Cryptocurrency: क्या क्रिप्टोकरेंसी की कीमत घटकर रह जाएगी जीरो, जानें क्यों कह रहे हैं ऐसा-क्या कारण हैं सामने
Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वाले इंवेस्टर्स को डराना नहीं चाहते पर इस वर्चुअल करेंसी पर हाल में ऐसी बातें सामने आई हैं जो कि क्रिप्टो की वास्तविक वैल्यू को लेकर सवाल खड़े कर रही हैं.
By: ABP Live | Updated at : 05 Dec 2022 10:23 AM (IST)
Edited By: Meenakshi
क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन, एफटीटी, क्रिप्टोमार्केट
Cryptocurrency: टेक्नोलॉजी और कर्ज को एक साथ मिलाना कभी भी समझदारी नहीं कही जा सकती है क्योंकि जब टेक्नोलॉजी काम करती है तो उसका मूल्यांकन बहुत ऊंचा होता है. हालांकि जब टेक्नोलॉजी जब अगले कदम की ओर बढ़ती है तो लोन डिफॉल्ट के मामले भी बढ़ने की संभावना रहती है. एफटीएक्स, एलन मस्क और सॉफ्टबैंक इस सबक को सीख रहे हैं. जी हां- हम ये क्रिप्टोकरेंसी के भ्रम के तोड़ने के बारे में बात कर रहे हैं.
ट्विटर के उदाहरण को देखें जहां पैसा खोने की गुंजाइश बन गई है
उदाहरण के लिए आप ट्विटर को देख लें जो साल 2019 में मुनाफा कमाने वाली कंपनी बन गई, लेकिन अब ये एक अरब डॉलर के कर्ज पेमेंट्स के मामले में फंसी दिखाई दे रही है. वॉल स्ट्रीट इस समय ट्विटर के कर्ज को नजरंदाज नहीं कर सकती है जो डॉलर में 60 सेंट के बराबर हो सकता है. बिना पैसा खोए भी ट्विटर के नए मालिक और सीईओ एलन मस्क ने एंप्लाइज से कह दिया है कि 'दिवालियापन' की आशंका का प्रश्न बाहर नहीं है. हालांकि उन्हें अपनी खुद की कंपनी टेस्ला के हाई वैल्यू शेयर (भले ही गिरावट दिखा रहे हैं) बेचने से लाभ हुआ है. एलन मस्क ने कहा है कि ट्विटर फ्री-स्पीच के सिद्धांतो पर काम करेगा. ट्विटर की गिरावट के चलते विज्ञापनदाता से लेकर इसके कर्मचारी भाग रहे हैं. अगर एलन मस्क डिफॉल्ट करते हैं और ट्विटर से चले जाते हैं तो कंपनी के पास पुराने कोड और बेकार की वस्तुओं के अलावा कुछ नहीं बचेगा.
FTT एक्सचेंज के विवाद से हमने क्या सीखा
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ताजा विवादों में रहा नाम सैम बैंकमैन-फायड का है जिनके एफटीएक्स एक्सचेंज के धराशायी होने की कहानी बेहद चर्चा में रही. निश्चित तौर पर ये कंपनियां गलत तरीके से कस्टमर्स के ऐसेट्स को गैरकानूनी तरीके से यूज करती रहीं. पैसा निकाला गया तो ऐसे कि जैसे बैंक का पूरा साथ हो. हालांकि इस कंपनी का सबसे बड़ा गुनाह ये था कि अपने खुद के एफटीटी टोकन के सामने इन्होंने पैसा निकाला, इसका कंपनी को कोई फायदा नहीं मिला.
क्रिप्टो का सामूहिक भ्रम टूटना शुरू हो चुका है
क्रिप्टो का सामूहिक भ्रम इसी के साथ टूटना शुरू हो चुका है. एफटीएक्स पर ट्रेड इतना बारीक था कि वो कोई भी कीमत तय करने में सक्षम था लेकिन ऐसा हमेशा के लिए नहीं था. एफटीएक्स और Alameda ने उन टोकन के बदले कर्ज लेना शुरू किया जिनके दाम वो खुद तय कर सकते थे और हेरफेर कर सकते थे. हर तरह से एक भ्रम करने क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है वाला ट्रेड जब अपनी असल रंगत में आया तो कंपनी के एंप्लाई, वेंडर वो सभी हैरान रह गए जिनको खुद एफटीटी टोकन में ही सैलरी और पेमेंट मिलता था. जब ये तिलिस्म टूटा तो 10 अरब डॉलर का मार्केट कैप टूटकर 40 लाख डॉलर तक नीचे आ गया है.
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एफटीटी के कर्ज में डूबे निवेशक
क्रिप्टोकरेंसी के जानकार होने के बावजूद आप किसी को हमेशा भ्रम में नहीं रख सकते हैं और वास्तविकता आखिरकार भ्रम को पलट ही देती है. केवल भ्रम के बुलबुले में एक पिन चुभाने की देर है. कॉइनडेस्क ने जैसे ही Alameda की बैलेंसशीट लीक की, जो एफटीटी टोकन्स से भरी हुई थी, बिनान्स के सीईओ चैंगपेंग झाओ ने बिकवाली शुरू कर दी. केवल 48 घंटों में एफटीटी के दाम 22 डॉलर प्रति कॉइन से 3 डॉलर प्रति कॉइन तक आ गए हैं. जब अंधेरा छंटा तो Alameda और एफटीटी के ऊपर 8 अरब डॉलर से 15 अरब डॉलर का कर्ज आ चुका था. अब जबकि कंपनी के पास रीपेमेंट के लिए बेहद कम दाम बचे हैं तो इसमें कई साल लग जाएंगे कि किसे क्या मिलने वाला है.
क्रिप्टो के अन्य प्लेटफॉर्म को देखकर सबक लें
क्रिप्टो के अन्य प्लेटफॉर्म को देखें तो बिनान्स और क्रिप्टो डॉटकॉम के ऊपर 4 फीसदी से लेकर 8 फीसदी तक के पेमेंट मिल रहे हैं पर केवल 0.01 फीसदी का ब्याज मिल पा रहा है. लेकिन क्रिप्टो के ऊपर कोई ब्याज कैसे दे सकता है? इस तरह के कारोबार के बारे में सोचना ही गलत है.
जेनेसिस ग्लोबल कैपिटल ने क्रिप्टोकरेंसी उधार लेने की सुविधा के लिए एक उधार मंच बनाया है लेकिन किसके खिलाफ? क्या केवल हवा-हवाई दावों के खिलाफ..विंकल्वॉस ट्विन्स की लगाई गई जेमिनी जैसी फर्में 8 फीसदी ब्याज दर दे रही थीं जिससे कस्टमर्स को यील्ड मिल सके. लेकिन ये एक अच्छा सवाल है कि किप्टो के ऊपर यील्ड क्यों मिलेगी? क्रिप्टों के जानकारों ने इस बात पर तो काम किया कि ये ऊपर जाएगी तो पैसा बनेगा, लेकिन इस बात पर कोई गौर नहीं किया कि जब ये नीचे जाएगी तो लोगों के पैसे का क्या होगा. क्रिप्टो को एक हॉट फेवरिट डेस्टिनेशन की तरह मानकर जबरदस्त उधार दिया गया था. हालांकि जब तक कि कोई 90 फीसदी नीची कीमत के साथ फंस नहीं गया और बाकी सभी को डिफ़ॉल्ट कर्ज के साथ छोड़ दिया गया ये सिलसिला जारी रहा. अब तो कहा जा रहा है कि शायद ये ही इकलौता तरीका था जिससे क्रिप्टो पर फैला भ्रम खत्म हो सकता था.
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Published at : 05 Dec 2022 10:15 AM (IST) Tags: Cryptocurrency Bitcoin Ethereum Crypto Market Cap Crypto Coin FTT Exchange Alameda हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Crypto करेंसी का बुलबुला फूटा, Bitcoin में इस साल आ सकती है गिरावट: रिपोर्ट
Bitcoin 2021 की शुरुआत में 33,000 डॉलर के आसपास था. पिछले साल इसमें काफी तेजी देखने को मिली थी और यह नवंबर में 69,000 डॉलर पर पहुंच गया था. दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में उसके बाद से काफी गिरावट आई है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 18 जनवरी 2022,
- (अपडेटेड 18 जनवरी 2022, 12:43 PM IST)
- Invesco की रिपोर्ट में जताया गया अनुमान
- राजन भी Crypto को बता चुके हैं बबल
Cryptocurrency का बुलबुला फूट गया है और Bitcoin इस साल काफी नीचे आ सकता है. यूएस इंवेस्टमेंट कंपनी Invesco की एक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है है. इंवेस्टमेंट कंपनी ने ऐसे कुछ परिणाम को लेकर एक अनुमान लगाया है जो असंभव दिखता है लेकिन संभव हो सकता है.
यूएस इंवेस्टमेंट कंपनी के ग्लोबल हेड (असेट एलोकेशन) पॉल जैक्सन ने सोमवार को एक नोट में कहा, "Bitcoin की बड़े पैमाने पर मार्केटिंग 1929 में स्टॉक मार्केट क्रैश होने से पहले स्टॉक ब्रोकर्स की गतिविधियों की याद दिलाता है."
गिरावट को लेकर है यह अनुमान
जैक्सन ने कहा, "हमें लगता है कि यह अनुमान लगाना किसी तरह का अतिरेक है कि Bitcoin गिरकर इस साल 30,000 डॉलर के नीचे आ सकता है." उन्होंने कहा कि कम-से-कम इस बात की 30% संभावना है.
2021 में आई थी जबरदस्त तेजी
Bitcoin 2021 की शुरुआत में 33,000 डॉलर के आसपास था. पिछले साल इसमें काफी तेजी देखने को मिली क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है थी और यह नवंबर में 69,000 डॉलर पर पहुंच गया था. दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में उसके बाद से काफी गिरावट आई है और सोमवार को करीब 42,300 डॉलर के आसपास उस पर कारोबार हो रहा था.
इस प्रकार आ सकती है गिरावट
जैक्सन ने Bitcoin को फाइनेंशियल माइनिया करार देते हुए कहा था कि इसमें जल्द गिरावट देखने को मिल सकती है. उन्होंने लिखा है कि किसी भी फाइनेंशियल माइनिया के पीक पर पहुंचने के बाद एक साल में उसमें आम तौर पर 45% तक की गिरावट देखने को मिलती है. उन्होंने कहा कि Bitcoin में भी इसी तरह का पैटर्न देखने को मिल सकता है. यह अक्टूबर तक गिरकर 34,000-37,000 डॉलर के आसपास आ सकता है. हालांकि, इसमें और गिरावट आ सकती है और यह 30,000 डॉलर के नीचे भी आ सकता है. हालांकि, इंवेस्टमेंट फर्म ने इस बात को लेकर आगाह किया कि उनका ये अनुमान पूरी तरह सही साबित हो, यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है.
राजन ने भी बताया था बुलबुला
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नवंबर में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की तुलना अनरेगुलेटेड चिट-फंड से की थी. उन्होंने कहा था कि अगर किसी भी चीज की वैल्यू सिर्फ इस वजह से है कि आने वाले समय में वैल्यू बढ़ सकती है तो यह वास्तव में एक बबल (बुलबुला) है.
फूट गया क्रिप्टो क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है करेंसी का बुलबुला
आभासी मुद्रा बिटक्वाइन की निवेश की दुनिया में काफी चर्चा हो रही है। कुछ समय पहले से बिटक्वाइन की कीमत आसमान को छू रही थी लेकिन अचानक इसकी कीमत में 30 फीसदी से ज्यादा गिरावट आ गई। ऐसे में स्वयं निवेशक यह सवाल करने लगे हैं कि क्या बिटक्वाइन समेत अन्य क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट गया है? 19 मई को बिटक्वाइन, इथेरियम,डॉजकाइन समेत लगभग सभी क्रिप्टो करेंसी में गिरावट देखी गई। इसके पीछे कई कारण हैं। क्रिप्टो करेंसी को आनलाइन बेचा-खरीदा जाता है। नोट सरकारें छापती हैं और मुद्रा का उठना-गिरना बना रहता है। डिजिटल मुद्रा की शुरूआत 2009 में की गई, जो किसी सरकार के अधीन नहीं है। बिटक्वाइन की खरीद-फरोख्त की कोई आधिकारिक व्यवस्था भी नहीं है। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप से आपकी जेब में नहीं होती, यह पूरी तरह से आनलाइन होती है और बिना किसी नियमों के इसके जरिये व्यापार होता है। भारत में तो 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया था। आरबीआई ने डिजिटल करेंसी के कारण साइबर धोखाधड़ी के मुद्दे को उठाया था। लेकिन मार्च 2020 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आरबीआई के प्रतिबंध के खिलाफ फैसला सुनाते हुए सरकार को कोई निर्णय लेने से पहले इस मामले पर कानून बनाना चाहिए। पिछले महीने आरबीआई ने एक बार फिर कहा था कि वे भारत की खुद की क्रिप्टो करेंसी को लाने और उसके चलन को लेकर विकल्प तलाश रही है। सरकार ने साफ किया कि क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है वे क्रिप्टो करेंसी को रखने वालों को इसे बेचने के लिए वक्त देगी। ऐसा कोई आंकड़ा हमारे पास नहीं है कि कितने भारतीयों के पास क्रिप्टो करेंसी है या कितने लोग इसमें व्यापार करते हैं। यह निश्चित है कि भारतीयों ने भी डिजिटल करेंसी में निवेश किया हुआ है और महामारी के दौरान इसमें बढ़ौतरी हुई है।
जब बिटक्वाइन की शुरूआत हुई तो लोगों को इस बारे में ज्यादा समझ नहीं थी और इसका मूल्य कम था। परन्तु महामारी के दौरान पिछले वर्ष लाकडाउन हुआ तो सरकारों ने कई तरह के प्रोत्साहन दिए, तब यूरोप, अमेरिका, कोरिया, क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है जापान आैर चीन में अनेक आनलाइन निवेशक बाजार में उतरे। क्योंकि उन्हें सरकार से आर्थिक मदद मिल रही थी, ऐसे में लोग उन पैसों से इसे खरीदने लग गए। क्रिप्टो मुद्रा पारदर्शी नहीं है। भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में निवेशकों के लिए निवेशक सुरक्षा निधि होती है। यदि निवेशक का पैसा डूब जाता है तो एक्सचेंज उसकी क्षतिपूर्ति करवाता है, सेबी इसका विनियमन करता है परन्तु डिजिटल मुद्रा का किसी एक्सचेंज के साथ कोई विनियमन नहीं है। ऐसे में यदि आपका पैसा डूब जाए तो किसी की कोई जवाबदेही नहीं है। इसका मूल्य गिरने से निवेशकों को काफी नुक्सान पहुंचा है। इसका मूल्य गिराने के कारणों में चीन द्वारा अपने वित्तीय संस्थानों और पेमेंट कम्पनियों को क्रिप्टो करेंसी से संबंधित लेन-देन या अन्य किसी प्रकार की सेवा देने के लिए प्रतिबंधित करना भी रहा। यह खबर बाजारों में फैलते ही पैनिक सेलिंग शुरू हो गई। देखते ही देखते कुछ ही घंटों में क्रिप्टो करेंसी सिर के बल पर गिर गई। इसकी कीमतों में गिरावट क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है के लिए अकेला चीन ही जिम्मेदार नहीं। पिछले हफ्ते इलैक्ट्रिक कार बनाने वाली कम्पनी रेस्ला के मालिक और दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क ने यह घोषणा की थी कि पर्यावरणीय नुक्सान को देखते हुए अब अपनी कार की बिक्री के लिए बिटक्वाइन को टेस्ला को पेमेंट मोड के रूप में स्वीकार नहीं करेगी। हालांकि इससे एक हफ्ते पहले उन्होंने बिटक्वाइन का पेमेंट के रूप में इस्तेमाल किए जाने को लेकर स्वीकृति दी थी। इससे भी निवेशक भ्रम की स्थिति में आ गए। एलन मस्क पहले बिटक्वाइन की बड़ी तारीफ करते थे लेकिन अन्य क्रिप्टो करेंसीज आने के बाद उनका रुख बदल गया।
क्रिप्टो करेंसी के साथ एक समस्या यह है कि इसकी कीमत कैसे तय हो? सोना है, उसके आभूषण हैं और सिक्के हैं जबकि बिटक्वाइन मुद्रा तो कम्प्यूटर में लिखा एक कोड है। यदि आप इसे तोड़ते (बिटक्वाइन माइजिंग) है अत्याधिक बिजली की खपत होती है। लोगों ने इसे जल्दी अमीर बनने की योजना जैसा समझ लिया है, जहां बेहद कम समय में अत्याधिक लाभ मिल जाता है। जिन्होंने इसेे बहुत सस्ते में खरीद कर ट्रेडिंग की और काफी फायदा कमाया, वह तो ठीक रहे लेकिन जिन्होंने इसे होल्ड करके रखा, उन्हें काफी नुक्सान हुआ। कई देशों की सरकारें और राष्ट्रीय बैंक जनता को चेतावनी दे चुके हैं कि आभासी मुद्रा किसी सरकार के अधिनियम के तहत नहीं है। फिर भी लालचवश लोग इसमें जा रहे हैं। कुछ दिन पहले इंटरनेट कम्प्यूटर के नाम से एक नया क्वाइन ईजाद हुआ। एक ही दिन में यह 45 अरब डालर का हो गया। किसी को नहीं पता कि यह किसने ईजाद किया। भारत में आभासी मुद्रा के ट्रेडिंग की अनुमति नहीं। इस पर टैक्स कैसे लगाया जाए यह भी किसी को पता नहीं है। इस पर टैक्स रिटर्न में सरकार पूछ रही है कि यदि आपके पास क्रिप्टो करेंसी है तो आप इस बारे में बताइये। अभी भारत कोरोना की महामारी से लड़ रहा है, देर-सवेर सरकार को क्रिप्टो मुद्रा के लिए कानून लाना ही पड़ेगा। अगर भारत सरकार ऐसी खुद की आभासी मुद्रा लाता है तो देखना होगा कि क्या लोग इसे स्वीकार करेंगे या नहीं?
Cryptocurrencies crash: फूटा क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन का बुलबुला…क्या चीन है इसकी वजह
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टीआरपी डेस्क। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत में गिरावट की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले 24 घंटे में भारी बिकवाली के कारण बिटकॉइन की कीमत में 30 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज हुई। एक महीने पहले जिस बिटकॉइन की कीमत 66 हजार डॉलर तक पहुंच गई थी। वहीं अब इसकी कीमत 30 हजार डॉलर तक क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है नीचे आ गई है। बिटकॉइन का यह हाल चीनी बैंक और टेस्ला के बयान के बाद हुआ है।
बता दें, मंगलवार को चीन से खबर आई थी कि चीनी सरकार ने वित्तीय संस्थानों और पेमेंट कंपनियों को क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से संबंधित सर्विस प्रदान करने से बैन कर दिया है। साथ ही निवेशकों को क्रिप्टो ट्रेडिंग के खिलाफ चेतावनी भी दी है। ऐसे में अब चीन के बैंक और ऑनलाइन पेमेंट चैनल जैसे संस्थान ग्राहकों को क्रिप्टोकरेंसी में रजिस्ट्रेशन, ट्रेडिंग, सेटलमेंट और क्लीयरिंग जैसी सर्विस प्रदान नहीं कर सकते।
एलन मस्क के फैसले से मार्केट में कंफ्यूज़न
इसके अलावा हाल ही में दुनिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी एलन मस्क ने भी अपने ट्वीट के जरिए मार्केट में काफी कंफ्यूज़न पैदा किया। पहले मस्क ने ट्वीट कर घोषित किया कि उनकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी Tesla भुगतान के रूप में Bitcoin लेगी। एक हफ्ते से भी कम समय में उन्होंने इस फैसले से यू-टर्न ले लिया और ट्वीट किया कि पर्यावरणीय प्रभाव की वजह से कंपनी फिलहाल बिटकॉइन नहीं लेगी।
इसके बाद उन्होंने Dogecoin निर्माता के साथ मिलकर एनर्जी आर्किटेक्चर को बेहतर और कुशल बनाने की बात की। जिससे निवेशकों की रूची डॉजकॉइन की तरफ बढ़ने लगी। इसी तरह एलन के एक के बाद एक ट्वीट के साथ निवेशकों की दुविधा बढ़ गई और कहीं न कहीं आज ऐसे मार्केट के क्रैश होने के कई कारणों में से एक कारण यह भी हो सकता है।
अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भी आई गिरावट
इसके अलावा अन्य क्रिप्टोकरेंसी का भी यही हाल है। क्वॉइन मैट्रिक्स के मुताबिक बिटकॉइन की कीमत बुधवार को सुबह 30,001.51 डॉलर पर आ गई जबकि अंतरराष्ट्रीय समय के अनुसार शाम 6 बजकर 20 मिनट पर इसकी कीमत 36,901.54 डॉलर थी। अन्य क्रिप्टोकरेंसी में इथेरियम की कीमत इसी समय 2501.40 डॉलर थी। डोजीक्वॉइन की कीमत भी बुधवार को 30 प्रतिशत घट गई।
लाखों यूजर ने जताया आक्रोश
वहीं बाजार के विश्लेषकों का मानना है कि बिटकॉइन की कीमत 30 हजार डॉलर से भी नीचे आने वाली है। बुधवार को भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स के क्रेश होने के बाद लाखों यूजर को खरीद-बिक्री करने में परेशानी हुई। जिसके बाद यूजर ने सोशल मीडिया पर अपना आक्रोश दिखाना शुरू किया तो वजीरएक्स ने ट्वीटर पर लिखा हमें पता चला है कि आपको कारोबार करने में परेशानी हो रही है। हम इस मामले को देख रहे हैं और यथाशीघ्र इस समस्या का समाधाना खोजने की कोशिश कर रहे हैं।
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Cryptocurrencies crash: फूट गया है बिटकॉइन का बुलबुला या यह निवेश के लिए है सुनहरा मौका!
बुधवार को बिटकॉइन (Bitcoin) और Dogecoin सहित सभी क्रिप्टोकरेंसीज की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली। सवाल उठता है कि क्या क्रिप्टोकरेंसीज क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है का बुलबुला फूट गया है या फिर यह निवेश के लिए सुनहरा मौका है। आइए जानते हैं..
बिटकॉइन की कीमत में बुधवार को 30 फीसदी गिरावट आई।
मस्क का सपोर्ट
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है के ट्वीट्स से बिटकॉइन की कीमतें पहले से दबाव में थीं। पिछले हफ्ते मस्क ने कहा था कि टेस्ला बिटकॉइन को पेमेंट के रूप में स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने इसके इसके लिए बिटकॉइन की माइनिंग में खर्च होने वाली बिजली को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन बुधवार को बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज में भारी गिरावट के बीच उन्होंने डायमंड हैंड्स इमोजी ट्वीट की। सोशल मीडिया में इसका मतलब है कि आप किसी होल्डिंग को भाव देते हैं। यानी टेस्ला बिटकॉइन में अपनी होल्डिंग को बेचने नहीं जा रही है। फरवरी में टेस्ला ने बिटकॉइन में 1.5 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी।
Toroso Investments के फाउंडर और चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर माइक वेनूतो ने कहा कि निश्चित रूप से मस्क के ट्वीट से बिटकॉइन को रिकवरी में मदद मिली। शायद मस्क के ट्वीट के बिना भी यह रिकवर हो सकती थी लेकिन इतने बेहतर ढंग से नहीं। बिटकॉइन की कीमत 14 अप्रैल को 64,895 डॉलर के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी लेकिन उसके बाद से इसमें 40 फीसदी गिरावट आई है। बुधवार को इसकी कीमत 30066 डॉलर तक गिर गई थी। लेकिन मस्क के ट्वीट से इनमें गिरावट का सिलसिला थम गया और क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है यह 37,373 डॉलर पर पहुंच गई।
5 लाख डॉलर तक जा सकती है कीमत
क्रिप्टो कंसोर्टियम Panxora के सीईओ गैविन स्मिथ ने कहा कि बिटकॉइन में तेज गिरावट से बाजार को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। बिटकॉइन ने पिछले एक साल में जिस तरह की तेजी दिखाई थी उससे कुछ निवेशकों के मुनाफावसूली करने की संभावना थी। अभी ऐसा ही हो रहा है। बिटकॉइन में गिरावट का असर दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज पर भी दिखाई दिया। ईथर 22.5 फीसदी गिरावट के साथ 2620 डॉलर पर ट्रेड कर रही थी। इसी तरह मजाक के तौर पर शुरू हुई क्रिप्टोकरेंसी Dogecoin 26 फीसदी गिरावट के साथ 35 सेंट पर थी।
दूसरी ओर एआरके की सीईओ वूड ने ब्लूमबर्ग के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि वह अब भी अपने इस अनुमान पर कायम है कि बिटकॉइन की कीमत 5 लाख डॉलर तक जा सकती है। जेपी मॉर्गन के एनालिस्ट्स का कहना है कि निवेशक बिटकॉइन से पैसा निकालकर गोल्ड में लगा सकते हैं। उनका कहना है कि क्रिप्टो एसेट में ऐसे वक्त गिरावट आ रही है जब महंगाई की आशंका बढ़ रही है। इससे महंगाई के खिलाफ हेज के तौर पर एसेट क्लास में निवेश की संभावना कमजोर हो रही है।
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