DIGITAL E-RUPEE क्या है ? फायदे, उपयोग पूरी जानकारी

Digital currency: क्या है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी(CBDC), यह कैसे करेगी काम, समझें इससे जुड़ी पूरी डिटेल

भारतीय रिजर्व बैंक ने 7 अक्टूबर को जारी प्रेस नॉट में अक्टूबर, 2022 को डिजिटल रुपये पर कॉन्सेप्ट नोट जारी किया है. बैंक पिछले कई महीनों से केंद्रीय बैंक की ओर से समर्थित डिजिटल करेंसी की तर्ज पर डिजिटल रुपये- Central Bank Digital Currency (CBDC) – के फ्रेमवर्क को लेकर काम कर रहा है.

RBI Digital currency:आर बी आई ई रुपया
आखिर यह CBDC क्या है? और यह कैसे काम करेगी.?
आखिर यह CBDC क्या है? और यह कैसे काम करेगी.?
CBDC,Digital Currency के क्या हैं फायदे?
वैश्विक स्तर पर अन्य देश क्या कर रहे है
Digital currency के बारे में RBI क्या कहता है
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RBI Digital currency:आर बी आई ई रुपया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब साल 2022 का बजट पेश करते हुए एलान किया था कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया लॉन्च करेगा. यह सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC होगी.

RBI इस फाइनेंशियल ईयर में ब्लॉकचेन और ऐसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए CBDC इंट्रोड्यूस करेगा. डिजिटल करेंसी की दुनिया में यह आरबीआई का बड़ा कदम है. क्रिप्टोकरेंसी को टैक्सेशन के दायरे में लाए जाने के बाद वर्चुअल करेंसी की दुनिया में आरबीआई अपना विकल्प पेश कर रही है.

RBI ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधन का प्रस्ताव रखा, जो इसे CBDC लॉन्च करने में सक्षम करेगा।

आखिर यह CBDC क्या है? और यह कैसे काम करेगी.?

CBDC दरअसल, आरबीआई द्वारा जारी की गई एक डिजिटल करेंसी है. सरल शब्दों में कहें तो सीबीडीसी किसी देश का लीगल टेंडर है क्योंकि इसे सेंट्रल बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जाता है. यह किसी देश के मॉनिटरी अथॉरिटी द्वारा जारी ऑफिशियल करेंसी का एक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या डिजिटल टोकन है.

ब्लॉकचेन द्वारा समर्थित वॉलेट का उपयोग करके डिजिटल फिएट मुद्रा या CBDC का लेन-देन किया जा सकता है।

बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) द्वारा 2021 में किए गए एक सर्वे से पता चला है कि 86 प्रतिशत केंद्रीय बैंक सीबीडीसी को अपनाने की तैयारी में हैं. वहीं, लगभग 15 प्रतिशत देश इसे लेकर पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं. CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक करेंसी ही है, लेकिन यह कागज (या पॉलीमर) नहीं है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि आरबीआई द्वारा शुरू की गई सीबीडीसी भारत की फिएट करेंसी – भारतीय राष्ट्रीय रुपया (INR) जैसी होगी और इसे फिजिकल करेंसी से एक्सचेंज (विनिमय) किया जा सकेगा.
आरबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, यह एक इलेक्ट्रॉनिक रूप में सॉवरेन करेंसी है और केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट पर लायबिलिटी (चलन में मुद्रा) के रूप में दिखाई देगी.

क्या यह एक क्रिप्टो करंसी होगी?

नही CBDC डिस्ट्रीब्यूटेड लेज़र टेक्नोलॉजी (DLT) द्वारा समर्थित होगा, लेकिन यह एक लाइसेंस प्राप्त ब्लॉकचेन होगा जो इसे ऐसे क्रिप्टो एसेट्स से अलग करेगा,
जिन्हें लाइसेंस प्राप्त नहीं होता है. सेंट्रल मॉनीटरी अथॉरिटी के पास ब्लॉकचेन का कंट्रोल होगा.

CBDC,Digital Currency के क्या हैं फायदे?

  • सीबीडीसी फाइनल पेमेंट होगा और फाइनेंशियल सिस्टम, खास तौर पर बैंकों में सेटलमेंट के जोखिम को समाप्त करेगा.
  • सीबीडीसी वैल्यू का एक्चुअल स्टोर होगा और वैल्यू को एक एंटिटी से दूसरे में ट्रांसफर करेगा. इससे लेन-देन की लागत कम होगी और पैसे का फ्लो आसान होगा.
  • इसका मुख्य उद्देश्य जोखिम का शमन और वास्तविक मुद्रा के प्रबंधन, पुराने नोटों को चरणबद्ध तरीके से हटाने, परिवहन, बीमा एवं रसद से जुड़े लागत को कम करना है।
  • यह धन हस्तांतरण के साधन के रूप क्रिप्टोकरेंसी से लोगों को दूर भी रखेगा।
  • सीबीडीसी के ज़रिए रियल टाइम ट्रांजेक्शन और एक ग्लोबलाइज़ कॉस्ट इफेक्टिव पेमेंट सेटलमेंट सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा.
  • उदाहरण के लिए, इसके ज़रिए भारतीय आयातक किसी बिचौलिए के बिना ही डिजिटल डॉलर में रियल टाइम में निर्यात किए गए अमेरिकी सामान का भुगतान कर सकते हैं. इसमें यह भी जरूरी नहीं होगा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व सिस्टम सेटमेंट के लिए खुली हो.
  • करेंसी सेटलमेंट में टाइम जोन के अंतर से अब कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. यह लेन-देन फाइनल होगा.

वैश्विक स्तर पर अन्य देश क्या कर रहे है

  • बहामा अपनी राष्ट्रव्यापी CBDC सैंड डॉलर लॉन्च करने वाली पहली अर्थव्यवस्था है।
  • नाइज़ीरिया एक और देश है जिसने वर्ष 2020 में ईनायरा (eNaira) शुरू किया है।
  • चीन अप्रैल 2020 में डिजिटल मुद्रा e-CNY का संचालन करने वाली दुनिया की पहली बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।
  • वेनेजुएला भी अपना CBDC, यानी डिजिटल Bolivar लॉन्च करने की योजना बना रहा है. साउथ कोरिया डिजिटल युआन का पायलट परीक्षण कर रहा है.
  • यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी), अमेरिका, रूस, चीन और तुर्की भी सीबीडीसी को लेकर अपनी योजनाओं पर विचार कर रहे हैं.
  • कोरिया, स्वीडन, जमैका और यूक्रेन कुछ ऐसे देश हैं जिन्होंने अपनी डिजिटल मुद्रा का परीक्षण शुरू कर दिया है और कई और जल्द ही इसका अनुसरण कर सकते हैं।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा जारी एक नोट
के अनुसार, :

सीबीडीसी में पैसे के मौजूदा फॉर्म की तुलना में लिक्विडिटी, एक्सेप्टेंस, लेनदेन में आसानी और फास्ट सेटलमेंट में मदद मिलेगी. यह निकट भविष्य में कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर एक व्यावहारिक बदलाव हो सकता है. सीबीडीसी को अपनाने से लोगों के लिए सरकार द्वारा प्रदान किए गए सपोर्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करना आसान हो जाएगा. यह डिजिटल इकनॉमी की ओर बढ़ने में सरकार की मदद करेगा.

बिना इंटरनेट यूज करें डिजिटल करेंसी, कैश रखने से मिलेगी पूरी आजादी

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा - डिजिटल रुपया (थोक खंड) का पहला पायलट परीक्षण मंगलवार यानी एक नवंबर को शुरू किया जा रहा है. यह परीक्षण सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन के लिए किया जाएगा. आरबीआई ने कहा कि पायलट परीक्षण के तहत सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन का निपटान किया जाएगा. ब्लॉकचेन आधारित Digital Rupee को दो तरह से लॉन्च किया जाना है. पहला होलसेल ट्रांजैक्शन और दूसरा रिटेल में आम पब्लिक के लिए.

हैदराबाद : अब वॉलेट में फिजिकल कैश ले जाने की जरूरत नहीं है. इसके बजाय, आप डिजिटल रूप में मुद्रा ले जा सकते हैं - अपने फोन में बिल्कुल सुरक्षित तरीके से. वह दिन दूर नहीं जब लोगों का अधिकांश वर्ग डिजिटल मुद्रा में स्थानांतरित हो जाएगा. यह सब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नई पहलों के साथ संभव होने के लिए तैयार है, जिसमें पहले चरण में और बाद में खुदरा क्षेत्र में थोक खंड में पायलट आधार पर सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) शामिल है.

एक बार जब डिजिटल मुद्रा पूरी तरह से सुलभ हो जाती है, तो आप अपने हाथ की हथेली में फोन पर सिर्फ एक क्लिक के साथ अधिकांश वित्तीय लेनदेन कर सकते हैं. अब पैसे गिनने की जरूरत नहीं है. जबकि आप भौतिक मुद्रा नोटों को छू सकते हैं और गिन सकते हैं, ई-मुद्रा नोट अमूर्त है और आपके फोन पर एक साधारण स्पर्श के साथ लेन-देन किया जा सकता है. कहने की जरूरत नहीं है कि ई-रुपया आम आदमी की जिंदगी हमेशा के लिए बदलने वाला है.

डिजिटल रुपया काफी हद तक भौतिक रुपये के तकनीकी जुड़वां की तरह है. जैसे भौतिक मुद्रा नोटों के मामले में, आरबीआई डिजिटल मुद्रा के मुद्रण, रिलीज और वितरण पर भी पूर्ण नियंत्रण रखता है. इसलिए, उपभोक्ताओं को इसकी प्रामाणिकता के बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए. भौतिक मुद्रा नोटों और सिक्कों की तरह, डिजिटल मुद्रा भी उसी की होती है जो इसे ले जाता है, यानी वाहक.

जब आप 599 रुपये में कोई वस्तु खरीदते हैं, तो उस राशि की डिजिटल मुद्रा एक क्लिक या स्पर्श में विक्रेता को हस्तांतरित की जा सकती है. लेकिन फिजिकल फॉर्मेट में आपको अलग-अलग मूल्य के नोट गिनने होते हैं और बदलाव भी देना होता है. साथ ही, डिजिटल मुद्रा भुगतान पहले से उपलब्ध डिजिटल ऐप भुगतान से अलग हैं. डिजिटल करेंसी ट्रांजैक्शन के लिए बैंक अकाउंट या इंटरनेट की जरूरत नहीं होगी.

एक अन्य लाभ यह है कि डिजिटल और भौतिक मुद्रा बिना किसी शुल्क के परस्पर विनिमय योग्य हैं. डिजिटल मुद्रा लेनदेन भौतिक मुद्रा भुगतान की तुलना में तेज़ हैं. क्रिप्टोकुरेंसी या बिटकॉइन के मामले में, डिजिटल मुद्रा पर आरबीआई का कुल नियामक नियंत्रण होगा और यह जोखिम मुक्त है. क्रिप्टोकुरेंसी में लेनदेन के लिए कोई सुरक्षा नहीं है.

भारत का पहला डिजिटल रुपया पायलट प्रोजेक्ट आज से शुरू होगा. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आज, एक नवंबर को होलसेल सेगमेंट में केंद्रीय बैंक समर्थित डिजिटल रुपये के लिए पायलट लॉन्च करेगा. आरबीआई ने यह भी घोषणा की डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं कि डिजिटल रुपया-रिटेल सेगमेंट में पहला पायलट ग्राहकों और व्यापारियों के करीबी उपयोगकर्ता समूहों में चुनिंदा स्थानों पर एक महीने के भीतर लॉन्च करने की योजना है.

नौ बैंकों की पहचान: डिजिटल रुपये के होलसेल सेगमेंट में लांच की जा रही पायलट योजना के लिए नौ बैंकों की पहचान की गई है. आरबीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ये नौ बैंक भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी हैं.

डिजिटल रुपया क्या है?: सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपया केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए करेंसी नोटों का एक डिजिटल रूप है. डिजिटल मुद्रा या रुपया पैसे का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है, जिसका उपयोग संपर्क रहित लेनदेन में किया जा सकता है. केंद्रीय बजट 2022 पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी डिजिटल मुद्रा शुरू करेगा.

CBDC को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है

  • खुदरा (सीबीडीसी-आर): खुदरा सीबीडीसी संभावित रूप से सभी के उपयोग के लिए उपलब्ध होगा
  • होलसेल (CBDC-W) को चुनिंदा वित्तीय संस्थानों तक सीमित पहुंच के लिए डिजाइन किया गया है

डिजिटल रुपये और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर: क्रिप्टोकरेंसी एक विकेन्द्रीकृत डिजिटल संपत्ति और ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित विनिमय का माध्यम है. हालांकि, यह मुख्य रूप से अपनी विकेन्द्रीकृत प्रकृति के कारण विवादास्पद रहा है, जिसका अर्थ है कि बैंकों, वित्तीय संस्थानों या केंद्रीय अधिकारियों जैसे किसी मध्यस्थ के बिना इसका संचालन. इसके विपरीत, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) डिजिटल रूप में एक कानूनी मुद्रा होगी.

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, डिजिटल रुपया बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य क्रिप्टोकरेंसी से इस मायने में अलग होगा कि यह सरकार द्वारा समर्थित होगा. दूसरे, सरकारी समर्थन के कारण एक आंतरिक मूल्य होने पर, डिजिटल रुपया भौतिक रुपये के बराबर होगा. देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी.

DIGITAL E-RUPEE क्या है ? फायदे, उपयोग पूरी जानकारी 2023

एप से Digital E-Rupee का उपयोग करना कितना है सुरक्षित, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

डिजिटल रुपये के लॉन्च होते ही लोगों के मन में कई प्रकार के सवाल उत्पन्न हो रहे हैं। जिनमें सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या एप के द्वारा Digital Rupee का उपयोग करना सुरक्षित है? अगर आपके मन में भी इस प्रकार का ऐसा कोई भी सवाल है तो चलिए जानते हैं कि विशेषज्ञयों का इस पर क्या सुझाव है।

E-Rupee लाने का उदेश्य

CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गये मुद्रा नोटों का कागज रहित एक डिजिटल रूप है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आम बजट में वित्त वर्ष 2022-23 से ब्लॉक चेन (Block Chain) आधारित डिजिटल रुपया को लॉन्च करने की घोषणा की थी

कुछ बीते दिनों के पहले केंद्रीय बैंक की ओर से कहा गया था कि RBI डिजिटल रुपया का उद्देश्य मुद्रा के मौजूद रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल करेंसी को उनका उपयोग कर्ता बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प मिल सकेगा।

ई रुपया (e-Rupee)

भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने डिजिटल रुपया ई रुपया (e-Rupee) को लॉन्च कर दिया है। जो रिटेलर डिजिटल करेंसी के लिए पहला अहम प्रोजेक्ट है। डिजिटल रुपये के लॉन्च होते ही लोगों के मन में कई प्रकार के सवाल उत्पन्न हो रहे हैं।

जिनमें सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या एप द्वारा Digital Rupee का उपयोग करना सुरक्षित है? अगर आपके मन में भी इस प्रकार का कोई भी ऐसा कोई सवाल है तो चलिए जानते हैं कि विशेषज्ञयों का इस पर क्या सुझाव है।

आप को बता दें कि 1 दिसंबर से देश के बड़े चार शहरों में ई रुपी ( e-Rupee) का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। रिटेल ई रुपी के ट्रायल के लिए पहले चरण में चार बड़े शहरों में नई दिल्ली, मुंबई,बेंगलुरू और भुवनेश्वर में जारी किया गया है।

इस ट्रायल के दूसरे चरण में नये 9 और शहरों को जोड़ा जायेगा। पहले ट्रायल के लिए कुछ चयनित प्रमुख बैंकों एसबीआई, यस बैंक,आईसीआईसीआई और आईडीएफसी बैंक को चयनित किया गया है।

DIGITAL E-RUPEE क्या है

DIGITAL E-RUPEE क्या है

जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

IDFC फर्स्ट बैंक के एम बालाकृष्णन ने Digital Rupee के बारे में बताया कि ग्राहकों को बैंक की तरफ से लिंक के द्वारा डिजिटल रूपी वॉलेट बनाया जायेगा। जिसे वो अपने फोन पर इंस्टॉल कर उसका उपयोग कर सकते हैं।

आप अपने बैंक अकाउंट से पैसे को इस डिजिटल रूपी वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एप के द्वारा डिजिटल रुपये का उपयोग करना काफी हद तक ग्लीच फ्री है। इस डिजिटल रूपी के द्वारा लेनदेन करना बहुत ही आसान है।

यस बैंक के राजन के अनुसार, फिलहाल इसकी सुविधा अभी सिर्फ ग्रुप में शामिल होने वाले ग्राहकों और व्यापारी को मिलेगी। आप आसानी से अपने वॉलेट से पैसे निकाल कर वापिस अपने बैंक खाते में डाल सकते हैं। CBDC ब्लॉक चेन तकनिकी पर आधारित होगा।

पेपर करेंसी की समान ही इसका लीगल टेंडर होगा। आप डिजिटल वॉलेट के द्वारा पर्सन टू पर्सन (P2P) या फिर पर्सन टू मर्चेट के बीच इससे ट्रांजैक्शन किया जा सकेगा। साथ ही QR कोड स्कैन (QR Code Scan) करके भी इसके द्वारा पेमेंट की जा सकेगी। Qr code scan करके एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में पैसे भेजना बहुत ही आसान एवं सुलभ है

नोट और सिक्कों का है डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रुप

केंद्रीय बैंक द्वारा इसे उसी मूल्य पर निर्धारित कर जारी किया जायेगा, जिस निर्धारित मूल्य पर वर्तमान में रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया करेंसी नोट छापने का करती है। यानी अगर आसान एवं सरल भाषा में समझे तो ये नोट और सिक्कों का डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप है।

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने डिजिटल रुपये की पेशकश के लिए पहली पायलट परियोजना नयी दिल्ली, मुंबई,बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया है। पायलट प्रोजेक्ट के लिए 4 बैंकों को चयनित किया गया है जिसमें भारतीय स्टेट बैंक, यस बैंक,आईसीआईसीआई बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक आदि प्रमुख रुप से शामिल हैं।

DIGITAL E-RUPEE क्या है ? फायदे, उपयोग पूरी जानकारी

DIGITAL E-RUPEE क्या है ? फायदे, उपयोग पूरी जानकारी

E-Rupee के बड़े फायदे

E-Rupee डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मददगार सावित हो सकता है। लोगों को जेब में कैश लेकर कही आने जाने की जरूरत नहीं रहेगी। मोबाइल वॉलेट के समान ही इससे पेमेंट करने में बहुत सुविधा होगी। डिजिटल रुपया को बैंक मनी और कैश में आसानी से बदलाव कर सकेंगे।

इसके द्वारा विदेशों में पैसे भेजने की अधिक लागत में कमी आयेगी। ई- रुपया बिना इंटरनेट कनेक्शन की जरुरत नहीं रहेगी यह बिना इंटरनेट कनेक्शन के काम करेगा। ई-रूपी की वैल्यू भी मौजूद पेपर बाली करेंसी के बराबर ही होगी।

आरबीआई की डिजिटल करेंसी E-Rupee के नुकसान के बारे में बात करें तो इसका एक बड़ा नुकसान ये हो सकता है कि इससे कैश पैसों के लेन-देन से संबंधित प्राइवेसी लगभग खत्म हो जायेगी आमतौर पर कैश में डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं लेन-देन करने से लोगो की पहचान गुप्त रहती है, लेकिन डिजिटल ट्रांजैक्शन पर सरकार की नजर बनी रहेगी।

इसके अलावा ई-रुपया वॉलेट में कोई ब्याज भी नहीं मिलेगा। RBI की मानें तो अगर डिजिटल रुपया पर ब्याज दिया ये करेंसी मार्केट में अस्थिरता ला सकती है। इसकी वजह यह है कि लोग अपने बचत खाता से पैसे निकालकर उसे डिजिटल करेंसी में बदलना शुरू कर देंगे।

DIGITAL E-RUPEE क्या है ? फायदे, उपयोग पूरी जानकारी

ई रुपया (e-Rupee) क्या है

भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया RBI ने डिजिटल रुपया ई रुपया e-Rupee को लॉन्च कर दिया है। जो रिटेलर डिजिटल करेंसी के लिए पहला अहम प्रोजेक्ट है, 1 दिसंबर से देश के बड़े चार शहरों में ई रुपी e-Rupee का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। रिटेल ई रुपी के ट्रायल के लिए पहले चरण में चार बड़े शहरों में नई दिल्ली, मुंबई,बेंगलुरू और भुवनेश्वर में जारी किया गया है।

E-Rupee के बड़े फायदे

E-Rupee डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मददगार सावित हो सकता है। लोगों को जेब में कैश लेकर कही आने जाने की जरूरत नहीं रहेगी। मोबाइल वॉलेट के समान ही इससे पेमेंट करने में बहुत सुविधा होगी। डिजिटल रुपया को बैंक मनी और कैश में आसानी से बदलाव कर सकेंगे।

डिजिटल रुपया क्या है जानकारी इसके फायदे

भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 दिसम्बर को अपनी डिजिटल मुद्रा 'डिजिटल रुपया' लॉन्च की है। सेंट्रल बैंक (आरबीआई) ने थोक लेनदेन के लिए अभी डिजिटल रुपया (ई-रुपया) जारी किया है। फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। प्रारंभिक चरण में, सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन को निपटाने के लिए डिजिटल रुपये का उपयोग किया जाएगा।

RBI द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया क्या है? जानकारी इसके फायदे

RBI ने लॉन्च किया ‘डिजिटल रुपया’

पायलट प्रोजेक्ट

इस परीक्षण के तहत सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन का निपटान किया जाएगा। RBI ने 'केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा' लाने की अपनी योजना की दिशा में एक कदम के रूप में डिजिटल रुपये का पायलट परीक्षण शुरू करने का निर्णय लिया है।

केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी के बारे में पेश की गई अपनी कॉन्सेप्ट रिपोर्ट में आरबीआई ने कहा था कि इस डिजिटल करेंसी को लाने का मकसद करेंसी के मौजूदा रूपों की पूर्ति करना है। यह मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ उपयोगकर्ताओं को अतिरिक्त भुगतान विकल्प प्रदान करेगा।

फ़िलहाल इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं। इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC नाम दिया गया है और भारत की यह पहली डिजिटल करेंसी आपके लिए बहुत कुछ बदलने वाली है।

डिजिटल रुपया के फायदे(rbi digital currency)

देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (ई-रुपया) आने डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी के आगमन से आम लोगों और व्यवसायों के लिए सरकार के साथ लेन-देन की लागत कम हो जाएगी। ये भी होंगे फायदे

Cryptocurrency: किसी को रातोंरात कर सकती है मालामाल तो किसी को कंगाल, जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान

टाइम्स नाउ ब्यूरो

What is cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी को लेकर इन दिनों देश में एक बहस सी चल पड़ी है। खुद पीएम मोदी इसे लेकर आगाह कर चुके हैं। आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने तो इसे लेकर कानून बनाने की मांग की है।

Cryptocurrency know the advantages and disadvantages of Cryptocurrency and Bitcoin

  • देश और दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है क्रिप्टोकरेंसी का चलन
  • पीएम मोदी ने क्रिप्टो को लेकर जताई चिंता, कहा- ये जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसपर मिलकर काम करें
  • क्रिप्टो किसी को भी घंटों के अंदर बना सकती है मालामाल तो कर सकती है कंगाल भी

Cryptocurrency's advantages and disadvantages: आज बात उस डिजिटल डेंजर की, जिसकी तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में इशारा कर चुके हैं। सिर्फ इशारा नहीं बल्कि दुनिया के बड़े और ताकतवर मुल्कों को आगाह कर चुके हैं और इसका नाम है-क्रिप्टो करेंसी। बिटक्वाइन। वही बिटक्वाइन जो किसी की रातों रात मालामाल तो किसी को रातों रात कंगाल बना देती है। आने वाले वक्त में पीएम मोदी इस बाबत बड़ा कदम उठाने वाले हैं। इसका संकेत उन्होंने दो दिन पहले दे दिया था। अब एक्शन की बारी है।

पीएम ने खतरे को लेकर जताई चिंता

पीएम मोदी ने इसे लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा, 'क्रिप्टो करेंसी और बिटक्वाइन। ये जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसपर मिलकर काम करें और सुनिश्चित करें कि ये गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।' क्रिप्टो करेंसी या बिट क्वाइन को लेकर प्रधानमंत्री ने ये चिंता दो दिन पहले सिडनी डायलॉग में चलाई। ना सिर्फ चिंता जताई, बल्कि दुनिया के सभी बड़े देशों को इससे आगाह भी किया। तो सवाल ये है कि आखिर बिटक्वाइन को लेकर प्रधानमंत्री का डर क्या है? पीएम ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर अलार्म क्यों बजाया ? कौनसा खतरा है, जिसकी आहट हो चुकी है ?

क्या है क्रिप्टो करैंसी

आज आपको इन सभी सवालों का सिलसिलेवार तरीके से जवाब मिलेगा। लेकिन सबसे पहले ये जान डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं लीजिए कि आखिर ये क्रिप्टो करेंसी है क्या ? जी हां ये वही क्रिप्टो करेंसी या बिट क्वाइन है, जो पूरी दुनिया को बहुत तेजी से अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है। इस रफ्तार से कि कल्पना करना मुश्किल है।ये वही क्रिप्टो करेंसी है, जो भारत में लीगल नहीं है। बावजूद इसके भारत वो देश है, जो इस अदृश्य करेंसी में सबसे ज्यादा इन्वेस्ट कर रहा है। इसीलिए सवाल उठता है कि आखिर देश में इस डिजिटल करेंसी का फ्यूचर क्या है? क्या सरकार इसे बैन करेगी या कानूनी मान्यता देगी?

सबसे डरावना पहलू

खैर सरकार इस बाबत क्या करने वाली है, तो आने वाले वक्त में पता चलेगा, लेकिन इस करेंसी के कुछ अपने खतरे हैं। वो क्या. समझिए। इसके अपने खतरे तो हैं ही। चाहे वो सरकार के लिए हों या उन लोगों के लिए जो इसके जरिए रातों रात रईस बनने का सपना देख रहे हैं। लेकिन अब ये भी समझिए कि आखिर इस छिपे हुए या अदृश्य मनी को लाने के पीछे का मकसद क्या था? सबसे डरावना पहलू ये है कि जिस तरह से ये रुपया अदृश्य है, उसी तरह से इसे अस्तित्व में लाने वाला शख्स भी।

फायदा और नुकसान दोनों

2010 में एक बिट क्वाइन की कीमत सिर्फ 22 पैसे थे, लेकिन अब इसकी कीमत सुनेंगे तो दंग रह जाएंगे। इस क्रिप्टो करेंसी के खतरे क्या हैं, उसे भी समझिए। इन सब खतरों के बीच, प्रश्न ये है कि आखिर भारत में इस करेंसी का क्या भविष्य है। क्या सरकार इसे बैन करने वाली है, या कानूनी मान्यता देगी? भारत में क्रिप्टो करेंसी बैन होगी या नहीं, इसका जवाब आने वाले वक्त में मिलेगा, लेकिन दुनिया के कई देशों में ये बैन है। तो कहने का मतलब ये है कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि जितने इसके फायदे हैं, उतने ही नुकसान भी हैं।

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