दंगल गर्ल के नाम से विख्यात व हरियाणा महिला विकास निगम की चेयरपर्सन बबीता फोगाट ने आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को देश का सबसे झूठा नेता बताया है। उन्होंने कहा कि धरती पर ऐसा कोई दूसरा व्यक्ति मौजूद नहीं है, जो केजरीवाल जितना झूठ बोल सके।

बड़े लक्ष्यों के साथ निवेश कैसे करें

प्रभावी धन प्रबंधन के साथ शुरुआत करना सबसे कठिन हिस्सा है। जब आपके पास पैसे की गुंजाइश हो, तो अपने IRA या 401(k) में छोटे निवेश से शुरुआत करने के बारे में सोचें। आप थोड़ी सी नकदी के साथ संसाधनों को जमीन में लगाना शुरू कर सकते हैं।
इस लेख में, हम आपको बताएंगे: वित्तीय निवेश शुरू करने के लिए आपको वुल्फ ऑफ मनी रोड होने की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। इस लेख में, हम कई अलग-अलग तरीकों के उत्तर में जाते हैं कि कैसे निवेश किया जाए ताकि आप अपनी जेब में केवल थोड़ी सी नकदी के साथ भी वित्तीय योजना शुरू कर सकें।

खाना ख़रीदने बिटकॉइन इतना पॉपुलर क्यों है? से लेकर काम पर जाने के लिए अपने वाहन को टॉप करने तक, हर चीज़ पर अधिक खर्च आएगा। आपने यह भी देखा होगा कि आपका वेतन शायद उसी दर से नहीं बढ़ा है। कई रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमत बढ़ने के बावजूद, आप शायद इस वृद्धि को पूरा करने के लिए उस दर पर खरीदारी नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि हम इस बात पर ध्यान नहीं दे रहे हैं कि आप जीवन के किस चरण में हैं, हम अभी आपके पैसे को बचाने के महत्व पर जोर नहीं दे सकते हैं। चीजें जैसी हैं वैसी ही हैं, वास्तव बिटकॉइन इतना पॉपुलर क्यों है? में वित्तीय नियोजन इतना महत्वपूर्ण क्यों है? आप मानते हैं कि आपका कैश आपके लिए काम करना चाहिए। आप वास्तव में अपने नकदी के लिए कमर कस लें। आपको कुछ अच्छे रिटर्न प्राप्त करके अपने पैसे को अपने लिए काम करने देना चाहिए।

स्टॉक निवेश

आपका नकद वित्तीय संतुलन में सम्मान खो देता है। बिटकॉइन इतना पॉपुलर क्यों है? विस्तार बढ़ने के साथ, जब आप अपनी नकदी इधर-उधर पड़ी छोड़ देते हैं, राजस्व प्राप्त नहीं करते हैं, तो आपका खरीदारी प्रभाव कम हो जाता है।
एक निवेश खाता पर्याप्त प्रीमियम नहीं है। जितनी जल्दी आप पैसे का प्रबंधन शुरू करेंगे, उतनी ही जल्दी आपको अपनी तरफ से राजस्व का निर्माण करना होगा। प्रभावी वित्तीय नियोजन का सामान्य उद्देश्य यह गारंटी देना है कि आपको अनंत काल तक काम करने की आवश्यकता नहीं है। आपके निवेश को आपके पैसे लाने चाहिए। जब आप नकदी लाने के लिए अपने पैसे का उपयोग नहीं करते हैं, तो आप वह खो रहे हैं जो मूल रूप से मुफ्त पैसा हो सकता है।

आपको आदत बनाने के लिए समय से पहले धन प्रबंधन शुरू कर देना चाहिए। वित्तीय निवेश के पीछे का कारण जब आपके पास बहुत अधिक नकदी नहीं है, तो यह पता लगाना है कि कैसे योगदान करना है ताकि आपका वेतन बढ़ने पर आपको व्यवस्थित किया जा सके। धन प्रबंधन शुरू करने के लिए आपको स्टॉक की रूपरेखा पर ध्यान केंद्रित करने या पीसी के सामने लंबे समय तक बैठने की

आवश्यकता नहीं है।

चूंकि यह अब इतना स्पष्ट है कि आपको योगदान क्यों करना चाहिए, अब शुरू करने का सही मौका देखने का सही समय है (यहां एक सुराग है: यह आपके स्वाभाविक रूप से जल्द ही संदेह है)। कब शुरू करें
क्रिप्टो निवेश
जैसे-जैसे दुनिया आगे बढ़ रही है और डिजिटलीकरण की गति पर आ रही है, वित्तीय रूप से समृद्ध होने के लिए किसी को डिजिटल मुद्राओं से हाथ मिलाने की जरूरत है। इस अवधि के दौरान क्रिप्टोकरंसीज ने क्रिप्टोकरंसीज के साथ निवेश करने के तरीके पर कई लोगों का मार्गदर्शन किया है। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले देखने के लिए कई कारक हैं जिनमें रुझान, जोखिम और सोशल मीडिया समाचार शामिल हैं। यदि आप इस क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं, तो अपना शोध करें और बिटकॉइन इतना पॉपुलर क्यों है? आज ही https://the-britishbitcoinprofit.com/in जैसे किसी भी मददगार प्लेटफॉर्म से जुड़ें। जबकि उद्देश्य तुरंत धन प्रबंधन शुरू करना है, आपको पहले साथ में दो वित्तीय मुद्दों को संभालना चाहिए: अत्यधिक ब्याज दायित्व का ख्याल रखना। क्या आपके पास कोई अत्यधिक ब्याज दायित्व हैं? संतुलन को कम करने के लिए आपको जबरदस्ती इस पर किस्तें देने का प्रयास करना चाहिए – क्योंकि आप जो प्रीमियम भुगतान करेंगे, वह आपके निवेश पर आपके द्वारा किए गए किसी भी वृद्धि का खंडन करेगा।

डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स

सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.

क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.

तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.

एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.

Haryana TOP 10: जजपा के स्थापना दिवस पर आज भिवानी में जन सम्मान रैली, पढ़ें हरियाणा की बड़ी खबरें

डेस्क: भिवानी में आज जेजेपी के पांचवें स्थापना दिवस पर एक विशाल जन बिटकॉइन इतना पॉपुलर क्यों है? सम्मान रैली का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और इनसो अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहेंगे।

हरियाणा में मुख्यमंत्री बदलने के साथ ही मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें लगातार तेज हो रही हैं। माना जा रहा है भाजपा हाईकमान सभी को चौंकाने वाले फैसले ले सकते हैं। इसे लेकर जब मंत्री कमल गुप्ता से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हम तो सिर्फ नट बोल्ट हैं।

शहर के सेक्टर 6 स्थित एनर्जी ड्रिंक के एक गोदाम पर गुरुवार को सीएम फ्लाइंग, फूड एवं स्वास्थ्य विभाग व गुप्तचर विभाग की टीमों ने संयुक्त छापेमारी की। टीम ने एनर्जी ड्रिंक की 250 व 300 एमएल की बोतलों की सैंपलिंग भी की गए। एनर्जी ड्रिंक के नमूनों को जांच के लिए लैब में भिजवा दिया गया है।

रेटिंग: 4.44
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 579