भारतीय पूंजी बाजार में घोटालों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए, भारत सरकार ने _______ को नियामक शक्तियां सौंपी हैं।
Key Points
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना 12 अप्रैल 1992 को हुई थी।
- इसका गठन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार किया गया था।
- सेबी के मूल कार्य प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करना और प्रतिभूति बाजार को विनियमित करना और उससे जुड़े मामलों के लिए और इसके साथ जुड़े मामलों या आकस्मिक उपचार के लिए हैं।
Additional Information
- भारतीय रिजर्व बैंक (आर बी आई) भारत का केंद्रीय बैंक है जिसका प्राथमिक कार्य देश की वित्तीय प्रणाली का प्रबंधन और संचालन करना है।
- नीति आयोग नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI) एक भारत सरकार की नीति है, जिसे योजना आयोग को बदलने के लिए स्थापित किया गया है।
- नीति आयोग का उद्देश्य देश को सहकारी संघवाद बनाने पर जोर देने के साथ आर्थिक नीति-निर्माण प्रक्रिया में भागीदारी और भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।
- केंद्रीय ब्यूरो जांच (सी बी आई) भारत की शीर्ष-एजेंसी है जो पूरे देश से बहुत गंभीर मामलों की जांच करती है।
- यह संगठन कार्मिक, लोक शिकायत और संघीय सरकार के पेंशन मंत्रालय के अंतर्गत आता है, जो डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं? आगे एक कैबिनेट मंत्री की अध्यक्षता में है जो सीधे प्रधानमंत्री के लिए रिपोर्ट करने योग्य है।
- सीबीआई को 1941 में भारत सरकार ने विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के रूप में पाया था।
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Last updated on Oct 1, 2022
The Gujarat Public Service Commission (डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं? GPSC) has released a new notification for the GPSC Engineering Services Recruitment 2022. The commission has released 28 vacancies for the recruitment process. Candidates can apply for the applications from 15th October 2022 to 1st November 2022 and their selection will be based on Prelims, Mains and Interview. Candidates with a Graduation degree as the basic GPSC Engineering Services Eligibility Criteria are eligible to appear for the recruitment process. The finally selected candidates will get a salary range between Rs. 53100 to Rs. 208700.
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कमोडिटी एक्सचेंज के कामकाज पर छात्रों को किया गया जागरूक
हिन्दुस्तान 19-11-2022 हिन्दुस्तान टीम
रांची, प्रमुख संवाददाता। केंद्रीय वित्त मंत्रालय की संस्था भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड के तहत कार्यरत नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड, मुंबई की ओर से शनिवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए विनियोगकर्ता जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। रांची एग्रीकल्चर कॉलेज में आयोजित इस कार्यशाला में एक्सचेंज के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट नीरज शुक्ला ने वर्चुअल कमोडिटी मार्केट की कार्यप्रणाली, इसके लाभ और देश की अर्थव्यवस्था की स्थिरता कायम रखने में इसके योगदान पर विस्तार से चर्चा की।
नीरज शुक्ला ने कहा कि वर्ष 2003 में शुरू हुए कमोडिटी एक्सचेंज के कामकाज और प्रभाव का लगातार विस्तार हो रहा है। यह यह खाद्यान्न, ऊर्जा, धातु और अन्य रॉ मैटेरियल के क्षेत्र में काम कर रहा है। नीरज शुक्ला ने कहा कि कृषि उत्पादों का लाभकारी मूल्य नहीं मिलने के कारण किसानों के बच्चे कृषि कार्य से विमुख हो रहे हैं। कमोडिटी एक्सचेंज किसानों की आत्मनिर्भरता बढ़ाने और उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य दिलाने का उपयोगी प्लेटफार्म है।
उन्होंने कहा कि परंपरागत बाजार की तुलना में वर्चुअल मार्केट ज्यादा तरल, प्रतिस्पर्धी, पारदर्शी और प्रभावशील है। एक्सचेंज की ओर से निर्धारित गुणवत्ता मापदंड के अनुरूप जो उत्पाद होते हैं, वही वर्चुअल मार्केट में उपलब्ध होते हैं। इसलिए क्रेता को व्यक्तिगत स्तर पर उसकी गुणवत्ता की जांच परख की आवश्यकता नहीं पड़ती। इस ऑनलाइन फोरम पर खरीदारों की संख्या बढ़ जाती है। कौन किससे मोलभाव कर रहा है, यह पता नहीं चलता और विक्रेताओं को अच्छी कीमत मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
एक्सचेंज के एवीपी ने कमोडिटी मार्केट में खरीद डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं? बिक्री की प्रक्रिया- पंजीकरण, खाता खोलना, केवाईसी अपडेट करना, डिपॉजिट मार्जिन, ट्रेडिंग की शुरुआत, बाजार से बाजार निपटान, डिलीवरी, आवश्यक सावधानियां आदि पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
कार्यशाला का आयोजन बीएयू में चल रही राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना (नाहेप) और विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट सेल की ओर से किया गया था। कार्यक्रम के दौरान नाहेप के प्रधान अन्वेषक डॉ एमएस मलिक, प्लेसमेंट सेल के समन्वयक डॉ बीके झा और कमोडिटी एक्सचेंज की अधिकारी पूजा सिंह ने भी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
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