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Broker टिप्स: बक्कावोर, एक्सिस टेक्नोलॉजीज

कैलकुलेटर डीएल वित्त व्यवसाय

गणक Pixabay

विश्लेषकों का कहना है Berenberg खाद्य निर्माण समूह पर अपना लक्ष्य मूल्य घटाया बक्कावोर मंगलवार को ब्रोकर चुनना ब्रोकर 110.0p से 95.0p तक, कमाई के कम पथ का हवाला देते हुए।

बर्नबर्ग ने कहा कि "महत्वपूर्ण प्रतिकूल परिस्थितियों" के बावजूद, बक्कावोर ने पिछले सप्ताह अंतरिम परिणामों के "लचीले" सेट की सूचना दी थी, जिसमें वॉल्यूम "स्थिर", मूल्य निर्धारण लाभ ऑफसेट बढ़ते मुद्रास्फीति में मदद करता है, और आंतरिक लागत मोटे तौर पर सपाट रहती है।

हालांकि, जर्मन बैंक ने कहा कि दबाव "आसान नहीं" था और बक्कावर पहले से ही अपने कई "स्वयं सहायता लीवर" का उपयोग कर रहा था।

अपने आप को ब्रोकर बताकर 9 लाख का लगाया चुना

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वाशिम- दि.23 एक कंपनी का ब्रोकर ब्रोकर चुनना ब्रोकर होने की बात बताकर कारंजा के कई लोगों को ब्रोकर चुनना ब्रोकर 52 लाख 35 हजार रुपयों का चुना लगाने वाले 24 वर्षीय देविदास विश्वनाथ लटपटे को कारंजा शहर पुलिस को दोपहर 2 बजे गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में कारंजा निवासी सचिन रेवननाथ धस ने शिकायत दर्ज कराई थी.
आरोपी देविदास ने खुद को एक कंपनी का ब्रोकर होने की बात बताकर शिकायतकर्ता को विश्वास में लेकर 9 लाख रुपए की धोखाधडी की. इसी तरह कारंजा के अन्य कुछ लोगों इसी तरह से झूठ बोलकर धोखाधडी करते हुए लटपटे ने 52 लाख 35 हजार 600 रुपयों का चुना लगाया. आरोपी देविदास लटपटे अमरावती जिले के धारणी तहसील स्थित राणे गांव का रहने वाला है. पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ दफा 406, 420 के तहत अपराध दर्ज किया. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया. इस मामले की तहकीकात थानेदार सोनोने के मार्गदर्शन ब्रोकर चुनना ब्रोकर में पुलिस उपनिरीक्षक बी. सी. रेघिवाले, अमित भगत कर रहे है.

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्‍यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्‍या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्‍यादा पैसा महाराष्‍ट्र, गुजरात और उत्‍तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्‍छी कमाई कर रहे हैं.

ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्‍या होगा?

आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्‍ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्‍टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्‍कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.

आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के ब्रोकर चुनना ब्रोकर तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्‍तेमाल करने के लिए आप इन्‍हें निर्देश दे सकते हैं.

स्‍टॉक्‍स और शेयरों का क्‍या होगा?

आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्‍योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.

किसी भी समय पर एक निवेशक का स्‍टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्‍स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्‍लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से ब्रोकर चुनना ब्रोकर आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.

इसी प्रकार आपका म्‍यूचुअल फंड इन्‍वेस्‍टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्‍यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.

अगर है भरोसेमंद ब्रोकर की तलाश तो जरूर पढ़िए ये ख़बर

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नई दिल्ली/टीम डिजिटल। रियल एस्टेट ब्रोकर एक खरीददार और विक्रेता अथवा डिवैल्पर को मिलवाने से लेकर सौदे को अमली जामा पहनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अमेरिका, इंगलैंड या दुबई जैसे विकसित बाजारों में जहां ब्रोकर पंजीकृत, प्रमाणित और लाइसैंसधारी होते हैं वहीं भारत में आज भी यह क्षेत्र असंगठित तथा अव्यवस्थित है। ऐसे में ग्राहकों के लिए भरोसेमंद ब्रोकर की तलाश करना भी आसान नहीं है।

रियल एस्टेट (रैगुलेशन एंड डिवैल्पमैंट) एक्ट को इस वर्ष लागू किया जा रहा है। इसके तहत ब्रोकर या एजैंट की भूमिका को पहचान मिलेगी और उन्हें नियामक प्राधिकरण के पास खुद को पंजीकृत भी करवाना होगा। जब तक यह कानून पूरी तरह लागू नहीं होता तब तक एक भरोसेमंद रियल एस्टेट एजैंट या ब्रोकर की तलाश करने के लिए आपको निम्र बातों का ध्यान रखना होगा।

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