Budget 2023: बजट का बिगुल बज चुका है. देश के सबसे बड़े इकोनॉमिक इवेंट न्यूनतम निवेश बजट की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. हर साल बजट से न्यूनतम निवेश बजट पहले इंडस्ट्रीज, कॉरपोरेट्स और आम लोगों की उम्मीदें होती हैं. लेकिन, सबसे ज्यादा फोकस टैक्सपेयर्स (Taxpayers) का रहता है. बढ़ती महंगाई और घटती कमाई के चलते लोगों को इस बात का इंतजार रहता है कि सरकार उन्हें टैक्स (Income Tax) में थोड़ी राहत दे और उन्हें निवेश के लिए ज्यादा लिमिट मिले. अबकी बजट से भी यही उम्मीदें रहेंगी. इस बार थोड़ा अलग भी है. क्योंकि, लोकसभा चुनाव से पहले ये आखिरी पूर्ण बजट होगा. इसके बाद साल 2024 वाला बजट अंतरिम होगा. इसलिए सरकार टैक्सपेयर्स को निराश नहीं करना चाहेगी. सूत्रों की मानें तो इसकी तैयारी भी हो रही है. वित्त मंत्रालय ने संबंधित विभागों से कुछ सुझाव मांगे हैं. इसमें इनकम टैक्स को लेकर भी सुझाव मांगा गया है.

डेली न्यूज़

  • 02 Feb न्यूनतम निवेश बजट 2022
  • 9 min read
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बजट से संबंधित संवैधानिक प्रावधान, विभिन्न सरकारी हस्तक्षेप जैसे C-PACE, AVGC आदि।

ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस (EODB) और ईज़ ऑफ लिविंग, एनर्जी ट्रांज़िशन न्यूनतम निवेश बजट एंड क्लाइमेट एक्शन के लिये प्रस्ताव।

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Website Content Managed by Owned by Department of Economic Affairs, Ministry of Finance, Government of India Designed, Developed and Hosted by National Informatics Centre( NIC )न्यूनतम निवेश बजट Last Updated: 27 Dec 2022

Investment : बजट में निवेशकों को मिल सकती है खुशखबरी, क्या अब डेढ़ लाख रुपये से 3 लाख रुपये होगी PPF की लिमिट?

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PPF Accoun t: नया साल शुरू होने वाला है और नए साल में केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा। देश के वित्त मंत्री द्वारा संसद में बजट पेश किया जाता है। इसके बाद बजट में मोदी सरकार कई अहम फैसले ले सकती है। बजट से पहले वित्त न्यूनतम निवेश बजट मंत्रालय बजट पर तरह-तरह के सुझाव भी मांगता है। अब बजट पर एक संस्था ने अहम सुझाव दिया है.

महत्वपूर्ण सुझाव
सरकार देश में पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) स्कीम चला रही है। यह योजना लोगों को सरकार की ओर से बचत और निवेश करने का अवसर देती है। साथ ही, इस योजना से अर्जित धन कर योग्य नहीं है। अब बजट से पहले न्यूनतम निवेश बजट योजना को लेकर सरकार को एक अहम सुझाव दिया गया है.

वो 10 बजट जिन्होंने बदल न्यूनतम निवेश बजट दी भारत की दिशा

वो 10 बजट जिन्होंने बदल दी भारत की दिशा

1950-51:भारतीय गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला बजट कांग्रेस सरकार में वित्त मंत्री ने 28 फरवरी 1950 को पेश किया था। इस बजट में योजना आयोग की स्थापना का वर्णन किया था। जॉन मथाई ने गणतंत्र भारत का पहला बजट पेश किया। अलावा स्वतंत्रता के बाद उच्च मुद्रास्फीति, पूंजी की बढ़ी लागत, कम स्तर पर बचत, निवेश और उत्पादन का कम स्तर जैसी चीजों को भी चिह्नित किया गया था।

1957: कांग्रेस सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री टी टी कृष्णामाचारी न्यूनतम निवेश बजट ने 15 मई 1957 को यह बजट पेश किया। आयात के लिए लाइसेंस जरूरी कर दिया गया। नॉन-कोर प्रोजेक्ट्स के लिए बजट का आवंटन (बजटरी एलोकेशन) वापस ले लिया गया। निर्यातकों को सुरक्षा देने के नजरिए से एक्सपोर्ट रिस्क इंश्योरेंस कार्पोरेशन के गठन का फैसला। वेल्थ टैक्स लगाया गया। एक्साइज को 400 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया। ऐक्टिव इन्कम (सेलरी और बिजनेस) और पैसिव इन्कम (ब्याज और भाड़ा) में फर्क करने की प्रथम कोशिश हुई। आयकर को बढ़ा दिया गया।

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