भारत में क्रिप्टोकरेंसी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2022
वर्ष 2018 में, वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी निविदा नहीं मानती है और क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग को खत्म करने के लिए सभी उपाय किए जाएंगे। इसके तुरंत बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी किया जिसमें कहा गया कि सभी बैंकों और सरकारी संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े सभी पक्षों को किसी भी तरह की सेवाएं प्रदान करना बंद कर देना चाहिए।
2020 में, क्रिप्टोक्यूरेंसी के उपयोग की वृद्धि और उन्नति के साथ, इस परिपत्र को भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वापस ले लिया गया था, जिससे बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े पक्षों के साथ अपने लेनदेन को फिर से शुरू करने की अनुमति मिली। NASSCOM ने इस फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया और जल्द ही भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग को बढ़ावा मिला।
भारत में सर्वश्रेष्ठ क्रिप्टोकरेंसी:
इन विशेषताओं को देखते हुए बिटकॉइन में वृद्धि की स्पष्ट संभावना है। बेशक, पारंपरिक मुद्राओं की तरह आभासी मुद्राओं का भी मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, संभावनाएं भौतिक दुनिया के समान हैं। जब हम क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा करते हैं तो सबसे पहला नाम बिटकॉइन का आता है। हालाँकि, कुछ और आभासी मुद्राएँ हैं जैसे Ethereum (ETH), Litecoin (LTC), Cardano (ADA), Polkadot (DOT), Stellar (XLM), Dogecoin (DOGE) आदि।
बिटकॉइन का इतिहास:
वर्ष 2009 में एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा उपनाम सतोशी नकामोतो का उपयोग करके बनाया गया था। बिटकॉइन को अब तक विकसित पहली क्रिप्टोक्यूरेंसी माना जाता है और वर्तमान में, प्रचलन में 18.5 मिलियन से अधिक बिटकॉइन टोकन हैं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदना:
भारत में क्रिप्टोकुरेंसी खरीदने के लिए, एक निवेशक को पहले क्रिप्टो एक्सचेंज खोजने के साथ-साथ क्रिप्टो (जैसे बिटकॉइन) के लिए एक तीसरे पक्ष के माध्यम से एक ऑनलाइन स्टोरेज विकल्प बनाना होगा। एक्सचेंज में निवेशक को एक्सचेंज सर्विस के जरिए एक्सचेंज अकाउंट बनाना होगा।
भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज:
विदेशी निवेशकों की तरह, भारतीय साथियों ने भी डिजिटल सिक्कों में अरबों डॉलर डाले हैं, क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों की उपस्थिति के कारण, जो देश में क्रिप्टो उद्योग को फिर से आकार देने का लक्ष्य रखते हैं।
इनमें से कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म या ऐप, जो अपने ग्राहकों को क्रिप्टोकरेंसी में आसानी से व्यापार करने की अनुमति देते हैं, पिछले कुछ वर्षों में सामने आए हैं। उनमें से कुछ ने अब भारत में डिजिटल संपत्ति की लोकप्रियता का संकेत देते हुए, मंच पर व्यापार करने वाले लाखों से अधिक ग्राहक प्राप्त कर भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है? लिए हैं।
Frequently Asked Questions
Ques: क्या भारत में क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी है?
Ans: भारतीय रिजर्व बैंक और भारत सरकार क्रिप्टोक्यूरेंसी को भारत में कानूनी निविदा के रूप में मान्यता नहीं देते हैं। हालाँकि, सरकार Cryptocurrency के लिए एक बिल पर काम कर रही है, लेकिन तब तक यह देश में वैध नहीं है।
Ques: भारत में कौन सी भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है? क्रिप्टोकरेंसी सबसे अच्छी है?
Ans: कोई सबसे अच्छी क्रिप्टोकरेंसी नहीं है, क्योंकि यह पूरी तरह से बाजार पूंजीकरण पर निर्भर करता है कि कौन सबसे अच्छा रिटर्न देगा। लेकिन कुछ शीर्ष प्रदर्शन करने वाली क्रिप्टोकरेंसी हैं, जैसे Bitcoin, Ethereum, Solana, Cardano, Tether, आदि।
Ques: भारत में कितनी क्रिप्टोकरेंसी हैं?
Ans: क्रिप्टोकरंसी के व्यापार और बिक्री के लिए सभी 15 घरेलू एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं। भारत में अब दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो ऑनर हैं।
Ques: क्या भारत में क्रिप्टो प्रतिबंधित है?
Ans: मार्च 2020 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 2018 में भारत सरकार द्वारा लगाए गए क्रिप्टो मुद्राओं पर प्रतिबंध हटा दिया।
Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है? ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस
अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश की योजना बना रहे हैं तो इनकी ट्रेडिंग के लिए लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.
जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)
Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.
एक्सचेंज फीस
- क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
- फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
नेटवर्क फीस
- क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
- आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.
वॉलेट फीस
- क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
- क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
(Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
(स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)
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टॉफी से भी सस्ती हैं यह क्रिप्टोकरेंसीज, कम कमाई वाले भी कर सकते हैं निवेश
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में एक रुपए से सस्ती क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में मौजूद हैं। क्रिप्टोकरेंसी शिब की बात करें तो आज वो 0.000547 रुपए पर कारोबार कर रही है।
वर्चुअल करेंसी की दुनिया की कुछ क्रिप्टोकरेंसी ऐसी भी जिनकी कीमत एक कैंडी या यूं कहें कि एक टॉफी के बराबर या उनसे भी कम है। जिनमें निवेश कर कम कमाई करने वाले या हाउस होल्ड वुमेंस भी इसमें निवेश कर सकती हैं। लांग टर्म में अच्छा रिटर्न पा सकते हैं। आज हम आपके सामने ऐसी क्रिप्टोकरेंसी सामने लेकर आ रहे हैं, जिनकी कीमत दो रुपए या उससे भी कम हैं।
एक रुपए से भी है इनके दाम
बाजार में मौजूदा समय में आज भी एक रुपए की टॉफी अवेलेबल हैं। जबकि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में एक रुपए से सस्ती क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में मौजूद हैं। क्रिप्टोकरेंसी शिब की बात करें तो आज वो 0.000547 रुपए पर कारोबार कर रही है। जबकि विन के दाम 0.0496 हैं। डेंट की कीमत की बात करें तो मौजूदा समय में 0.477 रुपए पर कारोबार कर रहा है। जबकि बीटीटी की कीमत 0.33440 रुपए के आसपास है। वहीं हॉट के दाम 0.838 रुपए देखने को मिले हैं।
दो रुपए से भी कम है इन क्रिप्टोकरेंसी के दाम
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क्रिप्टोकरेंसी के नाम | कीमत (रुपए में) |
शिब | 0.000547 |
विन | 0.0496 |
डेंट | 0.477 |
बीटीटी | 0.33440 |
हॉट | 0.838 |
सीकेबी | 1.16 |
आरईईएफ | 1.90 |
दो रुपए से कम है इनके दाम
वहीं दूसरी ओर वर्चुअल करेंसी की दुनिया में कुछ करेंसी ऐसी भी हैं जिनके दाम एक रुपए से ज्यादा हैं, लेकिन दो रुपए से कम है। जबकि आप बाजार में जाते हैं तो चॉकलेट कैंडी के दाम दो रुपए या उससे ज्यादा होते हैं। क्रिप्टोकरेंसी सीकेबी के दाम 1.16 रुपए हैं। आरईईएफ की कीमत 1.90 रुपए के आसपास है।
कम कमाई वाले भी कर सकते हैं निवेश
जानकारों की मानें तो यह वो करेंसी हैं जिनमें कम कमाई करने वाले भी निवेश कर सकते हैं। जिसमें स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स शामिल हो सकते हैं। वहीं घर का काम करने वाली हाउस होल्ड महिलाएं भी शामिल हो सकती हैं। जो एक एक रुपया जोड़कर अपने पास रखती हैं। वहीं वो लोग भी इनमें निवेश कर सकते हैं जिनकी सैलरी बेहद कम है।
ज्यादा नुकसान नहीं
एकसपर्ट के अनुसार ऐसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से नुकसान गुंजाइश काफी कम रहती है, क्योंकि इनकी कीमत काफी कम होती हैं। अगर ऐसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में ज्यादा उतार चढ़ाव भी देखने को मिलता है तो नुकसान ज्यादा नहीं होता है या यूं कहें कि ना के बराबर होता है। आपको बता दें कि इनमें कुछ क्रिप्टोकरेंसी ऐसी भी हैं जिनकी लांचिंग को साल भर भी भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है? नहीं हुआ है।
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बहार
वहीं बात बिटकॉइन की करें तो 5 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है। जिसके बाद दाम 49349 डॉलर हो गए हैं। वहीं इथेरियम के दाम में 9 फीसदी का इजाफा देखने को मिल रहा है जिसकी वजह से कीमत 3760 डॉलर के पार चली गई है। डॉगेकॉइन के दाम भी 8 फीसदी के इजाफे के साथ कारोबार कर रहा है। जिसके बाद दाम 0.2991441 डॉलर हो गए हैं।
जानिए क्या है प्राइवेट Cryptocurrency, जिस पर बैन भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है? लगाने जा रही है केंद्र सरकार, ये है प्रमुख बातें
Ban on Private Cryptocurrency । भारत सरकार जल्द ही प्राइवेट Cryptocurrency पर बैन लगाने के लिए कानून लाएगी। इस संबंध में संसद में एक विधेयक पेश करने की तैयारी चल रही है। केंद्र सरकार द्वारा विधेयक लाने की घोषणा के बाद क्रिप्टो मार्केट में हलचल बढ़ गई है और अचानक ही Cryptocurrency मार्केट धराशायी हो गया है। क्रिप्टो करेंसी मार्केट में 15 से 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। गौरतलब है कि Cryptocurrency बिटकॉइन में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, वहीं एथेरियम में लगभग 15 प्रतिशत और टीथर में लगभग 18 प्रतिशत की गिरावट आई है।
प्राइवेट Cryptocurrency बिल संसद के शीतकालीन सत्र में ही लाया जाएगा। सदन की कार्यवाही पर आधिकारिक दस्तावेज में जानकारी दी गई है कि डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्रिप्टोकरेंसी और विनियमन, आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाना है। गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होने वाला है।
विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि निजी Cryptocurrency पर भारत में पूरी तरह से बैन लगाया जाएगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक आरबीआई खुद जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी जारी करेगा। डिजिटल करेंसी का निजी हाथों में होना निवेशकों के लिए घातक हो सकता है इसलिए सरकार Cryptocurrency पर आरबीआई का नियंत्रण चाहती है। इससे भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है? पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने भी कमजोर खुदरा निवेशकों को ध्यान में रखते हुए भारत में क्रिप्टोकरेंसी के अनियंत्रित विकास के बारे में चिंता जताई थी।
गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में Cryptocurrency में तेजी से निवेश बढ़ा है। हालांकि अभी तक सिर्फ एक देश साल्वाडोर ने ही डिजिटल करेंसी को मान्यता दी है। Cryptocurrency में बिटकॉइन के अलावा भी कई प्राइवेट डिजिटल करेंसी चलन में है, लेकिन साल्वाडोर के अलावा दुनिया के किसी भी देश ने Cryptocurrency को मान्यता नहीं दी है।
सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए जो बिल ला रही है उसका नाम है- क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021)। इस विधेयक के जरिए केंद्र सरकार एक आधिकारिक क्रिप्टो करेंसी जारी कर पाएगी और इस विधेयक के जरिए सभी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी बैन हो जाएंगी।
Cryptocurrency भले ही अभी ज्यादा चर्चा में रहती है लेकिन इसके बारे में लोगों ने 90 के दशक में ही सोचना शुरू कर दिया था। 90 के दशक में जब तकनीकी क्रांति होने लगी थी तो शुरुआती दौर में फ्लूज़, बींज़ व दीजिकेश ने डिजिटल करंसी के रूप में पैर पसारने के बारे में प्रयास किया था लेकिन सफलता नहीं मिली थी। दरअसल शुरुआत में लोग इस डिजिटल करेंसी पर विश्वास नहीं कर पाए थे। इसके बाद साल 2009 में एक बेनामी व्यक्ति सामने आता है, जो सातोशी नाकामोटो के उपनाम से कार्य करता था और सॉफ्टवेयर डेवलप करता था। उसी ने भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है? सबसे पहले BitCoin का विचार सबके सामने रखा।
जानें सबसे सस्ती cryptocurrency कौन सी है
दोस्तों जैसा कि हम बात कर रहे हैं क्रिप्टोकरंसी की तो क्रिप्टोकरंसी में सबसे पहला नाम आता है बिटकॉइन का बिटकॉइन crypto करेंसी मार्केट का एक ऐसा coin है जिसने पूरे मार्केट में तहलका मचा रखा है आपको बताना चाहेंगे कुछ समय पहले बिटकॉइन भी डेरी मिल्क चॉकलेट के भाव में मिल रहा था।
2021 में सबसे सस्ती cryptocurrency कौन सी है
2009 में एक Bitcoin का मूल्य $ 0 था।
2010 में एक Bitcoin का मूल्य $ 0.08 था।
2011 में एक Bitcoin का मूल्य $ 2 था।
2017 में एक Bitcoin का मूल्य $ 20,089 था।
2021 (अप्रैल) में एक बिटकॉइन का मूल्य $ 62,575 था।
आइए समझते है क्रिप्टोकरंसी को आसान भाषा में
आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये क्रिप्टोकरंसी होती क्या है। आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरंसी एक डिजिटल मुद्रा होती है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर चलती है। वह एक ऐसी मुद्रा होती है जिससे कि हम केवल देख सकते हैं छू नहीं सकते। यह सिर्फ नंबरों के रूप में ऑनलाइन रहती है इस पर किसी भी देश या सरकार का नियंत्रण नहीं रहता।
क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या होगा या हर एक निवेशक जानना चाहता है भारत में पिछले 1 साल से क्रिप्टो करेंसी में निवेश काफी बढा है। लेकिन भारत में क्रिप्टोकरंसी अभी ना तो वैध है और ना ही अवैध क्रिप्टो करेंसी की जानकारी में बता दें कि माना जा रहा है कि कैबिनेट से मिल सकती है क्रिप्टो रेगुलेशन विधेयक को मंजूरी।
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cryptocurrency |
चलिए अब हम बात करते हैं की वर्तमान समय में सबसे की सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसी कौन सी हैं जिनमें आप ट्रेडिंग या निवेश कर सकते हैं वैसे तो सभी क्रिप्टोकरंसी क्रिप्टो मार्केट में शून्य 0 से ही लिस्ट होती हैं हालांकि यह कोई कंपनी नहीं होती यह एक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी होती है जो की पूरी डिमांड और सप्लाई पर काम करती है किसी भी क्रिप्टोकरंसी कॉइन का भाव सिर्फ डिमांड और सप्लाई पर ही बढ़ता और घटता है।
cryptocurrency जिसका प्राइस 1 डॉलर से कम है !
अगर आप क्रिप्टोकरंसी में व्यापार करना चाहते हैं तो कृपया बहुत सावधानी से यहां पर व्यापार करें क्योंकि यहां पर बहुत जल्दी - जल्दी फ्लकचुएशन आते रहते हैं।
Cryptocurrency subject to risk
डिजिटल कॉइन में व्यापार जोखिम भरा है कृपया इसमें निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।
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