बैंकिंग नियामक रिजर्व बैंक का निर्देश कहता है कि अगर किसी बैंक खाते से अवैध निकासी की जाती है तो तीन दिन के अंदर अगर बैंक को इसकी शिकायत की जाए तो ग्राहक को कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा, बशर्ते थर्ड पार्टी धोखाधड़ी बैंक या ग्राहक की चूक की वजह से नहीं, बल्कि बैंकिंग सिस्टम की किसी चूक की वजह वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? से हुई हो.
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नुकसान से बचने के लिए कराएं साइबर बीमा
जब लोग कोरोनावायरस के हमले से घबराकर घरों में दुबक गए थे तब उन पर वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? दूसरी किस्म के हमले का खतरा बढ़ गया। यह साइबर हमला या साइबर धोखाधड़ी है, जिसका खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे देखकर भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने हाल ही में आदर्श साइबर बीमा पॉलिसी दिशानिर्देश जारी किए, जो सामान्य बीमा करने वाली कंपनियों के लिए हैं। विनियामक ने बीमा कंपनियों ने साइबर धोखाधड़ी, अनधिकृत लेनदेन, ईमेल वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? स्पूफिंग आदि के जरिये होने वाले माली नुकसान के लिए बीमा कवर मुहैया कराने को कहा है।
साइबर हमलों की समस्या कितनी गंभीर है, यह खुद आईआरडीएआई ने बताया है। उसके दस्तावेज बताते हैं कि मार्च, 2020 से अभी तक साइबर जोखिम 500 फीसदी बढ़ चुका है। ऐसे में व्यक्ति और संस्थाएं अगर साइबर धोखाधड़ी, डेटा चोरी, मैलवेयर आदि के खतरे से बचना वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? चाहते हैं तो साइबर बीमा उनके लिए सबसे अच्छा उपाय है।
वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है?
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इंटरपोल: वित्तीय और साइबर अपराध से दुनिया की पुलिस चिंतित
इंटरपोल का कहना है वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? कि दुनिया भर के ज्यादातर देशों में पुलिस वित्तीय और साइबर अपराधों को लेकर चिंतित हैं.
अंतरराष्ट्रीय पुलिस एजेंसी इंटरपोल ने कहा है कि उसके लगभग 195 सदस्य देशों में से अधिकांश में पुलिस अधिकारी वित्तीय और साइबर अपराधों के बारे में चिंतित हैं और ऐसे अपराधों को दुनिया के सामने सबसे बड़ा खतरा मानते हैं. अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन या इंटरपोल का मुख्यालय फ्रांस के लियों में है.
इंटरपोल ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि आने वाले वर्षों में वैश्विक वित्तीय और साइबर अपराधों की दर और बढ़ने की संभावना है. संगठन के इतिहास में यह पहली बार है कि अंतरराष्ट्रीय पुलिस ने एक रिपोर्ट जारी की है जो अंतरराष्ट्रीय अपराध प्रवृत्तियों की पहचान करती है.
रिपोर्ट में इंटरपोल के महासचिव युरगेन स्टोक के हवाले से कहा गया है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुलिस का प्रभावी प्रदर्शन अपराध की प्रकृति की समझ और प्रवृत्तियों पर आधारित है. इंटरपोल की ग्लोबल क्राइम ट्रेंड रिपोर्ट जनता के लिए जारी नहीं की गई है. यह केवल संगठन के सदस्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उपलब्ध कराई जाएगी.
फैलता साइबर अपराध का जाल
रिपोर्ट के मुताबिक इंटरपोल सदस्य देशों में साक्षात्कार में शामिल 60 प्रतिशत से अधिक पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग, इंटरनेट के माध्यम से धोखाधड़ी, ई-मेल के माध्यम से धोखाधड़ी, फिशिंग के जरिए डेटा की चोरी और हैकर्स द्वारा दुर्भावनापूर्ण तरीके से किए गए साइबर हमले (या रैंसमवेयर) दिन ब दिन बड़े और बड़े खतरे बनते जा रहे हैं.
ऐसे अपराधों के अपराधियों में विभिन्न वेबसाइटों पर हमला करने और उन्हें पंगु बनाने के लिए रैंसमवेयर या मैलवेयर का इस्तेमाल करने वाले हैकर हैं. अक्सर हमले का शिकार वेबसाइटों को फिरौती देनी पड़ती है जिसके बाद ही वह इस्तेमाल करने में सक्षम होती हैं.
इंटरपोल की रिपोर्ट कहती है कि यूरोप में राष्ट्रीय पुलिस एजेंसियों द्वारा 'सबसे बड़ा वर्तमान खतरा' माने जाने वाले अपराधों में ऑनलाइन धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और सिंथेटिक ड्रग्स शामिल हैं. अवैध ऑनलाइन व्यवसाय शीर्ष पर हैं.
यदि LIC बंद हो गई तो पॉलिसी के सम इंश्योर्ड और बोनस कौन देगा
उन्होंने यह भी सवाल किया था कि एलआइसी के सूचित विनिवेश के बाद भी उसकी पॉलिसियों पर सरकार सॉवरेन गारंटी देगी या नहीं। लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एक्ट, 1956 के सेक्शन 37 के मुताबिक कॉरपोरेशन द्वारा जारी सभी पॉलिसीज के सम इंश्योर्ड और अगर कोई बोनस देय है तो उसकी नकद भुगतान की गारंटी केंद्र सरकार की होगी।
ठाकुर ने कहा कि भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाइ) ऑफसाइट और ऑनसाइट निगरानी तंत्र के जरिए सभी इंश्योरेंस कंपनियों के कामकाज की समीक्षा करता है। एलआइसी के कार्य-निष्पादन का आकलन बीमा कंपनी द्वारा हर साल सरकार को दिए जाने वाले स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट के माध्यम से भी किया जाता है। इसके साथ ही कॉरपोरेशन के कामकाज की सालाना रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में रखी जाती है। संसद की विभिन्न स्थायी समितियां जीवन बीमा निगम के कामकाज की समीक्षा करती हैं।
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