक्षण कर रहे हैं।वह अम्ल है या क्षार।

सूचक के प्रकार –

सूचक के तीन प्रकार होते है।

  1. प्राकृतिक सूचक।
  2. कृत्रिम सूचक।
  3. गन्धिय सूचक।

प्राकृतिक सूचक किसे कहते है ?

ये पौधे में पाए जाते है – जैसे – लिटमस , लाल पत्ता गोभी, हायड्रेजिया पौधे के फूल, हल्दी आदि।

कृत्रिम सूचक किसे कहते है ?

ये रासायनिक पदार्थ होते है जैसे – मैथिल ऑरेंज , फिनाफ्थलीन आदि।

गंधीय सूचक किसे कहते है ?

इन पदार्थों की गंध अम्लीय या क्षारीय माध्यम में बदल जाती हैं । जैसे – प्याज , लौंग का तेल आदि।

सूचक और रंग या गन्ध परिवर्तन ::

सूचकरंग या गन्ध में परिवर्तन ( अम्ल के साथ )रंग या गन्ध में परिवर्तन( क्षार के साथ)
प्राकृतिक सूचक
1.लिटमसलालनीला
2.लाल पत्ता गोभीलालहरा
3. हल्दीकोई बदलाव नहीलाल
4. हयड्रेजिया के फूल का रसनीलागुलाबी
कृतिम सूचक
1.फिनाफ्थलीनरंगहीनगुलाबी
2.मैथिक ऑरेंजलालपीला
गंधीय सूचक
1. प्याज का रसतीक्ष्ण गन्धकोई गन्ध नहीं।
2.लौंग का तेलसमान गन्ध रहती हैं।कोई गन्ध नही।

एमएसीडी-एडीएक्स इंडिकेटर के साथ डे ट्रेडिंग करना सीखे|

परिचय
एमएसीडी (मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस / डाइवर्जेंस इंडिकेटर) और एडीएक्स(एवरेज डायरेक्शनल इंडेक्स) दो सबसे बड़े तकनीकी संकेतक हैं। मुझे यकीन है कि आप में से अधिकांश ने कभी ना कभी उनका उपयोग किया होगा। उन्हें ठीक से एक साथ मिलाएं और आप एक बढ़िया ट्रेडिंग सिस्टम बना सकते हैं।पढ़ते रहें और नीचे दिए गए परिणामों से सीखें।

एमएसीडी
एमएसीडी दो एक्स्पोनेंशियल मूविंग एवरेजेस के अंतर का उपयोग ट्रेंड की दिशा और इसका मोमेंटम बताने के लिए करता है। एमएसीडी के ईएमए (सिग्नल लाइन)के साथ उपयोग करना हमें एक भरोसेमंद संकेतक देता है। आप इसके उपयोग और निर्माण के बारे में एमएसीडी का डे-ट्रेडिंग में उपयोग कैसे करें? से जान सकते हैं।

एडीएक्स
एडीएक्स इंडिकेटर का मुख्य उपयोग बिना दिशा के संदर्भ के ट्रेंड की शक्ति को मापना है। यदि इंडिकेटर 25 लाइन से ऊपर पहुंचता है तो ट्रेंड को मजबूत माना जाता है। इसके विपरीत, यदि इंडिकेटर 25 लाइन से नीचे है, तो ट्रेंड कमजोर है या मार्केट में ट्रेंड नहीं है। 30 से अधिक एडीएक्स इंडिकेटर मजबूत प्रवृत्ति को प्रदर्शित करता है - यह निश्चित रूप से ट्रेड में आने का सबसे अच्छा समय है।

Accumulation/Distribution Indicator (A/D) क्या है?

संचय/वितरण संकेतक (ए/डी) (Accumulation/Distribution Indicator (A/D)) एक संचयी संकेतक (Cumulative indicator) है जो यह आकलन करने के लिए मात्रा और कीमत का उपयोग करता है कि स्टॉक जमा किया जा रहा है या वितरित किया जा रहा है। ए / डी उपाय स्टॉक मूल्य और वॉल्यूम प्रवाह के बीच अंतर की पहचान करना चाहता है। यह अंतर्दृष्टि प्रदान करता है कि एक प्रवृत्ति कितनी मजबूत है। यदि कीमत बढ़ रही है लेकिन संकेतक गिर रहा है, तो यह सुझाव देता है कि मूल्य वृद्धि का समर्थन करने के लिए खरीद या संचय मात्रा पर्याप्त नहीं हो सकती है और कीमत में गिरावट आ सकती है।

संचय/वितरण संकेतक (ए/डी) क्या है? [What is Accumulation/Distribution Indicator (A/D)?] [In Hindi]

संचय/वितरण संकेतक बनाम ऑन-बैलेंस वॉल्यूम [Accumulation/Distribution Indicator vs On-Balance Volume]

वित्तीय लेखक जो ग्रानविले ने स्टॉक के संचयी वॉल्यूम प्रवाह को मापने के लिए ऑन-बैलेंस वॉल्यूम (ओबीवी) विकसित किया। ए/डी इंडिकेटर और ओबीवी दोनों वॉल्यूम-आधारित इंडिकेटर हैं लेकिन अलग-अलग तरीकों से। ओबीवी एक अवधि की कुल मात्रा जोड़ता है यदि स्टॉक पिछले बंद (Last closing) की तुलना में अधिक कीमत पर बंद होता है और कम कीमत पर बंद होने पर घटाता है। कुल सकारात्मक-नकारात्मक वॉल्यूम प्रवाह ओबीवी लाइन बनाता है, जिसका उपयोग स्टॉक मूल्य के लिए पुष्टि या विचलन के तुलना संकेतक के रूप में किया जाता है।

संचय वितरण संकेतक पिछले बंद का कारक नहीं है। इसके बजाय, यह दी गई अवधि (दिन, सप्ताह या महीने) के लिए स्टॉक की उच्च-निम्न सीमा के सापेक्ष समापन मूल्य की निकटता पर केंद्रित है।

ए/डी संकेतक के फायदे और नुकसान [Advantages and Disadvantages of A/D Indicator] [In Hindi]

संचय वितरण संकेतक मूल्य निर्धारण चाल के पीछे मात्रा बल का आकलन करने का एक अच्छा साधन है। ए/डी संकेतक बाजार में स्टॉक की खरीद और बिक्री के दबाव को निर्धारित कर सकता है और उसके आधार पर, संभावित स्टॉक मूल्य परिवर्तनों के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता इंडिकेटर क्या है? है। इसलिए, Potential price movements के अनुसार कोई भी व्यापारिक स्थिति का अनुमान लगा सकता है। ए / डी लाइन मूल्य-मात्रा विचलन को भी देखती है, जो व्यापारियों को प्रवृत्ति की ताकत और स्थिरता की पुष्टि करने में मदद करती है। Accumulation Phase क्या है?

फिर भी, संचय वितरण संकेतक (Accumulation distribution indicator) का उपयोग करने में कुछ कमियां हैं। ए/डी संकेतक अवधियों के बीच कीमत में परिवर्तन नहीं बताता है; इसलिए, मूल्य अंतराल की एक श्रृंखला का पता नहीं चल सकता है। चूंकि ए/डी लाइन एक अवधि के लिए मूल्य आंदोलनों के साथ संबंध रखती है, यह स्टॉक की कीमत और संकेतक के बीच एक डिस्कनेक्ट का कारण बन सकती है।

रेटिंग: 4.64
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 465