जांच एजेंसी का क्या है कहना: सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि निजी कंपनी के मालिक और प्रमोटर ने एनएसई के अज्ञात अधिकारियों के साथ साजिश करके एनएसई के सर्वर का दुरुपयोग किया। सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि एनएसई, मुंबई के अधिकारियों ने वर्ष 2010 से 2012 के दौरान ‘‘को-लोकेशन’’ सुविधा का दुरुपयोग करके उस कंपनी को अनुचित पहुंच उपलब्ध कराई। सीबीआई के मुताबिक इस अनुचित पहुंच का इस्तेमाल करके कंपनी स्टॉक एक्सचेंज के सर्वर में सबसे पहले लॉगइन करने में सक्षम हो गई, जिससे उसे अन्य ब्रोकर से पहले डाटा हासिल करने में मदद मिली।
खरीदने के बाद आपके शेयर कहां रखे स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है? जाते हैं? क्या आपके अलावा भी कोई उन्हें बेच सकता है?
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (CDSL) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) दोनों ही भारत में सरकार की रजिस्टर्ड शेयर डिपॉजिटरी हैं. ये आपके शेयर, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखता है. प्रत्येक डिपॉजिटरी एक स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ी है.
हमारे देश में दो एक्सचेंज हैं जिसमें स्टॉक ट्रेडिंग होती है: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE). NSE की डिपॉजिटरी NSDL है और BSE की डिपॉजिटरी CDSL है. CDSL की स्थापना 1999 में हुई थी और NSDL की स्थापना 1996 में हुई थी.
स्टॉक एक्सचेंज: CDSL BSE के लिए काम करता है और NSDL NSE के लिए काम करता है. हालांकि एक्सचेंज सिक्योरिटीज के ट्रेड और सेटलमेंट के लिए दो डिपॉजिटरी में से किसी एक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं CDSL की स्थापना 1999 स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है? में हुई थी और NSDL की स्थापना 1996 में हुई थी.
Bombay Stock Exchange History in Hindi
Bombay Stock Exchange यानी बंबई स्टॉक एक्सचेंज भारत का पहला और सबसे बड़ा प्रतिभूति बाजार है और 1875 में नेटिव शेयर और स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के रूप में स्थापित किया गया था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 19 वीं शताब्दी के यहां के एक प्रभावशाली व्यवसायी प्रेमचंद रॉयचंद ने की थी। उन्होंने स्टॉक ब्रोकिंग व्यवसाय में भाग्य बनाया और कॉटन किंग, बुलियन किंग और बिग बुल के रूप में जाने जाने लगे। वह नेटिव शेयर और स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के संस्थापक भी थे जो कि अब बीएसई के रूप में जाना जाता है।
मुंबई में स्थित बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 6,000 के करीब कंपनियां सूचीबद्ध है और न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई), नासडैक, लंदन स्टॉक एक्सचेंज समूह, जापान एक्सचेंज समूह और शंघाई स्टॉक एक्सचेंज के साथ दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंजों में से एक है। बीएसई ने खुदरा ऋण बाजार समेत देश के पूंजी बाजारों को विकसित करने में मदद की है और भारतीय कॉर्पोरेट क्षेत्र को बढ़ाने में स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है? भी इसका बहुत बड़ा योगदान है।
Bombay Stock Exchange पर है Electronic Trading
1995 में Bombay Stock Exchange एक खुली फ्लोर पर ट्रेडिंग करने वाली एक्सचेंज से इलेक्ट्रॉनिक व्यापार प्रणाली में बदल गया। अकेले स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है? यू.एस. में एक दर्जन से अधिक इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज हैं। आज इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम कुल मिलाकर वित्तीय उद्योग पर छा गया है। इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पारंपरिक खुली ट्रेडिंग प्रणालियों की तुलना में कम त्रुटियां, तेजी से निष्पादन और बेहतर दक्षता प्रदान करता है। बीएसई ऑन-लाइन ट्रेडिंग (बीओएलटी) नामक इस स्वचालित, स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग प्लेटफार्म में प्रतिदिन 8 मिलियन ऑर्डर कर सकने की क्षमता है।
Bombay Stock Exchange पर लिस्टेड सिक्योरिटीज में सिक्योरिटीज स्टॉक, स्टॉक फ्यूचर, स्टॉक ऑप्शन, इंडेक्स फ्यूचर्स, इंडेक्स ऑप्शन और साप्ताहिक ऑप्शन शामिल हैं। बीएसई का समग्र प्रदर्शन इसके इंडेक्स सेंसेक्स द्वारा मापा जाता है। बीएसई के सबसे बड़े शेयरों में से 30 शेयर इसके सूचकांक में शामिल हैं और 12 उद्योग क्षेत्रों स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है? को कवर करते हैं।
10 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज
भारत में बंबई स्टॉक एक्सचेँज के अलावा नेशनल स्टॉक एक्सचेँज भी है। एशिया में दूसरे बड़े स्टॉक एक्सचेँज हैं टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज और शंघाई स्टॉक एक्सचेंज। बीएसई अप्रैल 2018 के आंकड़ों के अनुसार $ 2.3 ट्रिलियन से अधिक की कुल बाजार पूंजीकरण के साथ दुनिया का 10 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। आज बीएसई इक्विटी, मुद्राओं, ऋण उपकरणों, डेरिवेटिव्स, म्यूचुअल फंड में व्यापार के लिए एक कुशल और पारदर्शी बाजार प्रदान करता है।
6 माइक्रो सेकंड की गति से सौदे निपाटाने के कारण बंबई स्टॉक एक्सचेँज एशिया का पहला और सबसे तेज़ गति से काम करने वाला स्टॉक एक्सचेंज है। पिछले 143 वर्षों में, बीएसई ने भारतीय कॉर्पोरेट क्षेत्र के विकास में सहयोग दिया है और उसे स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है? एक पूंजी जुटाने के मंच के रूप में कुशल सुविधा प्रदान की है।
SEBI ने Social Stock Exchange के लिए फ्रेमवर्क पेश किया, जानिए क्या है SSE
SEBI ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) बनाने की दिशा में अहम कदम बढ़ाया है। उसने इसका फ्रेमवर्क 19 सितंबर (सोमवार) को पेश किया। नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन (NPO) एसएसई पर लिस्ट होंगे। जो NPO सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर खुद को लिस्ट कराना चाहेंगे, उन्हें पहले अपना रजिस्ट्रेशन नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन के रूप में कराना होगा।
इंग्लैंड, कनाडा और ब्राजील जैसे देशों में पहले से SSE मौजूद हैं। इंडिया में SSE के लिए बड़ा बाजार है। इंडिया में 31 लाख से ज्यादा एनपीओ हैं। हर 400 इंडियंस पर एक एनपीओ है। स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है? सेबी ने 2020 में एसएसई के बारे में एक ड्राफ्ट रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि एसएसई से कोरोना से प्रभावित लोगों के जीविकोपार्जन के मौके पैदा करने स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है? में मदद मिलेगी।
संबंधित खबरें
Daily Voice: बैंकिंग सेक्टर के शेयरों से आगे भी होगा मुनाफा लेकिन फार्मा और IT स्टॉक्स से रहें दूर
मनीकंट्रोल की रिसर्च टीम ने अपनी इस हफ्ते की टैक्टिकल पिक के तौर पर KIMS को चुना, जानिए वजह
सिर्फ 2 दिन की गिरावट ने निवेशकों को लगाई 5.78 लाख करोड़ रुपए की चपत, महंगाई के खिलाफ लड़ाई निवेशकों पर पड़ रही भारी
SEBI ने प्रस्तावित SSE के बारे में जुलाई 2020 में लोगों की राय मांगी थी। इससे पहले सेबी ने कमेटी गठित की थी, जिसने बॉन्ड इश्यू और फंडिंग के दूसरे तरीकों के जरिए एनपीओ की डायरेक्ट लिस्टिंग की सलाह दी थी।
सेबी ने इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि एनपीओ का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट 12 महीने के लिए मान्य स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है? होगा। संस्था का इंडिया में 'चैरिटेबल ट्रस्ट' के रूप में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। उसे पब्लिक ट्रस्ट के नियमों के तहत उस राज्य में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जहां वह कामकाज करती है।
NSE की पूर्व एमडी चित्रा रामकृष्ण पर CBI का शिकंजा, देश छोड़ने पर लगी रोक
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर चित्रा रामकृष्ण पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। बीते गुरुवार को आयकर विभाग की छापेमारी के बाद अब सीबीआई ने भी रामकृष्ण से पूछताछ की है। सीबीआई ने रामकृष्ण और एक अन्य पूर्व सीईओ रवि नारायण और पूर्व सीओओ आनंद सुब्रमण्यन के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया है, ताकि उन्हें देश छोड़ने से रोका जा सके।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने स्टॉक मार्केट में जल्दी पहुंच बनाकर लाभ कमाने के लिए एनएसई की ‘‘को-लोकेशन’’ सुविधा का कथित तौर पर दुरुपयोग करने को लेकर दिल्ली स्थित ओपीजी सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक और प्रमोटर संजय गुप्ता और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एजेंसी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और एनएसई, मुंबई के अज्ञात अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ पहले से जांच कर रही थी।
NSE और BSE क्या है?
Table of Contents
NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) क्या है?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की स्थापना 1992 हुई | और यह India की प्रमुख Demutualized electronic exchange है | यह एक स्वचालित स्क्रीन आधारित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम वाला India का पहला Exchange है जिसने इन्वेस्टर्स के लिए निवेश की आसान व्यापारिक सुविधा प्रधान की है | यह Equity derivative, Debt और Currency सेगमेंट तथा Trading क्लीयरिंग और सेटलमेंट की सुविधा प्रधान करता है | जो इसे दुनिया का 12th सबसे बड़ा एक्सचेंज बनता है |
NSE का बाजार पूंजीकरण $ 1.2 trillion से ज्यादा का है | NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) सबसे बड़ा और भरोसेमंद एक्सचेंज होने से यहां 1900+ ज्यादा कम्पनीज लिस्टेड है | जिस कारण यहाँ सबसे ज्यादा ट्रेड वॉल्यूम होता है |
NSE और BSE में किस प्रकार अंतर है?
Differant Between NSE And BSE
NSE और BSE इंडिया की दो सबसे बड़ी एक्सचेंज होने के कारण इनमे Comparison चलता रहता है | और यह सवाल हमेशा रहता है की इनमे सबसे बेहतर कौनसा है |
- BSE देश का सबसे पुराना एक्सचेंज है, और NSE सबसे बड़ा एक्सचेंज है |
- BSE की स्थापना 1875 में स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है? हुई जबकि NSE की 1992 में हुई |
- BSE का बेंचमार्क इंडेक्स Sensex है और NSE का बेंचमार्क इंडेक्स Nifty है |
- BSE पर 5749 कम्पनिया लिस्टेड है | और NSE पर 1696 लिस्टेड है |
- NSE का ट्रेड वॉल्यूम BSE से ज्यादा रहता है |
- BSE को 1957 में स्टॉक एक्सचेंज मान्यता प्राप्त है जब की NSE को 1993 में प्राप्त हुई |
- Electronics Exchange ट्रेडिंग सिस्टम की शुरुवात NSE में 1992 में हुई जब की BSE में 1995 में हुई |
(FAQ’s) पूछे जाने वाले प्रश्न
निचे कुछ सामान्यत पूछे जाने वाले सवालो के जवाब दिए गए है | अगर और भी कुछ सवाल हो तो हमें Comment Box में जरूर बताये |
Q.1– NSE और BSE में शेयर्स की कीमत में अंतर क्यों होता है?
Ans: स्टॉक की प्राइस में थोड़ा अंतर होता है क्युकी BSE और NSE दोनों अलग अलग Exchange है| और दोनों में कारोबारी समय में ट्रेडिंग वॉल्यूम में काफी अंतर होता है साथ ही दोनों एक्सचेंज में प्राइस लगभग सामान ही होता है और अगर हो भी जाये तो वह 1% के अंदर ही होगा
Q.2- अगर कोई शेयर BSE में खरीदकर NSE में बेचे तो क्या होगा?
Ans: अगर आप ऐसे ट्रेडिंग करेंगे तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहेंगे मान लीजिये कोई शेयर NSE पर 200 रुपये और BSE पर 198 रुपये का है तो आप NSE पर लेकर BSE पर बेच सकते है |
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 508