उन्होंने कहा कि हमने चीन से डेटा साझा करने का अनुरोध किया है। साथ ही टेड्रोस ने कोरोना जैसी गंभीर बीमारी की बढ़ती रिपोर्ट के साथ चीन में विकसित होती स्थिति के बारे में भी चिंता व्यक्त की। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि जमीन पर स्थिति का व्यापक जोखिम मूल्यांकन करने के लिए, डब्ल्यूएचओ को रोग की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती और गहन देखभाल इकाइयों के समर्थन की आवश्यकताओं के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी की आवश्यकता है।
Kota News: स्टूडेंट की मौतों का राज कोटा की कुंडली में खोजेंगे ज्योतिषी, आज से शुरू होगा ज्योतिष, वास्तु और धर्म सम्मेलन
By: दिनेश कश्यप, कोटा | Updated at : 24 Dec 2022 10:02 AM (IST)
कोटा: शहर में स्टूडेंट की मौत सभी के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. कई बार ये मौत डिपरेशन में हो रही है तो कई बार इसका मुख्य कारण लव अफेयर्स निकल कर सामने आता है,कई बार पारीवारिक परिस्थियां होती हैं तो कभी कुछ और कारण रहते हैं. लेकिन कारण कुछ भी रहे हो आखिर स्टूडेंट की मौत तो हो ही रही है. इन मौतों को रोकने के लिए जहां प्रशासन,कोचिंग संस्थान,पुलिस और कई संगठन अपने-अपने स्तर पर काम कर रहे हैं. पहली बार ज्योतिष भी कोटा में हो रही इन मौत पर अपने विचार रखेंगे. ज्योतिषि कोटा की कुंडली देखेंगे. वे वास्तु दोष देखेंगे और इसका समाधान भी बताएंगे.
किस किस विषय के विशेषज्ञ आएंगे
छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेंटर की कार्यशाला में बच्चों ने एयरोप्लेन के विज्ञान को समझा, मॉडल बनाकर स्वयं अनुभव किया
रायपुर। हाई स्कूल के विद्यार्थियों ने एयरोप्लेन साईंस किस सिद्धांत पर और कैसे कार्य करता है। इसके पीछे क्या टेक्नोलॉजी है। साथ ही इसका मॉडल बनाकर उड़ाने का अनुभव भी लिया। यह सब छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेंटर द्वारा आयोजित हैण्ड्स ऑन ट्रेनिंग कम वर्कशॉप में बच्चों ने जाना और अनुभव भी किया। एयरो मॉडलिंग कार्यशाला में स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय माना कैम्प के विद्यार्थी शामिल हुए। यह कार्यशाला प्रभारी परियोजना संचालक डॉ. शिरीष कुमार सिंह के मार्गदर्शन में हुई। इसका उद्देश्य नवीन खोजों एवं प्रायोगिक क्रियाकलापों को स्वयं करके सीखने की प्रक्रिया को विकसित करना है। संस्था के महानिदेशक डॉ. एस. कर्मकार द्वारा संस्था के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस पाँच दिवसीय वर्कशॉप के सफलतापूर्वक संपन्न होने की शुभकामनाएँ दी। साथ ही अपनी वैज्ञानिक टीम को भविष्य में भी इस तरह के वर्कशॉप के आयोजन हेतु प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर डॉ. शिरीष कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान में हम प्रौद्योगिक एवं नवाचार के युग में जी रहे है। तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत सभी तरफ ऑटोमेशन टेक्नॉलॉजी का प्रसार है। शिक्षण में ऑगमेंटेड रियालिटी और वर्चुअल रियालिटी का इंटरफेस बढ़ गया है।
छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेंटर पहुंचे स्टूडेंट्स, एयरोप्लेन के विज्ञान को समझा
रायपुर। हाई स्कूल के विद्यार्थियों ने एयरोप्लेन साईंस किस सिद्धांत पर और कैसे कार्य करता है। इसके पीछे क्या टेक्नोलॉजी है। साथ ही इसका मॉडल बनाकर उड़ाने का अनुभव भी लिया। यह सब छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेंटर द्वारा आयोजित हैण्ड्स ऑन ट्रेनिंग कम वर्कशॉप में बच्चों ने जाना और अनुभव भी किया। एयरो तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत मॉडलिंग कार्यशाला में स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत माना कैम्प के विद्यार्थी शामिल हुए। यह कार्यशाला प्रभारी परियोजना संचालक डॉ. शिरीष कुमार सिंह के मार्गदर्शन में हुई। इसका उद्देश्य नवीन खोजों एवं प्रायोगिक क्रियाकलापों को स्वयं करके सीखने की प्रक्रिया को विकसित करना है।
संस्था के महानिदेशक डॉ. एस. कर्मकार द्वारा संस्था के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस पाँच दिवसीय वर्कशॉप के सफलतापूर्वक संपन्न होने की शुभकामनाएँ दी। साथ ही अपनी वैज्ञानिक टीम को भविष्य में भी इस तरह के वर्कशॉप के आयोजन हेतु प्रोत्साहित किया।
सुशासन के लिए अमृत महोत्सवी संकल्पों के अटल मायनें
अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)
भारत सरकार ने नागरिकों के मध्य सरकार की जवाबदेही के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत वाजपेयी जी की जयंती को पूरे भारत में सुशासन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय वर्ष 2014 में लिया था। सुशासन दिवस को सरकार के लिए कार्य दिवस घोषित किया गया है एवं 25 दिसंबर को उन्हें याद कर उनके द्वारा किए गए कामों के बारे में बात कर अलग-अलग माध्यमों से उन्हें आजादी के बाद सुशासन के एक नूतन परंपरा में जोड़ा जाता है।
सुशासन की अवधारणा भारत के लिए तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत नया नहीं
हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपनी नीतियों और तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत नेतृत्व से देश में सुशासन की परंपरा को पोषित किया एवं एक नया आयाम दिया था लेकिन वैसे अगर समझे तो ‘सुशासन’ एक अवधारणा के रूप में वैश्विक मान्यता पिछली सदी के आखिरी दशक में उभरी। हालांकि यह अवधारणा भारत तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत के लिए कभी नई नहीं रही। हमारे सदियों पुराने शास्त्रों और समृद्ध इतिहास की दूरदर्शी विभूतियों ने सदैव सुशासन के प्रतीक तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत के रूप में भारत की कल्पना की है। भगवद्गीता में सुशासन, नेतृत्व, कर्तव्यबोध और आत्मबोध के बहुत सारे संदर्भ हैं जिनकी आधुनिक भारत के संदर्भ में पुनर्व्याख्या भी की गई है। अपने प्राचीन भारतीय राजनीतिक ग्रंथ-‘अर्थशास्त्र’ में कौटिल्य ने इस बात को रेखांकित करते हुए कहा है कि लोगों का कल्याण राजा का सर्वोपरि कर्तव्य था। यहां तक कि महात्मा गांधी जी के ‘सु-राज’ का निहितार्थ भी निश्चित रूप से सुशासन ही था। इस तरह के ज्ञान से प्रेरित होकर ही हम अपने लोकतांत्रिक संस्थानों से जुड़ी राजव्यवस्था और जीवंत अर्थव्यवस्था के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में सक्षम हुए हैं।
विस्तार
चीन में फैल रहे कोरोना ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत दी हैं, कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि हर हफ्ते चीन में हजारों लोगों की जा रही है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना से जुड़े आंकड़ों को लेकर चिंता जाहिर की है इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने बुधवार को एक बार फिर चीन से कोरोना महामारी की उत्पत्ति को बेहतर ढंग से समझने के लिए अनुरोधित डेटा को साझा करने को कहा है।
कोरोना से जुड़े सही डेटा की आवश्यकता
डब्ल्यूएचओ प्रमुख घेब्रेयसस ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कोविड-19 के तकनीकी विश्लेषण सिद्धांत बाद की स्थिति की हमारी समझ से परे है और हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि संक्रमण के दीर्घकालिक परिणामों से पीड़ित लोगों का इलाज कैसे किया जाए। आगे कहा कि इस महामारी की शुरुआत कैसे हुई, इस बारे में बारे में समझने के लिए सही डेटा की आवश्यकता है।
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