सरल भाषा में बताएं तो ए प्रोसेस बिल्कुल वैसे ही होता है जैसे कि आप अपने पर्स से पैसा निकालते हैं दुकानदार को पैसा देते हैं। और दुकानदार से आप समान लेते हैं। और उस सामान को अब थैले में डालते हैं तो जो आपका पर्स है ट्रेडिंग अकाउंट है और दुकानदार एक्सचेंज है। आपने जो पैसा दिया उसको और जो सामान लिया वह आपका शेयर हो गया और उसको थैले में डाल दिया आपका डीमेट अकाउंट हो गया तो पैसे का लेनदेन आपके पास से होता है।

What is trading account in hindi

TRADING ACCOUNT

Zerodha

ट्रेडिंग अकाउंट हमारे DEMAT ACCOUNT के साथ LINK कर दिया जाता है, और जब TRADING ACCOUNT की हेल्प से जब ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है हम शेयर खरीदने का आर्डर स्टॉक मार्केट को देते है, और हमारा आर्डर कम्पलीट हो जाता है तो ख़रीदे गए शेयर हमारे ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है DEMAT अकाउंट में जमा हो जाते है, और जितने मूल्य का शेयर खरीदते है, उस मूल्य के साथ और टैक्स तथा ब्रोकरेज चार्ज के साथ हमारे ट्रेडिंग अकाउंट से पैसे कट जाते है ,

और इसी तरह जब हम शेयर बेचते है तो बेचे गए शेयर को DEMAT से कम कर दिए जाते है, और बेचे गए शेयर का अमाउंट हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में ब्रोकरेज तथा टैक्स काटने के बाद जमा हो जाता है,

“इस तरह ट्रेडिंग अकाउंट, सिर्फ ट्रेडिंग करने के लिए होता है, जहा पर हमारे शेयर्स खरीदने और बेचने के ऑर्डर्स और पैसो के डेबिट और क्रेडिट का रिकॉर्ड रहता है,”

स्टॉक ब्रोकर और ट्रेडिंग अकाउंट

हम डायरेक्टली स्टॉक मार्केट को कोई भी शेयर खरीदने और बेचने का आर्डर नहीं दे सकते है, हमारा स्टॉक ब्रोकर हमारे शेयर्स खरीदने और बेचने के आर्डर को स्टॉक मार्केट तक पहुचाता है,

और इसलिए स्टॉक ब्रोकर हमारे सभी BUY और SELL के ORDERS को स्टॉक मार्केट तक पहुचाने के लिए एक जो अकाउंट खोलता है, वो ट्रेडिंग अकाउंट कहलाता है,

आज सभी स्टॉक ब्रोकर कंपनी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ हमें एक TRADING PORTAL/MOBILE APP या TRADING TERMINAL SOFTWARE अपनी WEBSTIE पर LOG IN करने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड देती है,

और अपने यूजर आईडी जिसका इस्तेमाल करके हम स्टॉक ब्रोकर के पास LOG IN करके अगर स्टॉक ब्रोकर कोई बैंक नहीं है तो पहले हमें अपने ट्रेडिंग ACCOUNT में पैसे जमा करने पड़ते है,

और फिर हम जो भी शेयर खरीदना या बेचना चाहते है, उस शेयर को SELECT करके अपनी इक्क्षानुसार QUANTITY और PRICE डालने के साथ आर्डर कर सकते है,

TRADING ACCOUNT के फायदे

शेयर्स को TRADING ACCOUNT में रखना बहुत ही फायदेमंद है , TRADING के कुछ सबसे विशेष फायदे है

  • शेयर खरीदना और बेचना बिलकुल आसन हो जाना,
  • शेयर खरीदने के लिए पैसो का डेबिट और क्रेडिट की सुविधा,
  • मार्जिन मनी की सुविधा
  • शेयर बेचने पर एकदम आसान और सुरक्षित, विस्वसनीय और सुविधाजनक
  • जीरो पेपर वर्क – लिखित आर्डर की कोई जरूरत नहीं ,
  • ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट हो जाने से ब्रोकरेज चार्ज पहले के मुकाबले बहुत ही कम हो जाना ,
  • शेयर का AUTOMATICALLY क्रेडिट और डेबिट,
  • आप दुनिया में कही रहते हुए शेयर्स खरीद और बेच सकते है

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SBI YONO पर खोलिये डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट; कम होगा खर्च, सालाना AMC पर भी मिलेगी छूट

SBI YONO पर खोलिये डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट; कम होगा खर्च, सालाना AMC पर भी मिलेगी छूट

एसबीआई योनो के तहत शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों के लिए बेहतर ऑफर मिल रहा है. (Image- SBI)

SBI Yono ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है Trading Offer: स्टॉक ट्रे़डिंग के लिए आपके पास Demat Account और Trading Account होना चाहिए. इन दोनों खातों पर शुल्क भी देय होता है लेकिन अगर SBI Yono के जरिए इन खातों को खोल रहे हैं तो आपके 1350 रुपये बचेंगे. अगर आप शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव से नहीं घबराते हैं और अपनी पूंजी पर बेहतर रिटर्न निवेश करना चाहते हैं तो इक्विटी में निवेश बेहतर विकल्प हैं. इसके लिए आपको कुछ जरूरी औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं जिसके बिना आप ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं और शेयर्स को होल्ड नहीं कर सकते हैं.
बैंक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक एसबीआई योनो के जरिए इन दोनों खातों को खोलने पर 1350 रुपये की बचत होगी. इसमें 850 रुपये खाता खोलने का शुल्क नहीं लगेगा. इसके अलावा सालाना डीपी एएमसी (एकाउंट मेंटेनेंस चार्ज) के तहत 500 रुपये का चार्ज पहले साल नहीं चुकाना होगा.

इस तरह खोलें डीमैट और ट्रेडिंग खाता

  • योनो की वेबसाइट पर लॉग इन करें.
  • Menu पर क्लिक करें.
  • Financial Produts के तहत Investments में Securities पर क्लिक करें.
  • Link / Open a New Demat & Trading Account पर क्लिक करें.
  • Open Demat & Trading Account पर क्लिक करें. इसके बाद दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर अपना डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं.
  • ऐप में लॉग इन करें.
  • मेन्यू के लिए ऊपर बायीं तरफ बने सिंबल पर क्लिक करें
  • एक डॉप मेन्यू खुलेगा. उसमें इंवेस्ट पर क्लिक करें.
  • अगले मेन्यू में ‘ओपन डीमैट एंड ट्रेडिंग अकाउंट’ पर क्लिक करें.
  • Through SBICap Securities के तहत दिए गए विकल्प ‘ओपन डीमैट एंड ट्रेडिंग अकाउंट’ पर क्लिक करें.
  • इसके बाद दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें.

क्या होता है डीमैट और ट्रेडिंग खाता

आपने जिन शेयरों या सिक्योरिटीज (बांड्स, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड यूनिट्स इत्यादि) में निवेश किया है, उन्हें डिजिटल मोड में डीमैट खाते में रखा जाता है. इसके विपरीत ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही डीमैट खाते में रखे सिक्योरिटीज की बिक्री की जा सकती है. ट्रेडिंग खाते के जरिए ही स्टॉक एक्सचेंज पर आप शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए पोजिशंस ले सकते हैं. ब्रोकरेज फर्म अकाउंट ओपनिंग्स के लिए शुल्क लेती हैं.

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Trading and Demat Account में अंतर क्या है ?

यदि आप Stock Market में Invest करना चाहते हैं तो आपको दो अकाउंट की आवश्यकता होती है Trading and Demat Account, आज की जानकारी में हम आपको बताएंगे कि Trading and Demat Account क्या होता है उनके क्या-क्या फायदे होते हैं। क्या आप अलग से ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं और इस्तेमाल कर सकते हैं और डिमैट अकाउंट एंड ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर होता है इसके बारे में जानेंगे।

different-between-Trading-and-Demat-Account

सालों पहले यदि आपको कोई भी शेयर खरीदना और बेचना होता था तो आपको या आपके स्टॉक ब्रोकर को फिजिकली एक्सचेंज में जाना पड़ता था। और सभी काम कागजी तरीके से करना होता था। तो आइए और गहराई से समझते है।

डीमेट और ट्रेडिंग में अंतर क्या है ( Different Trading and Demat Account in Hindi )

दोस्तों Trading and Demat Account अकाउंट अलग अलग होता है लेकिन खुलता एक ही जगह पर है और खुलता इस तरह से है कि आप को पता नहीं चलेगा। और हमे अलग-अलग डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट को लाने की जरूरत नहीं पड़ती है। जब हम डिमैट अकाउंट खुलवाने के लिए अपना दस्तावेज देते हैं। उसमें पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक स्टेटमेंट कैंसिल चेक और फोटो होता है तो यह जो चीज है जो हम वहां पर देते हैं इसी डॉक्यूमेंट की सहायता से हमारा डिबेट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों खुल जाता है।

पहले फिजिकल वाला तरीका बहुत लंबा प्रोसेस हो जाता था उसको सरल बनाने के लिए सेबी ने डीमेट अकाउंट लाया आज के डिजिटल इंडिया में यदि आपको शेयर बेचने और खरीदने होते हैं तो आप डायरेक्टली अपने मोबाइल या लैपटॉप से उसको कर सकते हैं जैसे पहले आप ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है फिजिकल डॉक्यूमेंट लेकर स्टॉक मार्केट ऑफिस में आते थे। वही कैश आपको ऑनलाइन अपने ऑनलाइन ओपन डीमेट अकाउंट में मोबाइल और लैपटॉप के माध्यम से जमा कर देते हैं।

Trading Account

तो यदि आपको कहीं भी किसी का शेयर खरीदना हो या कोई भी ट्रांजैक्शन करना हो तो आपको एक अकाउंट की आवश्यकता होती है। जिससे हम शेयर को किसी कंपनी के थ्रू खरीदते हैं और उसे बेचते हैं उसे हम ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं । जैसे यदि आपको 500 शेयर का ऑर्डर देना है तो आप ट्रेडिंग अकाउंट के थ्रो देते हैं यदि आपको 200 शेयर का सेल करना है तो आप ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से करते हैं।

ट्रेडिंग अकाउंट में फंड एड करने के लिए एक बैंक की आवश्यकता होती है तो आपका बैंक अकाउंट आपके ट्रेडिंग अकाउंट से लिंक होना चाहिए। जैसे यदि आपको अपने ट्रेडिंग अकाउंट से 50000 का शेयर खरीदना है तो आप पहले अपने बैंक अकाउंट से 50000 अपने स्टडिंग अकाउंट में जोड़ेंगे उसके बाद आप शेयर खरीदेंगे।

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Trading and Demat Account में अंतर

  1. ट्रेडिंग अकाउंट में आप सिर्फ शेयर का ट्रांजैक्शन कर सकते हैं लेकिन यदि आपको उस शेयर की डिलीवरी लेनी है तो आपको डिमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है डीमेट अकाउंट आपके बैंक अकाउंट की तरह ही होता है जैसे ही आप अपने बैंक अकाउंट में आपका पैसा जमा करके रखता है वही आपके डिमैट अकाउंट में आपके शेयर जमा रहते हैं और हर एक शेर का अलग-अलग आईएसआई नंबर होता है। इसके माध्यम से आप शेयर को वेरीफाई कर सकते हैं या कौन सा शेयर है उसका नंबर क्या है।
  2. ट्रेडिंग अकाउंट हमें एक प्लेटफार्म देता है जिसे हम मार्केट में शेयर को बेच और खरीद सकते हैं यह आपके सेविंग अकाउंट और डिमैट अकाउंट के बीच इंटरमीडिएटली की तरह काम करता है।
  3. दोस्तों कुछ ब्रोकर के पास यह फैसिलिटी है यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आप केवल ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं इसमें यह होगा कि आप केवल शेर को खरीदेंगे और बेचेंगे इंट्राडे ट्रेडिंग करेंगे उसी दिन खरीदेंगे उसी दिन भेजेंगे लेकिन यदि आपको होल्डिंग में रखना चाहते हैं यदि आपने शेयर खरीद लिया है और उसे अभी नहीं बेचना चाहते हैं बाद में बेचेंगे तो आपके पास डिबेट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों होना चाहिए।
  4. यदि आप कोई स्टॉक करीदते है तो Demat Account में T+2 Days लगेंगे उस स्टॉक को डिमैट अकाउंट में क्रेडिट होने में जैसे यदि आपने आज शेयर खरीदा है तो आज के पूरे दिन में शेयर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में रहेगा और 2 दिन बाद हो डिमैट अकाउंट में एग्जीक्यूट हो जाएगा।

Trading Account क्या होता है ?

अब हम देख लेते है ट्रेडिंग अकाउंट कौन कौन से इंडिया में , तो दोस्तों मै आपको बता देना चाहूंगा 50+ ट्रेडिंग अकाउंट है इंडिया में
जैसे ;- मोतीलाल ओसवाल , कोटक सिक्योरिटीज , ज़ेरोधा , एंजेल वन , iifl securities , और भी बहुत से ट्रेडिंग अकाउंट है

जो ऊपर आपको चित्र में दिख रहा है , वो ज़ेरोधा ट्रेडिंग अकाउंट का डैशबोर्ड है।

ऐसे खोले ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट

ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बेहद आसान प्रक्रिया है। इसके लिए ब्रोकर की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए निम्नलिखित डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है। –

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What is BSE and NSE in Hindi

  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • नॉमिनी की फोटो
  • एड्रेस प्रूफ जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी,
  • कैंसिल चेक और लेटेस्ट बैंक स्टेटमेंट
  • डीमैट अकाउंट की डिटेल

Trading Account ऐसे करता है काम –

ट्रेडिंग अकाउंट में सबसे पहले निवेशक इसी ट्रेडिंग एकाउंट में पैसा जमा करता है उसके बाद जिस शेयर को खरीदना या बेचना है उसके दाम को चेक करता है और आर्डर करता ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है है। यह आर्डर स्टॉक एक्सचेंज के पास जाता है। इस ऑर्डर को काउंटर ऑर्डर मिल जाने के बाद यह एग्जीक्यूट (Execute) हो ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है जाता है। इस दौरान पैसे पर लगने वाले टैक्स या फिर चार्ज ट्रेडिंग अकाउंट से ही काटे जाते हैं। इसके बाद शेयर 2 ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है दिन में डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते हैं। लेकिन यदि शेयर को बेचने का ऑर्डर किया गया रहता है तो शेयर का पैसा टैक्स और ब्रोकरेज कट होने के बाद ट्रेडिंग अकाउंट में जमा हो जाता है।

ट्रेडिंग अकाउंट होने से ऑनलाइन चैटिंग की सुविधा आसान हो जाती है शेयर को खरीद कर पैसे कटाना और बेचने पर पैसे जमा होना, यह सारी प्रक्रिया अपने आप ऑटोमेटिक होती है। इसके लिए किसी लिखित पेपर या कॉल की जरूरत नहीं पड़ती है। ऑर्डर बहुत जल्दी ही पूरा हो जाता है। मोबाइल के द्वारा भी किसी भी जगह से शेयर को खरीदा और बेचा जा सकता है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे?

ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले एक ट्रेडिंग का चयन करना होगा। जिसके साथ अपना ट्रेडिंग डिमैट अकाउंट ओपन करना होता है। शेयर मार्केट में कई प्रकार की ट्रेडिंग होती है। इसके इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विप ट्रेडिंग, पोजीशनल ट्रेडिंग आदि है। इनमें से किसी भी ट्रेडिंग का चुनाव करके ट्रेडिंग की जा सकती है।

ट्रेडिंग स्टाइल के चयन के बाद ट्रेडिंग प्लस और मनी मैनेजमेंट की बारी आती है। इसमें ट्रेडिंग प्लस में कौन सा शेयर खरीदना है और कब खरीदना है जैसी बातें शामिल होती है।

वही मनी मैनेजमेंट में कितने रुपए का निवेश करना है टारगेट क्या होगा?, ऐसी बातों का ध्यान दिया जाता है।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग को दो भागों में बांटते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग और डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग

इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर को एक ही दिन में खरीद कर उसे बेचना होता है। इसमें शेयर को वास्तविकता में नहीं खरीदा जाता बल्कि ब्रोकर को कुछ मार्जिन देखा शेयर के भाव में उतार-चढ़ाव जब आता है तो उसका फायदा उठाया जाता है। डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग में शेयर को वास्तव में खरीदा जाता है और जितने भी शेयर लिए जाते है, उनका पूरा पैसा चुकाना होता है। डिलीवरी बेस्ट ट्रेडिंग में आप शेयर को जब तक चाहे अपने पास रख सकते हैं।

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