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Akshaya Tritiya 2022, Dos and Donts: साल के सबसे शुभ दिन अक्षय तृतीया पर जनेऊ पहनने से क्यों आती है अशुभता? जानें इस दिन क्या करें और क्या ना करें

साल के सबसे शुभ दिन अक्षय तृतीया पर जनेऊ पहनने से क्यों आती है अशुभता

Akshaya Tritiya 2022, Dos and Donts: हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया की तिथि बहुत ही शुभ और मंगलकारी मानी गई है. अक्षय तृतीया का पावन पर्व हर साल आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ता है. इस वर्ष 3 मई, 2022, दिन मंगलवार को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी. इस दिन किए गया कोई भी शुभ कार्य अतिशुभ एवं अक्षय फल देने वाला माना जाता है. अक्षय तृतीया को आखा तीज (Akha teej 2022) के नाम से भी जाना जाता है. यूं तो ये साल भर का सबसे बड़ा शुभ दिन माना जाता है लेकिन कुछ गलतियों के चलते ये शुभ दिन भी दुष्परिणाम जीवन में ला सकता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन क्या करना चाहिए और किन चीजों को करने से बचना चाहिए.

अक्षय तृतीया के दिन ये काम जरूर करें (Akshaya Tritiya 2022, Dos)
1. अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए.

2. अक्षय तृतीया के इस शुभ मुहूर्त में नूतन गृह प्रवेश, गृह निर्माण, दुकान अथवा प्रतिष्ठान का शुभारंभ अवश्‍य करें.

3. अगर आपका भाग्योदय नहीं हो रहा है, तो अक्षय-तृतीया के दिन प्रात: उठते ही सर्वप्रथम 11 गोमती चक्रों को पीसकर उनका चूर्ण बनाकर अपने घर के मुख्य द्वार के सामने अपने ईष्ट देव का स्मरण करते हुए बिखेर दें. इस प्रयोग से कुछ ही दिनों में भाग्योदय होना शुरू होगा तथा दुर्भाग्य समाप्त होकर जीवन में खुशहाली आएगी.

4. इस दिन नए आभूषण की खरीदी, नए व्यापार का आरंभ तथा विवाह संस्कार आदि करना अतिलाभदायी होता हैं.

5. अक्षय तृतीया के दिन घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए ग्यारह गोमती चक्रों को एक लाल रेशमी कपड़े में बांधकर चांदी की डिब्बी में रखकर पूजा स्थान में रख दें, इससे घर में हमेशा सुख-शांति का वास बना रहता है.

6. अक्षय तृतीया के दिन तीर्थ स्नान तथा पितृ तर्पण का विशेष महत्व है. अत: इस दिन यह कार्य अवश्य करें.

7. इस दिन चार धाम में से खास एक भगवान बद्रीनाथ धाम के भी पट भी खुलते हैं. अत: हो सके तो बद्रीनाथ धाम अवश्य जाएं.

8. अगर आप व्यापार अधिक लाभ पाना चाहते हैं तो 27 गोमती चक्र लेकर पीले या लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपने व्यापारिक स्थान अथवा प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर बांध दें, यह कार्य करने भर से आपको व्यापार में आशानुरूप लाभ मिलने लगेगा.

9. अगर आपने साल भर कोई भी दान नहीं किया है तो अक्षय तृतीया के दिन विष्णु भगवान और अपने पितरों के लिए दान-पुण्य करें.

10. अक्षय तृतीया के दिन सत्तू, दही, चावल, मिट्टी का घड़ा, जौ, गेहूं एवं फल का दान अपने सामर्थ्य के अनुसार अवश्य ही करना चाहिए.

11. अक्षय तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है. अत: इस दिन पूरे मन से परशुराम का पूजन करके इस शुभ तिथि का लाभ अवश्य ही लें.

अक्षय तृतीया के दिन इन कामों को करने से बचें (Akshaya Tritiya 2022, Donts)
1. अक्षय तृतीया पर अत्याचार, दुराचार, धूर्तता, अनाचार तथा किसी को आत्मा को दुखाना आदि कार्य ना करें, क्योंकि इन पापों का कर्मफल भी अक्षुण रहता है. अत: इस दिन किए गए पाप हर जन्म में पीछा करता रहता है. अत: इस दिन सावधानी बरतते हुए सिर्फ अच्छे कर्म ही करने चाहिए.

2. अक्षय तृतीया के दिन असामाजिक कार्य नहीं करने चाहिए, क्योंकि इससे माता लक्ष्मी रूठ जाती हैं तथा उक्त व्यक्ति का जीवन धन के अभाव में व्यतीत होता है.

3. इस दिन बिना नमक खाए व्रत करना चाहिए, क्योंकि नमक का सेवन न करने से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. इस दिन सेंधा नमक का भी सेवन नहीं करना चाहिए.

4. अक्षय तृतीया के दिन किसी भी जरूरतमंद लोगों का उपहास न करें.

5. इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करना चाहिए, लेकिन अगर अक्षय तृतीया के दिन रविवार आ रहा हैं तो तुलसी एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें, क्योंकि रविवार को तुलसी का पत्ता तोड़ना वर्जित माना गया है.

6. अक्षय तृतीया के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर साफ अथवा नए वस्त्र धारण करके ही शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हुए माता लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। इस दिन गंदे अथवा बिना धुले वस्त्र नहीं पहनना चाहिए, इससे धन की देवी लक्ष्मी माता नाराज हो सकती है तथा उनके कोप का प्रकोप आप पर पड़ सकता है.

7. इस दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें. यह आपके सौभाग्य को दुर्भाग्य में बदल सकता है.

8. अक्षय तृतीया के दिन पहली बार जनेऊ धारण नहीं करना चाहिए, यह बेहद अशुभ माना जाता है.

बता दें कि, वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि की अधिष्ठात्री देवी माता गौरी हैं. माता गौरी को साक्षी मानकर किया गया धर्म-कर्म एवं दिया गया दान अक्षय हो जाता है, इसलिए इस तिथि को आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? अक्षय तृतीया कहा गया है. यह तिथि एक अबूझ मुहूर्त मानी गई है, इसलिए अक्षय तृतीया के दिन हर तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं. कई पुराणों और ग्रंथों में वर्णित है कि अगर किसी व्यक्ति ने सालभर कोई धान धर्म नहीं किया है तो उस व्यक्ति को अक्षय तृतीया के दिन दान धर्म अवश्य करना चाहिए. शास्त्रों आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? के अनुसार, इस दिन किये गए दान का पुण्य पूरे साल किये गए दान धर्म से 100 गुना अधिक लगता है.

शास्त्रों के मुताबिक रविवार के दिन सरसों के तेल से सिर पर मालिश करना है अशुभ, जानिए क्यों

शास्त्रों के मुताबिक रविवार के दिन भूल से भी सरसों तेल का इस्तेमाल अपने सिर या बॉडी मालिश में नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके कई घातक परिणाम हो सकते हैं।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: November 12, 2017 13:49 IST

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नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हफ्तें के सातों दिन सौरमंडल के किसी न किसी ग्रह से जुड़े होते हैं। इन ग्रहों का अपने से संबंधित दिनों पर एक विशेष प्रभाव पड़ता है। इसलिए अक्सर यह बात कही जाती है कि जिस दिन जो ग्रह प्रभावी है उसी दिन के अनुकूल काम करने चाहिए वर्ना शास्त्र के मुताबिक इसके कई घातक परिणाम हो सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो सौरमंडल में मैजूद हर ग्रह की अपनी एक विशेषता होती है। खासकर ये बात शास्त्रों में उल्लेखनीय है कि कौन सा ग्रह मनुष्य को कैसा फल प्रदान करेगा आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? एंव अगर आप ग्रह के मुताबिक काम नहीं करते हैं तो किस प्रकार से आपको दंड मिलेगा। इसलिए ऐसे में सबसे जरूरी चीज यह है कि हमें पता होना चाहिए कि हमें किस दिन कौन सा कार्य करना चाहिए ?

आज हम आपको बताएंगे कि रविवार के दिन क्या नहीं करना चाहिए। रविवार का दिन भगवान सूर्य का होता है इसलिए सूर्य ग्रह अपनी सबसे अधीक उर्जा प्रदान करती है।

सूर्य ग्रह को सौरमंडल का राजा माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक जितने भी ग्रह है वह सभी सूर्य ग्रह से ही उर्जा लेते हैं। संपूर्ण ब्राहमंड में सूर्य ही एकमात्र उर्जा प्रदान करती है।

नमक: शास्त्रों के मुताबिक रविवार के दिन सूर्य अस्त से पहले नमक का उपयोग न करें नहीं तो इसके अशुभ फल हो सकते हैं।

रविवार दिन के वक्त पती-पत्नी अलग सोएं: शास्त्रों के मुताबिक रविवार की रात होने से पहले सेक्स न करें। साथ ही ये भी बताया गया है कि इस दिन नॉन वेज और शराब न पीएं।

बाल न कटवाएं: रविवार के दिन भूल से भी बाल न कटवाएं, सरसों के तेल से मालिश न करें साथ ही दूध को जलाने का काम न करें, तांबे की चीजों को न खरीदें और बेंचे आदि.
यदि इन बातों का आप रविवार के दिन ख्याल रखेंगे तो आपको कभी भी सूर्य ग्रह की बुरी दृष्टी का सामना करना पड़ेगा।

सरसों के तेल से मालिश न करें: ज्योतिष शास्त्र की मानें तो सौरमंडल में मैजूद हर ग्रह की अपनी एक विशेषता होती है। इसलिए रविवार के दिन सुबह उठकर सबसे स्नान करने के बाद अच्छे से तैयार हो जाएं साथ ही साफ कपड़े पहने ताकि सूर्य की कृपा आपके उपर आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? बनी रहेगी। और साथ ही सबसे महत्वपूर्ण इस बात का ध्यान दें कि नहाने से पहले सरसों तेल न लगाएं। कई बार यह होता है कि लोग नहाने से पहले पूरे बॉडी और सर पर तेल लगा लेते हैं और नहाने के बाद शेम्पू कर लेते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो बिल्कुल न करें क्योंकि शास्त्रों के मुताबिक ऐसा करने से आपको आगे आने वाले समय में आपको इसके अशुभ परिणाम देखने के मिल सकते हैं।

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हिंदू धर्म में किसी के मरने और जन्म आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? लेने के बाद क्यों मनाया जाता है सूतक

मारे समाज में इससे जुड़े कई परंपराए है जैसे कि कोई शुभ काम न करना यानी कि अगर आपको कोई व्यापार करना है तो उसे इस समय में नहीं कर सकते है। इसे आप अंधविश्वास भी कह सकते है। लेकिन आप जानते है कि इसके पीछें वैज्ञानिक कारण भी है। आखिर क्यों यह सूतक मनाते

India TV Lifestyle Desk
Updated on: February 08, 2016 20:15 IST

life cycle- India TV Hindi

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धर्म डेस्क: हर इंसान के जीवन में खुशी और गम आता जाता रहता है। इस दुनिया में किसी कोने में कोई खुश होता है तो वही दूसरें कोने में गमगीन। अगर हमें कोई खुशी मिलती है तो हमें लगता है कि यह पल कभी न जाए और गम हो तो सोचते है कि यह पल जल्दी से निकल जाए। गम में तो एक-एक दिन भी काटना बहुत कठिन हो जाता है। हमारे जीवन में ऐसे कई पड़ाव आते है। कोई छोटा पड़ाव होता है तो कोई गम का तो कोई खुशी का।

जिंदगी के इन्ही पड़ावों में दो पड़ाव आते है वो है जन्म और मृत्यु। हमारा जीवन जन्म के साथ शुरु होता और मृत्यु से खत्म हो जाता है। बस फर्क इतना होता है कि जन्म में खुशी वहीं मृत्यु में गम होता है।

हिंदू धर्म में जन्म और मृत्यु बहुत अधिक महत्व रखते है। हिंदू धर्म एक ऐसा धर्म है जहां पर हजारों रीति-रिवाज और परंपराएं है। जिसके कारण इस धर्म की अपनी एक पहचान है। इस परंपरा में एक है सूतक की परंपरा यानी कि किसी बच्चें के जन्म लेने और किसी व्यक्ति के मरने के बाद के वो दिन जब कोई भी शुभ काम नहीं होता है।

हमारे समाज में इससे जुड़े कई परंपराए है जैसे कि कोई शुभ काम न करना यानी कि अगर आपको कोई व्यापार करना है तो उसे इस समय में नहीं कर सकते है। इसे आप अंधविश्वास भी कह सकते है। लेकिन आप जानते है कि इसके पीछें वैज्ञानिक कारण भी है। जानिए आखिर क्यों यह सूतक मनाया जाता है।

अगली स्लाइड में पढ़े जन्म और मृत्यु के सूतक के बारें में

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Small business ideas- 2 लाख रुपए की मशीन से 50 हजार रुपए महीने का प्रॉफिट

यदि आप अपनी फैमिली में पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। तो आपको हमेशा किसी ऐसे स्टार्टअप से शुरू करना चाहिए जिसमें फटाफट प्रॉफिट दिखाई देना शुरू हो जाए। क्योंकि कर्मचारियों वाली फैमिली में बिजनेस को बचाए रखने के लिए मोटिवेशन की बहुत जरूरत होती है। हम आपको एक ऐसा ही बिजनेस बता रहे हैं जिसमें अधिकतम ₹200000 का खर्चा आएगा और पहले ही दिन से आपको प्रॉफिट दिखाई देने लगेगा।

3D statue making machine- high profitable high potential business

3D फोटो तो सभी ने देखे होंगे लेकिन इन दिनों 3D स्टेच्यू का फैशन शुरू हो गया है। बीसवीं सदी तक लोग फैमिली फोटो बनाकर रखते थे। 21वीं सदी की शुरुआत में लोगों ने 3D फैमिली फोटो बनाना शुरू किया। इसका एक्सपीरियंस काफी अच्छा था क्योंकि आप किसी भी कॉर्नर पर खड़े हो आपको पूरा फोटो दिखाई देता है लेकिन अब फैशन बदल गया है।

लोग अपनी फैमिली के 3D स्टेच्यू बनवाने लगे हैं। अपने ड्राइंग रूम में सजाकर रखते हैं। काफी अच्छा लगता है पूरे परिवार की छोटी-छोटी मूर्तियां जब एक साथ रखी होती हैं। हम साथ साथ हैं वाली फीलिंग आ जाती है। लोग एक दूसरे को उनकी 3D मूर्तियां गिफ्ट करना पसंद करते हैं। जरा सोचिए आपके बच्चे की मूर्ति उसके फेवरेट कार्टून कैरेक्टर के साथ रखी हुई है।

बाजार में यह मशीन 30,000 रुपए से शुरू होती है और ₹180000 तक मिलती है। यानी कि ₹200000 में आप मशीन और लैपटॉप दोनों खरीद सकते हैं। एक सिंपल से सॉफ्टवेयर के जरिए आप घर बैठे लोगों की 3डी मूर्तियां बना सकते हैं। अब तक आप समझ गए होंगे कि आपको आर्डर कहां से मिलेंगे। इसमें लागत ना के बराबर आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? होती है और कीमत लोगों की पसंद पर डिपेंड करती है।

Akshaya Tritiya 2022, Dos and Donts: साल के सबसे शुभ दिन अक्षय तृतीया पर जनेऊ पहनने से क्यों आती है अशुभता? जानें इस दिन क्या करें और क्या ना करें

साल के सबसे शुभ दिन अक्षय तृतीया पर जनेऊ पहनने से क्यों आती है अशुभता

Akshaya Tritiya 2022, Dos and Donts: हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया की तिथि बहुत ही शुभ और मंगलकारी मानी गई है. अक्षय तृतीया का पावन पर्व हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ता है. इस वर्ष 3 मई, 2022, दिन मंगलवार को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी. इस दिन किए गया कोई भी शुभ कार्य अतिशुभ एवं अक्षय फल देने वाला माना जाता है. अक्षय तृतीया को आखा तीज (Akha teej 2022) के नाम से भी जाना जाता है. यूं तो ये साल भर का सबसे बड़ा शुभ दिन माना जाता है लेकिन कुछ गलतियों के चलते ये शुभ दिन भी दुष्परिणाम जीवन में ला सकता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन क्या करना चाहिए और किन चीजों को करने से बचना चाहिए.

अक्षय तृतीया के दिन ये काम जरूर करें (Akshaya Tritiya 2022, Dos)
1. अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए.

2. अक्षय तृतीया के इस शुभ मुहूर्त में नूतन गृह प्रवेश, गृह निर्माण, दुकान अथवा प्रतिष्ठान का शुभारंभ अवश्‍य करें.

3. अगर आपका भाग्योदय नहीं हो रहा है, तो अक्षय-तृतीया के दिन प्रात: उठते ही सर्वप्रथम 11 गोमती चक्रों को पीसकर उनका चूर्ण बनाकर अपने घर के मुख्य द्वार के सामने अपने ईष्ट देव का स्मरण करते हुए बिखेर दें. इस प्रयोग से कुछ ही दिनों में भाग्योदय होना शुरू होगा तथा दुर्भाग्य समाप्त होकर जीवन में खुशहाली आएगी.

4. इस दिन नए आभूषण की खरीदी, नए व्यापार का आरंभ तथा विवाह संस्कार आदि करना अतिलाभदायी होता हैं.

5. अक्षय तृतीया के दिन घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए ग्यारह गोमती चक्रों को एक लाल रेशमी कपड़े में बांधकर चांदी की डिब्बी में रखकर पूजा स्थान में रख दें, इससे घर में हमेशा सुख-शांति का वास बना रहता है.

6. अक्षय तृतीया के दिन तीर्थ स्नान तथा पितृ तर्पण का विशेष महत्व है. अत: इस दिन यह कार्य अवश्य करें.

7. इस दिन चार धाम में से खास एक भगवान बद्रीनाथ धाम के भी पट भी खुलते हैं. अत: हो सके तो बद्रीनाथ धाम अवश्य जाएं.

8. अगर आप व्यापार अधिक लाभ पाना चाहते हैं तो 27 गोमती चक्र लेकर पीले या लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपने व्यापारिक स्थान अथवा प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर बांध दें, यह कार्य करने भर से आपको व्यापार में आशानुरूप लाभ मिलने लगेगा.

9. अगर आपने साल भर कोई भी दान नहीं किया है तो अक्षय तृतीया के दिन विष्णु भगवान और अपने पितरों के लिए दान-पुण्य करें.

10. अक्षय तृतीया के दिन सत्तू, दही, चावल, मिट्टी का घड़ा, जौ, गेहूं एवं फल का दान अपने सामर्थ्य के अनुसार अवश्य ही करना चाहिए.

11. अक्षय तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है. अत: इस दिन पूरे मन से परशुराम का पूजन करके इस शुभ तिथि का लाभ अवश्य ही लें.

अक्षय तृतीया के दिन इन कामों को करने से बचें (Akshaya Tritiya 2022, Donts)
1. अक्षय तृतीया पर अत्याचार, दुराचार, धूर्तता, अनाचार तथा किसी को आत्मा को दुखाना आदि कार्य ना करें, क्योंकि इन पापों का कर्मफल भी अक्षुण रहता है. अत: इस दिन किए गए पाप हर जन्म में पीछा करता रहता है. अत: इस दिन सावधानी बरतते हुए सिर्फ अच्छे कर्म ही करने चाहिए.

2. अक्षय तृतीया के दिन असामाजिक कार्य नहीं करने चाहिए, क्योंकि इससे माता लक्ष्मी रूठ जाती हैं तथा उक्त व्यक्ति का जीवन धन के अभाव में व्यतीत होता है.

3. इस दिन बिना नमक खाए व्रत करना चाहिए, क्योंकि नमक का सेवन न करने से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. इस दिन सेंधा नमक का भी सेवन नहीं करना चाहिए.

4. अक्षय तृतीया के दिन किसी भी जरूरतमंद लोगों का उपहास न करें.

5. इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करना चाहिए, लेकिन अगर अक्षय तृतीया के दिन रविवार आ रहा हैं तो तुलसी एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें, क्योंकि रविवार को तुलसी का पत्ता तोड़ना वर्जित माना गया है.

6. अक्षय तृतीया के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर साफ अथवा नए वस्त्र धारण करके ही शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हुए माता लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। इस दिन गंदे अथवा बिना धुले वस्त्र नहीं पहनना चाहिए, इससे धन की देवी लक्ष्मी माता नाराज हो सकती है तथा उनके कोप का प्रकोप आप पर पड़ सकता है.

7. इस दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें. यह आपके सौभाग्य को दुर्भाग्य में बदल सकता है.

8. अक्षय तृतीया के दिन पहली बार जनेऊ धारण नहीं करना चाहिए, यह बेहद अशुभ माना जाता है.

बता दें कि, वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि की अधिष्ठात्री देवी माता गौरी हैं. माता गौरी को साक्षी मानकर किया गया धर्म-कर्म एवं दिया गया दान अक्षय हो जाता है, इसलिए इस तिथि को अक्षय तृतीया कहा गया है. यह तिथि एक अबूझ मुहूर्त मानी गई है, इसलिए अक्षय तृतीया के दिन हर तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं. कई पुराणों और ग्रंथों में वर्णित है कि अगर किसी व्यक्ति ने सालभर कोई धान धर्म नहीं किया है तो उस व्यक्ति को अक्षय तृतीया के दिन दान धर्म अवश्य करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किये गए दान का पुण्य पूरे साल किये गए दान धर्म से 100 गुना अधिक लगता है.

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