डीमैट अकाउंट के फायदे

डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।

डीमैट अकाउंट का अर्थ हम एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप कंपनी X का शेयर खरीदना चाहते है, शेयर खरीदने के साथ का वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले आपको अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी शामिल है। जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार सर्टिफिकेट बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत ने एनएसई पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की।

आज के समय में कोई पेपर वर्क नहीं होती है और न ही कोई भैतिक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसलिए जब आप कंपनी X के शेयर खरीदते हैं, तो आपको जो भी मिलता है, वह आपके डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में एंटर हो जाता है। डीमैट एकाउंट को ऐसे ही आसान शब्दों में आप समझ गए होंगे।

यदि आप आज शेयर बाजार (एनएसई और बीएसई) या किसी अन्य सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो डीमैट अकाउंट अनिवार्य है. आपके द्वारा किए जाने वाले ट्रेड और लेनदेन के इलेक्ट्रॉनिक सेटेलमेंट के लिए डीमैट अकाउंट नंबर अनिवार्य है.

डीमैट अकाउंट कैसे प्राप्त करें?

जब आप डीमैट अकाउंट के बारे में जान गए हैं, तो आइए जानते है डीमैट अकाउंट कैसे खोला जा सकता है। आप डीमैट अकाउंट नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL ) या सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CSDL) के साथ खोल सकते हैं। ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट नियुक्त करती हैं, जो स्वंय और इन्वेस्टर्स के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती है। उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैंक एक डीपी है, जिसके साथ आप डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। स्टॉकब्रोकर और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन भी डीपी है। आप उनके साथ भी डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।

जिस तरह से एक बैंक अकाउंट में पैसा होता है, उसी तरह से एक डीमैट अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखता है, जो लैपटॉप या स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस हो सकता है। जिसको एक्सेस करने के लिए आपके पास एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड होना चाहिए। हालांकि, बैंक अकाउंट के विपरीत, आपके डीमैट अकाउंट में किसी भी प्रकार का 'न्यूनतम बैलेंस' होना आवश्यक नहीं है।

आप किसी भी डिपॉजिटर्स की वेबसाइट पर जाकर उनकी डीपी की सूची प्राप्त कर सकते है। जिसके साथ आप डीमैट एकाउंट खोलना चाहते है। डीपी का चुनाव उनके वार्षिक शुल्क पर निर्भर होना चाहिए।

यह ध्यान देना चाहिए कि आप एक से अधिक डीमैट एकाउंट को एक डीपी के साथ न जोड़े। क्योंकि एक पैन कार्ड को कई डीमैट अकाउंट के साथ जोड़ा जा सकता है।

डीमैट अकाउंट का विवरण

आपका डीमैट अकाउंट खुलने के बाद सुनिश्चित करें, कि आपको अपने डीपी से निम्न विवरण प्राप्त किया :

डीमैट अकाउंट नंबर : सीडीएलएस के तहत यह बेनिफिशियरी आईडी' के रूप में जाना जाता है। यह मुख्यत 16 कैरेक्टर का मिश्रण है।

डीपी आईडी : यह आईडी डिपॉजिटर प्रतिभागी को दी जाती है। जो आपके डीमैट अकाउंट नंबर का हिस्सा है।

पीओए नंबर : यह पावर ऑफ अटॉर्नी एग्रीमेंट का हिस्सा है, जहां एक इन्वेस्टर दिए गए निर्देशों के अनुसार स्टॉक ब्रोकर को अपने अकाउंट को संचालित करने की अनुमति देता है।

ऑनलाइन एक्सेस के लिए आपको अपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स पर एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड भी मिलेगा।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट

डीमैट अकाउंट एक ट्रेडिंग अकाउंट के साथ होता है. जो शेयर बाजार में शेयर खरीदने औऱ बेचने के लिए जरूरी है. उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैक का एक डीमैट अकाउंट 3 इन 1 होता है, जिसमें सेविंग, डीमैट और ट्रेडिंग तीनों को जोड़ा जाता है.

लोग कभी-कभी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच कंफ्यूज होते हैं कि वे एक जैसे नहीं हैं। एक डीमैट एकाउंट में आपके नाम के शेयरों और अन्य डीमैट अकाउंट के क्या फायदे हैं? सिक्योरिटीज का विवरण होता है। शेयर खरीदने और बेचने के लिए, आपको एक ट्रेडिंग एकाउंट खोलना होगा। कई बैंक और ब्रोकर ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधाओं के साथ ट्रेडिंग एकाउंट की पेशकश करते हैं, जिससे आम इन्वेस्टर्स के लिए शेयर मार्केट में भाग लेना आसान हो जाता है।

डीमैट अकाउंट के प्रकार

अब हम डीमैट अकाउंट की परिभाषा समझ गए हैं। तो आइए डीमैट अकाउंट के प्रकारों को देखें। यह मुख्य रूप से तीन प्रकार हैं:

रेगुलर डीमैट अकाउंट: यह उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो, देश में रहते हैं।

रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: इस तरह का डीमैट अकाउंट प्रवासी भारतीयों (NRI) के लिए है, जो विदेशों में फंड ट्रांसफर करने सक्षम बनाता है। हालांकि, इस तरह के डीमैट अकाउंट को एनआरई बैंक अकाउंट से लिंक करने की जरूरत है।

नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: यह भी एनआरआई के लिए है, लेकिन इस प्रकार के डीमैट अकाउंट के साथ, विदेशों में फंड ट्रांसफर करना संभव नहीं है। साथ ही इसे एनआरओ बैंक अकाउंट से भी लिंक कराना होगा।

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* इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य है और यह केवल सूचना के प्रयोजनों के लिए है। यह आपकी अपनी परिस्थितियों में विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है।

Demat account: क्या होता है डीमैट खाता, क्या हैं इसके फायदे, जानें इसे खुलवाने की प्रक्रिया

डीमैट खाते के कई फायदे हैं खासकर जब बदलते दौर के साथ आम निवेशक भी शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं और ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 26 Nov 2020 10:42 PM (IST)

  • डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक रूप में कैश की जगह स्टॉक से डीमैट अकाउंट के क्या फायदे हैं? जुड़ा है.
  • डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन के सिद्धांत का इस्तेमाल करता है.
  • डीमैटरियलाइजेशन में फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदल हो जाते हैं.
  • डीमैट खाता निवेशक के सभी शेयरों को एकत्रित करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है.
  • पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
  • सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें.
  • इसके बाद आपको रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी मिलेगा.
  • अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें. अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें.
  • आपका डीमैट अकाउंट अब खुल गया है. आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स मिल जाएंगे.

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Published at : 26 Nov 2020 10:37 PM (IST) Tags: investor demat account bank account E commerce Stock Market Investment हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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शेयर बाजार में निवेश के लिए जरूरी है डीमैट खाता, जानिये क्या हैं इसके फायदे

डीमैट अकाउंट आपके निवेश दस्तावेज को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखता है जिससे इनके चोरी होने , नष्ट होने या खो जाने का जोखिम नहीं रहता।

शेयर बाजार में निवेश के लिए जरूरी है डीमैट खाता, जानिये क्या हैं इसके फायदे

शेयर बाजार में निवेश के लिए सबसे जरूरी होता है कि निवेशक के पास उसका अपना एक डीमैट खाता हो. इसलिए कोई भी शख्स अगर बाजार में निवेश की योजना बनाता है तो पहले उसे डीमैट अकाउंट (Demat account) खुलवाना होता है. ऐसे में आपके मन में सवाल उठना तय है कि ये डीमैट अकाउंट होता क्या है, और इसके फायदे क्या है. दरअसल डीमैट को समझना, उसकी पूरी जानकारी रखना और सही ब्रोकर के साथ डीमैट खाता खुलवाना ही तय करता है कि आप आने वाले वक्त में बाजार (stock market) का कितना फायदा उठा सकते हैं. दरअसल डीमैट के साथ निवेश की लागत, समय के साथ मिलने वाली निवेश की सलाहें, और निवेश करने में आसानी जैसी कई बातें जुड़ी होती. ऐसे में आज हम आपको डीमैट अकाउंट से जुड़े कुछ अहम सवालों के जवाब दे रहे हैं जिससे आप इसका पूरा फायदा उठा सकें.

क्या होता है डीमैट अकाउंट

डीमैट शब्द डीमटिरिलाइजेशन (Dematerialisation)से बना है. एनएसडीएल के मुताबिक डीमटिरिलाइजेशन एक ऐसी प्रकिया है जिसमें क्लाइंट अपने निवेश से जुड़े पेपर को डिजिटल रूप में रखता है. डीमैट अकाउंट वो अकाउंट या खाता होता है जहां निवेश से जुड़े दस्तावेज डिजिटल रूप में रखे जाते हैं. ये एक बैंक खाते जैसा होता है लेकिन इसमें कैश की जगह आपके निवेश दस्तावेज जैसे शेयर, बॉन्ड आदि इलेक्ट्रॉनिक रूप जमा रहते हैं. हर ग्राहक का अपना एक अलग और खास डीमैट अकाउंट होता है, जो खास लॉगइन आईडी और पासवर्ड से सुरक्षित होता है । खरीद और बिक्री की सुविधा के लिए डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक खाते के साथ लिंक होता है।

क्यों जरूरी होता है डीमैट खातों को गंभीरता से लेना

देश के अधिकांश ब्रोकर और डिस्काउंट ब्रोकर ऐसे खाते खोलते हैं. ये सभी एक खास शुल्क लेकर जिसे ब्रोकरेज कहते हैं कारोबार की सुविधा देते हैं वहीं अपने खाता धारकों को निवेश सलाह, रिसर्च और अपनी खुद की सलाह के लिए टूल्स ऑफर करते हैं. अलग अलग ब्रोकर के ब्रोकरेज अलग अलग होते हैं जिससे निवेश की लागत पर असर पड़ता है. वहीं निवेश सलाहें इस बात पर तय होती हैं कि ब्रोकरेज की टीम कितनी अनुभवी है. यानि साफ है कि किसी अच्छे ब्रोकर के साथ डीमैट खुलवाने का फैसला आपकी आगे की राह आसान करता है.

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डीमैट अकाउंट के क्या हैं फायदे

डीमैट अकाउंट आपके निवेश दस्तावेज को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखता है जिससे इनके चोरी होने , नष्ट होने या खो जाने का जोखिम नहीं रहता. अगर आपके पास पहले के शेयर सर्टिफिकेट हैं या फिर दूसरे निवेश दस्तावेज हैं, आप उन्हें भी डिजिटल रूप में डीमैट अकाउंट में रख सकते हैं और तनाव मुक्त हो सकते हैं. इसके साथ ही डीमैट अकाउंट आपको तेजी के साथ ट्रेड करने में मदद करता है। डीमैट अकाउंट के ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक खाते के साथ लिंक होने की वजह से आप न केवल तेजी के साथ निवेश कर सकते हैं साथ ही आप निवेश से पैसा भी उतनी ही तेजी के साथ निकाल सकते हैं. डीमैट की मदद से आप अपने निवेश को बेहद आसानी के साथ ट्रैक कर सकते हैं. वहीं बोनस शेयर, डिविडेंड, स्टॉक स्पिलिट, जैसी कई कॉर्पोरेट गतिविधियों की आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं होती. कंपनियों इससे जुड़े फायदे सीधे आपके खाते में ट्रांसफर कर देती हैं. आप आईपीओ जैसे निवेश के मौकों का भी सिर्फ कुछ क्लिक से फायदा उठा पाते हैं डीमैट अकाउंट ग्राहकों के लिए निवेश प्रक्रिया आसान और पारदर्शी बनाने का, ट्रांजेक्शन को तेजी के साथ पूरी करने का और आम निवेशकों के लिए डॉक्यूमेंट्स से जुड़े जोखिमों और समस्याओं को खत्म करने का कारगर तरीका है.

डीमैट अकाउंट के फायदे|7 Benefits Of Demat Account In Hindi.

नमस्कार दोस्तो:हमारे पिछले आर्टिकल में हम ने डीमैट अकाउंट के नुकसान के बारे में बात की थी.और आज के आर्टिकल में हम बात करने वाले है डीमैट अकाउंट के फायदे के बारे में.तो चलिए आज का आर्टिकल शुरू करते है.

Table of Contents

डीमैट अकाउंट के फायदे (Benefits Of Demat Account In Hindi.)

डीमैट अकाउंट के फायदे

डीमैट अकाउंट के फायदे

पहिले के टाइम शेयर्स को फिजिकल फॉर्म में रखा जाता था.जिस से ट्रेडर्स को बहुत सारी प्रॉब्लम को फेस करना पड़ता था.लेकिन दोस्तो डीमैट अकाउंट होने से ट्रेडर और इन्वेस्टर्स की लाइफ काफी आसान हो चुकी है.तो चलिए एक एक करके इन फायदो के बारे में बात करते है.

डीमैट अकाउंट के फायदे

1. ट्रेडिंग करना आसान हो गया है.

दोस्तों डीमेट अकाउंट के होने से ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान हो गया है.क्योंकि अब यहां आप बिना किसी ब्रोकर या स्टॉक एक्सचेंज के पास जाए बिना कहीं से भी अपने मोबाइल या कंप्यूटर/ लैपटॉप का यूज करके भारत के किसी भी कोने से ट्रेडिंग कर सकते हो और यही इसकी खास बात है.

2.Foreign investors का भरोसा बढ़ गया है.

पहले के मुकाबले फॉरेन इन्वेस्टर का भारतीय स्टॉक बाजार को देखने का नजरिया बदल गया है.उनकी सोच बदल गई है,और भरोसा बढ़ गया है भारतीय मार्केट पर.

3.ट्रांसफर प्रोसेस आसान हो गई है.

दोस्तों आज के जमाने में सारी प्रोसेस ऑनलाइन होने के चलते एक डीमैट अकाउंट के शेयर दूसरे डिमैट अकाउंट में आसानी से ट्रांसफर किए जाते हैं.लेकिन पहले ये प्रोसेस काफी मुश्किल हुआ करती थी.जिसको ऑनलाइन के जमाने में काफी आसान बना दिया है.

4.दूसरे सिक्योरिटी को भी खरीद सकते है.

डीमैट अकाउंट में सिर्फ शेयर ही नही रखे जाते,बलकी शेयर्स के साथ दूसरे सिक्योरिटी जैसे की,बॉन्ड,म्यूचुअल फंड,डिबेंचर्स को भी अपने डीमैट अकाउंट में रख सकते हो.

क्युकी डीमैट अकाउंट अलग तरह के सिक्योरिटी को रखने के लिए ही बनाया गया है.ये बात अलग है की भारत में डीमैट अकाउंट का ज्यादातर यूज शेयर्स रखने के लिए किया जाता है.

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5.दूसरे खर्चों से छुटकारा मिल जाता है.

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट अकाउंट होने से आपके दूसरे खर्च बच जाते है जैसे की,ऑपरेटिंग कॉस्ट,स्टंप ड्यूटी या हैंडलिंग फीस etc. डीमैट अकाउंट मे आपको बस AMC ( Annual Maintenance Charges ) और ब्रोकरेज चार्ज ही देना होता है.

6.लोन की सुविधा

डीमैट अकाउंट के जमा सिक्योरिटी पर आप भारत के अलग अलग बैंको से लोन भी ले सकते हो.

7.Other Benefit

  1. डीमैट अकाउंट होने से आपको शेयर सर्टिफिकेट गायब या चोरी होने वाले खतरे से छुटकारा मिल गया है.
  2. नॉमिनी को add करने की फैसिलिटी आपको डीमैट अकाउंट प्राइवेट कराता है.
  3. कंपनी के बोनस शेयर डिस्ट्रीब्यूशन के वक्त कोई फिजिकल डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं पड़ती,शेयर्स अपने आप (Automatic) डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाते है.
  4. दोस्तो अगर आपको अपने डीमैट अकाउंट की सर्विस पसंद नही आती है,तो आप ऑनलाइन तरीके से डीमैट अकाउंट को आसानी से बंद भी कर सकते हो.
  5. डीमैट अकाउंट के जरिए ट्रेडिंग करने से टाइम की बचत भी हो जाती है.

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Conclusion

दोस्तो में उम्मीद करता हु आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (डीमैट अकाउंट के फायदे) आपको पसंद आई होगी.आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे नीचे कॉमेंट करके या फिर ईमेल करके जरूर बताए.

अपने उन दोस्तो के साथ जरूर इस आर्टिकल को शेयर करो,जिन्हे Finance,Taxation, Economics और Stock Market के बारे में कुछ न कुछ नया सिखना अच्छा लगता है.और इसी तरह के नए नए इनफॉर्मेशन रीड करने के लिए हमारे वेबसाइट पर दोबारा जरूर विजिट करे.

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डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।

डीमैट अकाउंट का अर्थ हम एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप कंपनी X का शेयर खरीदना चाहते है, शेयर खरीदने के साथ का वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले डीमैट अकाउंट के क्या फायदे हैं? आपको अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी शामिल है। जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार सर्टिफिकेट बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत ने एनएसई पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की।

आज के समय में कोई पेपर वर्क नहीं होती है और न ही कोई भैतिक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसलिए जब आप कंपनी X के शेयर खरीदते हैं, तो आपको जो भी मिलता है, वह आपके डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में एंटर हो जाता है। डीमैट एकाउंट को ऐसे ही आसान शब्दों में आप समझ गए होंगे।

यदि आप आज शेयर बाजार (एनएसई और बीएसई) या किसी अन्य सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो डीमैट अकाउंट अनिवार्य है. आपके द्वारा किए जाने वाले ट्रेड और लेनदेन के इलेक्ट्रॉनिक सेटेलमेंट के लिए डीमैट अकाउंट नंबर अनिवार्य है.

डीमैट अकाउंट कैसे प्राप्त करें?

जब आप डीमैट अकाउंट के बारे में जान गए हैं, तो आइए जानते है डीमैट अकाउंट कैसे खोला जा सकता है। आप डीमैट अकाउंट नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL ) या सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CSDL) के साथ खोल सकते हैं। ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट नियुक्त करती हैं, जो स्वंय और इन्वेस्टर्स के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती है। उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैंक एक डीपी है, जिसके साथ आप डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। स्टॉकब्रोकर और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन भी डीपी है। आप उनके साथ भी डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।

जिस तरह से एक बैंक अकाउंट में पैसा होता है, उसी तरह से एक डीमैट अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखता है, जो लैपटॉप या स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस हो सकता है। जिसको एक्सेस करने के लिए आपके पास एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड होना चाहिए। हालांकि, बैंक अकाउंट के विपरीत, आपके डीमैट अकाउंट में किसी भी प्रकार का 'न्यूनतम बैलेंस' होना आवश्यक नहीं है।

आप किसी भी डिपॉजिटर्स की वेबसाइट पर जाकर उनकी डीपी की सूची प्राप्त कर सकते है। जिसके साथ आप डीमैट एकाउंट खोलना चाहते है। डीपी का चुनाव उनके वार्षिक शुल्क पर निर्भर होना चाहिए।

यह ध्यान देना चाहिए कि आप एक से अधिक डीमैट एकाउंट को एक डीपी के साथ न जोड़े। क्योंकि एक पैन कार्ड को कई डीमैट अकाउंट के साथ जोड़ा जा सकता है।

डीमैट अकाउंट का विवरण

आपका डीमैट अकाउंट खुलने के बाद सुनिश्चित करें, कि आपको अपने डीपी से निम्न विवरण प्राप्त किया :

डीमैट अकाउंट नंबर : सीडीएलएस के तहत यह बेनिफिशियरी आईडी' के रूप में जाना जाता है। यह मुख्यत 16 कैरेक्टर का मिश्रण है।

डीपी आईडी : यह आईडी डिपॉजिटर प्रतिभागी को दी जाती है। जो आपके डीमैट अकाउंट नंबर का हिस्सा है।

पीओए नंबर : यह पावर ऑफ अटॉर्नी एग्रीमेंट का हिस्सा है, जहां एक इन्वेस्टर दिए गए निर्देशों के अनुसार स्टॉक ब्रोकर को अपने अकाउंट को संचालित करने की अनुमति देता है।

ऑनलाइन एक्सेस के लिए आपको अपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स पर एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड भी मिलेगा।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट

डीमैट अकाउंट एक ट्रेडिंग अकाउंट के साथ होता है. जो शेयर बाजार में शेयर खरीदने औऱ बेचने के लिए जरूरी है. उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैक का एक डीमैट अकाउंट 3 इन 1 होता है, जिसमें सेविंग, डीमैट और ट्रेडिंग तीनों को जोड़ा जाता है.

लोग कभी-कभी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच कंफ्यूज होते हैं कि वे एक जैसे नहीं हैं। एक डीमैट एकाउंट में आपके नाम के शेयरों और अन्य सिक्योरिटीज का विवरण होता है। शेयर खरीदने और बेचने के लिए, आपको एक ट्रेडिंग एकाउंट खोलना होगा। कई बैंक और ब्रोकर ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधाओं के साथ ट्रेडिंग एकाउंट की पेशकश करते हैं, जिससे आम इन्वेस्टर्स के लिए शेयर मार्केट में भाग लेना आसान हो जाता है।

डीमैट अकाउंट के प्रकार

अब हम डीमैट अकाउंट की परिभाषा समझ गए हैं। तो आइए डीमैट अकाउंट के प्रकारों को देखें। यह मुख्य रूप से तीन प्रकार हैं:

रेगुलर डीमैट अकाउंट: यह उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो, देश में रहते हैं।

रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: इस तरह का डीमैट अकाउंट प्रवासी भारतीयों (NRI) के लिए है, जो विदेशों में फंड ट्रांसफर करने सक्षम बनाता है। हालांकि, इस तरह के डीमैट अकाउंट को एनआरई बैंक अकाउंट से लिंक करने की जरूरत है।

नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: यह भी एनआरआई के लिए है, लेकिन इस प्रकार के डीमैट अकाउंट के साथ, विदेशों में फंड ट्रांसफर डीमैट अकाउंट के क्या फायदे हैं? करना संभव नहीं है। साथ ही इसे एनआरओ बैंक अकाउंट से भी लिंक कराना होगा।

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